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palash "पलाश": February 2015
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शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015. प्रेम अनुमति पत्र. आज एक दिन घर पर अकेले रहना, इतना मुश्किल लग रहा था कि जैसे इससे ज्यादा मुश्किल तो कुछ भी नही। निशा बिट्टू के साथ अपनी बहन की शादी में गयी थी।. लाइब्रेरी. आज तक, ना मैं अपने प्रेम को हस्ताक्षरित करा सका और ना दिल को. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 7 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. रविवार, 15 फ़रवरी 2015. क्या हो तुम. तू ही दर्द मेरा, हमदर्द मेरा. शामें तू ही, सबेरा भी मेरा. मिलकर ही तो, मिल पाये हम. लेबल: प्यार. स्वीकार. किस तरह स&...
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palash "पलाश": January 2014
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रविवार, 26 जनवरी 2014. खुला खत. जिन्दगी. से नही. थी, कही ना कही वो जी जरूर रही होगी।. बेपता खत जब पहुंचा मेरे पास, सोचने लगा मन , क्या मेरा उसका नाता था. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 4 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारी वाणी. आप कहाँ से पढ रहे है. मेरी ब्लॉग सूची. उड़न तश्तरी . तोता और उसकी पर्ची. 1 दिन पहले. ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र. मन , एक बदमाश बच्चा. 2 दिन पहले. 1 सप्ताह पहले. चलते -चलते ! 3 माह पहले. हिन...
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palash "पलाश": September 2014
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शनिवार, 20 सितंबर 2014. हमारे बुजुर्ग. फर्क तो है बस जरा सा, मगर बडी बात है. बडे हमारे साथ होते या हम बडों के साथ है. छोटे हैं प्यार के लिये, वही शोभता है उन्हे. मकां वही घर बना, जहाँ बडों का हाथ है. नर्क और स्वर्ग का फर्क बस इ. नसे ही है. बडों की छावं के बिना अधूरी हर बात है. बरगद है ये बुजुर्ग और बेल है हम युवा. साथ मे इनके ही तो जिन्दगी का राग है. क्या भला दे पायेगें, जीवन के दाता है ये. हर सांस पर हमारी, इनका भी अधिकार है. 9 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. छाई छिति छोर-छ...कुटिल क&#...या ...
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palash "पलाश": February 2014
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शनिवार, 15 फ़रवरी 2014. माँ - - ईश्वर का आशीर्वाद. क्या भगवान मुझे भी माँ जैसे रिश्ते को अपमानित करने की मुझे सजा दे रहे हैं? क्या मैने रेनू से उसके पिता को नही छीन रखा? तभी ध्यान घडी पर गया। रेनू की बस आने का समय हो गया था, रोज कामता को ही भेज देती थी उसको लाने के लिये।. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 5 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: प्यार. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारी वाणी. आप कहाँ से पढ रहे है. उड़न तश्तरी . 1 दिन पहले. मंगल...
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palash "पलाश": July 2014
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बुधवार, 23 जुलाई 2014. जली रोटी. चूल्हे. बिल्कुल. चूल्हे. धुंये. रोटियां. खिलायेगी. लेगा।. लेगें. सावधानी. बनायेगी।. रोटियों. छाँटने. रोटियां. आंखों. कारखाने में धीरज. कुछ भी कहो मगर शादी. तुम्हारा. मिलेगी।. मिटेटी. थोडा सा हिलाते. मुस्करा कर कहा. होगी,. और यहाँ. तुम चिन्ता. करो, अब. करूँगा. जिन्दगी. जायगी।. 2404; बसन्त उसके रोने पर घबरा के बोला - अरे क्या हुआ? रोटियां. मैने सारी. सारी रोटियां. दी। वो कुछ और कहती इससे पहले. एक हाथ से. कटोरदान से. हैं।. ज्या दा. होता है. जिन्दगी. दिया।. सिखाय&...होत...
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palash "पलाश": August 2014
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बुधवार, 6 अगस्त 2014. एक अबला आकार. कहते जिसे नारी,. दो मात्राओं से. नर पर है भारी।. वैसे तो है ये. जीवन का आधार,. मगर पुरुष मानता. इसे निराधार।. पत्थरों में पूजता. शक्ति के रूप में,. बल से चोट करता. छाया या धूप में।. मिटाना चाह रहा. हमारा अस्तित्व,. जाने कैसे बचायेगा. अपना व्यक्तिव।. ललकारती हूँ आज. ऐ बली नर तुझे,. मिटा कर रख दे. आज बस अभी मुझे।. कम से कम धरा से. जीवन तो खत्म हो,. एक स्वस्थ स्रुष्टि की. शायद रचना तब हो।. 6 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. शुक्रवार, 1 अगस्त 2014. में दे...राख...
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palash "पलाश": June 2015
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शुक्रवार, 5 जून 2015. रिस्टोरेशन. तुम्हारा सारा काम हो गय क्या? अरे मुझसे कह देती मैं कल बाजार से नयी ऊन ला देती।. क्या मन में बनी चंद गांठो को छुपाया या मिटाया नही जा सकता? Restoration - पुनरनिर्माण. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 11 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: restoration of relations. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारी वाणी. आप कहाँ से पढ रहे है. मेरी ब्लॉग सूची. उड़न तश्तरी . तोता और उसकी पर्ची. 1 दिन पहले. 2 दिन पहले. हिन्...लिख...
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palash "पलाश": April 2015
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बुधवार, 29 अप्रैल 2015. त्रासदी फिर आ सकती है. कर्तव्यों. अंजानी. रास्ता. दिखाने. भृकुटि. निकाले. राजनीति. दीवारे. करने लगा धार्मिक. शिनाख्त. शरीरों. विभाजित. कर दिया. लाशों. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 3 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: नेपाल भूकम्प. सोमवार, 27 अप्रैल 2015. ख्वाइशों के पुलिंदे. मुश्किल ना था बयां करना , हाल-ए-दिल तुमसे. मगर आरजू रही आजमां ही ले इम्तेहान-ए-सबर. मगर हसरत थी हो तुझपे मेरी वफाओं का असर. 8 टिप्पणियाँ. लेबल: love desire. चुपके च...तुम...
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palash "पलाश": May 2015
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शनिवार, 16 मई 2015. दूरसंचार के जाल में समाज. आज चाहे बच्चे हो, युवा हो या बुजुर्ग कोई भी इंटरनेट के जाल से अछूता नही। मगर इस जाल मे फंसना या ना फंसना हम पर ही निर्भर करता है। ऑकडे बताते है कि. बच्चों. दृश्यों. शिक्षा. चीजें. ढूंढ़ते. दृश्यों. एक दुधारी. इस्तेमाल. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 5 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: world communication day. यादों के झरोखों से. यादों के पन्ने, जब कभी खुल जायेगे. संग चली गयी, चंद लकीरे भी. 5 टिप्पणियाँ. हाले दिल ल...आरजू म...
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palash "पलाश": December 2014
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बुधवार, 31 दिसंबर 2014. कुंडली. मगर समय के पटल पर क्या लिखा है इसे शायद अक्षरशः कोई महाज्ञानी भी शायद नही पढ सकता ।. उस दिन मेरी मत्यु तो हुयी मगर साथ ही जीवन दान भी मिला, एक अक्षय जीवन जिस पर कोई ग्रहों या उसकी दशाओं के बिन्दु नही खींच सकता था।. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 1 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: कर्म. कुंडली. सुख दुख. गुरुवार, 25 दिसंबर 2014. काश और शायद. काश और शायद. शब्द हैं, कुछ ना हो पाने के. एक में नाउम्मीदी का कफन. ऐसा हो जाता. तुमका तो...अब जाओ और...