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ख़त मेरे..एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को..
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एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को..
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ख़त मेरे.. | khat-mere.blogspot.com Reviews
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एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को..
ख़त मेरे..: October 2016
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ख़त मेरे. एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग मैनिफेस्टो. जनसत्ता में. पुराने पन्ने. रविवार, 23 अक्तूबर 2016. गुलमोहर का सपना. यह इसी सवाल से शुरू हुई जगह है. हमारे गुलमोहर का पता है: gul-mohar.com. वहाँ अभी एक पैराशूट है. बादलों के बीच. गर्म हवा से उड़ता हुआ. }. प्रस्तुतकर्ता. शचीन्द्र आर्य. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. बुकमार्क : गुलमोहर. डायरी मेरी. बस ऐसे ही. कहते ...
ख़त मेरे..: July 2016
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ख़त मेरे. एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग मैनिफेस्टो. जनसत्ता में. पुराने पन्ने. शुक्रवार, 29 जुलाई 2016. हमने उनके साथ अपना भविष्य क्यों साझा नहीं किया? वह क्यों किसी हार जाने वाली लड़ाई में ख़ुद को हारा हुआ देखने के लिए लड़ रहे थे? प्रस्तुतकर्ता. शचीन्द्र आर्य. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. बुकमार्क : आधुनिकता के सवाल. इतिहास से पहले. नदी नर्मदा. चुप रात. मन की उलझन.
ख़त मेरे..: January 2017
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ख़त मेरे. एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग मैनिफेस्टो. जनसत्ता में. पुराने पन्ने. शनिवार, 28 जनवरी 2017. तीन ड्राफ्ट बाद. कल से तीन बार ड्राफ्ट कर चुका हूँ पर समझ नहीं पा रहा, क्या है, जिसे कहने का मन है? यह सोच रहा हूँ. क्या इसीलिए उसने इस तस्वीर को ही चुना? प्रस्तुतकर्ता. शचीन्द्र आर्य. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. बुकमार्क : अनमना. इन दिनों. चोर घड़ी. इसी से...
ख़त मेरे..: September 2016
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ख़त मेरे. एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग मैनिफेस्टो. जनसत्ता में. पुराने पन्ने. रविवार, 25 सितंबर 2016. थूक वाली ऊँगली. वह कौन लोग हैं और उनकी पहचान कैसे की जा सकती है, जो ऊँगली में थूक लगाकर किताब के पन्ने पलटते हैं? या कभी ले भी पाएँगी, पता नहीं. इस तस्वीर को देख कर किसी मुगालते में पड़ने की ज़रूरत नहीं है. पॉलिटिकली करेक्ट होने की कोशिश में, शाम का एक पन्ना. प्रस्तुतकर्ता. शचीन्द्र आर्य. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. पढ़ते पढ़ते. रुक्का. शुक्...पर कî...
ख़त मेरे..: जनसत्ता में..
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ख़त मेरे. एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग मैनिफेस्टो. जनसत्ता में. पुराने पन्ने. जनसत्ता में. 8216;दुनिया मेरे आगे’ में कल 22 फरवरी, सोमवार को प्रकाशित। वहाँ पढ़ने के लिए क्लिक. कीजिये, क्लिक. दिनांक चौदह अप्रैल 2016, जनसत्ता में, ‘ दुनिया मेरे आगे. 8217; स्तम्भ का हिस्सा. का संशोधित रूप 22 जून को जनसत्ता में. आया. सुविधाओं के टापू. नाम से. स्तम्भ दुनिया मेरे आगे. स्तम्भ में. सपने के बरक्स. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! मुख्यपृष्ठ. बुकमार्क. मन की उलझन.
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करनी चापरकरन: February 2015
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करनी चापरकरन. तुम अपने आपमें डूबे हुए चुपचाप - खड़े हो किताब में छपे पेड़ की तरह मौसम से बेखबर. मुख्यपृष्ठ. यह ब्लॉग. मैंने मैं शैली अपनाई. ख़त मेरा. ख़त तुम्हारा. सत्रह सितंबर: हर साल. चुरा लाया गया एक संवाद. एक पन्ना फ़ेसबुक. जनसत्ता में. गुम हो गए पते. फ़रवरी 28, 2015. कमरा जो छूट रहा है. आज हिंदुस्तान. वाले पेज का पीडीएफ़ का लिंक दे रहा हूँ। }. प्रस्तुतकर्ता. शचीन्द्र आर्य. 1 टिप्पणी:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. दराज़ के अन&...परि...
करनी चापरकरन: August 2014
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करनी चापरकरन. तुम अपने आपमें डूबे हुए चुपचाप - खड़े हो किताब में छपे पेड़ की तरह मौसम से बेखबर. मुख्यपृष्ठ. यह ब्लॉग. मैंने मैं शैली अपनाई. ख़त मेरा. ख़त तुम्हारा. सत्रह सितंबर: हर साल. चुरा लाया गया एक संवाद. एक पन्ना फ़ेसबुक. जनसत्ता में. गुम हो गए पते. अगस्त 24, 2014. रानी' की कहानी 'क्वीन' बनकर. कई दिनों से फ़िल्मों पर लिखना टाल रहा था। बस करता क्या था? 8216;टॉरेन्ट’ पर लगाकर भूल जाओ। देखता कौन है? किसके पास इतना वक़्त है? विकास बहल अब क्या कहेंगे? लड़की क्या करेगी? रानी अंततः कî...उसमें ऐस&...हम एक सम&...
दख़लअंदाज़ी : November 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Saturday, November 12, 2016. जुगनुओं के सवाल. पोस्ट अधूरी है। सवाल की तरह ही कभी इसके और हिस्से किश्तों में आते रहेंगे।). Labels: बदलती दुनिया. मन:स्थिति. मिरांडा हॉउस. शिक्षक होना. सवालों का होना. Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. जुगनुओं के सवाल. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? जानकीपुल.
दख़लअंदाज़ी : December 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Friday, December 9, 2016. ये वक्त. किस तरफ जाने दिमाग सोचता है आजकल. चुपचाप मेरे बिस्तर पर पड़े -पड़े ऊँघना चाहता हूँ,. वो जो सामने लगी चे ग्वेरा की तस्वीर है न कमरे की. सोचता हूँ उसको उतारकर रख दूँ कही न दिखने वाली जगह पर,. कमरे के पंखे की धूल गर्मी आने पर हटा ही दूंगा गर्मी आने पर,. ये जो मोर्डन आर्ट सरीखी कविता बन रही है,. Labels: अकेलापन. चुप्पी. मन:स्थिति. मेरा कमरा. मेरा मन. Subscribe to: Posts (Atom).
दख़लअंदाज़ी : March 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Tuesday, March 22, 2016. ट्रैन की सीढ़ियों पर बैठकर सफर करना,. चाँद से आगे ट्रैन निकल जाएगी ये सोचना ,. सिर्फ मैं इस तरह का स्वर हूँ ये सोचना ,. किसी शहर में ट्रैन का रुकना और धम्म से उतर जाना,. पटरियों पर भागने की कोशिश करना ,. किसी जगह सिगनल पास की उम्मीद और. वो गाँव निहारना जहाँ ट्रैन रुकी है ,. उस ओझा की आँखों का कोई जादू मंत्र ,. सब सुहावना था. संदीप विहान. Tuesday, March 1, 2016. Subscribe to: Posts (Atom).
दख़लअंदाज़ी : October 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Sunday, October 16, 2016. शहर का दिया. हमनें शहरों को ट्यूबलाइट से भर लिया. वक़्त ने शहर से धीरे धीरेआसमां के तारे खोये,. शहरों ने हमारे दिन रात हम लोगों से छीने. तब से नींद में मिलते है एक-दूसरे से लोग,. शहर ने बिना धूल वाले कंक्रीट के रास्तें दिए. शायद ही हमें कोई पगडण्डी मिली हो शहर में,. शहरों ने जगह दी रहने को, हमें लोग दिए. फिर हम भूलने लग गए एक दूसरे को,. Subscribe to: Posts (Atom). ख़त मेरे. उसने द&...
