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फ़ुरसतियाहम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
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हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
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फ़ुरसतिया | fursatiya.blogspot.com Reviews
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हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
फ़ुरसतिया: March 2014
http://fursatiya.blogspot.com/2014_03_01_archive.html
फ़ुरसतिया. हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै. इंकब्लॉगिंग. कट्टा कानपुरी. गुड मार्निंग. जिज्ञासु यायावर. परसाई जी. पाडकास्टिंग. पुलिया. बस यूं ही. रोजनामचा. वीडियो. श्रीलाल शुक्ल. सूरज भाई. हास्य/व्यंग्य. Monday, March 31, 2014. नदी के पाट के बीच रैंप पर लहरों का " कैट वाक". अनूप शुक्ला. पहचान चिन्हित करें. स्थान जोड़ें. संपादित करें. 183; सूचनाएँ बंद करें. 183; साझा करें. को यह पसंद है. 31 मार्च पर 01:05 पूर्वाह्न. 31 मार्च पर 06:15 पूर्वाह्न. Links to this post. Labels: सूरज भाई. काहे...31 मì...
फ़ुरसतिया: March 2015
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फ़ुरसतिया. हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै. इंकब्लॉगिंग. कट्टा कानपुरी. गुड मार्निंग. जिज्ञासु यायावर. परसाई जी. पाडकास्टिंग. पुलिया. बस यूं ही. रोजनामचा. वीडियो. श्रीलाल शुक्ल. सूरज भाई. हास्य/व्यंग्य. Monday, March 30, 2015. नंबरों की सब्सिडी. अनूप शुक्ला. Links to this post. Labels: बस यूं ही. Saturday, March 21, 2015. लात खाती शिक्षा नीति. अनूप शुक्ला. बरबस श्रीलाल शुक्ल जी का राग दरबारी में लिखा वाक...Links to this post. Labels: बस यूं ही. Tuesday, March 17, 2015. आज दोपहर को...बिन...
फ़ुरसतिया: August 2014
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फ़ुरसतिया. हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै. इंकब्लॉगिंग. कट्टा कानपुरी. गुड मार्निंग. जिज्ञासु यायावर. परसाई जी. पाडकास्टिंग. पुलिया. बस यूं ही. रोजनामचा. वीडियो. श्रीलाल शुक्ल. सूरज भाई. हास्य/व्यंग्य. Saturday, August 30, 2014. पुलिया पर योग प्रदर्शन. अनूप शुक्ला. 1 साझाकरण. 183; सूचनाएँ बंद करें. 183; प्रचार करें. 183; साझा करें. को यह पसंद है. 14 घंटे पहले. महेंद्र मिश्र. गजब पुलिया पर योगा . 14 घंटे पहले. महेंद्र मिश्र. 13 घंटे पहले. धन्य हुए दर्शन पाकर! 13 घंटे पहले. अरे वाह! हमार...
फ़ुरसतिया: October 2014
http://fursatiya.blogspot.com/2014_10_01_archive.html
फ़ुरसतिया. हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै. इंकब्लॉगिंग. कट्टा कानपुरी. गुड मार्निंग. जिज्ञासु यायावर. परसाई जी. पाडकास्टिंग. पुलिया. बस यूं ही. रोजनामचा. वीडियो. श्रीलाल शुक्ल. सूरज भाई. हास्य/व्यंग्य. Thursday, October 30, 2014. इतिहास को ठीक से पढें, समझे. अनूप शुक्ला. प्रश्न :. भारत में साम्प्रदायिक उन्माद कब खतम होगा? हम युवाओं को आपका निर्देश? जितने हमलावर आये उन सबकी सेना में बहुत से सिपाही भारत म...हरिशंकर परसाई. Links to this post. Labels: परसाई जी. Wednesday, October 29, 2014. य...
