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SECOND OPINION: गलती वहीं हुई थी
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गुरुवार, दिसंबर 3. गलती वहीं हुई थी. तुम्हारे अंधेरे मेरी ताक में हैं. और मेरे हिस्से के उजाले. तुम्हारी गिरफ्त में. हाँ , ग़लती वहीं हुई थी. जब मैंने कहा था. तुम मुझको चाँद लाके दो. और मेरे चाँद पर मालिकाना तुम्हारा हो गया. Posted by sandhya navodita for. संध्या नवोदिता. गुरुवार, दिसंबर 03, 2009. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. Labels: कविता. संध्या नवोदिता. 14 टिप्पणियां:. दिसंबर 05, 2009. Is kavita ke lie aapko badhaaiiiiiiiiiii.
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SECOND OPINION: मैं हूँ मानवी
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मंगलवार, जनवरी 5. मैं हूँ मानवी. मैं हूँ. समर्पण है ,समझौते हैं ,. और तुम हो बहुत करीब. मैं हूँ. हँसी है ,खुशी है. और तुम हो नजदीक ही. मैं हूँ. दर्द है ,आंसू है ,. तुम कहीं नहीं. मैं हूँ मानवी. ओ सभ्य पुरुष! संध्या नवोदिता. Posted by sandhya navodita for. संध्या नवोदिता. मंगलवार, जनवरी 05, 2010. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. Labels: कविता. संध्या नवोदिता. 30 टिप्पणियां:. जनवरी 06, 2010. उत्तर दें. परमजीत बाली. जनवरी 06, 2010. मा...
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SECOND OPINION: May 2011
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बुधवार, मई 11. क्या हिंसा ही एकमात्र विकल्प है? अपनी सरकार. की ये कारस्तानी देख रहा है. ग्रेटर नोएडा के करीब बन रहे यमुना एक्सप्रेस वे से प्रभावित किसानों के आंदोलन से आखिर क्या सबक मिलता है? क्या अनशन, धरना, सुनवाई तभी होगी जब खुद अन्ना हजारे बैठेंगे. इन बुनियादी सवालों पर. इनकी बोलती क्यों बंद है? ये बातें रोज की हैं. न्याय खुद ही अन्याय से बड़ा नजर आने लगे. ऐसे में क्या कहा जाए? क्या सांत्वना दी जाए? असहमति की आवाज़ सुनने का साहस सत्ता में...क्या कोई सुनवाई का , ...Posted by sandhya navodita for.
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SECOND OPINION: December 2009
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शुक्रवार, दिसंबर 25. तुम्हारी तरह मैं प्यार करता हूँ. तुम्हारी तरह. मैं प्यार करता हूँ. प्यार को,. ज़िंदगी को,. चीजों की मीठी खुशबुओं को,. जनवरी माह के आसमानी नज़ारे को. प्यार करता हूँ. मेरा लहू उबलता है. मेरी आँखें हंसती हैं. कि मैं आंसुओं की कलियाँ जानता हूँ. मुझे भरोसा है कि दुनिया खूबसूरत है. और कविता रोटी की तरह. सबकी ज़रूरत है. कि मेरी शिराएँ मुझमें ही ख़त्म नहीं होतीं. बल्कि ये लहू एक है. जो लड़ रहे हैं ज़िंदगी के लिए,. प्यार के लिए,. और सबकी कविता के लिए. . सत्ताईस बरस. सच में. एक है -. जो स...
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SECOND OPINION
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मंगलवार, मई 3. अमेरिका की रक्षा करने वालों को सलाम. ओबामा कहते हैं . हमें तो यह कहना पड़ता है कि जो अमेरिका से दुनिया की रक्षा करे उसे सलाम! यह कहना कि आई. एस. आई. को ओसामा के छिपने की जगह पता थी और पाकिस्तान ने उसे अमेरिका से छिपाए रखा. सी.आई.ए. के सामने आई.एस.आई. और अमेरिका के सामने पाकिस्तान की क्या औकात है? अमेरिका ने ही तालिबान को खड़ा किया. दूसरी बात. दाउद मर गया तो बालीवुड की कालिख का पता कौन बताएगा? Posted by sandhya navodita for. संध्या नवोदिता. मंगलवार, मई 03, 2011. बेनामी. मई 03, 2011. डा&...
