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हिंदी जहाँ: 09/2008
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Monday, September 15, 2008. आप की याद आती रही . मक़्दूम मोहिउद्दीन. की एक मशहूर ग़ज़ल पेश-ऐ-खिदमत है. आप की याद आती रही रात भर. चश्म-ऐ-नम मुस्कुराती रही रात भर. रात भर दर्द की शमा जलती रही. ग़म की लौ थरथराती रही रात भर. बांसुरी की सुरेली सुहानी सदा. याद बन बन के आती रही रात भर. याद के चाँद दिल में उतरते रहे. चांदनी जगमगाती रही रात भर. कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा. कोई आवाज़ आती रही रात भर. Posted by हैदराबादी. Links to this post. कì...
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मेरे सपनों की दुनिया: January 2012
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मेरे सपनों की दुनिया. मेरी कलम से सजी. Wednesday, January 18, 2012. ख़्वाब टूट गया. कितनी मुद्दतों के बाद. कल रात मिले थे. जब ख़्वाबों में हम,. तुम्हारे अक्स को देखा. और हकीकत मान लिया मैंने. कंपकंपाती हुयी उँगलियों से. छूकर तुम्हारे चेहरे को. महसूस करना चाहा था जब,. बड़ा सर्द था वो एहसास. तुम्हारी छुअन का. महकती हुयी सी खुशबू. जो हर घड़ी, हर लम्हा. मेरे अरमानों से जुड़ी रहती है,. ख़्वाबों में भी बांधे रखती थी. मेरा तुम्हारा दामन. आज क्यूँ ऐसा हुआ. मुझे प्रतीत न हुआ! पर एक रोज़,. मिताली. ना ही ज...हाथ...
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हिंदी जहाँ: स्वागत 2010
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Saturday, January 2, 2010. स्वागत 2010. नया साल आया है. वीरान सुबह के नीले आसमाँ से उभरता. ठिठरती खमुशी में बर्फ़ीली सीटी बजाता. दबे पाऊँ आया. ठंडी शामों की खमुशियाँ. उसके क़दमों की आहट समेटे. रास्तों में, साएबानों में सिसक रही हैं. निकल आती है शब् को दरीचों की छिदों से. पुरजोश झोंकों की बेतहाशा ठंडक. ठन्डे पानियों के परिंदे. आंगनों में , छतों पर खड़े लोग. Posted by हैदराबादी. नव वर्ष शुभ कामनाएं. बहुत बढ़िया! January 2, 2010 at 5:51 AM.
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हिंदी जहाँ: बाबरी मस्जिद - 6-Dec-1992
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Sunday, December 6, 2009. बाबरी मस्जिद - 6-Dec-1992. तुझ से महरूमी का ग़म सदयौं रूलाए गा मगर. अपने दीवानों को जीने का हुन्र देकर गयी! Posted by हैदराबादी. बाबरी मस्जिद. इस्लाम ज़िन्दा होता है हर कर्बला के बाद. December 6, 2009 at 8:36 PM. तुझ से महरूमी का ग़म सदयौं रूलाए गा मगर. अपने दीवानों को जीने का हुन्र देकर गयी! सब्र का दामन थामें.अल्लाह निगेहबान है. December 6, 2009 at 8:38 PM. राज भाटिय़ा. December 6, 2009 at 10:10 PM. Google ह&...
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मेरे सपनों की दुनिया: July 2011
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मेरे सपनों की दुनिया. मेरी कलम से सजी. Sunday, July 24, 2011. तुम्हारी अभिलाषा. तुम्हारे सिवा बाकि नहीं रही. मेरी कोई और अभिलाषा. मेरे सपनों की कल्पना भी जैसे. दूर तक भटकने के बाद,. तुम पर ही आकर ठहर सी गयी है. शायद तुम्हारा स्पर्श ही. मेरे सपनों को यथार्थ बनाता है. मेरे जीवन-संगीत का सुर भी. तुम्हें सोच कर, तुम्हें चाह कर. छेड़ देता है एक मधुर तान. शायद तुम्हारा ख्याल ही मेरे. सुरों को संगीत देता है. और मेरे जीवन को झंकृत करता है. सावन में बरसता रिमझिम पानी,. जैसे पल भर में. मिताली. अनामिक...ओ रे...
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मेरे सपनों की दुनिया: May 2011
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मेरे सपनों की दुनिया. मेरी कलम से सजी. Sunday, May 8, 2011. माँ,. एक ऐसा शब्द. जो समेटे है अपने आप में एक दुनिया,. जो बाँट दे निःस्वार्थ भाव से सारी खुशियाँ. माँ,. एक ऐसा शब्द. जो है सहनशीलता की निशानी,. झेलती आई है पीड़ा सदियों पुरानी. हर इंसान का अस्तित्व माँ ने बनाया है,. फिर क्यों इंसान. अपनी माँ को ही छलता आया है? लोगों की इस भीड़ में,. दुनिया की इस लडाई में,. अपनी माँ को ही भुलाता आया है. और अपनी हर गलती के लिए,. माँ को ही रुलाता आया है. फिर भी. पर हमेशा खुश रहती है. पर क्यों,. Tuesday, May 3, 2011.
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मेरे सपनों की दुनिया: May 2013
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मेरे सपनों की दुनिया. मेरी कलम से सजी. Wednesday, May 8, 2013. यादों की पोटली . चुन-चुन कर मैंने. समेट लिया. तुम्हारी यादों का कारवाँ. और बना ली एक पोटली . दिल की ना सुन कर. लगाया जोर दिमाग पर. कि कहीं कोई याद. बाकी तो ना रह गयी . दिमाग ने भी चुपचाप. लगा दी मुहर. और मार दिया ताना. मुझ पर हँसते हुए. कि 'सब समेटने के बाद. कुछ भी बिखरा नहीं रहता-. ओ पागल लड़की' . अब बस मैं थी, तन्हाई थी,. और थी मेरी नज़रों के सामने. तुम्हारी यादों की पोटली,. तुम्हारे दिए हुए. कभी मैं देखती. कभी महसूस करती. ऐसा लगा. तुम&...
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हिंदी जहाँ: 09/2016
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Tuesday, September 27, 2016. गूगल को 18 वां जन्मदिन मुबारक. ब्लॉग की दुनिया में 3 साल बाद दुबारा हाज़री लगा रहा हूँ. और आज तो शुभ दिन भी है. गूगल का 18 वां जन्मदिन।।. मज़ेदार बात यह है कि गूगल ने चार अलग अलग दिनों को अपनी बर्थडे का दिन माना है।. 18 वीं बर्थडे पर Google का Doodle यह रहा :. Posted by हैदराबादी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). कुछ मेरे बारे में. हैदराबादी. हैदराबाद, भारत. Awaz Do Hum Ko.
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हिंदी जहाँ: 01/2009
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Thursday, January 22, 2009. तू ने मुझे प्यार किया ही क्यूँ था. हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह. सिर्फ़ एक बार मुलाक़ात का मोक़ा दे दे. मेरी मंजिल है कहाँ , मेरा ठिकाना है कहाँ. सुबह तक तुझ से बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ. सोचने के लिए एक रात का मोक़ा दे दे. अपनी आंखों में छुपा रखे हैं जुगनू मैंने. अपनी पलकों पर सजा रखे हैं आंसू मैंने. आज की रात मेरा दर्द-ऐ-मोहब्बत सुन ले. क़ैसर-उल-जाफ़री. Posted by हैदराबादी. Links to this post. मि...
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