
hindikechirag.blogspot.com
हिन्दी के चिरागहिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश............
http://hindikechirag.blogspot.com/
हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश............
http://hindikechirag.blogspot.com/
TODAY'S RATING
>1,000,000
Date Range
HIGHEST TRAFFIC ON
Saturday
LOAD TIME
7.9 seconds
16x16
32x32
64x64
128x128
PAGES IN
THIS WEBSITE
6
SSL
EXTERNAL LINKS
12
SITE IP
172.217.5.1
LOAD TIME
7.891 sec
SCORE
6.2
हिन्दी के चिराग | hindikechirag.blogspot.com Reviews
https://hindikechirag.blogspot.com
हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश............
हिन्दी के चिराग: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'
http://hindikechirag.blogspot.com/2010/04/blog-post.html
हिन्दी के चिराग. हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश. 18 अप्रैल 2010. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'. राष्ट्रीयता. रुढियों. जंजीरों. वर्त्तमान. व्यवस्था. क्रांति. राष्ट्रकवि. रामधारी. व्यक्तित्व. कृतित्व. प्रस्तुत. शिक्षा-. दीक्षा. संस्कृत के. प्रारंभिक. शिक्षा. प्रारंभ. इन्होने. प्राथमिक. विद्यालय. प्राथमिक. शिक्षा. प्राप्त. तदोपरांत. निकटवर्ती. राष्ट्रीय. शिक्षा. व्यवस्था. प्राप्त. 2404; यही. मस्तिष्क. 2404; हाई. 2404; इसी. पंक...
हिन्दी के चिराग: September 2008
http://hindikechirag.blogspot.com/2008_09_01_archive.html
हिन्दी के चिराग. हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश. 25 सितंबर 2008. क्रन्तिकारी भक्त कवि कबीरदास. कबीर के व्यक्तित्व का परिचय उनके द्वारा रचित दोहों-साखियों. के आधार पर प्राप्त होता है,. यह उद्घोष कर सके-. कबीरा खड़ा बाजार में, लिए लुकाठी. हाथ। जो घर जारे आपना, चलै हमारे साथ।।". पहाड़। इससे तो चक्की भली, पुज खाए संसार।।". ना जाने तेरा साहब कैसा है।. मेरा तेरा मनुआ कैसे इक होई रे! राख्यो. अरुझाई रे! 19 सितंबर 2008. पारिव...मूल...
हिन्दी के चिराग: August 2008
http://hindikechirag.blogspot.com/2008_08_01_archive.html
हिन्दी के चिराग. हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश. 31 अगस्त 2008. भारतेंदु हरिश्चंद्र: हिन्दी गद्य के पुरोधा. मुंशी सदासुख लाल,. इंशा अल्ला खां, लल्लू लाल. व्यवस्थित रूप प्रदान किया।. भारतेंदु का काल पुनर्जागरण का काल था। औपनिवेशिक शाषण. स्वदेश प्रेम से सराबोर कविताएँ। उर्दू में भी वे 'रसा' उपनाम से कविता...प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. 30 अगस्त 2008. निराला: एक परिचय. निराला: कृतित्व. कविता-संग्रह. अनामिका भ&...हिन्...
हिन्दी के चिराग: April 2010
http://hindikechirag.blogspot.com/2010_04_01_archive.html
हिन्दी के चिराग. हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश. 18 अप्रैल 2010. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'. राष्ट्रीयता. रुढियों. जंजीरों. वर्त्तमान. व्यवस्था. क्रांति. राष्ट्रकवि. रामधारी. व्यक्तित्व. कृतित्व. प्रस्तुत. शिक्षा-. दीक्षा. संस्कृत के. प्रारंभिक. शिक्षा. प्रारंभ. इन्होने. प्राथमिक. विद्यालय. प्राथमिक. शिक्षा. प्राप्त. तदोपरांत. निकटवर्ती. राष्ट्रीय. शिक्षा. व्यवस्था. प्राप्त. 2404; यही. मस्तिष्क. 2404; हाई. 2404; इसी. पंक...
