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अष्टावक्रअष्टावक्र. Wednesday, March 20, 2013. संविधान बिछाओ - सेक्स करो. भारत के नेता. कुछ के जवाब देखिये -. हर विज्ञापन मे औरत के शरीर के बल पर माल बेचना अपराध नही है? उस विज्ञापन से सेक्स की तरफ़ आकर्षित होकर सेक्स करना अपराध है। या साथ मे मनमोहन का बच्चो के नाम संदेश भी प्रसारित करना चाहिये-. अब घूरना कानन को देखिये, कौन तय करेगा कि घूर रहा था कि नही? दवे जी - " घूरा नही है माई बाप, देखा है।". न्यायाधीश - " मतलब अपराध स्वीकार करते हो।". Posted by Arunesh c dave. Labels: घूरना. मध्यस्थता. हा राम. X905;र&...
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