फ़ुरसतिया: July 2014
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फ़ुरसतिया. हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै. इंकब्लॉगिंग. कट्टा कानपुरी. गुड मार्निंग. जिज्ञासु यायावर. परसाई जी. पाडकास्टिंग. पुलिया. बस यूं ही. रोजनामचा. वीडियो. श्रीलाल शुक्ल. सूरज भाई. हास्य/व्यंग्य. Wednesday, July 23, 2014. पुलिया पर बच्चे. अनूप शुक्ला. हमने औंधी पड़ी साइकिल को सीधे खड़ा करवाया। साइकिल ने पक्का धन्यवाद बोला होगा।. सलाह उछालकर अपन दफ्तर चले आये। बच्चे भी चले ही गये होंगे।. को यह पसंद है. 23 जुलाई पर 09:05 पूर्वाह्न. महेंद्र मिश्र. A cycle is a regular feature in ur snaps sir!
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 03/14/15
http://ismatzaidi.blogspot.com/2015_03_14_archive.html
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. शनिवार, 14 मार्च 2015. इस बार पक्का वादा है कि अब ब्लॉग पर आने में इतनी देर नहीं लगेगी. ज़ुल्म की ये इंतहा और मुन्सिफ़ी सोई हुई. गर्म है बाज़ार ए ग़म लेकिन ख़ुशी सोई हुई. रेशमी बिस्तर प जागी बादशाहत रात भर. पत्थरों के फ़र्श पर है मुफ़लिसी सोई हुई. ख़ुश्बुओं की ओढ़ कर चादर , बिछा कर रौशनी. बाग़ के हर फूल पर थी चाँदनी सोई हुई. प्रस्तुतकर्ता. इस्मत ज़ैदी. चाँदनी. हर कोई म...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 11/18/14
http://ismatzaidi.blogspot.com/2014_11_18_archive.html
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. मंगलवार, 18 नवंबर 2014. एक अरसे के बाद ग़ज़ल की शक्ल में कुछ टूटे फूटे अल्फ़ाज़ और ख़यालात के साथ हाज़िर हूँ. लौट भी आओ सफ़र से. ख़बर भेजो कभी तो नामाबर से. यही हैं राब्ते अब मुख़्तसर से. बहुत दुश्वार है सहरा नविरदी. बस अब तुम लौट भी आओ सफ़र से. निशने पर हूँ मैं हर सम्त से ही. इधर से तीर और ख़ंजर उधर से. पराया कर दिया लहजे ने तेरे. प्रस्तुतकर्ता. नई पोस्ट. 6 दिन पहले. हर को...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 05/30/13
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. गुरुवार, 30 मई 2013. एक हिंदी ग़ज़ल प्रस्तुत करने का साहस कर रही हूँ. जो कमियाँ हों उन से अवगत कराने की कृपा अवश्य करें. हम कर्तव्यों को पूर्ण करें, माँगें केवल अधिकार नहीं. मानव से मानव प्रेम करे,संबंधों का व्यापार नहीं. जिस धरती माँ में सहने की शक्ति का पारावार न हो. कंगन,चूड़ी,पायल,बिछिया,मेंहदी,र. 2379;ली,झूमर,टीका. प्रस्तुतकर्ता. नई पोस्ट. कारवान ए अदब. प्र...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 08/06/13
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. मंगलवार, 6 अगस्त 2013. आज उर्दू ग़ज़ल पर वापस आते हैं, यूँ तो ग़ज़ल, ग़ज़ल है चाहे वह किसी भी भाषा में हो. क्योंकि उस का आधार तो भावनाएं हैं , जज़्बात हैं. और इन्हें ज़ुबान के बदल जाने से. कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता. शफ़क़त* निसार* की है ,निगाहों ने उम्र भर. महफ़ूज़* रक्खा माँ की दुआओं ने उम्र भर. शिकस्त= हार, पराजय. प्रस्तुतकर्ता. इस्मत ज़ैदी. नई पोस्ट. जाने क...सुब...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 12/06/12
