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बोलती ग़ज़लें : April 2015
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बोलती ग़ज़लें. Thursday, April 30, 2015. भूखे नंगे शहर में हरसूं बसते हैं खालीफे लोग. भूखे नंगे शहर में हरसूं बसते हैं खलीफे लोग,. ढूँढा करते हर तबके को ठगने के तरीके लोग. महफ़िल सूनी, मैकश सूनी, सारे सूने साज़ हुए,. गम में डूबे हैं सब इतने, भूल गए सलीके लोग. मंजिल नहीं मिली तो गम में आशिक यूँ पागल हुए,. तोड़-तोड़ गुंचे फूलों के, उजाड़ें यूँ बगीचे लोग. झूठी शान-ओ-शौकत में अब दुनियां यूँ मशगूल हुई,. मुजरिम यूँ परवाने बन, जब घर में आ दाखिल हुए,. हर्ष महाजन. अश्कों. के सफ़र में. हर्ष महाजन. चाँद कì...इश्...
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बोलती ग़ज़लें : मुहब्बत हो रही बदनाम मेरे अफ़साने बहुत हैं
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बोलती ग़ज़लें. Monday, May 11, 2015. मुहब्बत हो रही बदनाम मेरे अफ़साने बहुत हैं. मुहब्बत हो रही बदनाम मेरे अफ़साने बहुत हैं,. तेरे इस शहर में अब तो मेरे दीवाने बहुत हैं. तेरी आंखों के समंदर में मिले है नशा इतना,. वरना कहने को तो इस शहर में मैखाने बहुत हैं. यूँ ही खिलते हुए फूलों को झड़ते देखा है मैंने,. जिन्हें अंजाम देने को यहाँ बेगाने बहुत हैं. तेरे कूचे में आकर दिल की कश्ती डूब जाती है,. हर्ष महाजन. Subscribe to: Post Comments (Atom). मैं और मेरे दुसरे ब्लाग. पंजाबी दर्पण. MaiN Our Meri Tanhayii. दिल...
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बोलती ग़ज़लें : किस तरह आता मुझे तेरा नशा पूछोगे
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बोलती ग़ज़लें. Thursday, July 16, 2015. किस तरह आता मुझे तेरा नशा पूछोगे. इन हवाओं से कभी.मेरा पता पूछोगे,. किस तरह आता मुझे तेरा नशा पूछोगे. तूने जो ली थी कसम मुझसे जुदा होने पर,. मेरी धड़कन की सदाओं से सजा पूछोगे. अब तलक मैंने जलाईं थीं हजारों ही शमा,. यूँ अंधेरों में बता किस से पता पूछोगे. बेरहम यादें चलीं आहों में आंधी की तरह,. है असर इतना कि कण-कण से खुदा पूछोगे. जब से रातों में दिखे रूहें जुगनुओं की तरह,. हर्ष महाजन. Subscribe to: Post Comments (Atom). पंजाबी दर्पण. MaiN Our Meri Tanhayii. 8230; क...
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बोलती ग़ज़लें : दिल-ए-ग़मज़दा को सताओगे क्या तुम
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बोलती ग़ज़लें. Wednesday, May 6, 2015. दिल-ए-ग़मज़दा को सताओगे क्या तुम. दिल-ए-ग़मज़दा को सताओगे क्या तुम,. मुझे बार-बार आजमाओगे क्या तुम. ये हम हैं कि अब तक परेशाँ हैं,. शब्-ए-हिज्राँ की ताब लाओगे क्या तुम. बस इतनी सी इक बात मैं पूछता हूँ,. कभी मुझको अपना बनाओगे क्या तुम. न छोड़ोगे मर कर भी दामन हमारा,. जो वादा किया था निभाओगे क्या तुम. गम-ए-ज़िन्दगी, ज़िंदगी बन चुका है,. हंसा कर मुझे अब रुलाओगे क्या तुम. 8216;हर्ष’ आज मुल्क-ए-अदम से चला है,. हर्ष महाजन. Subscribe to: Post Comments (Atom). MaiN Our Meri Tanhayii.
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MaiN Our Meri Tanhayii: March 2014
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MaiN Our Meri Tanhayii. मेरे काव्य संग्रह. लघु कथाएँ. पंजाबी दर्पण. मेरी नज्में/कवितायें. ताज़ा बैंकिंग ख़बरें. Sunday, March 30, 2014. काश तू मेरी किस्मत की लकीरों के अंदर देखती. काश तू मेरी किस्मत की लकीरों के अंदर देखती,. गर होता इश्क़ मुझसे तो तू मुझमें समंदर देखती।. ज़िन्दगी तो तन्हां है यूँ ही अकेली नदिया सी मेरी,. गर होता हौंसला तुझमें तो मुझमें सिकंदर देखती ।. मुक़द्दर में चेहरों के. बहुत से हजूम तो थे मेरे,. हर्ष महाजन. Links to this post. Saturday, March 29, 2014. हर्ष महाजन. Links to this post.
