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नन्हे-मुन्ने Naney Muney: February 2011
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नन्हे-मुन्ने Naney Muney. पराया देश. मुझे शिकायत हे. छोटी छोटी बातें. अपने से. हिन्दी कुंज. काली माता की आरती. वर्ना सुखा दूंगा. कडुवा सच. ये तूने क्या कर दिया राजन ! दिमाग की हलचल. Links for 2016-12-03 [del.icio.us]. दौड़ते रहें, स्वस्थ्य रहें, सुखी रहें. ज्ञान दर्पण. अपने ब्लॉग वेबसाइट का मोबाइल एप बनायें. Disabled Persons in Indian context. अमीर धरती गरीब लोग. सुखद भविष्य की प्रतीक्षा में दुःखद वर्तमान. महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar). Donald Trump and Nationalism Wave. पत्नी&...Meet my #...
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नन्हे-मुन्ने Naney Muney: April 2010
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नन्हे-मुन्ने Naney Muney. पराया देश. मुझे शिकायत हे. छोटी छोटी बातें. अपने से. हिन्दी कुंज. काली माता की आरती. वर्ना सुखा दूंगा. कडुवा सच. ये तूने क्या कर दिया राजन ! दिमाग की हलचल. Links for 2016-12-03 [del.icio.us]. दौड़ते रहें, स्वस्थ्य रहें, सुखी रहें. ज्ञान दर्पण. अपने ब्लॉग वेबसाइट का मोबाइल एप बनायें. Disabled Persons in Indian context. अमीर धरती गरीब लोग. सुखद भविष्य की प्रतीक्षा में दुःखद वर्तमान. महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar). Donald Trump and Nationalism Wave. पत्नी&...Meet my #...
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तथागत: April 2012
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Thursday, April 26, 2012. राजेश सिंह. पूजा-अर्चना. Saturday, April 21, 2012. पुनर्नवा. उन्हीं क्षणों को. जिन्हें जिया. होकर अस्थिर. आकृति नई है. पर व्यक्ति परिचित. व्यक्ति वही. आकृति परिवर्तित. पर समय न ही. प्रतीक्षा करता. न ही लौटता. उन्हीं बिन्दुओं पर. राजेश सिंह. Labels: कविता. Thursday, April 5, 2012. कनुप्रिया के लिए. मेरे घर आई एक प्यारी परी,. सोचते हैं लोग क्यूं आती है मुझसे मिलने. क्यूं याद करता हूं और बातें करता हूं. सोचता हूं अक्सर, शायद. मैं जानता हूं. अब भी वक्त है. Subscribe to: Posts (Atom).
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तथागत: August 2013
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Saturday, August 24, 2013. राजेश सिंह. राजेश सिंह. Subscribe to: Posts (Atom). राजेश सिंह. BILASPUR, Chhattisgarh, INDIA Mob.: 919229158700 email: rajeshakaltara@gmail.com अपनों के साथ देखे सपनों के सेतु पर चल कर जाना है उस पार. View my complete profile. 15 अगस्त को एक अखबार में जूदेव के निधन से शोक क. लिखिए अपनी भाषा में. सारे परीक्षार्थी जेल में. उड़न तश्तरी . चुनाव के बाद. प्रमोटी पर अंतर्द्वंद्व. लम्हों का सफ़र. 539 रेगिस्तान. हिंदीज़ेन. शतरंज और दोस्ती. देशनामा. An Indian in Pittsburgh. टिन...
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तथागत: June 2012
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Sunday, June 17, 2012. छत्तीसगढ़ के रायगढ़-बिलासपुर अंचल के निवासी ' सबरिया' वस्तुतः कौन है? यह बोलती होती।. राजेश सिंह. Labels: छत्तीसगढ़. Tuesday, June 12, 2012. मौत – 1. चूहों के लिए. बिल्ले की तरह आती है. गुर्राती है. डराती है. खिलाती है/खिझाती है. और थक जाने पर. चट कर जाती है. लोग यूं ही गपशप. कर लिया करते हैं. सुना तुमने. अच्छा! बुरा हुआ! मौत – 2. इन्सान के लिए. काली और चमकदार. बिल्ली की तरह. आती है और. मौका देख कर. मैं, तुम. झपट कर एक-दूसरे को. जानते हो. घुटी-घुटी. कैसे हुआ? खोलिय...अपने...
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तथागत
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Saturday, August 24, 2013. राजेश सिंह. August 24, 2013 at 8:51 PM. August 26, 2013 at 9:09 AM. September 10, 2013 at 10:04 PM. लापरवाही की हद है! Subscribe to: Post Comments (Atom). राजेश सिंह. BILASPUR, Chhattisgarh, INDIA Mob.: 919229158700 email: rajeshakaltara@gmail.com अपनों के साथ देखे सपनों के सेतु पर चल कर जाना है उस पार. View my complete profile. 15 अगस्त को एक अखबार में जूदेव के निधन से शोक क. लिखिए अपनी भाषा में. उड़न तश्तरी . चुनाव के बाद. लम्हों का सफ़र. 539 रेगिस्तान. An Indian in Pittsburgh.
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Saturday, August 24, 2013. राजेश सिंह. December 13, 2014 at 1:06 PM. बहुत ज्ञान वर्धक आपकी यह रचना है, मैं स्वास्थ्य से संबंधित कार्य करता हूं यदि आप देखना चाहे तो यहां पर click Health knowledge in hindi. करें और इसे अधिक से अधिक लोग के पास share करें ताकि यह रचना अधिक से अधिक लोग पढ़ सकें और लाभ प्राप्त कर सके।. Subscribe to: Post Comments (Atom). राजेश सिंह. View my complete profile. 15 अगस्त को एक अखबार में जूदेव के निधन से शोक क. लिखिए अपनी भाषा में. उड़न तश्तरी . चुनाव के बाद. An Indian in Pittsburgh.
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तथागत: September 2012
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Thursday, September 27, 2012. परिंदे ऐसे आते हैं. आज सुबह जब आंख खुली. रात की आलस धुली. मैंने पाया. मैं चिड़िया बन गया हूँ. तोता, मैना, कलहंस. या बुलबुल. या उकाब. नहीं जनाब. महज एक कठफोड़वा. सोचा घूम आऊं ब्रश करके. लेकिन वहां तो थे ही नहीं दांत. ठकठकाने लगा एक शाख. चोंच साफ हो न हो छेद कर पाने पर. जम तो जाएगी धाक. किस्मत की बात है. मिल जाएँ कीड़े और इल्लियाँ. छाल की दरार में मकड़ियाँ. नाश्ता तो जरुरी है. छूट गए हाथ और दांत. पर डैनों और पंजों के साथ भी. यही दुःख है. और पेट के साथ. भूख है. काँच...BJP चक...
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तथागत: March 2012
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Saturday, March 31, 2012. तुम किसी रेलगाड़ी सी गुजरती हो. मैं किसी पुल सा थरथराता हूं. आज जब सड़क किनारे के ठेले से सौदा-सुलुफ करती उस सद्य गत सौंदर्या को याद करता हूं तो उस समय जो लाइन दिमाग में आई वह थी-. हाथ ठेले से हाफ डजन केले खरीदती वह'. पुनः दृश्य 1. तुम किसी रेलगाड़ी सी गुजरती हो. मैं किसी पुल सा थरथराता हूं. दृश्य 2. मन में 9 मार्च 2001. कागज पर 13 मार्च 2001. राजेश सिंह. Labels: संस्मरण. Subscribe to: Posts (Atom). राजेश सिंह. View my complete profile. उड़न तश्तरी . देशनामा. बारूद क...सबके...
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तथागत: July 2012
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Monday, July 30, 2012. सार्थक -निरर्थक. प्यार के गहनतम क्षणों में. तुम्हारे. मेरे बीच कुछ शब्द होते हैं. जो एक सेतु बनाते है. मुझे तुम तक. तुम्हे मुझ तक पहुँचाने केलिए. फिर सेतु विलीन हो जाता है. शब्द निरर्थक हो जाते है. और अगर हमारे बीच. कुछ शेष रहता है तो. तुम्हारा अर्थ . . . केवल मै. मेरा अर्थ . . . केवल तुम. राजेश सिंह. गुम्फित. Saturday, July 28, 2012. होना न होना. बहुत कुछ हो सकता था. कुछ नहीं हुआ. शापग्रस्त नहीं था मै. मेरे हिस्से. नहीं थी. राजेश सिंह. Labels: शापग्रस्त? Thursday, July 19, 2012.