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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है": डॉ० कुँअर बेचैन जी की ओर से सभी को दीपावली की शुभकì
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है". अक्तूबर 31, 2006. डॉ० कुँअर बेचैन जी की ओर से सभी को दीपावली की शुभकामनायें. दूर तक जो दीखती हैं दीपमालाएं कुँअर. ये तिमिर के गेह में हैं ज्योति बालायें कुँअर. बातियों की बात सुन लें तो स्वयं खुल जायेंगी. सब के मन में प्रीत की शुभ पाठशालाएं कुँअर. डॉ० कुँअर बेचैन. प्रस्तुतकर्ता. दिल के दरमियाँ. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. मेरे बारे में. दिल के दरमियाँ. ब्लॉग आर्काइव. अक्तूबर.
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है": दिसंबर 2006
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है". दिसंबर 27, 2006. बेटियाँ. बेटियाँ-. शीतल हवाएँ हैं. जो पिता के घर बहुत दिन तक नहीं रहतीं. ये तरल जल की परातें हैं. लाज़ की उज़ली कनातें हैं. है पिता का घर हृदय-जैसा. ये हृदय की स्वच्छ बातें हैं. बेटियाँ -. पवन-ऋचाएँ हैं. बात जो दिल की, कभी खुलकर नहीं कहतीं. हैं चपलता तरल पारे की. और दृढता ध्रुव-सितारे की. कुछ दिनों इस पार हैं लेकिन. नाव हैं ये उस किनारे की. बेटियाँ-. ऐसी घटाएँ हैं. प्रस्तुतकर्ता. दिल के दरमियाँ. 20 टिप्पणियां:. नई पोस्ट.
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है": डॉ० कुँअर बेचैन जी का गज़ल संग्रहः कोई आवाज़ देता है
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है". अक्तूबर 31, 2006. डॉ० कुँअर बेचैन जी का गज़ल संग्रहः कोई आवाज़ देता है. ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक. चाँदनी चार क़दम, धूप चली मीलो तक. प्यार का गाँव अजब गाँव है जिसमें अक्सर. ख़त्म होती ही नहीं दुख की गली मीलों तक. प्यार में कैसी थकन कहके ये घर से निकली. कृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों तक. घर से निकला तो चली साथ में बिटिया की हँसी. माँ के आँचल से जो लिपटी तो घुमड़कर बरसी. डॉ० कुँअर बेचैन. प्रस्तुतकर्ता. दिल के दरमियाँ. अनूप भार्गव. अक्तí...
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है": मध्मवर्गीय पत्नी से
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है". नवंबर 17, 2006. मध्मवर्गीय पत्नी से. वो घर से बाहर रहकर ही घर बना सकता है उसकी इसी विडम्बना पर ये गीत आधारित है-. कल समय की व्यस्तताओं से निकालूँगा समय कुछ. फिर भरुँगा खुद तुम्हारी माँग में सिन्दूर. मुझको माफ़ करना. आज तो इस वक्त काफी देर ऑफिस को हुई है. हाँ जरा सुनना वो मेरी पेंट है न. वो फटी है जो अकेले पाँयचों पर. तुम जरा उसमें लगाकर चन्द टाँके. शर्ट के टूटे बटन भी टाँक देना. इस तरह से, जो नई हर कोई आँके. मुझको माफ करना. Kusum ने कहा…. नवंबर 21, 2006. एक ट&...
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Un-Ending Creativity- Dr.Bhawna Kunwar: February 2010
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Un-Ending Creativity- Dr.Bhawna Kunwar. 28 February, 2010. We Wish U all A Happy Holi. Brings a lot of joy. Wish that your life. As the colors of Holi. Posted by Dr.Bhawna. View my complete profile. Created by Deluxe Templates.
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SAHITYIKA: From : Your Loving Wife
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Come, Sit, think and share your thoughts. I believe in the imagination. What I cannot see is infinitely more important than what I can see. Tuesday, November 16, 2010. From : Your Loving Wife. I am writing something right now in train. Because if I will try later may be I can’t write it in the same way. I am realizing each and every day. that I am not worth you. Isn’t it right? Hardworking, generous, open hearted and I am not. Just now I was thinking why I am so? I am trying to be worth you. But plea...
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भरत ...: 6/1/13 - 7/1/13
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मेरी पसन्द. नवभारत टाइम्स. सब कुछ एक साथ. ले गया वो चैन बिस्तर का गया जब ghazal ग़ज़ल غزل. 1 टिप्पणी:. ले गया वो चैन बिस्तर का गया जब. फूल रहते थे जहाँ काँटे वहां अब. काश के ये जाँ निकल जाए बदन से. करवटें बदलीं न जाती ए खुदा अब. हर तरफ़ है शान और पहचान उसकी. सच सुना है के मुहब्बत मे मिले रब. ख़्वाब पर पाबंदियां लगती नहीं हैं. जाना मैंने साथ उसके मैं रहा जब. दर्द ए दिल का उस से है नाता पुराना. धडकनें बढ़ने लगीं लो आ गयी शब. चूम कर तस्वीर सीने से लगा ली. Le gaya vo chain bistar ka gaya jab. دھڑکنیں بڑھنے ...
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भरत ...: 2/1/13 - 3/1/13
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मेरी पसन्द. नवभारत टाइम्स. सब कुछ एक साथ. 4 टिप्पणियां:. परिंदा बन रहा हूँ. परों पर कोपलें. उग रही हैं. सुना है. सात आकाश बनाये हैं. मुझे आठवां देखना है. और तुम जिस आकाश से देखते हो. उसमें तुम्हे. देख लेता हूँ. खिड़की का पर्दा हटा कर. This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivs 3.0 Unported License. इस संदेश के लिए लिंक. बड़े दिन पर खिला है गुल bade din par khila hai gul. 5 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. है पता उसको hai pata usko. This work is licensed under a ...
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SAHITYIKA: One Call..
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Come, Sit, think and share your thoughts. I believe in the imagination. What I cannot see is infinitely more important than what I can see. Tuesday, July 17, 2012. Hi dear, goodmorning. Goodmorning. (feeling heavy headed). I don’t want to go office. Why I have to go daily. Then I reach office and no work. What to do now. No work but I have to stay in office. This is not fair. Mood again went off. Started reading some official document. So boring, Now what to do? That’s not right. Are you not feeling well?
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है": अक्तूबर 2006
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दिल के दरमियाँ PRESENTS "कोई आवाज़ देता है". अक्तूबर 31, 2006. डॉ० कुँअर बेचैन जी का गज़ल संग्रहः कोई आवाज़ देता है. ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक. चाँदनी चार क़दम, धूप चली मीलो तक. प्यार का गाँव अजब गाँव है जिसमें अक्सर. ख़त्म होती ही नहीं दुख की गली मीलों तक. प्यार में कैसी थकन कहके ये घर से निकली. कृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों तक. घर से निकला तो चली साथ में बिटिया की हँसी. माँ के आँचल से जो लिपटी तो घुमड़कर बरसी. डॉ० कुँअर बेचैन. प्रस्तुतकर्ता. दिल के दरमियाँ. अक्तूबर 30, 2006. ये म...