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MaiN Our Meri Tanhayii: March 2015
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MaiN Our Meri Tanhayii. मेरे काव्य संग्रह. लघु कथाएँ. पंजाबी दर्पण. मेरी नज्में/कवितायें. ताज़ा बैंकिंग ख़बरें. Saturday, March 28, 2015. मुखत्सिर लफ़्ज़ों में जो बात मुझको बोल गया. मुखत्सिर लफ़्ज़ों में जो बात मुझको बोल गया,. दिल समंदर जो मेरा.बन के भंवर डोल गया. हुआ रुक्सत वो मगर मुझको सफ़र ऐसा मिला,. उम्र-भर का था वो बंधन, पर मगर खोल गया. हर्ष महाजन. Links to this post. Friday, March 27, 2015. तुझको देख यहाँ हँस रहा हूँ ज़रू. तुझपे मरता हूँ.ये न समझना हजूर. हर्ष महाजन. Links to this post. Links to this post.
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MaiN Our Meri Tanhayii: December 2014
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MaiN Our Meri Tanhayii. मेरे काव्य संग्रह. लघु कथाएँ. पंजाबी दर्पण. मेरी नज्में/कवितायें. ताज़ा बैंकिंग ख़बरें. Wednesday, December 31, 2014. किस तरह कर लूं यकीं तुझको मुझसे इश्क नहीं. किस तरह कर लूं यकीं तुझको मुझसे इश्क नहीं,. गर मैं पत्थर हूँ खुदा मुझको तू हीरा कर दे. Kis tarah kar loon yaqeeN tujhko mujhse ishq nahiN,. Gar main pathhar huN khuda mujhko tu heera kar de. Links to this post. भूल जाऊँगा उसे एक दिन टूट जाने के बाद. Bhool jaooNga usey ek din toot jaane ke baad,. हर्ष महाजन. Links to this post.
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MaiN Our Meri Tanhayii: Nav-Vivahit JoRha--Ek hasya Kavita
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MaiN Our Meri Tanhayii. मेरे काव्य संग्रह. लघु कथाएँ. पंजाबी दर्पण. मेरी नज्में/कवितायें. ताज़ा बैंकिंग ख़बरें. Tuesday, July 14, 2009. Nav-Vivahit JoRha- Ek hasya Kavita. Chala ja raha tha! Jala ja raha tha! Bas kho diya tha saNtulan,. Ik taraf Gire miaN ji. Doozi taraf thi Dulhan! Drishya kuchh aisa tha,. Pati-patni chhitar gaye the. Bikhar se gaye the. Thhithhak kar logoN ne,. Patni ko uthha . Bahin ji.kahiN chot to nahiN aayii? Ye dekh miaaN ji ne ik Guhaar lagayii. Arey, bahin ji ke bhaaiyo. सभी...
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MaiN Our Meri Tanhayii: April 2014
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MaiN Our Meri Tanhayii. मेरे काव्य संग्रह. लघु कथाएँ. पंजाबी दर्पण. मेरी नज्में/कवितायें. ताज़ा बैंकिंग ख़बरें. Wednesday, April 30, 2014. गम से रहा गाफिल जो शख्स खुश है खबर आने लगी. गम से रहा गाफिल जो शख्स खुश है खबर आने लगी,. है चोट चेहरे की सिलवटों में मगर नज़र आने लगी ।. कुछ दिन शहीदों की कब्र पर अब और जलेंगे दीप यहाँ,. क्या हुआ सियासती दौर को जो नस्ल इधर आने लगी ।. हर्ष महाजन. Links to this post. Tuesday, April 22, 2014. हर्ष महाजन. Links to this post. KishtoN meiN rishtoN ko tum nibhate ho kyuN.
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MaiN Our Meri Tanhayii: July 2014
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MaiN Our Meri Tanhayii. मेरे काव्य संग्रह. लघु कथाएँ. पंजाबी दर्पण. मेरी नज्में/कवितायें. ताज़ा बैंकिंग ख़बरें. Wednesday, July 30, 2014. मेरी धड़कन को दुनिया मनाती रही. मेरी धड़कन को दुनिया.मनाती रही,. चुप थी बे-दर्दी.हम को रुलाती रही. दिल था टूटा मगर.मैं न टूटा कभी ,. बे-वफ़ा थी जो नज़रें.चुराती रही. इक खलिश थी मुझे,उसको भी रंज था,. जाने फिर क्यूँ वो.मातम मनाती रही. बात जो कुछ भी थी.बीच उसके मेरे,. बे-वफ़ा गैरों को क्यूँ.बताती रही. हर्ष महाजन. Links to this post. Tuesday, July 29, 2014. हर्ष महाजन. सदिय...
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