हिन्दी के चिराग: लोकहितवादी भक्त कवि: तुलसीदास
http://hindikechirag.blogspot.com/2008/09/blog-post_19.html
हिन्दी के चिराग. हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश. 19 सितंबर 2008. लोकहितवादी भक्त कवि: तुलसीदास. हिन्दी. साहित्य. कवियों. संस्कृति. ग्रंथों. प्रवाहित. धाराएँ. निर्गुण. हिस्सों. उपधाराएँ. गोस्वामी. तुलसीदास. विशिष्टता. मानवीयता. सामाजिक. पारिवारिक. मूल्यों. प्रस्तुत. सामाजिक. सन्दर्भों. जुड़ी. चिंता. सम्पूर्ण. हिन्दी. साहित्य. अद्वितीय. सम्बन्धी. जानकारियाँ. पूर्णतया. प्रमाणित. विद्वानों. प्राप्त. प्रमाणों. साक्ष्य. यह एक ऐसी व...
TOTAL PAGES IN THIS WEBSITE
6
अपना हिन्दी साहित्य: September 2008
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2008_09_01_archive.html
अपना हिन्दी साहित्य. Friday, September 26, 2008. भारतेंदु मंडल के कवियों की राष्ट्र-भक्ति और राजभक्ति. छायावाद. में नए छंद. प्रयोग में आने लगे थे, पिछली पोस्ट में इसकी चर्चा हो चुकी है। वस्तु-विधान. के स्तर पर भारतेंदु युग. द्विवेदी युग. और छायावादी युग. में जो एक सतत विकास नजर आता है, उससे काव्य अनेकरूपता. की ओर अग्रसर होने लगता है। शुक्ल जी ने तृतीय उत्थान. भारतेंदु युग:. और राजनीतिक स्थिति. के शब्दों में-. के साथ-साथ राजभक्ति. के अनुसार-. भारतेंदु य...तक आते-आते...
अपना हिन्दी साहित्य: 'ध्रुवस्वामिनी' की स्त्रियों का प्रश्न
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2010/05/blog-post.html
अपना हिन्दी साहित्य. Sunday, August 7, 2011. ध्रुवस्वामिनी' की स्त्रियों का प्रश्न. नारी का समाज में स्थान क्या है? क्या उसका पुनर्विवाह संभव है? इस नाटक में दिखाया गया है कि वह जिस पुरूष( चंद्रगुप्त. से प्रेम करती है, उससे विवाह नहीं कर पाती और जिससे( रामगुप्त. उसका विवाह हुआ है, उससे वह प्रेम नहीं करती।. ध्रुवस्वामिनी. रामगुप्त. को स्पष्ट रूप से कह देती है -. मंदाकिनी. डॉ.जितेंद्र भगत. September 24, 2010 at 5:19 PM. April 13, 2011 at 10:05 AM. December 9, 2011 at 1:24 PM.
अपना हिन्दी साहित्य: March 2015
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2015_03_01_archive.html
अपना हिन्दी साहित्य. Tuesday, March 31, 2015. हाशिये का समाज और साहित्य पर सुप्रसिद्ध लेखिका मैत्रेयी पुष्पा के विचार. 25 मार्च 2015, मोतीलाल नेहरू कॉलेज में दिए गए भाषण के अंश।. डॉ.जितेंद्र भगत. Labels: संगोष्ठी. Monday, March 30, 2015. जातियॉं कभी खत्म नहीं हो सकती -प्रो.हरिमोहन शर्मा. साेमवार, 30 मार्च 2015, कमरा न.22, Art's Faculty,DU. विडिया शायद स्मार्टफोन पर न चले! आप इसे लैपटॉप या डेस्कटॉप पर देखें). डॉ.जितेंद्र भगत. Labels: संगोष्ठी. Subscribe to: Posts (Atom). हाश&#...
अपना हिन्दी साहित्य: ‘ रस्मौ रिवाज भाखा का दुनिया से उठ गया’
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2009/07/blog-post_27.html
अपना हिन्दी साहित्य. Monday, July 27, 2009. 8216; रस्मौ रिवाज भाखा का दुनिया से उठ गया’. तब संस्कृतमिश्रित हिन्दी को ‘भाषा’. के नाम से जाना जाता था और दूसरी तरफ फारसी मिली हिन्दी को ‘उर्दू’. ने तब खेद प्रकट करते हुए कहा था-. 8216;रस्मौ रिवाज भाखा का दुनिया से उठ गया’. उसी जमाने के प्रसिद्ध शायर इंशाअल्ला खॉं. अपनी रचना ‘रानी केतकी की कहानी’. 8217;हिंदवीपन भी न निकले और भाखापन भी न हो।‘. 8217;भाखा’. आचार्य शुक्ल. के शब्दों में, इसप्रकार-. 8217; इंशा. July 27, 2009 at 4:59 PM. हि̴...
