shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: शिवरीनारायण : एक नजर
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_6923.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. शिवरीनारायण : एक नजर. विभिन्न नगरों से दूरी :-. कैसे जाएं :-. कब जाएं :-. कहां रूकें :-. क्या देखें :-. Posted by मितान. Subscribe to: Post Comments (Atom). अश्विनी - अंतरजाल में प्रो. अश्विनी केशरवानी का योगदान. डॉ.परदेशीराम वर्मा की पत्रिका : अगासदिया. आरंभ - संजीव तिवारी का छत्तीसगढ. प्रो. अश्विनी केशरवानी. लेखक परिचय. अश्विनी केशरवानी. अभिरूचि. प्रकाशनाधीन. सम्प्रति. चेतावनी.
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: मोक्षदायी चित्रोत्पलागंगा
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_1002.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. मोक्षदायी चित्रोत्पलागंगा. हरि-हरि-हरि सुमिरन करौं।. हरि चरनार विंद उर धरौं।. हरि की कथा होई जब जहां,. गंगा हू चलि आवै तहां।।. जमुना सिंधु सरस्वति आवै,. गोदावरी विलंबन लावै।. सब तीरथ की बासा तहां,. सूर हरि कथा होवै जहां।।. उत्पलेशं सभासाद्या यीवच्चित्रा महेश्वरी।. चित्रोत्पलेति कथिता सर्वपाप प्रणाशिनी।।. यस्पाधरोधस्तन चन्दनानां. प्रक्षालनादवारि कवहार काले।. अर्थात् पुरूषोत्तम क...प्राचीन कवि बट&...बटुक सि&#...भार...
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: भूमिका
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_4583.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. भूमिका. शिव गंगा के संगम में, कीन्ह अस पर वाह।. पिण्ड दान वहां जो करे, तरो-बैकुण्ठ जाय।।. वहां स्नान कर यह फल होई। विद्या वान गुणी नर सोई।।. एक सौ पितरन वहां पर तारे। पितरन पिण्ड तहां नर पारै।।. गया समान ताही फल जानो। पितरन पिण्ड तहां तुम मानो।।. मानो पितर गया करि आवे। पितरन भूरि सबै फल पाये।।. कोढ़िन को काया मिले, निर्धन को धनवान।।. आठों गण सुर मुनि सदा आश्रय करत सधीर।. रोहिणि कुंडहि स...उत्पलेश आरंभ ह&...चित्...
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: मट और महंत परंपरा
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_830.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. मट और महंत परंपरा. रामानुजाचार्य का कार्यकाल सन् १०२७ से ११३७ था। स्वामी दयारामदास जी इनके अनुयायी थे। इसका अर्थ यह हुआ कि वे यहां इसी काल में आये होंगे? भक्ती द्राविड़ उपजी, लाये रामानंद,. परगट कियो कबीर ने सात द्वीप नौ खंड।. मठ कठोर काष्ठौ घ्रैरत्रैवाकारि धीमता।. देव दक्षिण दिग्भागे निवासार्थ तपस्विनां।।. महंत अर्जुनदास जी :. महंत गौतमदास जी :. महंत लालदास जी :. १ दूधाधारी मठ, रायपुर. दर्शनार्थिय...शिवरीन...राय...
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: मेला
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_712.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. Posted by मितान. Subscribe to: Post Comments (Atom). अश्विनी - अंतरजाल में प्रो. अश्विनी केशरवानी का योगदान. डॉ.परदेशीराम वर्मा की पत्रिका : अगासदिया. आरंभ - संजीव तिवारी का छत्तीसगढ. प्रो. अश्विनी केशरवानी. लेखक परिचय. अश्विनी केशरवानी. अभिरूचि. 1 पीथमपुर के कालेश्वरनाथ . 2 शिवरीनारायण : देवालय एवं परम्पराएं. प्रकाशनाधीन. सम्प्रति. चेतावनी.
