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बोल कि लब आजाद हैं...: December 2016
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बोल कि लब आजाद हैं. रविवार, 11 दिसंबर 2016. नोटबंदी के दौर में फकीरी के जलवे. इनमें से काबा और कलीसा यानी मस्जिद और मयखाना कौन है, यह तो पक्का पता नहीं है लेकिन यह पक्का पता है कि 'होता है शबो-रोज तमाशामेरे आगे.'. मैं दोनों फकीरी के बीच मेंचकरायमान हो रहा हूं. फूल क्या हैं! अमीरी का प्रदर्शन. अमीरी क्या है? विनाश का द्वार. फूलों की महक मनुष्य को साधना से विरत करती है! मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में. जो सुख पावो नोटबंदी में,. सो सुख नाही करंसी में. दाल, भात से नरक मिलत है. लेबल: कबीर. नई पोस्ट. डुब...
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बोल कि लब आजाद हैं...: March 2016
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बोल कि लब आजाद हैं. बुधवार, 23 मार्च 2016. मैं नास्तिक क्यों हूँ? भगत सिंह. एक नया प्रश्न उठ खड़ा हुआ है। क्या मैं किसी अहंकार के कारण सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी तथा सर्वज्ञानी ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास नहीं करता हूँ? अथवा इस विषय का खूब सावधानी से अध्ययन करने और उस पर खूब विचार करने के बाद मैंने ईश्वर पर अविश्वास किया? कौन इस प्रकार के घृणित विशेषण बोलने का साहस करेगा? उसे इतिहासकार किस नाम से बुलाते हैं? ठीक है, ठीक है। तुम कब तक उस व्यक्ति को...तुम ऐसे कितने व्यक...क्या तुम&...तुम क...
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बोल कि लब आजाद हैं...: November 2016
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बोल कि लब आजाद हैं. सोमवार, 21 नवंबर 2016. क्या आपको भी उन्मादी भीड़ में तब्दील होने की जल्दी है? कृष्णकांत. मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती. पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती. गद्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती. सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना. तड़प का न होना. सब कुछ सहन कर जाना. जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं किया करतीं. पड़े आपको गद्दार कहता है. दलाल कहता है. दादरी कांड हो. फर्जी गोरक्षा हो. उसे सवाल करने से परहेज है. उसे देश और देश की व्य...कोई संगीन...हमारí...
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बोल कि लब आजाद हैं...: November 2014
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बोल कि लब आजाद हैं. रविवार, 9 नवंबर 2014. नये उपग्रह की खोज बनाम गोरक्षा. पश्चिमी वैज्ञानिकों ने अभी अभी एक नया ग्रह खोजा. उसी समय भारत के महान शिक्षाविद बाबा बत्रा कह रहे. वे संघर्ष कर रहे हैं कि हिंदू और मुसलमान अगर प्रेम में भी हों, तो शादी कैसे कर सकते हैं? मूर्खता की हद तक पहुंची अज्ञानता के बादल अभी छंटने हैं. कितने साल लगेंगे? सौ साल? या पांच सौ साल? प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. एक नाचीज नागरिक. नई पोस्ट. जिस...
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Mine tanker !: juni 2005
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Søndag, juni 26, 2005. Jeg hadde gitt beskjed om at de skulle komme kl.1900. Presis kl.1900 kom alle de norske (Bombe! Og ca en halv time etterpå kom den ene pakistaneren. Han siste hørte jeg aldri noe fra, og jeg vet ikke om jeg kan kalle han en venn lenger. Seriøst! Posted by Pakistaner @ 00:36. Fredag, juni 24, 2005. St Hans aften og filmen Kaal. Nå har jeg en del norske og pakistnske venner. Erfaringen min er at de norske er ofte opptatt i helgene med sosiale ting, mens de pakistanske ofte sitter...
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Mine tanker !: juli 2005
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Søndag, juli 03, 2005. Hei Nå var det lenge siden jeg skrev noe her. Har akkurat kommet hjem fra ferien. Ville bare si at de som har muligheten til å se på programmet "George ka Pakistan" burde se den. Den går på Geo TV(Pakistansk kanal). Skriv gjerne kommentarer i bloggen hvis du føler for det. Posted by Pakistaner @ 15:38. Vis hele profilen min. My state of existence. Life in a Remote Fortress. Fahad Burney (2 Blog). Desi Back To Desh. REMEMBER ME WHEN I AM GONE AWAY. St Hans aften og filmen Kaal.
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Mine tanker !: september 2005
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Søndag, september 18, 2005. REMEMBER ME WHEN I AM GONE AWAY. Remember me when I am gone away,. Gone far away into the silent land;. When you can no more hold me by the hand,. Nor I half turn to go, yet turning stay. Remember me when no more day by day. You tell me of our future that you planned:. Only remember me; you understand. It will be late to counsel then or pray. Yet if you should forget me for a while. And afterwards remember, do not grieve:. For if the darkness and corruption leave.
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बोल कि लब आजाद हैं...: January 2016
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बोल कि लब आजाद हैं. सोमवार, 25 जनवरी 2016. संघ परिवार का सुभाष प्रेम. आंबेडकर, भगत सिंह, गांधी और सुभाष में से कौन सांप्रदायिक था? कौन मुसलमान शब्द तक से घृणा करता था? प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. राजनीति. राष्ट्रवाद. सुभाष चंद्र बोस. शनिवार, 23 जनवरी 2016. विरासत के विरुद्ध फूहड़ अभियान. नेहरू, गांधी, सुभाष और पटेल जैसे...प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. अगर मालदा...अगर आप उन...
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बोल कि लब आजाद हैं...: March 2015
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बोल कि लब आजाद हैं. सोमवार, 23 मार्च 2015. भारत कृषिप्रधान देश या किसानों की कब्रगाह? सरकार ने. 1995 से लेकर अब तक 2,96,438 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इसी साल एक जनवरी से अब तक 200 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं।. किसानों और गरीबों के लिए क्या मूक मनमोहन, क्या वाचाल मोदी! प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. कोई अंतर नहीं आया. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. अरविंद क&#...फिर...
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बोल कि लब आजाद हैं...: June 2015
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बोल कि लब आजाद हैं. मंगलवार, 9 जून 2015. अपराधमुक्त संसद का सपना. संसद में दागी सदस्यों की हालत तो जस की तस है, बल्कि केंद्रीय कैबिनेट में दागी छवि के नेताओं की संख्या बढ़ी ही. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. बुधवार, 3 जून 2015. अच्छे दिनों की संपूर्ण अडानी कथा. अडानी को लगातार अभयदान क्यों मिल रहा है? फेहरिस्त लंबी है. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. है कह ले. अच्छ...