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Tarun's World: July 2010
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Meri kuch nazme,kuch ghazale, kuch geet aur kuch kavitayen. बुधवार, 28 जुलाई 2010. याद है वो दिन. जब हम दोनों साथ में. Rose Garden में घूम रहे थे. और एक फूल को देखकर. मैं उसे तुम्हे देने के लिए तोड़ने गया था. मगर तुमने मूझे रोक दिया था. कहा था फूल अपनी बगियाँ में ही अच्छे लगते है. वो फूल अब तक वहीँ महक रहा है. और अब जब जब भी मैं. तनहा अकेला उसके करीब से गुजरता हूँ. वो मेरी तरफ एक नज़र उठाकर. मायूसी से पूछता है. वो आज भी नहीं आयी क्या? प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. और कभी बाबा की. उस रोटी क&#...मा&...
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Tarun's World: April 2010
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Meri kuch nazme,kuch ghazale, kuch geet aur kuch kavitayen. बुधवार, 28 अप्रैल 2010. ज़िन्दगी की रफ़्तार. ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ ऐसी होती है. कि कभी पल दो पल में. साल गुज़र जाते है. पल दो पल ही साल बन जाते है. कभी सालो को गिनना. बहुत आसान हो जाता है. पलों को गिनते गिनते ज़माने गुज़र जाते है. ज़िन्दगी कि रफ़्तार कुछ ऐसी होती है. कि कभी पल दो पल के ख्वाब. ज़िन्दगी भर को महका जाते है. और कभी न जाने कितने बरस. बस यादों में रह जाते है. कि अक्सर बचपन के दिन. और बुडापे के दिन. नई पोस्ट. View in your script:.
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*** जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार ***: उम्र के इस पड़ाव पर, कुछ भूल चला हूँ..
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जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार * *. Friday, July 11, 2014. उम्र के इस पड़ाव पर, कुछ भूल चला हूँ. उम्र के इस पड़ाव पर, कुछ भूल चला हूँ. कुछ छोड़ चला हूँ, तो कुछ बाँध चला हूँ. मीठी सी जो यादें हैं उन्हें गाँठ रखा है,. कड़वी सी कुछ साँसों को मैं धो चला हूँ. नादान से बचपन को अबतक साथ रखा है,. जहरीले से विचारों को मैं गाड़ चला हूँ. नटखट से मेरे मन को बेलगाम रखा है,. बेबसी की बेड़ियों को मैं तोड़ चला हूँ. नए बुने सपनों को भी आखों में रखा है,. ४१ अच्छे साल.). Subscribe to: Post Comments (Atom). About Me - I Am Who I Am.
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*** जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार ***: August 2010
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जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार * *. Saturday, August 28, 2010. मातृभाषा - 1. माननीय पाठकों,. आप सब को मेरा नत-मस्तक प्रणाम,. आज का विषय बहुत सामयिक है।. भाषा किसी भी प्राणी की मूलभूत आवश्यकता होती है।. इसी से हम और आप अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं।. सबसे अहम् बात तो यह है कि, मानवों की प्रगति भाषा विकास के कारण ही संभव हो सकी है।. याने, मानव. पहुँचने. Links to this post. मातृभाषा -२. बिना भाषा के समाज का निर्माण हो ही नह&...उसके बिना समाज या समूह का न...जीवन में जितन&#...Links to this post.
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*** जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार ***: January 2014
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जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार * *. Monday, January 13, 2014. नौका - नाविक. सागर की लहरों पर,. बढ़ती नौका में बैठे,. थपेड़ों से हिलते हुए,. कभी बाएं, तो कभी दाएं,. कभी मद्धम,. और कभी मंथर,. कहीं सुनहरे उजियारे में,. और कभी अंधियारे से घिर कर,. कभी मिली पुरवाई या फिर,. कहीं किसी तूफ़ान में फंसकर,. किन्तु आगे बढ़ते, हुए निरंतर,. किन्तु आगे बढ़ते रहे निरंतर,. आज मुझे,. आभास हुआ,. संसार है सागर,. और जीवन एक नौका।।।. एक नाविक. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). About Me - I Am Who I Am. बेकल उत...
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Tarun's World: February 2010
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Meri kuch nazme,kuch ghazale, kuch geet aur kuch kavitayen. रविवार, 28 फ़रवरी 2010. किसी तरह. ये रात बिना नींद के गुजर जाये किसी तरह. सुबह के साथ तू भी मेरे घर आये किसी तरह. तडपते चाँद को रात ने बहलाया है बार बार. मूझे बस तेरा एक ख्वाब मिल जाये किसी तरह. मेरी हर आवाज़ तेरे दर से खाली लौट आती है. कभी एक पुकार पे तू भी आ जाये किसी तरह. मैं लोगो कि भीड़ में अक्सर खोया रहता हूँ. कभी किसी भीड़ मैं तू भी खो जाये किसी तरह. प्रस्तुतकर्ता. 2 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. किसी तरह.
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मातील्दा: August 2008
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मातील्दा. हमारा घर, जिसके दरो-दीवार हवा से बने हैं, जिसकी चाभी कहीं खो गई है. Monday 18 August 2008. चुप की रस्सी के दो किनारे.अबोल,अडोल. क्या है, इस डरावने सपने को तोड़कर बाहर निकल आने की कोई राह? Subscribe to: Posts (Atom). बिखरा पड़ा है तेरे ही घर में, तेरा वजूद बेकार महफि़लों में, तुझे ढूंढता हूं मैं ।. रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल Rago'n Mein Daudte Phirne Ke Ham Nahee'n Qaayal.Ghalib. View my complete profile. उनींदरा. Http:/ janekyon.blogspot.com. आर्ट ऑफ रीडिंग'. View in your script:.
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Chanakya Place चाणक्य प्लेस-साझा मंच: August 2011
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चाणक्य प्लेस. साझा मं. में आपका स्वागत है। आप चाणक्य प्लेस. Saturday, August 6, 2011. सूचना का अधिकार. Right to Information Act). सूचना का अधिकार (Right to Information Act). सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005. सूचनाऍ कहाँ से मिलेगी? कौन सी सूचनाऍ नही मिलेंगी? जिससे किसी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा खतरे में पड़े।. स्वयं प्रकाशित की जाने वाली सूचनाऍ कौन सी है? अपने विभाग के कार्यो और कर्तव्यों का विवरण।. विभाग के दस्तावेजों की सूची।. सूचना पाने के लिए सरकारी...आवेदन पत्र के साथ न&#...प्रतिल...साध...