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SECOND OPINION: April 2011
http://navopinion.blogspot.com/2011_04_01_archive.html
शनिवार, अप्रैल 23. सरकार ये अन्याय है. जल, जंगल, ज़मीन जैसे बुनियादी संसाधनों की लूट के खिलाफ रची गयी कविता ). मुझे मुआयना करने को मिली सरकार. जिसका सुझाव था. लाल रंग की ज़मीन पर कब्ज़ा करो. लाल फसलों पर ज़हरीले पतंगे बैठा दो. लाल फूलों को ज़ब्त करो और. मिल-मालिकों के गोदाम में सड़ा दो. आला अफसर हुक्म की तामील में जुट गए. और लाल पत्तियों. लाल पौधों. लाल जड़ों. लाल दरख्तों. लाल पुंकेसर. लाल कलियाँ. लाल भंवरे, लाल मधुमक्खियों पर. मैंने कहा. सरकार ये अन्याय है. मैंने देखा. मैंने कहा. लाल धोबी, ल&...सरकार...
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SECOND OPINION: ये हर दिन चौबीस घंटा खबरिया चैनलों ने पका दिया है.
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शुक्रवार, अगस्त 7. ये हर दिन चौबीस घंटा खबरिया चैनलों ने पका दिया है. ये हर दिन चौबीस घंटा खबरिया चैनलों ने पका दिया है. हर रोज वही बात- - याकूब मेमन, टाइगर मेमन , फिर उनकी माताजी, फिर उनका फोन. फिर आसाराम, राधे, सुषमा, स्मृति. वही अपना अपना राग! और कितने महीने चलेगा? भाई लोगों, सुषमा-सोनिया से आगे बढिए! Posted by sandhya navodita for. संध्या नवोदिता. शुक्रवार, अगस्त 07, 2015. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. भगत सिंह. इति...
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SECOND OPINION: एकदम हाई वोल्टेज फिल्म है दृश्यम
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शुक्रवार, अगस्त 7. एकदम हाई वोल्टेज फिल्म है दृश्यम. एकदम हाई वोल्टेज फिल्म है दृश्यम. इतनी दमदार कहानी, उत्सुकता, अभिनय, रोचकता कि पूरी फिल्म भर आप यह भूल जायेंगे कि आप किस शहर में हैं और कहाँ बैठे हैं! फिल्म दर्शक की नब्ज़ ही नहीं पकड़ती, नसें तक तनाव में ला देती है. अजय देवगन और तबू का अभिनय ज़बरदस्त है. साथ में रजित कपूर हमेशा की तरह स्वाभाविक. Posted by sandhya navodita for. संध्या नवोदिता. शुक्रवार, अगस्त 07, 2015. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. नई पोस्ट. फेसबुक पर. बड़...
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SECOND OPINION: काकोरी के शहीदों के लिए प्रेम के आंसू ........
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शनिवार, दिसंबर 19. काकोरी के शहीदों के लिए प्रेम के आंसू . सींची है खून से धरती , कटा देंगे यहीं गर्दन. मगर होने नहीं देंगे मनुष्य का मनुष्य से शोषण. मरते बिस्मिल रौशन लहरी अशफाक अत्याचार से. होंगे पैदा सैकड़ों उनके रुधिर की धार से. क्या यहाँ शहीद रौशन सिंह का स्मारक बनना चाहिए? क्या इस अस्पताल का नाम शहीद रौशन सिंह अस्पताल नहीं होना चाहिए? इस सवाल का काँटा बहुत दर्द करता है. देखें यह लेख आज भी कितना मौजूं है. जहां आप खेले! कहाँ वे और कहाँ हम? हाय रे! शहीद वीरों! गुलामी से हमे...आपकी नस-नस स...