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LIFE: October 2014
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Sunday, October 5, 2014. चाँद .गहन अंधकार में. चाँद .धीमी धीमी रोशनी में भीगा हुआ. चाँद. पूरी तरह से प्रकाशित. हर समय वह पूर्ण था. दूसरा जो रूप था वह दिखने तो अपूर्ण था पर हर स्थिति उसकी खूबसूरत थी.और जब वह पूरी तरह से प्रकाशित हुआ तो वह अपने सौंदर्य की चरम सीमा में था. पर वह हर समय पूर्ण ही था. Links to this post. तन्हा आदमी. कैसे कोई करेगा? आपने तो कोई कृतज्ञता ही व्यक्त नहीं की. आपने तो कोई सहयोग ही नहीं किया. तन्हा आदमी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. पî...
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LIFE: October 2013
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Thursday, October 17, 2013. संवेदनशीलता. जी संवेदनशीलता ऐसा शब्द है जिसके बगैर आप किसी मानव को मानव ना कहकर हैवान कहेंगें.यदि यह संवेदनशीलता समझ के अनुसार चलने लगती है तो कहलाता है "संज्ञानशीलता". मैंने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी "मनुष्य शाकाहारी या मांसाहारी? इस पोस्ट को मैंने इसी ब्लॉग पर भी शेअर किया था. Http:/ life-chetna.blogspot.in/2010/01/blog-post 23.html. कभी देखा है? यह तो पागल है या फिर हैवान कहेंगें ना? जब मैंने ऐसा ही प्रश्न किया तो...ओमेगा ३. जब मैंने कहा इस जी...इस चर्चा नí...जित...
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मा पलायनम !: September 2011
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मा पलायनम! शुक्रवार, 16 सितंबर 2011. क्या ऐसे ही हम 2020 तक महाशक्ति बनेंगे? इस चमत्कार के सच को जनता के सामने रखा था। वैज्ञानिक दल का मानना था कि वास्तव में प्रत्येक द्रव का अपना पृष्ठ तनाव होता है, जो कि. कौन इसका जवाब दे। महामहिम पूर्व राष्ट्रपति जी के 2020 तक महाशक्ति बनने के ख्वाब को हम क्या ऐसे ही पूरा करेंगे? की ये पंक्तिया सम्भवतःसटीक हैं कि-. कहाँ तो तय था चिरांगा हरेक घर के लिए,. कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।।. 28 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. यह अपने आप मे&#...प्र...
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LIFE: April 2013
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Thursday, April 4, 2013. मौत की सजा का एलान. आज इन तीन हत्यारों को मौत की सजा का एलान किया जाता है. फाँसी का फंदा (सभी प्रकार के), बंदूकें/ राइफल्स और कलम (जजों और संपादकों की ) l. फाँसी के फंदे पर यह गंभीर आरोप है कि ये जब से अस्तित्व में. इसका डिज़ाइन). तीसरा सबसे खतरनाक अपराधी है "कलम". क्यों ठीक है ना महोदय जी? किस सोच में पड़ गए? मिट्टी में मिल जायेगा. अब शरीर भी खत्म,बुराई भी खत्म . अब ठीक है ना? ओहो.अब किस सोच में डूब गए? अगर मैं कुछ और हूँ तो? ये दोषी (जिनको आपनí...अर्थात्? दूर फै...देख...
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LIFE: September 2013
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Saturday, September 28, 2013. अब आप इसे संगीत कहेंगे या शोर? हम सभी को इस ताल के अनुसार होना है तभी एक मधुर संगीत का सृजन होगा और इस अस्तित्व द्वारा आयोजित संगीत सभा की कभी ना खत्म होने वाली एक शानदार शुरुआत होगी . चित्र गूगल से.आभार). Links to this post. Friday, September 13, 2013. टापू और मानव. समंदर के बीच एक छोटा सा टापू था जिसमें मुश्किल से कोई १००-२०० लोग रहते थे. और इधर पुराने वाले टापू का दृश्य कुछ इस प्रकार था. नोट- यह एक काल्पनिक कहानी है ). Links to this post. Thursday, September 12, 2013.
