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जोग लिखी संजय पटेल की: August 2011
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Wednesday, August 17, 2011. सुरेश कलमाड़ी-अन्ना हज़ारे वार्तालाप! कलमाड़ी और अन्ना के बीच. आप महसूस करेंगे कि इस भेंट का अंडर-करंट ही वर्तनाम राजनीति और हमारे समय की सब से बड़ी सचाई है. कलमाड़ी: या बाबा या (आइये बाबा आइये). अन्ना: अरे वाह! आपने मुझे पहचान लिया,मैंने तो सुना था कि आपकी याददाश्त चली गई है. अन्ना:आपकी सरकार ने मुझे भेजा है यहाँ. कलमाड़ी: पर आपने माहौल भी तो बना दिया था ऐसा! अंगूर या एप्पल का ज्यूस? कलमाड़ी:आप जो बोलो वह...अन्ना:नही...इथे क...
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जोग लिखी संजय पटेल की: January 2010
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Thursday, January 14, 2010. मन को पतंग बना लो. उड़ती है वह बेख़बर. जैसा उड़ाने वाला चाहे. कितना समर्पण है उसमें. न कोई चाहना. न कोई शर्त. हवा के रूख़ को. हमसफ़र बना कर. उड़ती रहती है. वह अनंत आकाश में. हम मन को भी पतंग. बना लें तो कितना अच्छा हो. अनंत में उड़ते रहें. बिना किये परवाह. कौन उड़ा रहा है. कौन काट डालेगा. क्या होगा मेरा अस्तित्व. क्या होगा मेरा मुस्तक़बिल. बस उड़ते रहें बेख़बर. अपनी शर्तों और पूर्वग्रहों. अपने आग्रहों से,. Links to this post. आ ले ख. ग...
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जोग लिखी संजय पटेल की: November 2012
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Saturday, November 17, 2012. जिन्दादिली का एक बेहतरीन स्ट्रेट ड्राइव. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). There was an error in this gadget. Email Subscriptions powered by FeedBlitz. सागर नाहर. मेरी मालवी गद्य रचनाएँ. धुर में लट्ठ. जातो रियो हात ती काम करवा को जमानो! अब मालवी इंटरनेट पर. मालवी-जाजम. सफ़दर हाशमी. दीवाली. अ जा त श त्रु. अ मि ता भ ब च्च न. अजातशत्रु. अज़ीम प्रेमजी. अनूप जलोटा. अन्ना हज़ारे. अपने से बात. आ ले ख. आ ले ख. न्यí...
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जोग लिखी संजय पटेल की: April 2009
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Friday, April 17, 2009. लिखावट को सुन्दर बनाने वाला एक जुनूनी हिन्दी प्रेमी. इसे कोई दैवीय प्रेरणा कहें या जुनून; श्याम शर्मा. नाम का ये शख्स है बहुत फ़ितरती. के नाम से भी जारी कर दी गई है जिसकी सैर कर आप अपनी हिन्दी लिखावट सुधार सकते हैं,सुन्दर बना सकते हैं. माँ हिन्दी को ऐसे ही सपूतों की ज़रूरत है. सलाम श्याम शर्मा. Links to this post. Labels: लिखावट. श्याम शर्मा. हिंदी. हिन्दी सुलेख. हैण्डराइटिंग. Subscribe to: Posts (Atom). सागर नाहर. आ ले ख. आ ले ख.
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जोग लिखी संजय पटेल की: August 2010
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Sunday, August 15, 2010. जश्ने आज़ादी को परवाज़ देती एक पारिवारिक ख़ुशी. इन्दौर में ही रहने वाले मेरे पारिवारिक मित्र महेश बंसल बरसों से. Links to this post. Labels: आज़ादी. देशप्रेम. पन्द्रह अगस्त. राष्ट्रीयता. स्वतंत्रता दिवस. Monday, August 9, 2010. रज्जू बाबू की याद के बहाने. Links to this post. Labels: नईदुनिया. रज्जू बाबू. राजेन्द्र माथुर. हिन्दी पत्रकारिता. Subscribe to: Posts (Atom). There was an error in this gadget. सागर नाहर. सफ़दर हाशमी. आ ले ख.
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जोग लिखी संजय पटेल की: April 2010
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Wednesday, April 7, 2010. कुमार गंधर्व के जन्मदिन पर विविध भारती की सुरीली सौग़ात. Links to this post. Labels: कलापिनी गंधर्व. कुमार गंधर्व. विविध भारती. शास्त्रीय संगीत. संगीत सरिता. Sunday, April 4, 2010. आज से उजाले अपनी यादों के लेकर आ रहे हैं सलीम ख़ान. विविध भारती एफ़.एम. जोड़ी सलीम-जावेद के सलीम ख़ान. विविध भारती के लोकप्रिय उदघोषक यूनुस ख़ान. Links to this post. Labels: इन्दौर. विविध भारती. सलीम ख़ान. सलीम-जावेद. Subscribe to: Posts (Atom). आ ले ख. छì...
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जोग लिखी संजय पटेल की: July 2010
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Saturday, July 31, 2010. मोहम्मद रफ़ी कुछ ऐसी बातें जो अब सच लग रहीं हैं. रफ़ी साहब ज़िन्दा होते हुए जितने थे , उससे कहीं ज़्यादा हैं हमारे बीच. रफ़ी को दोहराया नहीं जा सकता,उनके अहसास को अपनी आवाज़ में समो कर गाया जा सकता है. जो रफ़ी ने गाया है उसे काग़ज़ पर लिख कर पढ़िये आपको समझ में आ जाएगा कि रफ़ी का दैवीय स्वर क्या ह...रफ़ी साहब गाते-गाते ख़ुद ग़ायब हो जाते थे.अभिनेता,...Links to this post. मो.रफ़ी. मोहम्मद रफ़ी. रफ़ी साहब. Subscribe to: Posts (Atom). अन्न&#...
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जोग लिखी संजय पटेल की: December 2009
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Sunday, December 27, 2009. क्रिसमस पर मन को सुक़ून देते सदभावना के संदेश! कल बड़ा दिन था. मेरे शहर के चर्च के बाहर वैसा ही उल्लास और उमंग नज़र आई जैसी दीपावली पर मंदिरों के बाहर और ईद के दिन मस्ज़िदों के बाहर नज़र आती है. दिल की गहराई से बड़े दिन की बधाई. Links to this post. Labels: क्रिश्चियन. मेरी बात. Subscribe to: Posts (Atom). There was an error in this gadget. Email Subscriptions powered by FeedBlitz. सागर नाहर. धुर में लट्ठ. मालवी-जाजम. आ ले ख. नर्म...
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जोग लिखी संजय पटेल की: November 2009
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जोग लिखी संजय पटेल की. मन की बात कहने का ठिकाना. Thursday, November 26, 2009. आज है मुनव्वर राना और राजकुमार केसवानी का जन्मदिन. हमारा तीर कुछ भी हो,निशाने तक पहुँचता है. परिन्दा कोई मौसम हो ठिकाने तक पहुँचता है. धुआँ बादल नहीं होता,कि बचपन दौड़ पड़ता है. ख़ुशी से कौन बच्चा कारख़ाने तक पहुँचता है. हमारी मुफ़लिसी पर आपको हँसना मुबारक हो. मगर यह तंज़ हर सैयद घराने तक पहुँचता है. बचपन में. मेरे पास. सिर्फ़ बचपन था. अच्छा लगता था. बुढ़ापे मे अब. मेरे पास. रह गया है. सिर्फ़ बचपना. किसी को. Links to this post. क्...