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अकेला कलम...: नव वर्ष
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अकेला कलम. December 31, 2010. नव वर्ष के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें. 2404; इस अवसर पर चंद पंक्तियाँ आप सभी के लिए :-. नव वर्ष आया है,. नया प्रभात लाया है ।. इक नई उमंगों के संग,. नई तरंगों के संग ।. इक नए वादों के संग,. नए इरादों के संग ।. नव वर्ष आया है,. नया प्रभात लाया है ।. इक नई आभा लिये,. नई आशा लिये ।. इक नया जोश लिये,. नया तेज लिये ।. नव वर्ष आया है,. नया प्रभात लाया है ।. सत्यप्रकाश पाण्डेय. Friday, December 31, 2010. Labels: कविता. December 31, 2010 at 5:16 PM. There was an error...
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अकेला कलम...: July 2015
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अकेला कलम. July 16, 2015. पीएम और देशवासियों के नाम खुला ख़त। प्रधानमंत्री के नाम खुला ख़त। An open letter to PM and the Nation. An open letter to the Prime Minister of India. यह ख़त समस्त देशवाशियों के लिए है खासकर उनके लिए जो खुद को किसी भी गिनती में नहीं पाते।. ग्रीन बत्ती पार कर ही ली थी।. ये सोचते की सरकारी नौकरी से मैं देश की सेवा करूँगा)।. लोग करें भी तो क्या. सरकार प्रयास भी कर रही है कि सबका साथ. स्कूलों को ही ले लीजिये. सत्यप्रकाश पाण्डेय. Posted by अकेला कलम. Thursday, July 16, 2015. आप सभी...
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अकेला कलम...: गार्ड
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अकेला कलम. January 18, 2010. गार्ड ' नाम सुनते ही ,. आने लगता है नज़र ,. एक सुन्दर पोशाक. पहना हुआ वह व्यक्ति ,. जो खड़ा होता है. प्रवेश द्वारों पर , परिवार. के भरण - पोषण के लिए ,. सज - धज कर ।. शायद ,. इस फूल पर ,. नहीं पड़ी निगाह ,. किसी कांटे की ,. हुआ भी अच्छा ही ।. नहीं पड़ी निगाह. किसी कांटे की. बन जाता खतरा ,. इस तबके के. बचे - खुचे अस्तित्व पर ।. Monday, January 18, 2010. Labels: कविता. चन्दन कुमार. July 9, 2010 at 3:43 PM. देवेन्द्र पाण्डेय. January 7, 2011 at 9:48 PM. बहुत खूब।. अकेला...
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नई दुनिया, रांची
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शनिवार, 1 अगस्त 2009. लालू के करीबी डॉ राणा को पांच साल जेल. विष्णु राजगढ़िया. इससे पहले कल आपूर्तिकर्ता सरस्वती चंद्रा को दो साल कैद और 20 हजार तथा फूल सिंह को ढाई साल कैद और 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी गयी थी।. प्रस्तुतकर्ता विष्णु राजगढ़िया. 1 टिप्पणी:. 1 अगस्त 2009 को 11:58 pm. Ham to laloo ki aash me the, khair ye bhi kam nahi ki mukadma abhi bhi chal raha hai, kuchh ko saza mil rahi hai to kuchh bahar ghum rahe hai sansad ki shan badha rahe hain. उत्तर दें. नई पोस्ट. 4 वर्ष पहले.
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अकेला कलम...: पीएम और देशवासियों के नाम खुला ख़त। प्रधानमंत्री के नाम खुला ख़त। An open letter to PM and the Nation. An
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अकेला कलम. July 16, 2015. पीएम और देशवासियों के नाम खुला ख़त। प्रधानमंत्री के नाम खुला ख़त। An open letter to PM and the Nation. An open letter to the Prime Minister of India. यह ख़त समस्त देशवाशियों के लिए है खासकर उनके लिए जो खुद को किसी भी गिनती में नहीं पाते।. ग्रीन बत्ती पार कर ही ली थी।. ये सोचते की सरकारी नौकरी से मैं देश की सेवा करूँगा)।. लोग करें भी तो क्या. सरकार प्रयास भी कर रही है कि सबका साथ. स्कूलों को ही ले लीजिये. सत्यप्रकाश पाण्डेय. Posted by अकेला कलम. Thursday, July 16, 2015. पसंद आ...
