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अभिव्यक्ति | amodkumarsrivastava.blogspot.com Reviews
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अभिव्यक्ति: June 2016
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अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). सोमवार, 13 जून 2016. आत्म विशवास. यूँ ही सिकोड़ कर. आलमारी के एक कोने में कहीं . पुराने अखबार सी हो गयी है जिंदगी. तिरस्कारित कल की खबर. जिसको कोई पढता ही नहीं. चिमुड़ गया है हर पेज. चाहो तो भी खोल न पाओ . उन्ही सीले हुए पेजों पर. कही कही चमकते इश्तहार भी हैं. जिसका वजूद धरातल पर. कहीं नहीं हैं . सोच रहा हूँ क्या फायदा है. बेच दूँ . इस रद्दी को. किसी कबाड़ वाले को. जिसका कोई भाव न हो. क्या फायदा रखने से भी. महसूस कर लूँ . मगर आज भी हर पेज. लेबल: दिल से. टू -ईन -वन.
अभिव्यक्ति: October 2014
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अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). बुधवार, 15 अक्तूबर 2014. हर रोज दुआएं मांगता हूँ रब से . घोसला टूट जाता है हवाओं से . जब होना है जो मुकद्दर में है. तो दिमाग की कलम हांथ मे क्यूँ हैं. कैसे कहूँ, ये तो होना ही है. 4 के बाद 5 तो आना ही है. किस कदर गुजारी है ये तमाम उम्र. बरगद की जटाएँ खुद बयां करती हैं. हर रोज बस एक ही दुआ होती है. शाम होती है सुबह वही दुआ होती है . प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. लेबल: dil se. दोस...
अभिव्यक्ति: July 2014
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अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). गुरुवार, 31 जुलाई 2014. डायरी और उसके पन्ने . धूल में दबी हुयी ये डायरी. जिसकी एक एक परत की हैं ये यादें. हर एक सफा तुम्हारी याद है. न जाने कहाँ कहाँ रखा उसे. आलमारी मे ठूसा. बक्से में दबाया. ऊपर टाँड़ पर रखा. अटैची मे रखा . उसके पन्नों के रंग उतर गए. मगर लिखावट वही रही. आज भी देखकर उन सफ़ों को. और आपके उन हिसाबों को देखकर. उन हिसाबों मे हमारा भी अंश हैं. जिन्हे आज देखकर महसूस करता हूँ. उन सफ़ों पे लिखा आपका हिसाब. टाफी में - 2 रुपए. और भी बहुत कुछ. चाहे व&...या ...
अभिव्यक्ति: September 2014
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अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). गुरुवार, 25 सितंबर 2014. हमसफर को मेरा धन्यवाद. जीवन के आपाधापी मे. अच्छा और अच्छा होने की ललक मे. 8220; अम्मू. 8221; से. 8220; आमोद. 8221; बनने. के सफर मे. जो भी मिला उन हमसफर को मेरा. साथ साथ चलते हुये. न जाने कितने स्नेह. कितने आत्मीयजन मिले. जिनका प्रतिबिंब आँखों मे. मेरी साँसों मे. खून मे. धमनियों में. अविरल गतिमान है. उन हमसफर को मेरा. सफर के इस पड़ाव में. कितने हमसफर हमसे रूठे. उनकी हर बातें हमसे रूठी. उनका क्रोध. उनका प्यार. हमे मिला. उनकी मेहनत. चलो &#...
अभिव्यक्ति: October 2015
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अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). गुरुवार, 1 अक्तूबर 2015. कल का क्या . आज बुरा है! तो क्या हुआ . कल अच्छा होगा. बहुत सुना है. बहुत गुना है. कल जरूर अच्छा होगा. और हम भागते रहे. उसी कल की ओर. उसी अच्छे की ओर. रोज सपने देखते रहे. सँजोते रहे. बुनते रहे. गुनते रहे . उस अच्छे के लिए. एक एक दिन गुजरता रहा. हम इत्ते से उत्ते भी हो गए. और कल हमेशा. कल ही रहा . दौड़ता रहा. भागता रहा. हुयी रात तो सबेरा भी हुआ. मगर न आया. तो वो सुनहरा कल . दिन बदला. लोग बदले. यहाँ तक कि हम भी बदले. और आज को हम. 8221; से. व...
