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जनगाथा: April 2015
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समकालीन लघुकथा के विचार एवं रचना-पक्ष की अव्यावसायिक ब्लॉग पत्रिका. Wednesday 22 April 2015. कथाकार पृथ्वीराज अरोड़ा से मुलाकात. बेटी तो बेटी होती है. कथा नहीं. जैसी कथ्य. सामाजिक सरोकारों से ओतप्रोत लघुकथाओं का संग्रह. तीन न तेरह. हर लघुकथा. प्रेमी के खजाने में होना चाहिए। उसके लेखक. अविराम साहित्यिकी. के लघुकथा विशेषांक. का संपादन करने के क्रम में उनसे. मेरी लघुकथा यात्रा. हम यानी अशोक भाटिया. मित्रों-परिचितों को पहचानते हैं. यह देखकर अपार दु:ख हुआ। भाभी जी...बुनियाद. समझदार पुत्र...क्या...
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कथायात्रा: April 2009
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कथायात्रा. बलराम अग्रवाल की कथा-रचनाएँ. मंगलवार, अप्रैल 28, 2009. बदलेराम/बलराम अग्रवाल. चड़-भरे गड्ढों. के जाल के कारण कार को और-आगे लेजाना सम्भव नहीं था। गाँव से करीब दो किलोमीटर पहले ही ड्राइवर को कार के साथ. छोड़कर मैं और बदलेराम अन्य कार्यकर्ताओं के साथ पैदल ही उस ओर चल दिए।. सुनो, इस गाँव की मुख्य-समस्या क्या है? सबसे आगे चल रहा बदलेराम सवाल सुनकर एकाएक रुक गया। मेरी ओर वापस घूमकर बोला,. बिना बिजली के कैसे चलेगा वह? यह भी।. वह दो-टूक बोला।. क्…क्…कौन बदलेराम? वही…जिस साले...तुम सब भी...छत पर बच&...
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कथायात्रा: February 2011
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कथायात्रा. बलराम अग्रवाल की कथा-रचनाएँ. सोमवार, फ़रवरी 28, 2011. खनक/बलराम अग्रवाल. चित्र:आदित्य अग्रवाल. बत्ती बुझाकर जैसे ही वह बिस्तर पर लेटता. उसे घुँघरुओं के खनकने की आवाज सुनाई देने लगती। महीनों से यह सिलसिला चल रहा था। शुरू-शुरू में तो उस आवाज को उसने मन का वहम ही माना. लेकिन बाद में. घुँघरुओं की आवाज हर रात लगातार सुनाई देने लगी. तो उसने अपना ध्यान उस पर केन्द्रित करना शुरू किया। नहीं. हिम्मत करके. उसने आखिर पूछ ही लिया. कौन है. यश-लक्ष्मी! यश-लक्ष्मी! यश चाहिए. सभी की छोड़ो. बलि दी...सदस्...
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कथायात्रा: June 2010
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कथायात्रा. बलराम अग्रवाल की कथा-रचनाएँ. बुधवार, जून 09, 2010. निवारण/बलराम अग्रवाल. राजनीतिक-. श का दौर था। संकट-निवारण के उद्देश्य से पिता ने हवन का आयोजन किया। उसमें अपने कुल-दे. ता की प्रतिमा को उसने हवन-स्थल पर स्थापित किया। और, प्रतिमा के एकदम बाईं ओर उसके बेटों ने ए. क विचित्र-सा मॉडल लाकर रख दिया।. यह क्या है? पिता ने पूछा।. बचपन में सं. गठन के महत्व को समझाने के लिए आपने एक बार लकड़ियों. के एक गट्ठर का प्रयोग किया था पिताजी।. बड़े पुत्र ने उसे बताया,. को अपना लिया।. अंत में मæ...कुछ ब...
