ashaj45.blogspot.com ashaj45.blogspot.com

ashaj45.blogspot.com

स्व प्न रं जि ता

सोमवार, 3 अगस्त 2015. हवा ये किस तरह बहने लगी है ,. कितना काला धुआँ सहने लगी है।. घुली इस में भी सच्चाई कभी थी,. ज़ुल्म अब झूट के सहने लगी है।. गूँजते थे इसमें कह-कहे भी,. चीख सन्नाटे की कहने लगी है।. महकती थी कभी जो मोगरे सी,. बदबू इसमें से अब आने लगी है।. शोख कलियों का दामन थामती थी,. गर्म अंगार सी दहने लगी है।. रूमानी हुआ करता था मौसम,. बंदूके धांय धुम, चलने लगी हैं।. हवा का रुख ही है बदला हुआ सा,. लुभाती थी, डराने क्यूं लगी है।. चित्र गूगल से साभार।. Links to this post. Labels: कविता. कितनì...

http://ashaj45.blogspot.com/

WEBSITE DETAILS
SEO
PAGES
SIMILAR SITES

TRAFFIC RANK FOR ASHAJ45.BLOGSPOT.COM

TODAY'S RATING

>1,000,000

TRAFFIC RANK - AVERAGE PER MONTH

BEST MONTH

December

AVERAGE PER DAY Of THE WEEK

HIGHEST TRAFFIC ON

Saturday

TRAFFIC BY CITY

CUSTOMER REVIEWS

Average Rating: 4.0 out of 5 with 6 reviews
5 star
0
4 star
6
3 star
0
2 star
0
1 star
0

Hey there! Start your review of ashaj45.blogspot.com

AVERAGE USER RATING

Write a Review

WEBSITE PREVIEW

Desktop Preview Tablet Preview Mobile Preview

LOAD TIME

0.2 seconds

FAVICON PREVIEW

  • ashaj45.blogspot.com

    16x16

  • ashaj45.blogspot.com

    32x32

  • ashaj45.blogspot.com

    64x64

  • ashaj45.blogspot.com

    128x128

CONTACTS AT ASHAJ45.BLOGSPOT.COM

Login

TO VIEW CONTACTS

Remove Contacts

FOR PRIVACY ISSUES

CONTENT

SCORE

6.2

PAGE TITLE
स्व प्न रं जि ता | ashaj45.blogspot.com Reviews
<META>
DESCRIPTION
सोमवार, 3 अगस्त 2015. हवा ये किस तरह बहने लगी है ,. कितना काला धुआँ सहने लगी है।. घुली इस में भी सच्चाई कभी थी,. ज़ुल्म अब झूट के सहने लगी है।. गूँजते थे इसमें कह-कहे भी,. चीख सन्नाटे की कहने लगी है।. महकती थी कभी जो मोगरे सी,. बदबू इसमें से अब आने लगी है।. शोख कलियों का दामन थामती थी,. गर्म अंगार सी दहने लगी है।. रूमानी हुआ करता था मौसम,. बंदूके धांय धुम, चलने लगी हैं।. हवा का रुख ही है बदला हुआ सा,. लुभाती थी, डराने क्यूं लगी है।. चित्र गूगल से साभार।. Links to this post. Labels: कविता. कितन&#236...
<META>
KEYWORDS
1 posted by
2 asha joglekar
3 तक का
4 कविता
5 अब भी
6 तेरा
7 labels ईश्वर
8 रामनवमी
9 feedjit
10 roman eng
CONTENT
Page content here
KEYWORDS ON
PAGE
posted by,asha joglekar,तक का,कविता,अब भी,तेरा,labels ईश्वर,रामनवमी,feedjit,roman eng,gujarati,bangla,oriya,gurmukhi,telugu,tamil,kannada,malayalam,hindi,via chitthajagat in,veerbahuti,नीरज,मल्हार,october,loading,समर्थक
SERVER
GSE
CONTENT-TYPE
utf-8
GOOGLE PREVIEW