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निर्झर लेखनी : October 2015
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निर्झर लेखनी. Wednesday, 28 October 2015. मन गुलाबी हो रहा है . बेमौसम बारिश के अंदाज़ निराले हैं. कुछ ज़िद्दी सुर्ख हवाएँ , कुछ बदरा काले है. रंगीली रुत में देखो,क्यों ये खो रहा है. कुछ हम गुलाबी है, कुछ मन गुलाबी हो रहा है. सितारे शरारती कुछ लुकछिप के झांकते से है. चाँद की खोज लिए ,चांदनी के संग ताकते से है. छुपकर देखो चाँद ,आज बदल ओढ़े सो रहा है. कुछ हम गुलाबी है , कुछ मन गुलाबी हो रहा है. रिमझिम झरती फुहारे,जाने क्या बोलती है. Monday, 26 October 2015. Thursday, 22 October 2015. सुन ऐ हवा. सुनì...
निर्झर लेखनी : October 2016
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निर्झर लेखनी. Saturday, 15 October 2016. शारद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें . जय श्री राधे-कृष्णा. शरद के चाँद की राह में. लालिमा बिछाता सुदूर क्षितिज पर. धरा को बाँहों में समेटता विस्तृत आकाश. सुगन्धित हो उठी गोधूलि बेला ,निशा का इंतज़ार लिए. आयी हैं न निशा देखो धवल चांदनी की चुनरी ओढ़. टिमटिमाते तारो का श्रृंगार कर. रोम रोम से बहाती प्रेम, ओंस बना संसार में. सुसज्ज्तीत हो उठी निशा ,प्रियतम चाँद. का प्यार लिए. Saturday, 8 October 2016. क्षितीज. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile.
निर्झर लेखनी : August 2015
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निर्झर लेखनी. Friday, 28 August 2015. अहसास भीगे भीगे से. छेड़ी है सरगम कुछ रात की तन्हाइयो ने. खो रहा है चाँद क्यों बादलो की परछाइयों में. फूटती चांदनी लेकिन कर रही है चुगलियाँ. कुछ फुसफुसाहट बिखेरती है ये बिज़लियाँ. सुर से सुर मिला ले ये सोचते है हम खड़े. लो एक और नयी धुन ,सुबह के इंतज़ार में है. टपक रहे हैं चांदनी से ,अहसास कई देखो न. और भीग चले है शब्द मेरे ,चांदनी में नहाये हुए. Monday, 24 August 2015. एक और सावन बीता. Saturday, 22 August 2015. Tuesday, 18 August 2015. पकड़ो तो पकड़ आते ...बारि...
निर्झर लेखनी : June 2015
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निर्झर लेखनी. Monday, 29 June 2015. काँटो से दोस्ती कर फिर हम गुलाबों सा महकेंगे. ज़िंदगी तेरे हर रंग हर रूप को स्वीकारा हमने. तेरी हर साँझ हर धूप को स्वीकारा हमने. कभी उजाले से नहाये ,कभी काले बादल छाये. हंसी की फुहारें कभी,आंसुओ के सावन आये. गुनगुनी धूप में खिले हम, गुलमोहर सा छाये. कभी अँधेरी रात में रातरानी बन मुस्कुराये. काँटो से दोस्ती कर फिर हम गुलाबों सा महकेंगे. टेसुओ सा झूमते हुए, कभी महुए सा बहकेंगे. Wednesday, 10 June 2015. और वो अचानक बड़ी हो गयीं . खो गयीं वो अटखे...वो मो...अपनी...