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LIFE: July 2013
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Sunday, July 7, 2013. कैसा विकास चाहिए? केदारनाथ में दो सौ राहत कर्मी खराब मौसम के कारण फंसे. लाखों धान, गेहूँ/अनाज खुले में रखे रहने के कारण बारिश में भींग कर वर्तमान की आधुनिकतम सदी २०१३ में भी सड़ जाता है और हम G.M.O. की सोचते हैं. तो हम किस मुँह से स्वयं को विकसित मानते हैं? इसका अर्थ यह है कि हमने विकास का अर्थ नहीं पहचाना! विकास शब्द तो पकड़ लिए पर अर्थ तक नहीं पहुँच पाए. तब यह धरती स्वर्ग कहलाती. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). विजेट आपके ब्लॉग पर. View my complete profile. अभì...
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LIFE: August 2014
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Monday, August 11, 2014. What is more Important for you? Links to this post. भारतीय ध्वज को स्पर्श करने का अधिकार किन्हें? इस झंडे को फहराने वाले लोगों की भाषा भी देखिये.एक प्रबल हिंदू धर्म समर्थक जो कि Worked at . Party (.). In 2008 लिखते हैं. हिम्मत है तुम्हारे अंदर तो जाकर पुच मेरठ की इस लड़की से फिर आना भाषण देने! हम पुरुष जाते है न मुल्लों के साथ अय्यासी करने? हम फँसते है न उनके चक्करों मे? भारत का ध्वज. गांधी जी ने सबसे पहले 1921 में का...प्रश्न- क्या हम पहली मì...प्रश्न -क्...प्र...
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LIFE: June 2014
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Tuesday, June 10, 2014. अनुसन्धान का लोकव्यापीकरण. मानव का पुण्य रहा तभी यह अनुसन्धान सफल हो पाया. आखरी साँस तक! जब तक मेरी साँस चलेगा, मैं इस पर ही काम करूँगा. लोकव्यापीकरण के क्रम में अनेक लोगों से मिलना हुआ अनेक लोगों ने अपने अपने तर्क को प्रस्तुत किया. 8220;तुम बहुत आशावादी हो! 8221; यह बताया गया. निराशावादी से आपने क्या सिद्ध कर लिया, यह बताइए मैंने उनसे पूछा. ऐसा मैंने उनसे पूछा. 8220;एक व्यक्ति की बात को कैसे माना जाए? 8221; यह शंका बताई गई. 8221; यह बताया गया. जनवरी २००७, अमरकंटक). धरती क&#...
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LIFE: March 2013
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Sunday, March 31, 2013. शब्द से अर्थ. एक बार एक दिव्य मानव ने धरती की सैर की योजना बनाई. धरती का हाल उनसे छुपा ना था. उन्होंने उत्तर दिया - "मैं भगवान हूँ.तुम आपस में क्यों लड़ रहे हो? भगवान ने उत्तर दिया. अब दिव्य मानव ने दूसरे समूह की ओर रुख किया वहाँ भी वही हाल था.उन लोगों ने पूछा "कौन हो तुम ब्रदर? मैं हूँ " God. और तुम सब आपस में क्यों लड़ रहे हो? God ने जवाब दिया और मुस्कुराते हुए चले गए. अल्लाह जी मुस्कुराकर जवाब दिये l. अब उस दिव्य मानव ने जवाब दिया. अरे भ्रमित इंसान...Links to this post. पर एक क...
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मा पलायनम !: January 2011
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मा पलायनम! सोमवार, 31 जनवरी 2011. आये जिस-जिस की हिम्मत हो . गए छोटे हमारे . बौने बड़े दिखने. में कवि के विचार कितनें ग्राह्य हैं।. और अब चलते-चलते कवि पंडित अटल बिहारी बाजपेयी जी की एक रचना जो कि. मेरी पसंद में से एक है -. यमुना कहती कृष्ण. कहाँ है? सरयू कहती राम कहाँ है? व्यथित गण्डकी पूछ रही है ,चन्द्रगुप्त बलधाम कहाँ हैं? अर्जुन का गांडीव किधर है,कहाँ भीम की गदा. अपमानित द्रुपदायें कितनी,समरधीर शर को सन्धानों. प्रस्तुतकर्ता डॉ. मनोज मिश्र. 20 टिप्पणियाँ. इसे ईमेल करें. ठंड से बचने क...हैं . गरी...
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