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हरिप्रिया............: राधा ....मीरा .....
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हरिप्रिया. Thursday, March 14, 2013. राधा .मीरा . राधा . आँखें है दो . जो देखती है . पर कहती नही . कहती हैं .जब. बस, बहती हैं . कान्हा से मिलने को. मन है . भटकता है . तडपता है . रहते हुए. संसार में . सहता है. मन के मौसम . एक मूर्त. मनचाही से. मिलने को . राधा होने के लिए. जरूरी है. पहले मीरा बनना . और फिर . बस हो जाना . राधे -राधे . राधे -राधे . राधे -राधे . At हरिप्रिया. Labels: f/b sharing 3/1/12. दिगम्बर नासवा. March 17, 2013 at 6:09 AM. बहुत गहन भावमय रचना.अद्भुत. March 17, 2013 at 8:33 AM.
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हरिप्रिया............: March 2013
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हरिप्रिया. Thursday, March 14, 2013. राधा .मीरा . राधा . आँखें है दो . जो देखती है . पर कहती नही . कहती हैं .जब. बस, बहती हैं . कान्हा से मिलने को. मन है . भटकता है . तडपता है . रहते हुए. संसार में . सहता है. मन के मौसम . एक मूर्त. मनचाही से. मिलने को . राधा होने के लिए. जरूरी है. पहले मीरा बनना . और फिर . बस हो जाना . राधे -राधे . राधे -राधे . राधे -राधे . At हरिप्रिया. Links to this post. Labels: f/b sharing 3/1/12. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. स्पर्श .
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AMRITA IMROZ: October 2013
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AMRITA IMROZ A DEPTHLESS. OCEAN. अमृता .{३१/१०/२०१३ }. 31 अक्टूबर 2013.आठ वर्ष पहले आज ही के दिन .".वो " चली गई थी देह त्याग .बिना किसी आडम्बर के .चुप चाप .नही होने दी खबर तब तक जब तक धुआं बन आकाश में समा नही गई .अह्ह्ह! आज भी उसी घर में रहती है . बहुत कुछ कहती थी . कुछ कहती हैं .ख़ामोशी की वह नदी आज भी बहती है . रसीदी टिकट -. ओ खुदा! आज मेरे माथे का तेवर मेरे माथे पर लिखा हुआ अलिफ़ है . ये लफ्ज़ मेरे होंठों की रौनक है. यही दर्द था , मैंने तडपकर लिखा :. सिर्फ पैसे कि का...अगर सिर्फ श...अगर ब...
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AMRITA IMROZ: अमृता ,...
http://amritaimroz.blogspot.com/2011/11/blog-post.html
AMRITA IMROZ A DEPTHLESS. OCEAN. अमृता ,. अमृता ,. ख़ामोशी की एक नदी, जो आज भी बहती है. राज़ है गहरे, आँखों ही आँखों में कहती है . इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. 3 टिप्पणियां:. 22 नवंबर 2011 को 6:56 am. सुंदर पंक्तिया . मेरे नये पोस्ट में स्वागत है. उत्तर दें. रश्मि प्रभा. 13 दिसंबर 2011 को 9:02 pm. उत्तर दें. 23 अप्रैल 2012 को 8:51 pm. बरसों पहले थम थम बहती. हमने इक सरिता देखि थी. गहरे सागर के अंतर से. वो उभरी थी. कल कल कल कल. इस ग...
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AMRITA IMROZ: November 2011
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AMRITA IMROZ A DEPTHLESS. OCEAN. अमृता ,. अमृता ,. ख़ामोशी की एक नदी, जो आज भी बहती है. राज़ है गहरे, आँखों ही आँखों में कहती है . 3 टिप्पणियां:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). ब्लॉग आर्काइव. अमृता ,. सदस्यता लें. सभी टिप्पणियां. सभी टिप्पणियां. इस गैज़ेट में एक गड़बड़ी थी. मेरे बारे में. हरिप्रिया . मेरी ब्लॉग सूची. अमृता .{३१/१०/२०१३ }. 3 वर्ष पहले.
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AMRITA IMROZ: अमृता ........{३१/१०/२०१३ }
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AMRITA IMROZ A DEPTHLESS. OCEAN. अमृता .{३१/१०/२०१३ }. 31 अक्टूबर 2013.आठ वर्ष पहले आज ही के दिन .".वो " चली गई थी देह त्याग .बिना किसी आडम्बर के .चुप चाप .नही होने दी खबर तब तक जब तक धुआं बन आकाश में समा नही गई .अह्ह्ह! आज भी उसी घर में रहती है . बहुत कुछ कहती थी . कुछ कहती हैं .ख़ामोशी की वह नदी आज भी बहती है . रसीदी टिकट -. ओ खुदा! आज मेरे माथे का तेवर मेरे माथे पर लिखा हुआ अलिफ़ है . ये लफ्ज़ मेरे होंठों की रौनक है. यही दर्द था , मैंने तडपकर लिखा :. सिर्फ पैसे कि का...अगर सिर्फ श...अगर ब...
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हरिप्रिया............: December 2011
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हरिप्रिया. Monday, December 26, 2011. राधा . राधा तो इक धारा है. जो आज भी बहती है. तेरे मेरे चितवन के ,. गहरे सागर में रहती है . At हरिप्रिया. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). मेरे बारे में मुझसे बेहतर वही जानता है. 'वो" है यहाँ मेरा दिल, बस यही मानता है . View my complete profile. स्पर्श . अमृता .{३१/१०/२०१३ }. हरिप्रिया. राधा .मीरा . राधा . हिंदी में लिखिए. Simple theme. Powered by Blogger.
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हरिप्रिया............: राधा ............
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हरिप्रिया. Monday, December 26, 2011. राधा . राधा तो इक धारा है. जो आज भी बहती है. तेरे मेरे चितवन के ,. गहरे सागर में रहती है . At हरिप्रिया. मनीष सिंह निराला. बहुत ख़ूबसूरत! पहली बार पढ़ रहा हूँ आपको! मेरे पोस्ट पे आपका हार्दिक स्वागत! December 28, 2011 at 3:12 AM. December 28, 2011 at 3:32 AM. धनपत स्वामी. वाह.मर्म लिये भाव. January 8, 2012 at 5:13 AM. भावमय रचना।. November 6, 2015 at 11:05 AM. भावमय रचना।. November 6, 2015 at 11:06 AM. Subscribe to: Post Comments (Atom). View my complete profile.