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. गुरुवार, 6 दिसंबर 2012. एक माह के अरसे के बाद एक बार फिर एक ग़ज़ल के साथ हाज़िर ए ख़िदमत हूं. हथियार तेरे किस को डराने के लिये हैं. हम तो तेरा हर वार बचाने के लिये हैं. हर फूल की क़िस्मत में शिवाला नहीं होता. कुछ फूल तो मय्यत पे सजाने के लिये हैं. आँसू को सदा ग़म से ही जोड़ा नहीं करते. नशेमन= घोंसला , नीड़. प्रस्तुतकर्ता. इस्मत ज़ैदी. नई पोस्ट. कारवान ए अदब. प्र...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 07/05/13
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. शुक्रवार, 5 जुलाई 2013. एक और हिंदी ग़ज़ल आप के समक्ष प्रस्तुत है. कैसे बिसराऊं भला बीता हुआ पल कोई. कल्पनाओं में जो बजती रहे पायल कोई. कोई संवाद नहीं और कोई संबंध नहीं. भाव जीवन में नहीं रह गया कोमल कोई. कितनी चिंताओं का वो बोझ लिये फिरता है. अब न बचपन है, न बच्चा रहा चंचल कोई. कैसी संवेदना, कैसी करुणा और दया. प्रस्तुतकर्ता. इस्मत ज़ैदी. नई पोस्ट. अपनी बात. हर कí...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 10/09/13
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. बुधवार, 9 अक्तूबर 2013. लंबा अरसा गुज़र जाता है और शायद आप लोग. भूलने लगते होंगे तो मैं फिर कुछ न कुछ. ले कर हाज़िर हो जाती हूँ और. ब्लॉग की सालगिरह भी है. सपनों में तू आया कर. स्वर्ग की सैर कराया कर. नफ़रत की चिंगारी पर. प्रेम सुधा बरसाया कर. चाँद को पाना नामुमकिन. चातक को समझाया कर. नाउम्मीदी कुफ़्र भी है. आस के दीप जलाया कर. इतना मत इतराया कर. नई पोस्ट. पत्थर...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 02/26/13
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013. आज क़रीब-क़रीब २ माह के बाद एक ताज़ा ग़ज़ल के साथ ब्लॉग का रुख़ कर पाई हूँ. हालाँकि एक ख़ौफ़ भी है कि ’शेफ़ा’ कजगाँवी का वजूद ब्लॉग की दुनिया में बाक़ी है. कहीं दूर कर दिया. जिन के फ़ुटपाथ पे घर, पाओं में छाले होंगे. भूके बच्चों की उमीदें न शिकस्ता हो जाएं. प्रस्तुतकर्ता. इस्मत ज़ैदी. 39 टिप्पणियां:. नई पोस्ट. कारवान ए अदब. जाने क...फ़ैश...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 11/26/13
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. मंगलवार, 26 नवंबर 2013. आज फिर एक हिंदी ग़ज़ल के साथ आप के समक्ष हूँ. छोटी सी ही आस बहुत है. थोड़ा सा उल्लास बहुत है. तेरे साथ जो पल-छिन बीते. उन का बस आभास बहुत है. उस ने नाता तोड़ लिया पर. अब भी, मन के पास बहुत है. मैं ख़ुद डाँवाडोल हूँ लेकिन. साथी पर विश्वास बहुत है. वाणी में कोमलता है पर. आँखों में उपहास बहुत है. प्रस्तुतकर्ता. इस्मत ज़ैदी. नई पोस्ट. पत्थर भì...
शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : 08/04/15
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शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی. मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं. मेरे ब्लॉग परिवार के सदस्य. मंगलवार, 4 अगस्त 2015. बिल्कुल छोटी बह्र में एक हिन्दी ग़ज़ल की कोशिश. उन की आहट. सिमटा घूँघट. ये कौन आया. मन के चौखट. भाव छिपाएं. नैनों के पट. संबंधों में. कैसी बनवट? अँधी नगरी. राजा चौपट. जीवन यापन. भारी संकट. त्याग करे वो. जिस में जीवट. निर्जन पनघट. विजयी मरघट. प्रस्तुतकर्ता. इस्मत ज़ैदी. 12 टिप्पणियां:. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कारवान ए अदब. रवी...