अपना हिन्दी साहित्य: August 2011
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2011_08_01_archive.html
अपना हिन्दी साहित्य. Sunday, August 7, 2011. ध्रुवस्वामिनी' की स्त्रियों का प्रश्न. नारी का समाज में स्थान क्या है? क्या उसका पुनर्विवाह संभव है? इस नाटक में दिखाया गया है कि वह जिस पुरूष( चंद्रगुप्त. से प्रेम करती है, उससे विवाह नहीं कर पाती और जिससे( रामगुप्त. उसका विवाह हुआ है, उससे वह प्रेम नहीं करती।. ध्रुवस्वामिनी. रामगुप्त. को स्पष्ट रूप से कह देती है -. मंदाकिनी. डॉ.जितेंद्र भगत. Subscribe to: Posts (Atom). डॉ.जितेंद्र भगत. View my complete profile. मूल पाठ. अनुस&...
अपना हिन्दी साहित्य: महादेवी वर्मा पर आलेख- हिंदी कुंज पर
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2009/08/blog-post.html
अपना हिन्दी साहित्य. Wednesday, August 5, 2009. महादेवी वर्मा पर आलेख- हिंदी कुंज पर. महादेवी वर्मा पर एक सुंदर आलेख हिंदी कुंज. पर प्रकाशित हुआ है। इसका आरंभिक अंश है-. इस आलेख को पूरा पढने के लिए हिंदी कुँज. पर क्लिक करें।. हिंदी कुंज का आभार). डॉ.जितेंद्र भगत. Labels: हिन्दी साहित्य पर ब्लॉगर साथियों के महत्वपूर्ण लेख. आशुतोष दुबे "सादिक". हिन्दीकुंज. August 5, 2009 at 10:23 PM. दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi. August 6, 2009 at 12:15 AM. अनुनाद सिंह. March 22, 2010 at 3:28 PM.
अपना हिन्दी साहित्य: "जातियॉं कभी खत्म नहीं हो सकती" -प्रो.हरिमोहन शर&#
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2015/03/blog-post_30.html
अपना हिन्दी साहित्य. Monday, March 30, 2015. जातियॉं कभी खत्म नहीं हो सकती -प्रो.हरिमोहन शर्मा. साेमवार, 30 मार्च 2015, कमरा न.22, Art's Faculty,DU. प्रो. श्यौराज सिंह बेचैन के संयोजन में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी). विडिया शायद स्मार्टफोन पर न चले! आप इसे लैपटॉप या डेस्कटॉप पर देखें). डॉ.जितेंद्र भगत. Labels: संगोष्ठी. Subscribe to: Post Comments (Atom). डॉ.जितेंद्र भगत. View my complete profile. आधुनिक काल: गद्य खण्ड (प्रकरण 1). संगोष्ठी. मूल पाठ. रचना/रचनाकार. अनुसंध...क्य...
अपना हिन्दी साहित्य: हाशिये का समाज और साहित्य पर सुप्रसिद्ध लेखिक&
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2015/03/blog-post_31.html
अपना हिन्दी साहित्य. Tuesday, March 31, 2015. हाशिये का समाज और साहित्य पर सुप्रसिद्ध लेखिका मैत्रेयी पुष्पा के विचार. 25 मार्च 2015, मोतीलाल नेहरू कॉलेज में दिए गए भाषण के अंश।. डॉ.जितेंद्र भगत. Labels: संगोष्ठी. Subscribe to: Post Comments (Atom). डॉ.जितेंद्र भगत. View my complete profile. आधुनिक काल: काव्य खण्ड ( छायावाद)/(प्रकरण-4). आधुनिक काल: गद्य खण्ड (प्रकरण 1). भाषाविज्ञान और हिंदी भाषा. संगोष्ठी. मूल पाठ. दो बॉंके: भगवतीशरण वर्मा. रचना/रचनाकार. प्रमोद रंजन. अनुसæ...