दख़लअंदाज़ी : June 2015
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Tuesday, June 30, 2015. कुछ न होने सा होना. अथाह होना ,. या सिमट जाना ,. चिल्लाना ,. या चुप हो जाना ,. बेबाक होना ,. या बरबाद होना ,. मीठे होना ,. या हो जाना बेस्वाद ,. हँसना देखकर ,. या रोना एकेले ,. हरित सा,. या बंजर होना ,. मानव बनना,. और मृत्यु को प्राप्त कर लेना ………. Monday, June 22, 2015. उसका ख्याल. रोने से उसका अक्स अक्सर उभर आता है ,. लोग कहते है तुम कमजोर हो ,. Subscribe to: Posts (Atom). मन:स्थ...
दख़लअंदाज़ी : October 2015
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Sunday, October 25, 2015. तस्वीर पुरानी. ज़िंदा तस्वीरों सा हो गया हूँ मैं ,. विरले ही ढूंढ पाता हूँ मैं. लेकिन ये अनमनी सी अकुलाहट लिए कब तक फिरूंगा. याद रखना तस्वीर पुरानी हो जाती हैं ,बदलती नही. Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. तस्वीर पुरानी. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? जानकीपुल. मेरा मन.
दख़लअंदाज़ी : June 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Sunday, June 26, 2016. माफीनामा बायीं तरफ दर्ज है. शायद जो भी लिखा है उसमे अपने में लौटने की तयारी है।डर दर्ज करना स्वयं के लिए एक डर है या साहस। पता नही ). Labels: अकेलापन. खालीस्थान. चुप इश्क़. मन:स्थिति. Wednesday, June 1, 2016. शहर में क्या होंगे हम तुम. चलों न साथ साथ चलते है इन सड़कों पर. इस शहर में एक दूसरे को ढूंढेगे. देखो शहर रोज बदल रहा है. संदीप 'विहान'. चुप इश्क़. मेरा मन. Subscribe to: Posts (Atom).
दख़लअंदाज़ी : February 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Friday, February 5, 2016. लिख रहा हूँ. सीधा कहो! एक दोस्त को भी कहता हूँ एक ज़िंदगी मिली है उसमे कितने स्यापे है। और मैं और वो बस अपना ब्रह्म वाक्य कहते है :. देखते है क्या होता है।. Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. लिख रहा हूँ. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? बुखार के दिन. जानकीपुल. मेरा मन.
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آموزش خط دوره خوش
آموزش خط دوره خوش. کلاس خوشنویسی مدرس انجمن خوشنویسان ایران* * *. عالی ،ممتاز، فوق ممتاز. کلاس خط نستعلیق و شکسته. نقاشیخط و طراحی فونت. مدیر وبلاگ : علی اشرفی. هنرجویان محترم دوره خوش ،. علی اشرفی از خوشنویسان معاصر ایران ، سال 1343 در شهرری متولد شد و از سنین کودکی کار خوشنویسی را با تشویق عموی خود مرحوم میرزا محمود اشرفی"کاتب قرآن" شروع کرد. با راهنمایی پسر عمویش استاد مصطفی اشرفی و برادرش دکتر مرتضی اشرفی که در کلاسهای انجمن خوشنویسان شرکت داشتندمشق را ادامه داد. از سال 1374 تحت تعلیم استاد. با تجربه...
khat-l7kam-laayoune.skyrock.com
Blog Music de khat-l7kam-laayoune - Khat L7kam - Skyrock.com
Mot de passe :. J'ai oublié mon mot de passe. Mise à jour :. Abonne-toi à mon blog! N'oublie pas que les propos injurieux, racistes, etc. sont interdits par les conditions générales d'utilisation de Skyrock et que tu peux être identifié par ton adresse internet (67.219.144.114) si quelqu'un porte plainte. Ou poster avec :. Retape dans le champ ci-dessous la suite de chiffres et de lettres qui apparaissent dans le cadre ci-contre. Posté le mercredi 11 novembre 2009 21:05. Poster sur mon blog.
