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यादें: 10/01/07
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यादें. Monday, October 1, 2007. फैला दुखों का एक अथाह समंदर,. दुनिया सार्री जैसे डूब गयी,. इसकी बाह्य सुन्दरता में,. बस कर दुनिया ये लीं हो गयी,. जा फंसा था में एक दिन,. निकलने की कोशिश में इससे,. हाथ पर मई तड़प चलाने लगा,. ऊपर आ थोडा सा में उतराने लगा,. किश्ती आयी एक नज़र करीब मुझे,. सुख साधनों से सुसज्जित तैरती,. कारवां लोगों का था सवार इसमे,. आनंदित से दिख रहे थे सभी नर और नारी,. हिला हिला हाथ मुझे बुलाने लगे,. आने को मुझे वो ललचाने लगा,. बढ़ चल कुछ और आगे मई तैरता हुआ,. Links to this post. गर्म ह...
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यादें: 09/02/16
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यादें. Friday, September 2, 2016. इस जमाने को फिर से अच्छा बना दे,. हे प्रभु, हमें फिर से बच्चा बना दे।. दिलों को मासूम, नीयतों को सच्चा बना दे,. हे प्रभु, हमें फिर से बच्चा बना दे।. सपनों मे उड़ना, सितारों को छूना,. परियों के शहर का फिर से रस्ता बना दे,. हे प्रभु, हमें फिर से बच्चा बना दे।. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). एक नयी सुबह. कविता एक पहचान. कुछ और रचनायें. कवितायेँ. एक पहचान . परिचय एक माध्यम. अधर कुमार रस्तोगी. View my complete profile.
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यादें: 08/31/07
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यादें. Friday, August 31, 2007. आंसुओं में ना खोजो. आंसुओं में ना खोजो तुम,. खुशियों का समंदर कहीँ,. खुशियाँ भी तो है बिछी,. राहों में तेरी वहीँ,. बेवफा तो ये ज़माना भी है,. बेवफा ये ज़िन्दगानी ठहरी,. छोड़ चले साथ कब वो,. किसी को भी मालूम नही,. चाह था उसे तुने दिल से,. करती क्यों है उम्मीद फिर,. वफ़ा के मिल जाने की,. बची कहॉ वफ़ा अब इस जमाने में,. क्या देगा वो तुझे यहाँ,. हुआ जो कंगाल जमाने में,. खुशिया हो या फिर वो दुःख,. सुन लिया तुने हाले-दिल-उसका,. पी गयी हर एक आंसू अपने,. Links to this post. इश्वर ...
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यादें: 03/25/12
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यादें. Sunday, March 25, 2012. Jindagi ne kuch iss tarah ka rukh liya'. Jisne jis tarah chaha usnay diya. Jiso jitini thi jaroorat woh utna hi saath chala. Aur phir eek paal mai mujhe tanha chod diya. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). एक नयी सुबह. कविता एक पहचान. कुछ और रचनायें. कवितायेँ. Jindagi ne kuch iss tarah ka rukh liyajisne jis . एक पहचान . परिचय एक माध्यम. अधर कुमार रस्तोगी. View my complete profile.
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यादें: 09/30/07
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यादें. Sunday, September 30, 2007. Never cry for any relation in Life. Because for the one whom you cry. Does not deserve you tears. And the one who deserves. Will never let you cry. Treat everyone with politeness. Even those who are rude to you,. Not because they are not nice. But because you are nice. Never search you happiness in others. Which will make you feel alone,. Rather search it in yourself. You will feel happy even. If you are left alone. Always have a positive attitude. Links to this post.
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यादें: 08/28/07
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यादें. Tuesday, August 28, 2007. शायद मैं ही था. कभी- कभी. मै खुद नही समझ पाता कि. मै कौन हूँ,. क्या हूँ ।. गीली मिट्टी में. घरौंदा बनाने मे उलझा,. मिट्टी पर कदमों. के निशान छोडकर,. तुम्हारे बहुत दूर निकल जाने पर,. अपना मन सँभाले,. उन कदमों पर कदम धरता,. हाँफता- दौडता तुम्हे ढूँढता. शायद मैं ही था ।. या तुम्हारी स्मृति मे खोया. मै ही हूँ. 2404;दरवाज़े की ऒट मे खडा. उदास, निराश,. निर्निमेष पलकों से झाँकता भी. मैं ही था॰॰॰॰॰॰. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). एक पहचान .
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यादें: 02/19/16
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यादें. Friday, February 19, 2016. उस ठंडी ओस की महक ये हवाएं ले आएं शायद,. वह गुनगुनाती धुप की गर्माहट पहुंच जाए शायद,. उस कठोर पर्वत के पार कहीं घोंसला है मेरा,. शाम के ये बयार मेरा संदेशा ले जाये शायद. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. सर्द हवाओं ये एहसास दिलाती हैं,. की रिश्तों की गर्माहट कहीं खो गयी है,. पगडंडियों की नरम जमीं,. एक सख्त सड़क हो गयी है,. जिससे इंसान की तरह जानते थे हम,. उस आदमी से इंसानियत जुदा हो गयी है. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. Links to this post. लेकिन,. तू च...
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यादें: 02/23/16
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यादें. Tuesday, February 23, 2016. मेरी खामोशियों को मेरी कमजोरी न समझो दोस्तों,. हम अपनी कारगुजारियों का बखान नहीं करते,. जब तक हम आलस में बैठे हैं,. खुले में घूम लो तुम भी,. शेर आराम करते वक़्त शिकार नहीं किया करते. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. श्री अटल बिहारी वाजपयी जी की एक अनमोल रचना - पूरी अखा जीवन में नहीं लिख सकता. बाधाएं आती हैं आएं,. घिरे प्रलय की घोर घटाएँ,. पावों के नीचे अंगारे,. सिर पर बरसे यदि. ज्वालाएँ,. आग लगाकर जलना होगा,. कदम मिलकर चलना होगा. बलिदानों. अपमानों. होगा,. ये ...
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यादें: 08/16/16
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यादें. Tuesday, August 16, 2016. दुश्मन के खेमे में चल रही थी मेरे क़त्ल की साजिश,. मैं पंहुचा तो वो बोले " यार तेरी उम्र बहुत लंबी है"।।. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. न करो जुर्रत. किसी के वक़्त पे हंसने की कभी. ये वक़्त है जनाब. चेहरे याद रखता है. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. आधुनिक सच *. मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं. तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं. सुबह आठ बजे नौकरियों परजाते हैं. रात ग्यारह तक ही वापिस आते हैं. संडे की छुट्टी मî...वक्त नहीं र...वह स्क...
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यादें: 09/22/16
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यादें. Thursday, September 22, 2016. सुन्दर सुर सजाने को साज बनाता हूँ. नौसिखिये परिंदों को बाज बनाता हूँ. चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी,. तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ. समंदर तो परखता है हौसले कश्तियो के,. और मैं डूबती कश्तियो को जहाज बनाता हूँ. बनाए चाहे चांद पर कोई बुर्ज ए खलीफा,. अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. फलक की चाह मे, जमीं से दूर हुआ मैं. मैं अपने घर का कभी इक रोशन चराग था. अधर कुमार रस्तोगी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom).