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Meri Lekhni, Mere Vichar.. मेरी लेखनी, मेरे विचार..: November 2012
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Meri Lekhni, Mere Vichar. मेरी लेखनी, मेरे विचार. Jogendra Singh जोगेंद्र सिंह. चुहिया. Monday 26 November 2012 - By Jogendra Singh - 2 comments. Labels: Reminiscence (संस्मरण). अनजान डायरी के पन्नों से. 9679; चुहिया ●. हालाँकि. कई दिन बीत जाने पर भी जब वो नहीं आयी तो मुझे समझ नहीं आया कहाँ जाकर ढूँढूं अपने आखिरी रिश्ते को? क्या मेरा ये रिश्ता भी खो गया? किसी ने वापस नहीं आना क्या तुम अपना नसीब नहीं जानते? कब-कब तुम्हारा कोई टिकाऊ अपना हुआ? तुमको अपने मरने तक अकेले ह&#...कोई ना. चुहिया. Links to this post.
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एहसासात... अनकहे लफ्ज़.: स्वागत नवागत -2 (दोहे)
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एहसासात. अनकहे लफ्ज़. व्यंग्य. कार्टून. पैरोडी. Friday, December 30, 2011. स्वागत नवागत -2 (दोहे). समस्त सम्माननीय सुधि स्वजनों को नूतन वर्ष की सादर बधाईयाँ. घट आया घट काल का, घटक गये सब रीत . स्वागत और विदाइयां, यह घट-घट की रीत. गया बरस प्यारा बड़ा, कुछ बाकी व्यौहार. नया बरस चौखट खडा, गूंजत द्वाराचार. नई राह, नव चाह ले, नया नित्य उत्साह. संगी सब ही संग हों, अरु साधें सद राह. मान, मेट मनभेद सब, मंतर जान महान. एका से ताकत बढे, यही दिलाए मान. SMHABIB (Sanjay Mishra 'Habib'). Friday, December 30, 2011. फ...
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" कबीरा : : अन्योनास्ति ": '' बदरा क्यूँ वर्षा लायें ? ? ? ''
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कबीरा : : अन्योनास्ति ". मेरी दुनिया : My World ". मुख्यपृष्ठ:. चौपाल: झरोखा:. विविधा:मंथन:. अर्थ-यथार्थ: :. के बहाने से ": :. आतिश-फशां. कृतज्ञता. केस बताऊँ. गोयाकि. ज़िन्दगी. नीलकंठ मैं. मर कर भी. मा-फलेषु. मिल-जुल-मन-दीप. यादें. रत की खामोशी. वन-बदरा-वर्षा. संवेदनाएं. सुकूं. हमऔर-प्रकृति. हाय-बताऊँ. हिस्सेदारी. हे गोविन्द; वैर-आग. मुख्यपृष्ठ:. चौपाल: झरोखा:. विविधा:मंथन:. अर्थ-यथार्थ: :. के बहाने से ": :. अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / : कबीरा :. बुधवार, 19 अगस्त 2009. प्राकृतिक. देख नृत&#...Aur haan ...
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Meri Lekhni, Mere Vichar.. मेरी लेखनी, मेरे विचार..: October 2012
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Meri Lekhni, Mere Vichar. मेरी लेखनी, मेरे विचार. Jogendra Singh जोगेंद्र सिंह. Sunday 14 October 2012 - By Jogendra Singh - 0 comments. Labels: कविता कोष. क्षणिकाएं. खामोश कब तक? खामोश निगाहों से तकता रहूँ मैं कब तक? आकर कब वे जुबान देंगे मेरी ख़ामोशी को? साकत कब तक घूरता रहूँ उस दगरे को? जिस दगरे पर जाने के तेरे निशान बने हैं. :-(. जोगेंद्र सिंह सिवायच Jogendra Singh. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). एक नज़र इधर भी! My Business (Su-j Helth). Reminiscence (संस्मरण). उठते सवाल? 9679; http:...