स्व प्न रं जि ता | ashaj45.blogspot.com Reviews

https://ashaj45.blogspot.com

सोमवार, 3 अगस्त 2015. हवा ये किस तरह बहने लगी है ,. कितना काला धुआँ सहने लगी है।. घुली इस में भी सच्चाई कभी थी,. ज़ुल्म अब झूट के सहने लगी है।. गूँजते थे इसमें कह-कहे भी,. चीख सन्नाटे की कहने लगी है।. महकती थी कभी जो मोगरे सी,. बदबू इसमें से अब आने लगी है।. शोख कलियों का दामन थामती थी,. गर्म अंगार सी दहने लगी है।. रूमानी हुआ करता था मौसम,. बंदूके धांय धुम, चलने लगी हैं।. हवा का रुख ही है बदला हुआ सा,. लुभाती थी, डराने क्यूं लगी है।. चित्र गूगल से साभार।. Links to this post. Labels: कविता. कितन&#236...

INTERNAL PAGES

ashaj45.blogspot.com ashaj45.blogspot.com
1

स्व प्न रं जि ता: December 2014

http://ashaj45.blogspot.com/2014_12_01_archive.html

बुधवार, 31 दिसंबर 2014. शुभ नववर्ष. खुल रही है एक नई किताब जिसका हर सफा है कोरा,. लिखना है हमें ही इसमें हर दिन का हिसाब हमारा।. कितनी की मक्कारियाँ कितने बोले झूठ. कितनों को लगाया चूना, किस पेड को बनाया ठूँठ।. कितनी फैलायी गंदगी नजरें सबकी बचाके,. कितने तोडे वादे, झूटे बहाने बनाके. कितना किया अपमान सज्जनों का. कितना निभाया साथ दुर्जनों का. क्या यही सब लिखना है इसमें,. और अंत में रोना पडेगा. या कि फिर हम चुनेंगे इक नई राह. जिस पर चल कर सुख मिलेगा।. और हमारे साथ सब आयें।. शुभ नव वर्ष।. Links to this post.

2

स्व प्न रं जि ता: July 2014

http://ashaj45.blogspot.com/2014_07_01_archive.html

शनिवार, 26 जुलाई 2014. धुंधली सी उम्मीद. राह खत्म है फिर भी चल रहा हूँ मै. कागज़ नही पर शब्द ही छलका रहा हूँ मै।. आँखों के आँसू सूख गये बडे दिन हुए,. दिल में कहीं नमी की, खोज में रहा हूँ मैं. कैसे कोई किसी से इतनी बेरुखी करे,. सवाल का जवाब नही पा रहा हूँ मै।. मैने तो अपनी ओर से कोशिश भी की बहुत,. उस बंद दर को कहाँ खुलवा सका हूँ मै।. एक धुंधली सी उम्मीद कि शायद खुलेगी राह,. इसी आस को दिल में बसाये जा रहा हूँ मै. चित्र गूगल से साभार।. Links to this post. Labels: कविता. नई पोस्ट. चर्चामंच.

3

स्व प्न रं जि ता: December 2013

http://ashaj45.blogspot.com/2013_12_01_archive.html

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013. दर्द इतना बढा. दर्द इतना बढा सम्हाला न गया,. लाख चाहा मगर छुपाया न गया।. जाम आंखों के जो छलकने को हुए,. बहते अश्कों को फिर रुकाया न गया।. जख्म इतने दिये जमाने ने,. हम से मरहम भी लगाया न गया।. कोशिशें लाख कीं मगर फिर भी,. उनको आना न था, आया न गया।. ऊपरी तौर पे सब ठीक ही लगता लेकिन,. हाल अंदर का कुछ बताया न गया।. हम चल देंगे यकायक कि खाट तोडेंगे,. किसने जाना, किसी से जाना न गया।. जिंदगी का आज ये पल सच्चा है. इससे आगे. को कुछ विचारा न गया।. Links to this post. नई पोस्ट.