خانه طلاب جوان
معرفی خانه طلاب جوان. فقه و سبک زندگی. علوم انسانی و اسلامی. نهضت آزاداندیشی و تولید علم. فقه و سبک زندگی. شماره اول (موضوع : بایسته های طلبگی). شماره دوم (موضوع : نهضت آزاد اندیشی و تولید علم). شماره سوم (موضوع : استقبال از سفر رهبر انقلاب به شهر مقدس قم). شماره چهارم (موضوع : ویژه نامه سالروز ورود مقام معظم رهبری به قم ). مراکز فروش مجله علمی فرهنگی خط. گروه جهادی محبین الائمه. معرفی گروه جهادی محبین الائمه. هیئت هفتگی امام حسن علیه السلام. رسانه های صوتی و تصویری. گروه علمی فرهنگی عهد. در این شماره می...
ـــــــــــــــــــخطـــــــــــــــــــ
دوماهنامه علمی فرهنگی خانه طلاب جوان. انتشار شماره 6 خط. شماره ششم مجل ه خط، در ۱۴۴ صفحه منتشر شد. در این شماره، پروندههایی در موضوعات زیر را میخوانیم:. فلسفهستیزی و نواخباریگری در حوزه علمیه. ضرورت پرچمداری حوزه علمیه در فلسفه اسلامی. بیداری اسلامی و ضرورت اندیشه تقریب بین مذاهب. مشکلات زندگی خانوادگی طلاب و روحانیون. زندگی و سیره طلبه مبل غ شهید در بوسنی. همچنین CD سه جلسه مناظره درباره فلسفه اسلامی همراه با ا سناد متنی مرتبط، ضمیمه رایگان این شماره میباشد. مراکز فروش نشریه خط. اراک: کتاب سرو: خ شهید ب...
Thus Spake Australopithecus.
Man sprung from apes.I, however,didn't spring very far. Monday, January 19, 2015. What is in a name, as. Well if you are Frank Zappa's children (Moon Unit and Dweezil) apparently quite a lot. I have been following the. While involved in this perilous pursuit, I happened to be struck by the peculiarities of nomenclature of sports teams. Amongst the non BBL team names, the funniest Aussie cricket team name has to go to the Victoria Bushrangers. Bushrangers? Another IPL team Royal Challengers Bangalore is n...
ख़त मेरे..
ख़त मेरे. एक ज़रा-सी बाहरी आवाज़ नष्ट कर देगी मेरे पूरे जादुई तिलिस्म को. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग मैनिफेस्टो. जनसत्ता में. पुराने पन्ने. सोमवार, 9 जनवरी 2017. ऐसे ही एक दो दिन से इस बात की तरफ़ कई ख़याल सैर करने लगे. लगा ऐसा कौन होगा, जिसे सौ दो सौ साल बाद कभी उसके न होने पर कोई याद करेगा? कैसे हम उन मनों में रह पायेंगे? किसी के मन में हवा की तरह रह जाना, क्या बचे रहने के लिए इतना ज़रूरी है? यह याद रह जाना ही क्यों ज़रूरी है? कोई भूल कर भी तो याद करता होगा? प्रस्तुतकर्ता. शचीन्द्र आर्य. बुकमार्क : ख़त. मन की उलझन.