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छंद प्रसंग: November 2014
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छंद प्रसंग. सम्बन्धित रचनाकार से अनुमति प्राप्त किए बिना 'छंद प्रसंग' में प्रकाशित किसी भी रचना या उसके किसी अंश का व्यावसायिक उपयोग कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा।. रविवार, नवंबर 16, 2014. संग्रहणीय नवगीत संग्रह. भारतेन्दु मिश्र. चिमनी धुआं तेज रफ्तारें/चारो ओर जहर. इन सबके ही बीच बना है /गीतो का ये घर।. दुरदिन मे अब हरखू कैसे /घर का पेट भरे।. कोर्ट कचेहरी जाते जाते/हांफे रामपियारी।. राजमार्ग के लिए गांव के /आधे खेत गए. वर्ष:2013/मूल्य:250/. प्रस्तुतकर्ता. नई पोस्ट. अपना दौर. संग्रहण...Watermark...
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छंद प्रसंग: March 2015
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छंद प्रसंग. सम्बन्धित रचनाकार से अनुमति प्राप्त किए बिना 'छंद प्रसंग' में प्रकाशित किसी भी रचना या उसके किसी अंश का व्यावसायिक उपयोग कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा।. रविवार, मार्च 08, 2015. समीक्षा. गर्मजोशी से भरे नवगीत. भारतेन्दु मिश्र. बाबू जी की/ एक तर्जनी/कितना बडा सहारा थी/उंगली सिर्फ/ नही थी उंगली/ घर का वही गुजारा थी।. बहू चाहिए अफलातून/करे नौकरी वह सरकारी/साथ साथ सब दुनियादारी/बच्च...राजा जी को/कौन बताए/राजा नंगा है/पì...क्षमा करो सरदार /कहां स...सपने टूटे/फ...बाबा...
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नाट्य प्रसंग: February 2014
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नाट्य प्रसंग. बिना पूर्व अनुमति इस ब्लाँग की किसी भी सामग्री या उसके अंश का व्यावसायिक उपयोग काँपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना जायेगा -संपादक. गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014. स्वानुभूति से सह-अनुभूति तक / अशोक गुजराती. खिड़की वाली सीट—समीक्षा-2. प्रस्तुतकर्ता. भारतेंदु मिश्र. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: समीक्षा- खिड़की वाली सीट. रविवार, 9 फ़रवरी 2014. खिड़की वाली सीट : समीक्षा-1. कथादेश के फरवरी-१४ अंक में प्रकाशित. प्रस्तुतकर्ता. भारतेंदु मिश्र. कोई टिप्पणी नहीं:. नई पोस्ट. अपना दौर.
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नाट्य प्रसंग
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नाट्य प्रसंग. बिना पूर्व अनुमति इस ब्लाँग की किसी भी सामग्री या उसके अंश का व्यावसायिक उपयोग काँपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना जायेगा -संपादक. शनिवार, 7 फ़रवरी 2015. तीन एकांकी. प्रस्तुतकर्ता. भारतेंदु मिश्र. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). मेरे बारे में. भारतेंदु मिश्र. Dislhad Garden, DELHI-110095. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. साथी ब्लॉग्स. अपना दौर. कथायात्रा. छंद प्रसंग. नि:शक्तबच्चे. लघुकथा-वार्ता.
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कथायात्रा: February 2009
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कथायात्रा. बलराम अग्रवाल की कथा-रचनाएँ. शुक्रवार, फ़रवरी 27, 2009. यही होना है आखिरकार/बलराम अग्रवाल. मेरी तलाश आखिर कामयाब साबित हुई। मुझे पूरा यकीन था कि महाप्रलय में सब-कुछ लील जाने के बावजूद ऊपरवाले ने मेरे लिए कम से कम एक औरत जरूर बचा रखी होगी।. औरत की आँखों में आँखें डालकर वह बोला।. वह बात को बीच में ही काटकर बोली. दरअसल इंसान नहीं. और क्या. ईश्वर कल्पना नहीं यथार्थ है…।. यहाँ से लेकर दू्…ऽ…र उस छोर तक देख।. लेकिन…! कोई लेकिन-वेकिन नहीं…. देखो, इस इकलौते ठिकान...अगर बच गए तो यकीन म&#...लेक...
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