अपना हिन्दी साहित्य: दलित साहित्य : सांस्कृतिक-निर्माण प्रक्
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2015/03/blog-post.html
अपना हिन्दी साहित्य. Monday, March 30, 2015. दलित साहित्य : सांस्कृतिक-निर्माण प्रक्रिया पर डॉ रामचंद्र जी ( जे.एन.यू. प्राध्यापक) का भाषण।. साेमवार, 30 मार्च 2015, कमरा न.22, Art's Faculty,DU. प्रो. श्यौराज सिंह बेचैन के संयोजन में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी). विडिया शायद स्मार्टफोन पर न चले। आप इसे लैपटॉप या डेस्कटॉप पर देखें।. डॉ.जितेंद्र भगत. Labels: संगोष्ठी. डॉ.जितेंद्र भगत. मड्ड कर सकती है।. March 30, 2015 at 11:01 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). मूल पाठ. ठेठ...
अपना हिन्दी साहित्य: हिन्दी की पहली कहानी
http://apnahindisahitya.blogspot.com/2009/07/blog-post_28.html
अपना हिन्दी साहित्य. Tuesday, July 28, 2009. हिन्दी की पहली कहानी. इसका आरंभिक अंश:. सैयद इंशाअल्लाह खाँ की 'रानी केतकी की कहानी' (सन् 1803 या सन् 1808 ),. राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की 'राजा भोज का सपना' (19 वीं सदी का उत्तरार्द्ध),. किशोरी लाल गोस्वामी की 'इन्दुमती' (सन् 1900),. माधवराव सप्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी' (सन् 1901),. आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' (सन् 1903) और. हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी कौन सी? अनिल जी का आभार). अनिल कान्त :. July 28, 2009 at 7:01 PM. नि̴...
TOTAL LINKS TO THIS WEBSITE
12
hindikavitayenmainauraap.blogspot.com
Hindi Kavita ..... मैं आप और मेरी कवितायेँ .....Poems in Hindi
Hindi Kavita . मैं आप और मेरी कवितायेँ .Poems in Hindi. Hindi kavita by Pankaj Jha. आइए मैं और आप मिलकर अपने विचारो को उड़ान भरने दें और रचनाओं को कल्पनाओं-संबेदनाओं के सतरंगी रश से सराबोर कर दें .pankajjha23[at]gmail.com. Tuesday, May 5, 2015. बहुओं से उसका अतीत न छीनो. कुछ लोगों(ससुराल बाले) को,. अपने बहुओं को,. मैके से अलग करने की कोसिस करते देखा है,. क्योंकि उन्हें डर होता है,. बहुएं उनके घर की बात इधर उधर करती है,. उनके अहंकार पर चोट पहुंचता है,. अब झूठी आन-बान-शान,. बचाए रखने को,. या फि...सदा...
hindikavitha | Just another WordPress.com site
Just another WordPress.com site. On August 8, 2012. हर व श र य बच चन) (27 November 1907 18 January 2003), was a noted Indian poet. Literary movement (romantic upsurge) of early 20th century Hindi literature. He was also a famous poet of the Hindi Kavi Sammelan. He is best known for his early work Madhushala. मध श ल ). He is also the father of Bollywood. Megastar, Amitabh Bachchan. व क ष ह भल खड़. एक पत र छ ह भ. त न थक ग कभ. त न थम ग कभ. यह मह न द श य ह. चल रह मन ष य ह. अश र -स व द-रक त स. Shady and huge,.
हिन्दी प्रेरक कवितयें......
हिन्दी प्रेरक कवितयें. सोमवार, 7 मार्च 2011. Kripya pratiksha karen.Dhanybad. प्रस्तुतकर्ता. पंकज कुमार झा. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). ब्लॉग आर्काइव. मेरे बारे में. पंकज कुमार झा. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. Picture Window टेम्पलेट. इसके द्वारा संचालित Blogger.
hindikavyasangrah.wordpress.com
Hindi Kavya Sangrah | The greatest WordPress.com site in all the land!
The greatest WordPress.com site in all the land! स मग र पर ज ए. अश क चक रधर क ह स यकव त. पर श न पत न पत न स कह. एक म ह ज त म ह न भ रह ह. प न सर स ऊपर ज च क ह. इस ल य आत म-हत य करन ज रह ह. ल क न हम श क तरह. और ल टत समय. द क ल आट जर र ल त आन. APOORV SRIVASTAVA द व र . म प रक श त क य गय. श द य क स इड इफ क ट: ह स य कव त. म र ह स य कव बनन एक ह दस थ. बस म एक म डम ज स पड गय व स त थ. ब त उन द न क ह जब म कव र. ल ग क नजर म म एक आव र थ . ल क न म झ त ल ल मजन क प य र क ख ज थ. गल स ल कर बस स ट ड म र ज थ. और म क मत ल ...