4

स्व प्न रं जि ता: January 2014

http://ashaj45.blogspot.com/2014_01_01_archive.html

शुक्रवार, 24 जनवरी 2014. कुछ और क्षणिकाएँ. एक पत्थर उछाल तो दिया है कस कर. कि करे सूराख उनके ऊँचे महलो में. और झरें उसमें से हमारे प्राप्य,. पर अगर नही कुछ हुआ तो समझ लेना. कि गिध्दों नें दबोच लिया है उसे,. ताकि वे फोड सकें, हमारे जतन से. सेये हुए अंडे, अपनी हवस के लिये।. बहुत चाहते हैं कि तुम्हें मिले सफलता. पहली ही बार में, व्यवस्थापन के नियम की तरह. अगर कर सको, हमेशा सही, हर बार, पहली ही बार. पर मत होना निराश अगर ऐसा न हो,. स्वार्थों की होड लेकर,. सब से आगे दौड कर. Links to this post. तब ही त&#2...

5

स्व प्न रं जि ता: September 2014

http://ashaj45.blogspot.com/2014_09_01_archive.html

मंगलवार, 23 सितंबर 2014. चलते चलो रे ४ -लासवेगास-. शाम हो चली ती और हमें आगे जा कर रुकना था, ताकि हम लासवेगास के थोडे और पास पहुंच जायें।. वापिस हम इसी होटल आयेंगे और परसों सुबह हमारी वापसी का सफर शुरु होगा।. Links to this post. Labels: बेलाजियो. महावी मरुथल. लास वेगास. विंड मिल्स. सीझर्स पेलेस. होटल फ्लेमिंगो. शुक्रवार, 12 सितंबर 2014. चलते चलो रे-3 योसेमिटी नेशनल पार्क. तो प्रसिध्द ही है।. यहां का सबसे ऊंचा शिखर है। ये तो हुई प&#23...डगलस फर के जंगलों के लिये. सुंदर प्रपात, और ग...आक्रामक&#...एक और प&#...

UPGRADE TO PREMIUM TO VIEW 14 MORE

TOTAL PAGES IN THIS WEBSITE

19

LINKS TO THIS WEBSITE

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: March 2012

http://asha-joglekar.blogspot.com/2012_03_01_archive.html

Thursday, March 1, 2012. जीवनाचे सार. विसरते बघ मी तुला, तूही मला विसरून जा ,. प्रीतिच्या त्या आठवांना बासनी बांधून जा ।. काय केले, काय झाले, चूक माझी की तुझी,. राहू दे ना प्रश्न सारे, उत्तरें विसरून जा ।. भावनांची जळमटें तीं टाक आता झाडुनि. अन् नव्याने जीवनाला तू पुन्हा सामोर जा ।. विसरून जा तू ते तराणे गायलेले मिळुनिया. घे नवे स्वर, अन् नव्या दिवसांत तू हरवून जा ।. सौख्य कांही जीवनी आले तुझ्या हे ऐकुनी. आशा जोगळेकर. Labels: कविता. जीवनाचे सार. Subscribe to: Posts (Atom). आशा जोगळेकर.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: April 2012

http://asha-joglekar.blogspot.com/2012_04_01_archive.html

Tuesday, April 17, 2012. क्षितिजाच्या पलीकडे. तुझी दुःखाची तलम चादर. त्यांत विणलेली शब्दांची कोमल फुलें. हात लावायला धजावत नाही मन. पण एक अपूर्व आकर्षण मात्र वाटतं. संध्याकाळची गूढ वेळ अन् तिचं तुझं नातं. नितांत वैयक्तिक पण तरीही. केंव्हा तरी प्रत्येकाच्या वाट्याला येणारं. ती तलम चादर पांघरूनच वावरलास सदैव. अचानक् एका दुपारी मात्र फेकून दिलीस ती चादर. अन निघून गेलास क्षितिजाच्या पलीकडे ।. आशा जोगळेकर. Labels: कविता. क्षितिजाच्या पलीकडे. Subscribe to: Posts (Atom). आशा जोगळेकर. Anderson, SC, United States.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: March 2013

