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ननिहाल: प से पतंग.........
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Monday, August 17, 2009. प से पतंग. कहता है, प्यारेलाल,. मेरे पास आओ तुम,. गुड्डी और मुन्नी को भी,. मेरे पास लाओ तुम,. मेरे पास हैं, कुछ खिलौने,. उन्हें लेकर जाओ तुम,. खेलो और खेलाओ सबको,. सबका मन बहलाओ तुम।।. से पतंग. चलो उड़ाएँ,. हवा से इसकी बात कराएँ,. एक दूसरे से ऊपर ले जाएँ,. हँसी-खुशी हम मन बहलाएँ।।. सर सर उड़ी पतंग,. हवा से बातें करती पतंग,. बड़ी पूँछ और हरी पतंग,. वह देखो वह मेरी पतंग।. मुन्नू और चुन्नू भी लाए,. बड़ी नीली और पीली पतंग,. आओ मिलजुलकर उड़ाएँ,. पीली, नीली,. पतंग।।.
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ननिहाल: म से मछली.....
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Wednesday, August 19, 2009. म से मछली. कहता है, प्यारे बच्चों,. आज सर्वनाम की बारी है,. अपना ज्ञान बढ़ाने हेतु,. हमें पढ़ना रखना जारी है।. संज्ञा के बदले आनेवाले,. सर्वनाम कहलाते हैं,. और कई संज्ञाओं के बदले,. कभी एक ही सर्वनाम पाते हैं।. जैसे, सीता व राम के लिए,. भी सर्वनाम आता है,. ये संज्ञाएँ जो बताना चाहें,. वह खुद ही बता जाता है।. वह, हम, तुम, मैं, आप. आदि सर्वनाम कहलाते हैं,. इनका प्रयोग होने से ,. वाक्य सुंदर बन जाते हैं।।. से मछली. सुन लो बच्चों,. प्रभाकर पाण्डेय. Posted by Prabhakar Pandey.
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ननिहाल: फ से फल..........
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Tuesday, August 18, 2009. फ से फल. कहे मेरे प्यारे बच्चों,. तिरंगे की बात बताता हूँ,. 26 जनवरी व 15 अगस्त को,. मैं भी इसे फहराता हूँ।. कश्मीर से कन्याकुमारी तक,. फैला देश महान है मेरा,. यह अभिमान व शान है मेरा,. यह भगवान व ईमान है मेरा।. इस देश की शान तिरंगा,. लहर-लहर लहराता है,. इसके नीचे खड़ा होने से,. सर ऊँचा हो जाता है।।. आम, अंगूर,. केला खा रहा एक लंगूर,. फल में मिलते पौष्टिक तत्त्व,. जिनसे शरीर में ऊर्जा आए,. बिना किए बरबाद समय,. हम अपना काम करते जाएँ।।. प्रभाकर पाण्डेय. Posted by Prabhakar Pandey.
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ननिहाल: य से यज्ञ..........
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Saturday, August 22, 2009. य से यज्ञ. कहता है , प्यारे बच्चों,. आज विशेषण की बारी है,. शब्द ब्रह्म और ब्रह्म ही शब्द,. शब्दों की दुनिया निराली है।. जो संज्ञा की विशेषता बताए,. वह विशेषण कहलाता है,. संज्ञा के गुण आदि को बताने,. यह उसके साथ आता है।. छोटा, बड़ा, अच्छा, बुरा,. ये विशेषण कहलाते हैं,. इसी तरह के और भी शब्द,. इस श्रेणी में आ जाते हैं।. अगर तुम बनोगे अच्छे तो,. महान, कर्मठ जैसे विशेषण,. तुम्हारे नाम की शोभा बढ़ाएँगे,. अगर तुम बुरे बने तो,. अच्छा बनो, सच्चा बनो,. और तुम बनो महान,. प्रभì...
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ननिहाल: ज्ञ से ज्ञानी........
