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हिन्दी की बिंदी (*) http:/ hindikibindi.tk/. इस ब्लॉग पर हिन्दी की चुनी हुई कहानियाँ, उपन्यास और अन्य रचनायें ऑनलाइन पढने के लिए उपलब्ध है।. ग़ज़ल-कविता. प्रेरक प्रसंग. कॉपीराइट. 20 मार्च, 2010. बंतानी पार्क में बेंच पर बैठी थी।. भिखारी बंता: हाय डार्लिग! बंतानी (नाराजगी से): मुझे डार्लिग कहने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? भिखारी संता: तो फिर तुम मेरे इस ‘बिस्तर’ पर क्या कर रही हो? वेटर बंता ने संता को खाने का बिल दिया।. बंता: पर सर, यह तो राशन कार्ड है।. प्रस्तुतकर्ता Admin. चिट्ठी. मिसेज स&#...संत...
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