
ashokkhachar56.blogspot.com
Ashok khacharग़ज़ल मेरी इबादत …
http://ashokkhachar56.blogspot.com/
ग़ज़ल मेरी इबादत …
http://ashokkhachar56.blogspot.com/
TODAY'S RATING
>1,000,000
Date Range
HIGHEST TRAFFIC ON
Saturday
LOAD TIME
0.7 seconds
16x16
32x32
64x64
128x128
PAGES IN
THIS WEBSITE
19
SSL
EXTERNAL LINKS
20
SITE IP
172.217.6.225
LOAD TIME
0.742 sec
SCORE
6.2
Ashok khachar | ashokkhachar56.blogspot.com Reviews
https://ashokkhachar56.blogspot.com
ग़ज़ल मेरी इबादत …
Ashok khachar: 07/26/13
http://ashokkhachar56.blogspot.com/2013_07_26_archive.html
ग़ज़ल मेरी इबादत …. Friday, 26 July 2013. मंज़ूर हाशमी की गज़ले. मंज़ूर हाशमी. मंज़ूर हाशमी. नई ज़मीं न कोई आसमान माँगते है. बस एक गोशा-ए-अमन-ओ-अमान माँगते है. कुछ अब के धूप का ऐसा मिज़ाज बिगड़ा है. दरख्त भी तो यहाँ साए-बान माँगते है. हमें भी आप से इक बात अर्ज़ करना है. पर अपनी जान की पहले अमान माँगते है. कुबूल कैसे करूँ उनका फैसला कि ये लोग. मिरे खिलाफ़ ही मेरा बयान माँगते है. हदफ़ भी मुझ को बनाना है और मेरे हरीफ़. न सुनती है न कहना चाहती है. नदी हर सम्त बहना चाहती है. लिखूँ वो न...उम्मीद...Labels: म...
Ashok khachar: 07/06/13
http://ashokkhachar56.blogspot.com/2013_07_06_archive.html
ग़ज़ल मेरी इबादत …. Saturday, 6 July 2013. हुमैरा राहत की ग़ज़लें. हुमैरा राहत. फ़साना अब कोई अंजाम पाना चाहता है. तअल्लुक टूटने को इक बहाना चाहता है. जहाँ इक शख्स भी मिलता नहीं है चाहने से. वहाँ ये दिल हथेली पर ज़माना चाहता है. मुझे समजा रही है आँख की तहरीर उस की. वो आधे रास्ते से लौट जाना चाहता है. ये लाज़िम है कि आँखे दान कर दे इश्क को वो. जो अपने ख़्वाब की ताबीर पाना चाहता है. बहुत उकता गया है बे-सुकूनी से वो अपनी. समंदर झील के नजदीक आना चाहता है. वक़्त ऐसा कोई तुझ पर आए. गुज़र जाय&...मिरा...
Ashok khachar: 08/01/13
http://ashokkhachar56.blogspot.com/2013_08_01_archive.html
ग़ज़ल मेरी इबादत …. Thursday, 1 August 2013. मेगी आसनानी की गज़लें और नज्में. गज़लें और नज्में. सारे जग से रूठ जाना चाहती हूँ. हा, मगर तुमको मनाना चाहती हूँ. प्यार की छत हो,दिवारे ऐतबार की. बस मैं ऐसा आशियाना चाहती हूँ. इक खुशी गर तुं जो मुझको दें सके तो. सारे गम को भूल जाना चाहती हूँ. बस तेरा ही प्यार मांगू ज़िन्दगी में. मैं कहा कोई ख़जाना चाहती हूँ. हा, वतन को छोड़ा बरसो हो चूके है. अब मैं लेकिन लौट आना चाहती हूँ. कुछ इस तरह मजबूर हो ये बात है गलत. रात तो रात है. बस मुलाकात है. तुम यूँ...जो ...