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Fursat… Friday – A Life at Leisure… A Life on a Lighter Side…
A Life at Leisure… A Life on a Lighter Side…. NaMonetization – a word coined by me… if you use it, please quote the source from my Urban Dictionary…. Friday, November 11, 2016. As a kid travelling across the country in a number of trains, I developed this keen sense of what moves the trains and when of course, a first assumption is, as my younger sister, younger as she was to me by 4 years, would tell me with a straight face. 8220;It is the Engine, Silly”. Being employed in the Railways, my father used t...
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Karne Se Hota Hai! Inside each of us is a Dream, an Aspiration.what we like to call your. May be the perfect wave,. The top of the mountain, or. Some gloriously insane obsession,. But it's yours, and. Is here to make you realize it. Inspired by Taco Del Mar. SITE BY iTech Solutions.
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फ़ुरसतिया
फ़ुरसतिया. हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै. आलोक पुराणिक. इंकब्लॉगिंग. कट्टा कानपुरी. गुड मार्निंग. जिज्ञासु यायावर. पंचबैंक. परसाई जी. पाडकास्टिंग. पुलिया. बस यूं ही. रोजनामचा. वीडियो. व्यंग्य की जुगलबंदी. श्रीलाल शुक्ल. सूरज भाई. हास्य/व्यंग्य. Saturday, November 04, 2017. मन कर रहा कि अब उठे. अनूप शुक्ला. मन कर रहा कि अब उठे , फ़ौरन नहा के आ जाएँ. लेकिन सोचते हैं कि दौड़ के दूकान से दूध ले आएं।. कट्टा कानपुरी. Links to this post. Labels: कट्टा कानपुरी. Friday, November 03, 2017. बहुत क...
फुरसत के दो पल!
फुरसत के दो पल! Monday, September 22, 2008. जयजयवंती वार्षिकोत्सव - ११- सितम्बर -२००८. Http:/ www.anubhuti-hindi.org/. Http:/ www.abhivyakti-hindi.org/. संगीता मनराल. Labels: जयजयवंती समारोह. Thursday, September 18, 2008. फुरसत के दो पल! जीवन की आपा धापी में कब वक़्त मिला. कुछ देर कहीं पर बैठ कभी ये सोच सकूँ. जो किया, कहा, माना, उसमें क्या बुरा भला. संगीता मनराल. Subscribe to: Posts (Atom). जयजयवंती वार्षिकोत्सव - ११- सितम्बर -२००८. फुरसत के दो पल! दिल्ली, दिल्ली, India. View my complete profile.
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Dil Dhoondta Hai, Fhir Wahi, Fursat Ke Raat Din
Dil Dhoondta Hai, Fhir Wahi, Fursat Ke Raat Din. 2 most recent entries. Perhaps if they went out and met one another they wouldn't have to wonder. From - "The Birds of the Air: Parables of Loneliness and Unloneliness" by David Drake-Brockman. Fursath Kay Raath Din! Dil Dhoondta, Hai Phir Wohi, Fursat Ke Raat Din. Baithe Rahen ,Tasavurey, Jaana Kiye Huey. Dil Dhoondta, Hai Phir Wohi. Ya Jaadhon Ki Narm Dhoop Aur, Aangan Mein Letkar,. Aankhon Se Kheench Kar Tere Aanchal Ke Saaye Ko,.
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Apache/2.4.16 (Unix) OpenSSL/1.0.1e-fips mod bwlimited/1.4 Server at www.fursatmein.com Port 80.
Sometimes useful mostly random | Musings of “Ghost ka Dost”
Sometimes useful mostly random. Musings of “Ghost ka Dost”. Statistics are like …. February 14, 2010. Some days back (Ok months actually) I had come up with some statistics. Courtesy the friendly stats guru. Now Andy Zaltzman. Has come with some gems of his own. Read it here. While the whole article brings up some really interesting points, the conclusions drawn from the statistics are simply fab. 3: Kallis is an inferior cricketer to both Guy Whittall and Chris Pringle. Slam Bang Oh Please Shut Up.
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