निर्झर लेखनी : August 2016
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निर्झर लेखनी. Friday, 12 August 2016. धीरे से एक दस्तक ये कैसी है दरवाजे पे आज. कोई आहट सुनी है शायद, कुछ खिलखिलाहट के साथ. धीरे से पट खोलती वो, बोलती है दरवाजे पे आज. पहचाना, मै तेरी चाह हूँ, एक नयी राह हूँ. तेरा मै हर्ष हूँ, उत्कर्ष हूँ, तेरे साथ हूँ ,आसपास हूँ. तेरी पहली अंगड़ाई में थी, मै तेरी तरुणाई में थी. कभी बिखरी हुई किरणों में ,कभी चांदनी में ,परछाई में थी. मै ज़िंदगी हूँ तेरी, कभी थमती रही कभी बहती रही. उठ अब साथ आ ,मेरे साथ तू भी गुनगुना. Wednesday, 3 August 2016. Subscribe to: Posts (Atom).
निर्झर लेखनी : September 2015
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निर्झर लेखनी. Wednesday, 30 September 2015. मौन सा संवाद कोई बह रहा पुरवाइयों में . भर गया अहसास बन रूह की गहराइयों में. मौन सा संवाद कोई बह रहा पुरवाइयों में. केनवस ये मन का रंग जाती है हलकी सी छुअन. रंग जाता है तेरे रंग में बहता हुआ मेरा ये मन. देख खूबसूरत बहुत है तेरी और मेरी दुनियाँ. बस तू है और मै हूँ और है तैरती हुई परछाइयाँ. कौन कहता है शब्द ही बोलते है इठलाते हुए. संगीत की धुन कोई. में है,बहती धारो में है. भर गया अहसास बन रूह की गहरीयो में. पुरवाइयों. Monday, 28 September 2015. प्यार ...कभी...
निर्झर लेखनी : January 2016
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निर्झर लेखनी. Friday, 22 January 2016. जीवन के पन्नो के कुछ ,बहुत सुन्दर अनुच्छेद. मन में रम जाते हैं ,अमिट प्रतिलिपि की तरह. पल तो आता है, गुजर जाता है कुछ देर ठहर. पर ठहर जाती है यादें,भीनी सुगंध में नहाई सी. Monday, 18 January 2016. हाँ ये पल,जादुई सा ये पल. सोचती हूँ क्या है इस सुन्दर से ,जादुई से पल में. पाती हूँ बस दूर तलक. अथाह सा ये पल. कितनी गहराई लिए ,सतरंगी किरणों में नहाया सा. ये धरती ये ,ये नीलगगन ,ये समंदर का खारापन. हाँ ये पल,जादुई सा ये पल. Saturday, 16 January 2016.
निर्झर लेखनी : November 2015
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निर्झर लेखनी. Monday, 23 November 2015. एक टुकड़ा चाँद का. . एक टुकड़ा चाँद का बस ,घोला जो मैंने पानी में. मरमरी अहसास घुला, ज्यो रंग आसमानी में. पड़ते है कदम कुछ चलते, कुछ थमते से क्यों. घुला हो शुरुर जैसे ,इस चाँद वाले पानी में. Saturday, 21 November 2015. जीवन एक दूर तक बहती नदी की तरह है जिसमे धार भी है ,कुछ मँझदार भी है. सच्चा साथी. वो रोना मेरा और तेरा मुझे गुदगुदाना. साथ ये तब का आज तलक भाता है. सुन ये दोस्त तू याद बहुत आता है. Monday, 16 November 2015. अनमोल साथी ,अनमोल पल . दूर क्षì...चल खí...
निर्झर लेखनी : March 2016
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निर्झर लेखनी. Thursday, 31 March 2016. फिर एक चिराग जला लो . लो चल पड़ी है रात फिर. फिर एक चिराग जला लो. कुछ टुकड़े चाँद से चुरा लो और. दिल के अरमान जला लो. अँधेरे में लिपटी सी इस रात को. एक मद्धम सी रोशनी काफी है. आसमान में खुलती खिड़कियों को. बस एक थमीं सी जमीन काफी है. लो चल पड़ी है रात फिर. फिर एक चिराग जला लो. कुछ टुकड़े चाँद से चुरा लो और. दिल के अरमान जला लो. झरोखे से टपकती है वह शीतल सी चांदनी. ओढ़ कर इसको चलो खुद में समां लो. लो चल पड़ी है रात फिर. फिर एक चिराग जला लो. Saturday, 26 March 2016. को...