Ashok khachar: किताबें बोलती हैं - 6
http://ashokkhachar56.blogspot.com/2013/08/MERAMITTIHAISARMAYADINESHMANZAR.html
ग़ज़ल मेरी इबादत …. Saturday, 17 August 2013. किताबें बोलती हैं - 6. मेरा मिट्टी है सरमाया - दिनेश मंज़र. दिनेश मंज़र की गज़लें. शोर में क्या कहा, सुना जाए. आज ख़ामोश ही रहा जाए. मेरे हिस्से की ख़ुशनुमा नींदें. कौन हँस-हँस के छिनता जाए. भीड़ के आसपास हैं पत्थर. अपना चेहरा बचा लिया जाए. सपनों को पंख लग जाएँ. आज की रात बस उड़ा जाए. 4 बजे तक मुझे याद है की मुझे नींद नहीं आई थी! 7 अगस्त को डाक से दो किताब मिली! शायर है. दिनेश मंज़र -. मेरा मिट्टी है सरमाया. फोन भी शायर. सारे नगर को. आज के दौर म&#...दिन...
Ashok khachar: 05/26/13
http://ashokkhachar56.blogspot.com/2013_05_26_archive.html
ग़ज़ल मेरी इबादत …. Sunday, 26 May 2013. अहमद फ़राज़. अहमद फ़राज़ की ग़ज़लें. अगर तुम्हारी ही आन का हैं सवाल. चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए. अहमद फराज़. शोला था जल-बुझा हूँ हवायें मुझे न दो. मैं कब का जा चूका हूँ सदायें. मुझे न दो. जो ज़हर पी चूका हूँ तुम्हीं ने मुझे दिया. अब तुम तो ज़िन्दगी की दुआयें मुझे न दो. ऐसा कभी न हो के पलटकर न आ सकूं. हर बार दूर जा के सदायें मुझे न दो. कब मुझ को एतराफ़-ए-मुहब्बत न था फराज़. अपने हिस्से की शमअ जलाते जाते. उनकी आँखों को यू...नये तीर है...इस सí...
TOTAL PAGES IN THIS WEBSITE
19
उम्मीद तो हरी है .........: 06/30/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_06_30_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. मंगलवार, जून 30, 2015. स्त्रियां जानती हैं. स्त्री को. बचा पाने की. जुगत में जुटे. पुरुषों की बहस. स्त्री की देह से प्रारंभ होकर. स्त्री की देह में ही. हो जाती है समाप्त - -. स्त्रियां. पुरषों को बचा पाने की जुगत में भी. रखती हैं घर को व्यवस्थित. सजती संवरती भी हैं - -. स्त्रियां जानती हैं. पुरुषों के ह्रदय. स्त्रियों की धड़कनों से. धड़कते हैं - -. पुरुषों की आँखें. नहीं देख पाती. स्त्रियों की आँखें. देखती हैं. ज्योति खरे". द्वारा. नई पोस्ट. सुबह ...
उम्मीद तो हरी है .........: 06/18/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_06_18_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. गुरुवार, जून 18, 2015. होना तो कुछ चाहिए. कविता संग्रह का विमोचन. वरिष्ठ कवि ज्योति खरे के पहले कविता संग्रह "होना तो कुछ चाहिए" का विमोचन समारोह. 24 मई को हिंदी भवन,दिल्ली में आयोजित किया गया.समारोह की अध्यक्षता. भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक और सुप्रसिद्ध कवि श्री लीलाधर मंडलोई जी ने की,. साहित्यकार और कला समीक्षक डॉ राजीव श्रीवास्तव ने अपने उद्बो...संग्रह की सभी कवितायें नये दौर की ब...सातवें और आठवें दशक की, स&#...नवनीत जैसी पत&#...कार्...
उम्मीद तो हरी है .........: 02/26/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_02_26_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. गुरुवार, फ़रवरी 26, 2015. आज भी रिस रहा है - - -. तराशा होगा. पहाड़ को. दर्दनाक चीख. आसमान तक तो. पहुंची होगी- -. आसमान तो आसमान है. वह तो केवल. अपनी सुनाता है. दूसरों की कहां सुनता है- -. कांपती सिसकती. पहाड़ की सासें. ना जाने कितने बरस. अपने बचे रहने के लिए. गिड़गिड़ाती रहीं- -. पहाड़ की कराह. को अनसुना कर. उसे नया शिल्प देने. इतिहास रचने. करते रहे. प्रहार पर प्रहार- -. अब जब कभी. कोई इनके करीब आता है. छू कर महसूसता है. इनका दर्द. द्वारा. गम अगरबत्...