हिन्दी के चिराग
हिन्दी के चिराग. हिन्दी साहित्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रचनाकारों एवं रचनाओं को पहचानने की एक छोटी सी कोशिश. 18 अप्रैल 2010. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'. राष्ट्रीयता. रुढियों. जंजीरों. वर्त्तमान. व्यवस्था. क्रांति. राष्ट्रकवि. रामधारी. व्यक्तित्व. कृतित्व. प्रस्तुत. शिक्षा-. दीक्षा. संस्कृत के. प्रारंभिक. शिक्षा. प्रारंभ. इन्होने. प्राथमिक. विद्यालय. प्राथमिक. शिक्षा. प्राप्त. तदोपरांत. निकटवर्ती. राष्ट्रीय. शिक्षा. व्यवस्था. प्राप्त. 2404; यही. मस्तिष्क. 2404; हाई. 2404; इसी. पंक...
हिन्दुस्तान के कवि
हिन्दुस्तान के कवि. कविता और कवियों पर कुमार मुकुल के नोट्स. कविता अंत:सलिला है. गेटे ने कहा है कि जीवन और प्रेम उन्हीं के लिए है. क्योंकि कविता कम शब्दों मे ज्यादा बातें कहने में समर्थ होती है और नेट की दुनिया के लिए वह सर्वाधिक सहूलियत भरी है।. कविता मर रही है. वे भी कविता के जादू को लाजवाब मानती थीं।. नहीं है। तो काहे का प्रकाश्ाक और काहे का रोना गाना. प्रकाशक हैं बस अपनी जेबें भरने को।. 2404; आज के आउटलुक. शुक्रवार जैसे लोकप्रिय मासिक. क्योंकि. मिलेगी वह और वहीं म&...Saturday, 18 July 2015.
Type in Hindi Devanagri Unicode Keyboard - िहंदी कीबोर्ड
2311;स निशुल्क सेवा का उपयोग युनिकोड वाले सार्रच ईंजन जैसे कि गुगल, याहु, व अन्य. 2311;से माऊस से चलाया जाता हैं ।. Type by Mouse Click. In Hindi Devanagri Unicode Keyboard - हिंदी कीबोर्ड. Copy this result and paste in any Uncode Characters (UTF-8). Supporting Search Engine like Google, Dmoz, Yahoo, etc. and get your desired result.
Hindi Khabar | Latest Hindi News, Hindi News Online
Today: Mon 3 April 2017. नई स च, नय नज र य. क र यक रम. ह सन जर र ह! उत तर प रद श. उत तर ख ड. आपक र प र टर. धर मय त र. उत तर प रद श. उत तर ख ड. क र यक रम. आपक र प र टर. धर मय त र. ह सन जर र ह! ब न सब स ड व ल रस ई ग स ह ई 14.50 र पए सस त. नई द ल ल मह ग ई स पर श न द श क जनत क ल ए एक अच छ खबर ह प ट र ल-ड जल क द म कम ह न क ब द त ल क पन य न ब न सब स ड व ल रस ई ग स स ल डर (एलप ज ) और व म न ईधन एट एफ क द म म कट त कर अध क पढ . ध न क वह ऐत ह स क छक क ज सस भ रत न ज त थ 2011 क व श व कप. क ष ण-र म य व व द प रश त भ षण...
मस्त मस्त हिन्दी कहानियां
Happy life is alive, so freedom is very important. Friday, March 9, 2018. दिल दहलाने बाली एक सच्ची कहानी. March 09, 2018. सही कहा है किसी ने। . जीबन में जो बात खाली पेट और खाली जेब जो कुछ. सिखाती है बो बात दुनिया की कोई भी युनिबर्सिटी नही सिखा सकती ।. दोस्तों ये कहानी एसे ही एक लड़के की है जिस का नाम था सरफ़राज़ आलम! सरफ़राज़ आलम बहुत नेक और बहुत सीधा लड़का था! पर उसे एक बीमारी थी डिप्रेसन【टेंसन】 की! बो हमेसा एक सोच और फ़िक्र में रहता था! बो बेचारा तो टेंसन क...बो सोचता के क&#...बहुत तंग ...जब बí...