निर्झर लेखनी : July 2015
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निर्झर लेखनी. Thursday, 30 July 2015. कृष्णं वन्दे जगत गुरुम. गुरुपूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाये .इस अवसर पर अपने माता -पिता एवं गुरुजनो तो प्रमाण कर कुछ विचार अपने. परमात्मा. राधा-कृष्ण परम प्रेम की पराकाष्ठा, सच्चे पेम की अद्भुत उपमा ,प्रेम और ज्ञान का अवर्णनीय संगम. क्या है परम प्रेम? की सरिता बहाने ,ज्ञान के उजाले. बिखेरने .प्रतीक्षारत है नयन हमारे . श्री कृष्णः शरणम् ममः. और मेरे कृष्ण के चरणो में वंदन वंदना का . Friday, 24 July 2015. सुप्रभात. Thursday, 23 July 2015. Wednesday, 22 July 2015. सì...
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Devil Is In The Details.(1). June 24, 2015. Pseudo Science and technology are designed trap people in darkness of delusion and ignorance. Not money or anything but ONLY KNOWLDEDGE makes us free. Many government agencies, electric utility companies, engineers, manufacturers, suppliers, and installers are either part of the scam, or just caught up in the lies themselves. 1) Hydro Pneumatic or pressure booster pumping system-. What is a Hydro Pneumatic or pressure booster pumping system? Variable speed well...
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अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). शनिवार, 22 अक्तूबर 2016. कुछ सपने केवल सपने ही रह जाते हैं. बिना पूरे हुये, बिना हकीकत हुये. और हमे वो ही अच्छे लगते हैं. अधूरे सपने, बिना अपने हुये. हम जी लेते हैं. उसी अधूरेपन को. उसी खालीपन को. सपने की चाहत में. जानते हुये भी . सपने तो सपने हैं. सपने कहाँ अपने हैं. यथार्थ को छोड़कर. परिस्थिति से मुह मोड़कर. हम जीते हैं सपने में. सपने हम रोज देखते हैं. कुछ ही सपनो को हम जीते हैं. बाकी सपने सपने ही रह जाते हैं. सपने तो सपने हैं . इसे ईमेल करें. बेच दू...जिस...
A Modest Life
Excited to Share: Big Announcement. Thursday, April 30, 2015. Photo by Taylor Green Photography. Featured on " The Now Stylebook. If you follow me on Instagram { @amodlife. In the meantime, here are a few things that I have purchased so far:. 1} My lack of energy during the initial 12 weeks made it easy to fall asleep, but tough to stay asleep and I woke up pretty much every two hours, which made for a long night. Late in my first trimester I purchased a pregnancy pillow {available here. This has been a ...
A Mod Life: a modest photo blog
A modest photo blog. April 29, 2015. Sometimes we are just barely holding it together. That’s when it’s time to give it over to God. -DM. Read the Post Holding it Together. April 20, 2015. Duck, Duck, Goose? Duck, Duck, Goose….In my driveway? Sometimes, we get lost….but soon, He will help us find our way home…. -DM. Read the Post Duck, Duck, Goose? April 17, 2015. It’s in the moments where we feel alone, that God is the most present. Staten Island Ferry -DM. Read the Post Never Alone. April 9, 2015.
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Photo Of The Day. Photo Of The Day. No span only post updates! Top Posts and Pages. Theme by Anders Norén. Frankfurt is thought to be a city of skyscrapers in Germany. But it also has many old buildings with distinct architectural identity. Many buildings were destroyed during the war,…. Share on Facebook (Opens in new window). Click to share on Twitter (Opens in new window). Click to share on LinkedIn (Opens in new window). Click to share on Google (Opens in new window). API Destroys your day. Click to ...
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