उम्मीद तो हरी है .........: 08/20/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_08_20_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. गुरुवार, अगस्त 20, 2015. विश्व फोटोग्राफी दिवस पर - -. वर्षों से. प्यार के लिए. उपासे हैं. नर्मदा के घाट पर. प्यासे हैं - - -. अपनी आंखों में उतार लाया हूँ नर्मदा को - 19.8.2015. ग्वारीघाट - - जबलपुर. द्वारा. गुरुवार, अगस्त 20, 2015. प्रतिक्रिया. इस सन्देश हेतु लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कुल पेज दृश्य. ब्लॉग आर्काइव. सुबह होत&...अपने...
उम्मीद तो हरी है .........: 05/01/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_05_01_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. शुक्रवार, मई 01, 2015. कामरेड आगे बढ़ो - - - -. तुम्हारी भीतरी चिंता. तुम्हारे चेहरे पर उभर आयी है. तुम्हारी लाल आँखों से. साफ़ झलकता है. कि,तुम. उदासीन लोगों को. जगाने में जुटे हो - -. कामरेड आगे बढ़ो. हम तुम्हारे साथ हैं. मसीह सूली पर चढ़ा दिये गये. गौतम ने घर त्याग दिया. महावीर अहिंसा की खोज में भटकते रहे. गांधी को गोली मार दी गयी. संवेदना की जमीन पर. कोई नया वृक्ष नहीं पनपा. क्योंकि. संवेदना की जमीन पर. नयी संस्कृति. नये अंकुर. जो लोग. के दí...
उम्मीद तो हरी है .........: 10/13/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_10_13_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. मंगलवार, अक्तूबर 13, 2015. मिट्टी से सनी उंगलियां - - - -. पूरब से ऊगता. तमतमाता आग उगलता सूरज. नंगे पाँव चलता है. मटके का पानी पी पी कर. थके मुसाफिर की तरह- -. आसमान में टंके सलमे सितारों वाली. नीली चुनरी ओढ़कर रात. केंचुली से लिपटे सांप की तरह. सरकती है- -. ईंट के चूल्हे में सिंक रही रोटियों की कराह. भूख को समझाती हैं. गोद में लेटकर दूध पीता बच्चा. फटे आँचल के छेद से झांककर देख रहा है. चंदे के रुपयों से. ज्योति खरे". द्वारा. नई पोस्ट. फेसबì...
उम्मीद तो हरी है .........: 10/08/14
http://jyoti-khare.blogspot.com/2014_10_08_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. बुधवार, अक्तूबर 08, 2014. शरद का चाँद - - - -. ख़ामोशी तोड़ो. सजधज के बाहर निकलो. उसी नुक्कड़ पर मिलो. जहाँ कभी बोऐ थे हमने. शरद पूर्णिमा के दिन. आँखों से रिश्ते - - -. और हाँ! बांधकर जरूर लाना. अपने दुपट्टे में. वही पुराने दिन. दोपहर की महुआ वाली छांव. रातों के कुंवारे रतजगे. आंखों में तैरते सपने. जिन्हें पकड़ने. डूबते उतराते थे अपन दोनों - - -. मैं भी बाँध लाऊंगा. एक दूसरे को दिये हुए वचन. वह पन्ना. जिसमें. पहली बार लगायी. द्वारा. नई पोस्ट. गम अगरबत...
उम्मीद तो हरी है .........: 09/12/16
http://jyoti-khare.blogspot.com/2016_09_12_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. सोमवार, सितंबर 12, 2016. बिटिया, जीत तो तुम्हारी ही होती है - -. सुबह होते ही. फेरती हो स्नेहमयी उंगलियाँ. उनींदी घास हो जाती है तरोताजा. गुनगुनाने की आवाज सुनते ही. निकलकर घोंसलों से. टहनियों पर पंख फटकारती. बैठ जाती हैं चिरैयां. बतियाने. मन ही मन मुस्कराती हैं. जूही,चमेली,रातरानी. नाचने लगती हैं. कांच के भीतर रखी. बेजान गुड़ियां भी. जलने को मचलने लगता है चूल्हा. जिसे तुम बचपन में. पायलों की आहट सुनकर. वह जानता है. द्वारा. नई पोस्ट. दौर पतझर क&#...