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: महानदी के घाट
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_7948.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. महानदी के घाट. हे प्रलम्बबाहु राम! वरदान मांग ।। शवरर्युवाच ।। शबरी कहती भई। हे राम! अब मेरे अर्थ चिता रचिये। हे कमलनयन मेरे पंचात्मक देह को दग्धकर अब मैं आपके भवन में वास करूंगी।. सोनी घाट :- डोंगा घाट से लगा हुआ सोनी घाट है। इस घाट का निर्माण श्री हरिप्रसाद सोनी...Posted by मितान. Subscribe to: Post Comments (Atom). आरंभ - संजीव तिवारी का छत्तीसगढ. लेखक परिचय. अश्विनी केशरवानी. भारतेन्दु क&#...इस ग्रंथ ...
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: खरौद के लखने वर
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_3221.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. खरौद के लखने वर. रामायण कालीन खरदूषण का नगर. लाख लिंगधर लखलेश्वर शंकर शिव औघड़ दानी।. निकले भू से शंभू हर हर महादेव वरदानी।।. खरौद नामकरण के सम्बंध में लक्ष्मणेश्वर मंदिर के शिलालेख में ३० वें श्लोक में वर्णित है. आलोक्यानेन विद्यु-ललित रलत रासार तारूण्य लक्ष्मी।. कामाय.पुनरिह सुकृतै: दृष्ट संसुप्तबोधात् ।. खरौद : एक सफर. लक्ष्मणेश्वर महादेव. यह सुन श्रीरामचंद्रजी ने बडì...पाइके मुनिगण के...अर्थात् ए...आंचलì...
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: शबरी मंदिर
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_5308.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. शबरी मंदिर. कारितं विस्तृतं शौरि मंडपं पुण्कारिणा।. गंगाधरेण धरणे ललामेवाति सुन्दरम्।।. Posted by मितान. मंदिर और लेख के काल में अंतर होने से दोनों को इस प्रकार समीकृत किया जाना उचित नहीं है. April 1, 2011 at 8:24 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). अश्विनी - अंतरजाल में प्रो. अश्विनी केशरवानी का योगदान. आरंभ - संजीव तिवारी का छत्तीसगढ. प्रो. अश्विनी केशरवानी. लेखक परिचय. अभिरूचि. प्रकाशनाधीन. चेतावनी.
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: महानदी में अस्थि विसर्जन
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_5225.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. महानदी में अस्थि विसर्जन. उत्पलेशं सभासाद्या यीवच्चित्रा महेश्वरी।. चित्रोत्पलेति कथिता सर्वपाप प्रणाशिनी।।. नदीतम महापुण्या विन्ध्यपाद विनिर्गता:।. चित्रोत्पलेति विख्यानां सर्व पापहरा शुभा।।. चित्रोत्पला चरण चुम्बित चारूभूमो. श्रीमान कलिंग विषयेतु ययातिषुर्याम्।. ताम्रेचकार रचनां नृपतिर्ययाति. श्री कौशलेन्द्र नामयूत प्रसिद्ध।।. पाप हरन नरसिंह कहि बेलपान गबरीस,. भावार्थ. जो कोई जायके पिणî...ताकर पितर ब...क्व...
shivarinarayan.blogspot.com
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं: शिवरीनारायण की कहानी और उसी की जुबानी
http://shivarinarayan.blogspot.com/2007/11/blog-post_4249.html
शिवरीनारायण देवालय एवं परंपराएं. प्रो. अश्विनी केशरवानी. Friday, November 30, 2007. शिवरीनारायण की कहानी और उसी की जुबानी. शबरीनारायण, जी हां! धन्य धन्य शबरीनारायण महानदी के तीर।. जहां कभी पद कमल धरे थे रामलखन दो वीर।।. धन्य यहां की वसुन्धरा, धन्य यहां की धूल।. धन्य सहां की शबरीनारायण का दर्शन सुखमूल।।. महानदी की पवित्रता से इंकार कैसा? शबरीनारायण सुमिर भाखौ चरित रसाल।. महानदी बूड़ो बड़ो जेठ भयो विकराल।।. अस न भयो आगे कबहुं भाखै बूढ़े लोग।. Posted by मितान. Subscribe to: Post Comments (Atom). भारत&...