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Thursday, March 4, 2010. ज्ञ से ज्ञानी. कहता है प्यारे बच्चों,. अब आई है मेरी बारी,. शांत होकर बैठो सभी,. सुनो मेरी कहानी प्यारी।. ज् व ञ के मिलने से,. मैं अस्तित्व में आया,. वर्णमाला का अंतिम वर्ण,. और संयुक्ताक्षर कहलाया।. कुछ लोग मेरा उच्चारण,. ग्य' करते जैसे विग्यान,. तो कुछ लोग मेरा उच्चारण,. ज्न' करते जैसे विज्नान।. मेरा उच्चारण कैसे भी हो,. पर मैं ज्ञ ही तो हूँ,. मुझे तो प्रसन्नता है कि,. मैं वर्णमाला में हूँ।. से ज्ञानी. ज्ञान सिखाए,. हित-अहित की बात बताए,. Posted by Prabhakar Pandey. बहुत ...
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ननिहाल: न से नदी........न से नल
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Monday, August 17, 2009. न से नदी.न से नल. कहता है प्यारे बच्चों,. आलस्य कभी करना नहीं,. हर काम करो मन लगाकर,. बेवजह तुम डरना नहीं,. मंजिल तुम्हें मिल जाएगी,. बस कहीं रूकना नहीं,. जीत तुम्हें मिल जाएगी,. पीछे कभी हटना नहीं।. से नदी. बस बहना जाने,. थकना, रूकना कभी न जाने,. प्यासों की वह प्यास बुझाए,. अपने मार्ग पर चलती जाए,. कंकड़-पत्थर में भी बहकर,. हर जगह पर हरियाली लाए,. इसलिए वह पूजी जाए,. और नदी मइया कहलाए,. हम उसपर बाँध बनाएँ,. और बिजली भी उपजाएँ,. प्रभाकर पाण्डेय. Posted by Prabhakar Pandey.
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ननिहाल: ष से षट्कोण....
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Friday, January 1, 2010. ष से षट्कोण. कहता है, प्यारे बच्चों,. देखो नया साल है आया,. अशांति का मिटा अँधेरा,. ढेर सारी खुशियाँ लाया।. सुख-शांति हो चारों ओर,. यह नव-संदेश है लाया,. लड़ाई-झगड़ों को करके खत्म,. यह प्रेम-भाईचारा बढ़ाने आया।. मन लगाकर करो पढ़ाई,. आगे बस तुम बढ़ते जाओ,. करके अच्छे-अच्छे काम,. सबके जीवन में खुशियाँ लाओ।।. से षट्कोण. सुन लो मुन्नू,. तुम भी सुन लो, चुन्नू-टुन्नू,. पढ़ने से कभी जी ना चुराना,. किसी का भी दिल ना दुखाना,. करना सदा अच्छे ही काम,. Posted by Prabhakar Pandey. साह&#...
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ननिहाल: ध से धनुष.........ध से धर्म
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Monday, June 29, 2009. ध से धनुष.ध से धर्म. कहता है धमधूसर लाल,. मेरे पास आओ तुम,. गुड्डी व गुड़िया को भी,. मेरे पास लाओ तुम,. मेरे पास हैं कुछ खिलौने,. वे लेकर जाओ तुम,. खेलो और खेलाओ सबको,. सबका मन बहलाओ तुम।. से धनुष. से धर्म. धर्म यानि सच्चा कर्म,. सदा सत्य को अपनाना,. छल, कपट को दूर भगाना,. सबके सेवा का लिए व्रत,. कर्तव्य मार्ग पर बढ़ जाना।. कभी ना करना बुरा कर्म,. सदा करना तुम सत्कर्म,. सभी धर्मों का है यह मर्म,. सबसे बड़ा है मानव धर्म।. प्रभाकर पाण्डेय. Posted by Prabhakar Pandey.
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ननिहाल: श से शरीफा
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Wednesday, December 30, 2009. श से शरीफा. कहे मेरे प्यारे बच्चों,. शब्दकोश क्या है, बताता हूँ,. और इसकी उपयोगिता को भी,. सरल शब्दों में समझाता हूँ।. जिसमें क्रम से रहते बहुत शब्द,. अधिकतर अपने अर्थों के साथ,. किसी-किसी में पर्याय भी होते,. तो किसी-किसी में मुहावरा भी साथ।. कुछ एक भाषा में ही होते,. जैसे- हिंदी-हिंदी शब्दकोश,. तो किसी-किसी में एक से अधिक भाषाएँ होती,. जैसे- हिंदी-अंग्रेजी कोश।. इन्हें कोश कहो या शब्दकोश,. पर ये हैं भाषा के अमूल्य कोष,. तो फटाफट शब्दकोश उठाओ,. से शरीफा. पसंद है-. प्र...
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