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अफ़साने कुछ अनजाने, और गीत पुराने लाया हूँ.... आज तुम्हारी बातों से मैं लफ़्ज़ चुराअफ़साने कुछ अनजाने, और गीत पुराने लाया हूँ. आज तुम्हारी बातों से मैं लफ़्ज़ चुराने आया हूँ. Tuesday, November 1, 2016. देश यही है , यही है दुनिया. फ़ेसबुक पे करे लड़ाई. एक दूजे से भाई भाई. मजहब को भी यही बचाए. जान की बाज़ी यही लगाए. देश यही है , यही है दुनिया. बेचे बातें बन के बनिया. फ़ेसबुक पे करे लड़ाई. एक दूजे से भाई भाई. बात बात में गाली छाटें. और मिल के नफ़रत बाटें. लाइक करे है चौड़ी छाती. नीली टिक है ऊँची जाती. फेंक पत्थर कमेंट के मारो. फ़ेसबुक पे करे लड़ाई. आकाश पांडेय. Saturday, August 20, 2016.
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