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उसने कहा था...: August 2012
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उसने कहा था. Tuesday, August 14, 2012. मैं क्यों लिखता हूं. पोलिश कवि तादयुस्ज रोज़विच. की कविता. बिल जॉन्सन के. अंग्रेज़ी अनुवाद के आधार पर हिन्दी में अनुवाद उदय प्रकाश का. साथ में पिकासो की कलाकृति 'बस्ट ऑफ ए मैन राइटिंग'.). कभी-कभी 'जीवन' उसे छिपाता है. जो जीवन से ज़्यादा बड़ा है. कभी-कभी पहाड़ उस सबको छुपाते हैं. जो पहाड़ों के पार है. इसीलिए पहाड़ों को खिसकाया जाना चाहिए. लेकिन पहाड़ों को खिसकाने लायक. न तो मेरे पास तकनीकी साधन हैं. न भरोसा. और यही वजह है कि. Posted by Madhavi Sharma Guleri. TVs and ...
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उसने कहा था...: February 2014
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उसने कहा था. Thursday, February 27, 2014. मातृभाषा. की कलाकृति 'फार्मर्स वाइफ ऑन ए स्टेपलैडर'.). जैसे चींटियां लौटती हैं बिलों में. कठफोड़वा लौटता है. काठ के पास. वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक. लाल आसमान में डैने पसारे हुए. हवाई अड्डे की ओर. ओ मेरी भाषा. मैं लौटता हूं तुम में. जब चुप रहते-रहते. अकड़ जाती है मेरी जीभ. दुखने लगती है. मेरी आत्मा।. Posted by Madhavi Sharma Guleri. Links to this post. Labels: कुछ और रचनाएं. Sunday, February 2, 2014. सौ साल पहले उसने कहा था. 8216; उसने कहा था. गुले...
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Archive for January 2015
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Archive for January 2015. एक सुलझा हुआ रहस्य. आखिर किसने की आयशा महाजन की हत्या. 8216; रहस्य. क्या कहानी कुछ-कुछ नोएडा के सात साल पुराने आरुषि मर्डर केस जैसी लग रही है. मोटे तौर पर फिल्म की कथावस्तु उसी मामले पर आधारित है, लेकिन. 8216; रहस्य. 8216; रहस्य. 8216; रहस्य. 8216; रहस्य. 8216; रहस्य. जो भी है मगर. 8216; रहस्य. 8216; बेबी. 8216; रहस्य. ऊबाऊज़ादा, पकाऊज़ादा. आधे से ज्यादा इश्कज़ादा. 8216; हवाईजादा. पहले एक घंटे तक तो इसके नाम पर जाइए ही मत. 8216; हवाईजादा. 8216; हवाईजादा. 8216; बेबी. 8217; नह...
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उसने कहा था...: November 2012
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उसने कहा था. Tuesday, November 27, 2012. दो पैसे की धूप, चार आने की बारिश. मुंबई के पॉश इलाक े. वर्सोवा में सम ं. दर किनारे बनी एक इमारत की छठी मंज़िल पर हूं। दरवाज़े की घंटी बजाने पर रिस्पॉन्स नहीं मिलता. 8216; बी स्ट्रॉन्ग, स्टैंड अलॉन्ग. 8216; यह तसवीर कमला फ़िल्म से है,. 8217; यह सुनकर दीप्ति से वापस मुख़ातिब होती हूं।). अमृतसर से अमेरिका, और फिर भारत वापसी. कैसा रहा यह सफ़र. 8216; जीन फ्रैंकल इंस्टीट्यूट. श्याम बेनेगल की फ़िल्म. 8216; जुनून. 8216; जुनून. 8216; एक बार फिर. 8216; जैसी ह...8217; क&#...
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उसने कहा था...: गुलेरी जी की 131वीं जयंती पर
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उसने कहा था. Monday, July 7, 2014. गुलेरी जी की 131वीं जयंती पर. 7 जुलाई. 1883 को हुआ था। अपनी मां लक्ष्मी के प्रति गुलेरी जी सदैव श्रद्धावनत रहे। उनकी ख्याति प्रकांड विद्वान के रूप में थी। संस्कृत. प्राकृत. हिंदी. बांग्ला. अंग्रेज़ी. लैटिन और फ्रेंच भाषाओं पर उनकी अच्छी पकड़ थी।. गुलेरी जी कवि भी थे. यह बहुत कम लोग जानते हैं।. 8216; एशिया की विजय दशमी. 8217;, ‘ भारत की जय. 8217;, ‘ अहिताग्नि. 8217;, ‘ झुकी कमान. 8217;, ‘ स्वागत. 8217;, ‘ ईश्वर से प्रार्थना. 8216; सुनीति. 8216; सुखमय जीवन. 8217; तथा.