http://asha-joglekar.blogspot.com/2013_03_01_archive.html

Wednesday, March 27, 2013. उधळित रग गुलाल कन्हैया खेळे होळी. गोकुळ हे झाले दंग, भरली मस्ती ची झोळी ।. राधिका वाचवित अंग गोपिंच्या आड होतसे. सावरी त्वरेने पदर, झाकते ओली चोळी ।. पिचकारी उडवित येति गोप अन कृष्ण मुरारी. धावती गोपीं च्या पाठी मोडती नीटस ओळी ।. हा रास रंग पाहुनि लोक हे भान विसरले. जय जय हो राधा-कृष्ण, बोलती एकच बोली ।. कृष्ण रंगी भिजती आज पहा सारे ब्रिजवासी. जाहले कृष्णमय जगत, भक्ती ची पिकली पोळी ।. आशा जोगळेकर. Labels: होळी. Subscribe to: Posts (Atom). आशा जोगळेकर. Anderson, SC, United States.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: July 2010

http://asha-joglekar.blogspot.com/2010_07_01_archive.html

Thursday, July 15, 2010. अंत वेळी. कसं आहे रूप तुझं, कसा आहे रंग. कसा आहे भाव तुझा, कसा तुझा ढंग ।. कसा आहे सूर तुझा, कसा तुझा ताल,. कसा नाचवितो आम्हा,कशी तुझी चाल ।. कसं आहे मन तुझं, कसे हाव भाव. कुठे आहे घर तुझं, काय तुझा गाव ।. कसं आहे हसू तुझं कसे आंसू तुझे. साग ना जातात कसे रात दिन तुझे ।. होतो का रे कधी तरी आमचा आठव. उघडतोस का आठवणींचा साठव ।. भजतोय आम्ही तुला आळवितो अती. पण तुझ्या कानीं त्यातलं जातंय किती ।. आशा जोगळेकर. Subscribe to: Posts (Atom). आशा जोगळेकर. Anderson, SC, United States.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: September 2010

http://asha-joglekar.blogspot.com/2010_09_01_archive.html

Saturday, September 11, 2010. गणपति बाप्पा मोरया. लागला रे होता केंव्हांचाच ध्यास. आज माझी आस पुरविली ।. किती दिवसांनी आला देवा घरी. आनंद संसारी दाटियेला ।. यावे यावे देवा, स्वागत तुमचे. दाराशी तोरण नारळाचे ।. पाया वर घालू दूध आणि पाणी. प्रवासाचा शीण घालवाया ।. आसन देऊन स्थापना करूया. मखर सुंदर सजविले ।. सुगंधी जलाने स्नान करवू या. नवी आभरणें तुज लागी ।. चंदनाची उटी कस्तुरी तिलक. मस्तकी शोभती जवा फुले ।. दुर्वांची जुडी देईल थंडावा. मोदक प्रसादा ठेवियले ।. आशा जोगळेकर. Saturday, September 4, 2010. त&#2369...

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: August 2010

http://asha-joglekar.blogspot.com/2010_08_01_archive.html

Thursday, August 19, 2010. प्राप्य. माझे मला मिळाले जे काहीं प्राप्य होते. मग आज ही कशाला ईर्षा फुकाच होते ।. जो तोच गुंतलेला व्यापात आज अपुल्या. त्यांना उगाच माझे ओझे कशास होते ।. हे भोग शरीरि माझ्या, सरतील ही उद्याला. जखमा मनांत ओल्या कुणि कां उगाच देते ।. माझेच कर्म सारे माझ्या समोर आले. मग आज मी अकारण अशी कां उदास होते ।. देशात गांजलेली जनता उपाशी असता. चापून मेजवानी, निजती खुशाल नेते ।. आतंक आज व्यापी देशास सर्व दूर. आशा जोगळेकर. Labels: मराठी गझल. Tuesday, August 3, 2010. Labels: कविता.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: September 2012

