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बाल प्रतिबिम्ब: बाल कहानी टूटा सिपाही
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Thursday, 16 October 2014. बाल कहानी टूटा सिपाही. बाल कहानियों के अन्तर्गत लावण्या शाह. जी की बाल कहानी टूटा सिपाही. प्रकाशित की जा रही है, आपको यह कहानी कैसी लगी? अपनी टिप्पणी लिखकर सूचित कीजियेगा. Posted by बाल प्रतिबिम्ब. Subscribe to: Post Comments (Atom). बाल कहानियाँ. एक बूँद. घूम हाथी झूम हाथी. चंदामामा. तिल्ली सिंह. देल छे आए. बच्चों से बातचीत. बाल कविता. लड्डू ले लो. बाल प्रतिबिम्ब. View my complete profile. अनुसरणकर्ता. अतिथिवृंद.
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बाल कविताएँ: गुल्लू का कम्प्यूटर
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Thursday, 25 June 2015. गुल्लू का कम्प्यूटर. गुल्लू का कम्प्यूटर आया. पूरा गाँव देख मुस्काया. दादी के चेहरे पर लाली. ले आई पूजा की थाली. गुल्लू सबको बता रहा है. लाईट कनेक्शन सता रहा है. माउस लेकर छुटकू भागा. अभी अभी था नींद से जागा. अंकल ने सब तार लगाये. गुल्लू को कुछ समझ न आये. कंप्यूटर तो हो गया चालू. स्क्रीन छुओ मत शालू. जिसे खोजना हो अब तुमको. गूगल में डालो तुम उसको. कक्का कहें चबाकर लईय्या. बड़े जोर का लगा ठहाका. बाल कविताएँ. 2 August 2016 at 07:19.
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बाल कविताएँ: एक सवाल
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Tuesday, 31 July 2012. ठाकुर श्रीनाथ सिंह. पूछें एक सवाल. मेरे सिर में कितने बाल? कितने आसमान में तारे? बतलाओ या कह दो हारे. चिड़ियाँ क्या करती हैं बात? नदिया क्यों बहती दिन रात? क्यों कुत्ता बिल्ली पर धाए? बिल्ली क्यों चूहे को खाए? फूल कहाँ से पाते रंग? रहते क्यों न जीव सब संग? बादल क्यों बरसाते पानी? लड़के क्यों करते शैतानी? नानी की क्यों सिकुड़ी खाल? अजी ,. न ऐसा करो सवाल. यह सब ईश्वर की है माया. इसको कौन जान है पाया! बाल कविताएँ. उषा यादव.
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बाल कविताएँ: घूम हाथी, झूम हाथी
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Tuesday, 31 July 2012. घूम हाथी, झूम हाथी. विद्याभूषण '. विभु `. घूम हाथी ,. झूम हाथी. घूम हाथी ,. झूम हाथी ,. घूम हाथी ,. झूम हाथी. हाथी झूम झूम झूम. हाथी घूम घूम घूम. राजा झूमें रानी झूमें ,. झूमें राजकुमार. घोड़े झूमें फौजें झूमें ,. झूमें सब दरबार. झूम झूम घूम हाथी ,. घूम झूम झूम हाथी. हाथी झूम झूम झूम. हाथी घूम घूम घूम. राज महल में बाँदी झूमे ,. पनघट पर पनिहारी. पीलवान का अंकुश झूमें. सोने की अम्बारी. झूम झूम घूम हाथी ,. विद्याभूषण '. विभु `.
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बाल कविताएँ: नटखट हम, हां नटखट हम
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Tuesday, 31 July 2012. नटखट हम, हां नटखट हम. सभामोहन अवधिया '. स्वर्ण सहोदर `. नटखट हम ,. हां नटखट हम! नटखट हम हां नटखट हम ,. करने निकले खटपट हम. आ गये लड़के आ गये हम ,. बंदर देख लुभा गये हम. बंदर को बिचकावें हम ,. बंदर दौड़ा भागे हम. बच गये लड़के बच गये हम ,. नटखट हम हां नटखट हम! बर्र का छत्ता पा गये हम ,. बांस उठा कर आ गये हम. छत्ता लगे गिराने हम ,. ऊधम लगे मचाने हम. छत्ता टूटा बर्र उड़े ,. आ लड़कों पर टूट पड़े. झटपट हट कर छिप गये हम ,. उषा यादव.
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बाल कविताएँ: बादल
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Tuesday, 31 July 2012. सन्तोष कुमार सिंह. रोज निहारूँ नभ में तुझको,. काले बादल भैया।. गरमी से सब प्राणी व्याकुल,. रँभा रही घर गैया।।. पारे जैसा गिरे रोज ही,. भू के अन्दर पानी।. ताल-तलैया पोखर सूखे,. बता रही थी नानी।।. तापमान छू रहा आसमां,. प्राणी व्याकुल भू के।. बिजली खेले आँख मिचोली,. झुलस रहे तन लू से।।. जल का दोहन बढ़ा नित्य है,. कूँए सूख गए हैं।. तुम भी छुपकर बैठे बादल,. लगता रूठ गए हैं।।. नभ में अब छा जाओ।. इतना जल बरसाओ।।. Subscribe to: Post Comments (Atom).
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बाल कविताएँ: तितली
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Thursday, 16 October 2014. निरंकार देव सेवक. दूर देश से आई तितली. चंचल पंख हिलाती. फूल-फूल पर. कली-कली पर. इतराती-इठलाती. यह सुन्दर फूलों की रानी. धुन की मस्त दीवानी. हरे-भरे उपवन में आई. करने को मनमानी. कितने सुन्दर पर हैं इसके. जगमग रंग-रंगीले. लाल, हरे, बैंजनी, वसन्ती. काले, नीले, पीले. कहाँ-कहाँ से फूलों के रंग. चुरा-चुरा कर लाई. आते ही इसने उपवन में. कैसी धूम मचाई. डाल-डाल पर, पात-पात पर. यह उड़ती फिरती है,. कभी फूल के रस-पराग पर. उषा यादव.
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बाल कविताएँ: तिल्ली सिंह
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बाल कविताएँ. बाल कहानियाँ. बाल प्रतिबिम्ब. Tuesday, 31 July 2012. तिल्ली सिंह. रामनरेश त्रिपाठी. पहने धोती कुरता झिल्ली. गमछे से लटकाये किल्ली. कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली. तिल्ली सिंह जा पहुँचे दिल्ली. पहले मिले शेख जी चिल्ली. उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली. चिल्ली ने पाली थी बिल्ली. बिल्ली थी दुमकटी चिबिल्ली. उसने धर दबोच दी बिल्ली. मरी देख कर अपनी बिल्ली. गुस्से से झुँझलाया चिल्ली. लेकर लाठी एक गठिल्ली. उसे मारने दौड़ा चिल्ली. लाठी देख डर गया तिल्ली. कस कर झटपट घोड़ी लिल्ली. Subscribe to: Post Comments (Atom).