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उसने कहा था...: October 2014
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उसने कहा था. Sunday, October 19, 2014. चाहता हूं प्रेम. रूसी कवि और फ़िल्मकार येव्गेनी येव्तुशेंको. की कविताएं पढ़ते हुए. इस कविता पर आना हुआ. अनुवाद वरयाम सिंह का है. येव्गेनी की. और कविताएं यहां. पढ़ी जा सकती हैं.). मैं नहीं चाहता हर कोई मुझे प्यार करे. इसलिए कि संघर्ष की भावना के साथ-साथ. मुझमें बीज की तरह बैठा है मेरा युग. शायद एक नहीं, बल्कि कई-कई युग. पश्चिम के प्रति मैं सावधान होने का अभिनय नहीं करता. अपने हृदय पर हाथ रख. पक्षधर होना एक साथ. शिकार और शिकारी का. Posted by Madhavi Sharma Guleri.
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उसने कहा था...: July 2014
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उसने कहा था. Saturday, July 12, 2014. सीखने की ललक ने मुझे हमेशा बांधे रखा. पांच साल की उम्र से शुरू हुए थिरकते कदम जब 94 साल में भी थिरक रहे हों तो इसे चमत्कार कहना ग़लत नहीं होगा। इस चमत्कार का नाम है. सितारा देवी. कथक आपको विरासत में मिला है। वो वक्त क्या था, जब आपने पहली बार पैरों को हरकत देनी शुरू की. आपका वास्तविक नाम धनलक्ष्मी है। सितारा नाम किसने दिया. 8216; सावित्री-सत्यवान. फ़िल्मों में कैसे आना हुआ. उन दिनों. 8216; ऊषा-हरण. 8216; ऊषा हरण. 8217; के बाद. 8216; नगीना. 8216; रोटी. 8216; फूल. आपन&#...
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Archive for June 2013
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Archive for June 2013. मुस्कराते रहिए ‘घनचक्कर’ के चक्कर में फंसकर. यथा नाम तथा गुण. जाइए। असल में इसके सारे ही किरदार घनचक्कर हैं और फिल्म खत्म होने पर आपको समझ आता है कि इन पात्रों के साथ आप भी पूरा वक्त घनचक्कर बने हुए थे। फिर आप क्या करते हैं. मुस्कुराते हैं और अपने आस-पास देखते हैं। अरे. ये सब भी तो मुस्कराए जा रहे हैं।. राजकुमार गुप्ता निर्देशित. नोटों से भरा बैग आखिर है कहां. विद्या बालन. के समय से कायल हैं, वहीं. लेजी लैड. एक्स्ट्रा. बेशक बेहद धीमी गति से ह...ए सर्टिफिकí...शब्द नज&#...
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Archive for February 2012
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Archive for February 2012. पात्तया-2 : थोड़ा-सा अल्हड़, थोड़ा-सा निठल्ला. इस सवाल का जवाब एक ही शब्द में पात्तया की मुकम्मल तस्वीर खींच देता है. युवा मन. जो कभी बेपरवाह होकर बिखरना चाहता है, तो कभी रूमानी होकर ख़ुद में सिमटना चाहता है।. पात्तया की इस ख़ासियत के बारे में मैं तब तक नहीं जानता था जब तक मैंने यहां कदम नहीं रखा था. काम की बातें. यह यात्रा वृतांत. दैनिक भास्कर. रसरंग' के 12 फरवरी. 2012 के अंक में प्रकाशित हुआ है।. और वो ये कि. 8216; रेडलाइट एरिया. करना बस इतना होगा क...यहां आन&#...ख़&...
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उसने कहा था...: August 2013
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उसने कहा था. Saturday, August 3, 2013. सिनेमा ने दिया जीने का मक़सद. नसरीन मुन्नी कबीर विदेश में पली-बढ़ीं लेकिन उनका दिल भारत के लिए धड़कता रहा। लंदन में रहकर वे भारतीय फ़िल्में देखतीं और. 8216; गवर्नर. हाल में भारत आईं तो. 8216; अहा ज़िंदगी. 8217; के लिए उन्होंने ख़ास बातचीत की।). सिनेमा में मास्टर्स करने. 8216; फोर नाइट्स ऑफ ए ड्रीमर. 8216; रिकॉर्ड. जल्द समझ आ गया कि फिल्में मेरे बस की नहीं. ताल्लुक. ख़ासतौर से पचास और साठ के. हुई यूरोपीय देशों में...8216; चैनल 4. 8216; चैनल 4. 8216; चैनल 4. 8217; पर ...