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जिरह: August 2009
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जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script). Enter your search terms. जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।. Friday, August 28, 2009. अब विवेक की कविता उड़ा ली गई. 2404; उसके ब्लॉग 'थोड़ा सा इंसान'. कैसे बदले यह स्थिति, कैसे बदले उसका मर्दवादी सोच? पेशकश : अनुराग अन्वेषी. 6 प्रतिक्रियाएं. Subscribe to: Posts (Atom). Enter your search terms. अपनी बात. ऊब और दूब. माम...
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जिरह: November 2009
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जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script). Enter your search terms. जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।. Monday, November 9, 2009. मी मंदबुद्धि मुंबईकर बोलतो आहे. अन्वेषी. उनके पास भिड़े होने के सिवा उपाय क्या है बोलो. पेशकश : अनुराग अन्वेषी. 3 प्रतिक्रियाएं. Tuesday, November 3, 2009. घर की याद. आज पानी गिर रहा है,. रात भर गिरता रहा है,. भुजा भाई प...और मा...
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जिरह: September 2010
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जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script). Enter your search terms. जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।. Thursday, September 30, 2010. जलेबी और चाकू. किसी गर्म, कुरमुरी, जायकेदार जलेबी को मुंह में रखने. और उसे गप कर जाने से पहले. उसकी खुशबू और उसके रस का पूरा आनंद लेने के बीच. क्या आपने ध्यान दिया है. कि हमारी भाषा. जबकि सच्चाई यह है. आम तौर पर बाकी...तो सì...