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ख़ुशबू: May 2006
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पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *. यह ब्लॉग खोजें. शुक्रवार, मई 26, 2006. नवाब मिर्ज़ा खाँ 'दाग़'. दिल में रहता है जो, आँखों से निहां रहता है. पूछते-फिरते हैं वो, ' दाग़ ' कहाँ रहता है. कौन सा चाहने वाला है तुम्हारा ममनून. सर तो रहता नहीं, एहसान कहाँ रहता है. वह कड़ी बात से लेते हैं जो चुटकी दिल में. पहरों उनके लबे-नाज़ुक पे निशां रहता है. ऐब को ऐब समझिए तो कहां रहता है. कि यहां मजमा-ए-आफ़तज़दगां रहता है. 3 टिप्पणियां:. Links to this post. ब्लॉग...नवा...
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ख़ुशबू: February 2006
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पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *. यह ब्लॉग खोजें. सोमवार, फ़रवरी 13, 2006. मता-ए-लौहो-क़लम छिन गई तो क्या ग़म है. कि ख़ूने-दिल में डुबो ली हैं उंगलियां मैने. ज़बां पे मुहर लगी है तो क्या, कि रख दी है. हर एक हल्क़-ए-ज़ंजीर में ज़बां मैने. कोई टिप्पणी नहीं:. Links to this post. Labels: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Promote Your Page Too. फ़लसफ़ा ए ख़ुशबू. अली सरदार जाफ़री. असग़र गोंडवी. क़तील शिफ़ाई. आप भी पढ़&#...
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Alternate Movies: December 2004
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A blog for information on good indian movies with focus on parallel cinema. Sunday, December 26, 2004. Recipents of Dadasaheb Phalke Award. 1969 - Devika Rani, actress. 1970 - B.N. Sircar. 1971 - Prithviraj Kapoor , actor. 1972 - Pankaj Mullick. 1974 - V.N. Reddi. 1975 - Dhiren Ganguly. 1976 - Kanan Devi , actress. 1977 - Nitin Bose. 1978 - R.C. Boral. 1979 - Sohrab Modi. 1981 - Naushad, composer. 1982 - L.V. Prasad. 1983 - Durga Khote , actress. 1984 - Satyajit Ray, director. 1986 - B. Nagi Reddi. Frida...
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ख़ुशबू: May 2007
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पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *. यह ब्लॉग खोजें. शुक्रवार, मई 25, 2007. मिर्ज़ा दाग़ ( जन्म : २५ मई, १८३१) के चुने हुए शेर. न बदले आदमी जन्नत से भी बैतुल-हज़न अपना. कि अपना घर है अपना, और है अपना वतन अपना. जो भले हैं,वो बुरों को भी भला कहते हैं. न बुरा सुनते हैं अच्छे, न बुरा कहते है. वो नक़दे-दिल को हमेंशा नज़र में रखते हैं. जो आंख वाले हैं,अच्छा-बुरा परखते हैं. ढ़ूंढ़ती है तुझे मेरी आंखें. ए वफ़ा कुछ तेरा पता भी है. Links to this post. Links to this post.
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ख़ुशबू: November 2005
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पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *. यह ब्लॉग खोजें. रविवार, नवंबर 27, 2005. शकील बदायुनी. मेरी ज़िन्दगी पे न मुस्कुरा मुझे ज़िन्दगी का अलम नहीं. जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता वो ख़िज़ां बहार से कम नहीं. मेरा कुफ़्र हासिले-ज़ुहद है, मेरा ज़ुहद हासिले-कुफ़्र है. मेरी बन्दगी वो है बन्दगी जो रहीने-दैरो-हरम नहीं. मुझे रास आयें खुदा करे यही इश्तिबाह की साअ़तें. 2 टिप्पणियां:. Links to this post. Labels: शकील बदायुनी. गुरुवार, नवंबर 17, 2005. अरबाब= मितî...8220;Poet...
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ख़ुशबू: July 2013
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पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *. यह ब्लॉग खोजें. रविवार, जुलाई 28, 2013. वही है जाने - जहाँ,इस जहाँ के पर्दे में. कि कर रहा है सितम आस्मां के पर्दे में. ज़फ़र' ज़माने की नैरंगियों ने क्या क्या रंग. दिखाये हमको, बहारों-ख़िज़ां के परदे में. Wahi hai jane jahan,is jahan ke parde mein. Ki kar raha hai sitam aasman ke parde mein. Zafar' zamane kii nairangiyon ne kya kya rang. Dikhaye hamko , baharon-khizan ke parde mein. Links to this post. कवित...
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ख़ुशबू: February 2009
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पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *. यह ब्लॉग खोजें. शनिवार, फ़रवरी 21, 2009. मोहम्मद अल्वी. आँखें मलते आती है. चाय की प्याली पकड़ाकर. अखबार में गुम हो जाती है. कहीं भी जाओ, कहीं भी रहो तुम. सारे शहर एक जैसे हैं. सड़कें सब साँपों जैसी हैं. सबके ज़हर एक जैसे हैं. 3 टिप्पणियां:. Links to this post. Labels: मोहम्मद अल्वी. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Promote Your Page Too. फ़लसफ़ा ए ख़ुशबू. क़तील शिफ़ाई. READ KHUSHBOO IN ROMAN.
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ख़ुशबू: February 2008
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पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *. यह ब्लॉग खोजें. शुक्रवार, फ़रवरी 15, 2008. 8217;साम्यवादी दृष्टिकोण. असाधारण कला का पता चलता है। वे प्रेम करते हैं, सौन्दर्य के जिज्ञासु. सिदीकुर्रहमान क़िदवाई. अनुवाद: जानकीप्रसाद शर्मा ). मेरा सफ़र : अली सरदार जाफ़री. 8217;हमचू सब्ज़ा बारहा रोईदा-ईम’*. फिर इक दिन ऐसा आयेगा. आँखों के दिये बुझ जाएँगे. हाथों के कवँल कुम्हलाएँगे. और बर्गे-ज़बाँ से नुक्तो सदा. की हर तितली उड़ जाएगी. सरसब्ज़ हथेली पर लेकर. जब फ़स्ले-...रहरौ...
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Alternate Movies: who's who directors
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A blog for information on good indian movies with focus on parallel cinema. Tuesday, March 22, 2005. Posted by jack @ 12:08 PM. Hey i sw the Who's who section about pics of a few actors, actresses and directors. I didn't actually understand the whole idea behind it. I was expectingsome kind of details on these people like what u think of them, their movies, their hostory or something like that. It will be better if some Interviews with these personalities are posted. Early 80's women characters.
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कविता सागर: जुलाई 2004
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कव त स गर. ह न द स ह त य क सम द र क अ तह न गहर इय स च न क छ मध र रचन ए. शन व र, ज ल ई 31, 2004. नय कव : आत म-स व क र. क स क उक त म गर म थ. क स क स व दन म आग क -स त प थ. म न द र हटत -हटत उस ध क क र द य. क ई ह नरमन द थ :. म न द ख और कह , 'य! थक भ रव ह प य -. म न स च और बढ़न पर अपन ल. म न द बल ल ग ड़ उस पर छव ल. क व य-तत त व क ख ज म कह नह गय ह? च हत ह आप म झ. एक-एक शब द पर सर हत ह ए पढ़. पर प रत म - अर , वह त. ज स आप क र च आप स वय गढ़. म न श द व र 12:28 am. ट प पण कर. ग र व र, ज ल ई 29, 2004. कह गरज , कह बरस.