उम्मीद तो हरी है .........: 01/03/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_01_03_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. शनिवार, जनवरी 03, 2015. इस बरस और कई कई बरस - -. कई वर्षों से इकठ्ठे. टुकनियां भर निवेदनों को. एक ही झटके में झटककर. मन के हवालात में. अपराधियों की कतार में. खड़ा कर दिया. मैंने तो कभी नहीं किया निवेदन. ना ही दिए कोई संकेत. ना ही देखा समूची पलकों को खोलकर. कनखियों से देखना. अपराध है क्या? तुम भी तो खरोंच देती हो. कनखियों से देखते समय. मेरी मन की देह को. और भींग जाती हो. ऊग जाती हैं. पोंछकर बूंदों को. स्वीकार कर लो. आ जाये मिठास. इस बरस और कई कई बरस - -.
TOTAL LINKS TO THIS WEBSITE
20
Welcome to ASHOK KATYAL's Website
This is Ashok Katyal's. I am a Computer Engineer from India. I completed my B.Tech in Computer Science from M.I.T, Aurangabad, MS, India. Have a look at my College. VIEW MY PHOTO GALLERY. Presently residing at NOIDA, Uttar Pradesh. This website is updated very frequently. Keep coming back. For your valued suggestion, kindly Click Here. My Family's presence on Web. My Gurudeva : Swami Vidyananda Giriji Maharaj. One of his ashrams is at Mandir Marg, Delhi, India). My Brother-in-Law : Dr. Narendra Tuli.
www.ashokkaushik.com
Pt. Ashok Kumar Chourasiya - Shehnai Player
Designed and Developed by Createx.
Ashok khachar
ग़ज़ल मेरी इबादत …. Sunday, 1 May 2016. सिराज फ़ैसल खान की ग़ज़लें और नज़्में. सिराज फ़ैसल खान . माना मुझको दार पे लाया जा सकता है . लेकिन मुर्दा शहर जगाया जा सकता है . लिक्खा हैं तारीख़ सफ़हे सफ़हे पर ये . शाहों को भी दास बनाया जा सकता है . चाँद जो रूठा राते काली हो सकती है . सूरज रूठ गया तो साया जा सकता है . शायद अगली इक कोशिश तक़दीर बदल दें . ज़हर तो जब जी चाहें खाया जा सकता है . कब तक धोखा दे सकते है आईने को . कब तक चेहरे को चमकाया जा सकता है . 160;* * * * . नज़्म - . अनछुए हों,. में उ...ग़ज...
Home Page
Mr Ashok Kheny has over 33 Years of experience in the engineering, design and construction of major projects for the transportation, infrastructure and telecommunications industries in USA. Get your own website at Web Bazaar.
Ashok Kheny
We do not inherit the Earth from our Ancestors, we borrow it from our Children. Kheny to Philadelphia, an amazing corridor. Imagine a fibre optic cable network between Washington D.C. and Jacksonville (Florida) spanning some 1,250 km being laid in three months flat or building the . Ashok Kheny buys Bangalore Royals for CCLT20. Kheny plans go-karting track in Bangalore. Mr Kheny actively contributes to the infrastructure development of villages in Karnataka. Mr Ashok Kheny has over 33 Years of experience.
Ashok Khurana
Society of Fetal Medicine. Society of Fetal Medicine. As a medical student, it was my vision to assimilate world class technology into healthcare delivery in India. Many bits and pieces of that dream have been achieved over the past 30 years and the endeavour continues. Price List w.e.f 01.01.18. Abdomen (Upper Abdomen Urinary Bladder). Whole Kidneys and Urinary Bladder. Kidneys, Urinary Bladder and Prostate. Price List w.e.f 01.01.18. Pregnancy 3D/ 4D with Fetal Echocardiography. Breast Biopsy with film.
SOCIAL ENGAGEMENT