http://asha-joglekar.blogspot.com/2012_09_01_archive.html

Saturday, September 8, 2012. प्रश्न आणि उत्तरं. किती आणि कसं, कुठे आणि केंव्हा. कधी आणि कुणी काय करावं. कसे कसे पडतात प्रश्न मनाला. कुणी द्यावी त्याची उत्तरं. कुणालाच तर माहीत नसतांत. मग सगळं आपलं अनुमान. खरं खरं रोक ठोक काहींच नाही. काय करावं, शोधावी उत्तरं कि. चालू द्यावं सर्व जसं चाललंय. मिटून कवाडं बाहेरची. डोकावलं आंत, तर. मिळतील ती उत्तरं. आशा जोगळेकर. Labels: कविता. प्रश्न आणि उत्तरं. Subscribe to: Posts (Atom). आशा जोगळेकर. Anderson, SC, United States. View my complete profile.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: October 2010

http://asha-joglekar.blogspot.com/2010_10_01_archive.html

Monday, October 4, 2010. मन सुसाट पळते. मला नको तिथे नेते. नको नको मी म्हणता. नको तेच दाखवते ।. मन माजवते मनीं. किती काहूर काहूर. नाही नही ते विचार. करून हुर हूर ।. मन किती हे चपळ. जसे हरिण हरिण. क्षणि इथे क्षणि तिथे. ह्याचे कठिण कठिण ।. मन नाठाळ नदी से. वाहावते दूर दूर. बांध तोडून आणते. सर्वत्र महापूर ।. मन वा-या संगे नाचे. मन भिजे पावसांत. मन कधि हो ढगाळ. कधी तापते उन्हांत ।. ह्या मनाचे नाही खरे. ह्याचा लागेच ना ठाव. कधी वाटे जवळचे. कधी राखे दुजा भाव ।. आशा जोगळेकर. Labels: कविता.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: April 2010

http://asha-joglekar.blogspot.com/2010_04_01_archive.html

Tuesday, April 6, 2010. किती तरी. किति तरी चालून आलोय. पण किती अजून चालायचंय? कुणा साठी काय काय. किती तरी करायचंय ।. आयुष्य तर जगून झालंय. पण मनातलं सांगायचंय. आयुष्यावर किती तरी. कुणाशी तरी बोलायचंय ।. संपत आलीय वाट वाटतंय. तरी ही अजून चालायचंय. सोबतीचे सारे सोडून. एकटयानेच पुढे व्हायचंय ।. तरीही प्रत्येक दिवशी. उत्साहानं उठायचंय. आजचा दिवस शेवटचा. असंच समजून जगायचंय ।. आशा जोगळेकर. Labels: कविता. Subscribe to: Posts (Atom). आशा जोगळेकर. Anderson, SC, United States. View my complete profile.

asha-joglekar.blogspot.com asha-joglekar.blogspot.com

झु ळु क: November 2011

http://asha-joglekar.blogspot.com/2011_11_01_archive.html

Sunday, November 6, 2011. प्रेमाला रंग असावा. प्रेमाला रंग असावा,. प्रेमाला गंध असावा,. प्रेम मन मोरच व्हावा,. थुई थुई नाचत जावा ।. अंगणी जुई फुलावी,. पारिजात वृष्टी व्हावी,. वा-याच्या झुळुके सरसा. टप,टप,टप पाउस यावा ।. गुलाबी अन सोनेरी,. चांदण्या सम चंदेरी,. हरळीच्या हिरवाईसा. चहूकडे पसरत जावा ।. सोनेरी सकाळ व्हावी,. रुपेरी रात्र असावी,. केशरी सायंकाळी. अचानक प्रियकर यावा ।. पक्षांची किलबिल गाणी,. भ्रमरांची मधु गुणगुणणी. प्रेमाचा मृदु कलरव तो. आशा जोगळेकर. Labels: कविता. Subscribe to: Posts (Atom).