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Meri Lekhni, Mere Vichar.. मेरी लेखनी, मेरे विचार..: September 2012
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Meri Lekhni, Mere Vichar. मेरी लेखनी, मेरे विचार. Jogendra Singh जोगेंद्र सिंह. रिश्ते (सवाल बहुतेरे : उतरदाता कौन? Friday 28 September 2012 - By Jogendra Singh - 0 comments. Labels: Reminiscence (संस्मरण). अनजान डायरी के पन्नों से. रिश्ते. सवाल बहुतेरे : उतरदाता कौन? अभी तो डर-डरकर जीना बाकी होता है जाने कब किस बात पर एक ब्रेक मिल जाये? उसने कहा भी : :. कुछ ज्यादा तो न चाहा हमने. एक लम्हा माँगा था बस अपने नाम का. पर वो तंगहाल .इतना भी न दे सके. हर पल मन में समाया भय कि ज...क्यों. देर से क...कई बì...
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Meri Lekhni, Mere Vichar.. मेरी लेखनी, मेरे विचार..: January 2014
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Meri Lekhni, Mere Vichar. मेरी लेखनी, मेरे विचार. Jogendra Singh जोगेंद्र सिंह. चुड़ैल और शादी. Wednesday 1 January 2014 - By Jogendra Singh - 2 comments. 9679; चुड़ैल और शादी. 9679; (गंभीर हास्य). 9679; जोगेंद्र सिंह सिवायच. 9679; ( 01-01-2014. चुड़ैल और शादी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). एक नज़र इधर भी! My Business (Su-j Helth). Reminiscence (संस्मरण). अनजान डायरी के पन्नों से. उठते सवाल? उभरती सोच. कटाक्ष कहानी. कविता कोष. कुछ अलग सा. क्षणिकाएं. गंभीर लेख (Articals). 9679;▬▬...
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Meri Lekhni, Mere Vichar.. मेरी लेखनी, मेरे विचार..: March 2012
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Meri Lekhni, Mere Vichar. मेरी लेखनी, मेरे विचार. Jogendra Singh जोगेंद्र सिंह. गुड्ड वाली नाईट Good Knight. Tuesday 20 March 2012 - By Jogendra Singh - 0 comments. Labels: कविता कोष. क्षणिकाएं. हास्य एवं मस्ती. हास्य कवितायेँ. गुड्ड वाली नाईट Good Knight. जे चक्कर क्या हो रिया है बंधु? जिसे देखो वही सोने चल दिया है बंधु? जा जाके जाने फिर कैसे आ रिया है बंधु? गुड्ड वाली नाईट बोले बगैर कैसे जा रिया है बंधु? 9679; जोगी. गुड्ड वाली नाईट Good Knight. Links to this post. क्यूँ आज भी? Links to this post. ज...
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Meri Lekhni, Mere Vichar.. मेरी लेखनी, मेरे विचार..: December 2014
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Meri Lekhni, Mere Vichar. मेरी लेखनी, मेरे विचार. Jogendra Singh जोगेंद्र सिंह. टूटा नान (कटाक्ष कहानी). Tuesday 30 December 2014 - By Jogendra Singh - 0 comments. Labels: कटाक्ष कहानी. व्यंग्य कहानी. 9679; टूटा नान. 2325;टाक्ष कहानी) ●. 9679; काफी. 9679; समझ. 9679; कई. 9679; ज्यों. 9679; जैसे. 9679; लात. 9679; कराहते. 9679; जोगेन्द्र सिंह. 2332;ोगी. 9679; jogendrasingh.blogspot.in. टूटा नान (कटाक्ष कहानी). Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). एक नज़र इधर भी! My Business (Su-j Helth). 9679; ht...
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Meri Lekhni, Mere Vichar.. मेरी लेखनी, मेरे विचार..: January 2013
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Meri Lekhni, Mere Vichar. मेरी लेखनी, मेरे विचार. Jogendra Singh जोगेंद्र सिंह. ओस से भीगी एक रात. Tuesday 22 January 2013 - By Jogendra Singh - 2 comments. Labels: उठते सवाल? कटाक्ष कहानी. समसामयिक विषय. सामाजिक विडम्बना. ओस से भीगी एक रात. बहुतेरी. जोगेंद्र सिंह Jogendra Singh (22-01-2013). ओस से भीगी एक रात. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). एक नज़र इधर भी! My Business (Su-j Helth). Reminiscence (संस्मरण). अनजान डायरी के पन्नों से. उठते सवाल? उभरती सोच. कविता कोष. कुछ अलग सा. 9679;▬...
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