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آموزش خط دوره مقدماتی
آموزش خط دوره مقدماتی. کلاس خوشنویسی مدرس انجمن خوشنویسان ایران * * *. عالی ،ممتاز، فوق ممتاز. کلاس خط نستعلیق و شکسته. نقاشیخط و طراحی فونت. لبخند بر مرگ و زندگی. عکسهای پروفایل علی اشرفی در شبکه های مجازی. دیدار جمعی از استادان خوشنویس با استاد مشعشعی. افتتاح نمایشگاه آثار خوشنویسان معاصر ایران. مراسم شب هفتم دکتر اکبری در مسجد ارشاد برگزار می شود. درگذشت دکتر قاسم اکبری را تسلیت عرض می نمایم. همزمان با عید سعید فطر نمایشگاه فصل نیایش شهرری پایان یافت. نهمین همایش رمضان انجمن خوشنویسان شهرری. پس از گرف...
آموزش خط دوره ممتاز
آموزش خط دوره ممتاز. کلاس خوشنویسی مدرس انجمن خوشنویسان ایران* * *. عالی ،ممتاز، فوق ممتاز. کلاس خط نستعلیق و شکسته. نقاشیخط و طراحی فونت. لبخند بر مرگ و زندگی. دیدار جمعی از استادان خوشنویس با استاد مشعشعی. افتتاح نمایشگاه آثار خوشنویسان معاصر ایران. مراسم شب هفتم دکتر اکبری در مسجد ارشاد برگزار می شود. درگذشت دکتر قاسم اکبری را تسلیت عرض می نمایم. نفرات برگزیده سومین دوسالانه خوشنویسی ایران. علی اشرفی هنرمند برتر رشته خوشنویسی. امشب مخسب ای دل میران به سوی منزل. نتایج مسابقه خوشنویسی در برج میلاد.
آموزش خط دوره متوسط
آموزش خط دوره متوسط. کلاس خوشنویسی مدرس انجمن خوشنویسان ایران * * *. عالی ،ممتاز، فوق ممتاز. کلاس خط نستعلیق و شکسته. نقاشیخط و طراحی فونت. مسابقه خوشنویسی در دهمین همایش رمضان. دهمین همایش خوشنویسی رمضان. نمایشگاه خوشنویسی جمعی از مدرسان و فارغ التحصیلان انجمن خوشنویسان شهرری. نمایشگاه خوشنویسی جمعی از مدرسان و فارغ التحصیلان انجمن خوشنویسان شهرری. لبخند بر مرگ و زندگی. عکسهای پروفایل علی اشرفی در شبکه های مجازی. دیدار جمعی از استادان خوشنویس با استاد مشعشعی. افتتاح نمایشگاه آثار خوشنویسان معاصر ایران.
خط و کاغذ
نگارش در تاريخ یکشنبه سی و یکم شهریور 1392 توسط ریحانه. زندگی اگر اسان بود باگریه شروع نمیشد! نگارش در تاريخ سه شنبه بیست و ششم شهریور 1392 توسط ریحانه. این روز ها نمیشود عاشق شد! این روز ها با وجود دخترهای رنگارنگ.پسر های زرنگ نمیشود عاشق شد. باوجود ماشین های خیلی قشنگ با وجود مردی که زن دارداما. این روز ها نمیشود عاشق شد! با وجودادمهای خیلی لعنتی ادمهای پست ادمهای. باور کن خودت را احمق فرض کرده ای اگر این روزها راباور کنی! نگارش در تاريخ چهارشنبه هجدهم اردیبهشت 1392 توسط ریحانه. به شکست دل من! نگارش در...
خط اسـتوا
بهاران سپري شده است و روزگاران هم ،. جاويد هم نمانده ايم و نمي مانيم در قلب و يادها به نيكي،. كه عمر را اشارت پلكي بود. با بهايي كه گشوديم. به روي بركات عشق هريك دري شدند به شوي دركات عشق. دانستيم كه نتوانستيم در نيكي ها روايت شويم و درخواستن ها مستحيل. معيار انسانها از عشق به جز عشق بود و ياري انتخاب يار برون از اختيار. ديدني هارا راناديده گرفتيم و شنيدني ها را نشنيده تا. به آنجا رسيدم كه دانستيم قداست و انس متقابلند باهم. با انس توشه اي ساختيم بي هراس از تدفين جذابيت ها كه با قداست نرسيديم.
SOCIAL ENGAGEMENT