UPGRADE TO PREMIUM TO VIEW 66 MORE

TOTAL LINKS TO THIS WEBSITE

76

OTHER SITES

ashaiwang.com ashaiwang.com

西安筛网|西安钢丝网|西安铁丝网|西安防护网|西安钢板网|西安铜网-西安市衡安筛网经销部

160;   我们经销的产品主要有各种规格材质 西安不锈钢网. 电焊网、冲孔筛板网、钢丝网、护栏网、龟甲网、铁铬铝网、轧花网、六角网、拧花网、镀锌网、 养猪网、建筑网、地热网、造纸网 、 西安铁丝网. 窗纱、尼龙网、塑料网、蚕丝网、锦纶网、乙稀网、震动筛、工业滤布、菱形网、输送带网、刺绳、五金机电等产品被广 泛应用于石油、化工建筑、医药、航空、航天、公路 、铁路、机械 、电子、工矿、纺织、煤炭、养殖等许多领域。 160;     关于我们. 160;     不锈钢网. 160;     铁丝网. 160;     板网系列. 160;     防护网. 160;     行业新闻. 160;     技术支持. 160;     客户留言. 160;    联系我们. 160;     网站地图. 160;     RSS. 160;    . 电话 029-87449224   传真 029-87449224   手机 13609157250 13359240362.

ashaiwang.zh.cm ashaiwang.zh.cm

西安铜网|西安铜丝网|西安黄铜网|西安紫铜网|西安屏蔽网—西安专业铜网经销商

西安铜网 西安铜丝网 西安黄铜网 西安紫铜网 西安屏蔽网 西安专业铜网经销商. 西安铜网 西安铜丝网 西安黄铜网 西安紫铜网 西安磷铜网 西安屏蔽网. 电话 029-87449224 手机 13359240362 13609157250 地址 西安市东新街89号 小东门里100米路北. 版权所有 西安市衡安筛网经销部 网站维护 SEO学徒.

ashaiya.com ashaiya.com

ashaiya.com

This Domain is for sale! I would like to.

ashaiya.skyrock.com ashaiya.skyrock.com

Ashaiya's blog - .°Ashaiya »~> `[°.°] ¡ ! - Skyrock.com

Ashaiya `[ . ]! Love and Peace and Lucky. 24/06/2012 at 1:53 PM. 05/07/2012 at 1:16 PM. Subscribe to my blog! Colby O'Donis sings Don't Turn Back. Add this video to my blog. L'arme secrète du Label Konvict Music. Don't forget that insults, racism, etc. are forbidden by Skyrock's 'General Terms of Use' and that you can be identified by your IP address (66.160.134.3) if someone makes a complaint. Please enter the sequence of characters in the field below. Posted on Saturday, 30 June 2012 at 7:09 AM.

ashaj3ah.com ashaj3ah.com

ashaj3ah.com Is For Sale

The domain ashaj3ah.com. Is for sale. To purchase, call BuyDomains.com at 339-222-5115 or 866-846-5160. Click here for more details.

ashaj45.blogspot.com ashaj45.blogspot.com

स्व प्न रं जि ता

सोमवार, 3 अगस्त 2015. हवा ये किस तरह बहने लगी है ,. कितना काला धुआँ सहने लगी है।. घुली इस में भी सच्चाई कभी थी,. ज़ुल्म अब झूट के सहने लगी है।. गूँजते थे इसमें कह-कहे भी,. चीख सन्नाटे की कहने लगी है।. महकती थी कभी जो मोगरे सी,. बदबू इसमें से अब आने लगी है।. शोख कलियों का दामन थामती थी,. गर्म अंगार सी दहने लगी है।. रूमानी हुआ करता था मौसम,. बंदूके धांय धुम, चलने लगी हैं।. हवा का रुख ही है बदला हुआ सा,. लुभाती थी, डराने क्यूं लगी है।. चित्र गूगल से साभार।. Links to this post. Labels: कविता. कितन&#236...

ashajaen.wordpress.com ashajaen.wordpress.com

ASHA | "Sé tú el cambio que quieres ver en el mundo" M. Gandhi

Sé tú el cambio que quieres ver en el mundo M. Gandhi. No nos olvidemos de Nepal. El pasado mes de abril ocurrió el terremoto más grave sufrido en Nepal desde 1934. En los últimos eventos celebrados por ASHA hemos recogido fondos para ayudar a nuestros amigos de Nepal. Ashok nos relataba así el trabajo que ha podido realizar junto con la ayuda de los vecinos en su distrito, con los fondos donados por las personas que han colaborado con ASHA:. Además, gracias al trabajo incansable de Ashok y sus viajes fr...

ashajamila.com ashajamila.com

Asha Voice

To view the non-framed versi on.