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अकेला कलम...: January 2010
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अकेला कलम. January 28, 2010. बिडम्बना. हम भारतीयों ने २६/११ की एक बरसी भी मना ली और दूसरी मानाने की तरफ अग्रसर भी हैं. मौका-ए-वारदात पर सुबूतों के साथ पकड़ा गया एक मात्र जीवित पाकिस्तानी आतंकवादी जिसके ऊपर मुकदमा चल रहा है. भारतीयों के करोड़ो रुपये उस आतंकवादी पर सिर्फ इसलिए खर्च किये गए की यह पता चल सके की वह गुनाहगार है. ये खेल कब तक चलेगा कुछ पता नहीं I. Thursday, January 28, 2010. Links to this post. Labels: विचार. January 18, 2010. गार्ड ' नाम सुनते ही ,. आने लगता है नज़र ,. सज - धज कर ।. पसंद...
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अकेला कलम...: July 2010
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अकेला कलम. July 22, 2010. बचपन के दिन. याद आते हैं वो बचपन,. बड़ा तड़पाते है वो बचपन. वो माँ के गोद में लोरियां सुनना,. और सुनते ही रहना।. वो बारिश में भीगना,. और माँ का डाँटना।. याद आते हैं वो बचपन,. बड़ा तड़पाते हैं वो बचपन।. रेत के घरों को बनाना,. और गिरते हुए देखकर अफ़सोस. जाताना - " उफ़! फिर गिर गया. कागज़ की नावों को बनाना,. और बारिश की बूंदों के बीच चलाना. डूबने पर फिर नई नाव बनाना. याद आते हैं वो बचपन,. बड़ा तड़पाते हैं वो बचपन. Thursday, July 22, 2010. Links to this post. यादें. July 15, 2010.
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अकेला कलम...: September 2010
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अकेला कलम. September 28, 2010. ईदगाह कहानी समीक्षा / Eidgah Story Review / Eidgah Kahani Samiksha. प्रेमचंद मेरे प्रिय कहानीकारों में से हैं, आज उनकी एक प्रसिद्ध कहानी 'ईदगाह' की समीक्षा आपके साथ साझा कर रहा हूँ. बाल मनोविज्ञान' पर आधारित 'ईदगाह' कहानी प्रेमचंद की उत्कृष्ट रचना है. 2404; इसमें मानवीय संवेदना और जीवनगत मूल्यों के तथ्यों को जोड़ा गया है. 2404; सभी बहुत प्रसन्न हैं. 2404; हामिद तो सबसे ज्यादा प्रसन्न है. 2404; आकर्षण के कई स्थान हैं , आकाश की ...2404; तब हामिद अपराधी...हामिद न&#...कहा...
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अकेला कलम...: August 2010
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अकेला कलम. August 31, 2010. अकेला या अकेली. बहुत दिन से दिल में इच्छा हो रही थी की मैं भी अपने विचारों को लोगों तक पहुचाऊं. 2404; इसके लिए मैं एक अच्छे मंच की तलाश में था. 2404; मेरे एक मित्र ने मुझे ब्लॉग लेखन का सुझाव दिया और अपने ब्लॉग का पता भी दिया. 2404; मित्र के ब्लॉग को देखने के बाद मुझे मेरी मंजिल दिखाई देने लगी. 2404; जरिया तो मुझे मिल गया अब बारी थी उसको एक पहचान देने की. 2404; अंततोगत्वा ब्लॉग को पहचान के तौर पर. अकेला कलम. अकेला कलम. राजेश उत्साही जी. 2404; इस ब्लॉग का न...2404; अब आप अपन...