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व्योम के पार -कविता

व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 29 June, 2015. हिरना क्यों उदास मन तेरा. क्यों उदास मन तेरा. अभी बची वाकी हरियाली. उजड़ा नहीं वसेरा. कुछ नन्हें विरबे मुरझाये. कुछ वनचर घबराये. सहमे-सहमे तोता मैना. कुछ भी बोल न पाये. बूढ़ा बरगद. खड़ा अकेला. अवसादों ने घेरा. जंगल में मंगल होगा. ये सपने गए दिखाये. सिंहासन मिल गया. भला फिर. वादे कौन निभाये. डा० जगदीश व्योम. 08 February, 2015. सब ज्...

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व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 29 June, 2015. हिरना क्यों उदास मन तेरा. क्यों उदास मन तेरा. अभी बची वाकी हरियाली. उजड़ा नहीं वसेरा. कुछ नन्हें विरबे मुरझाये. कुछ वनचर घबराये. सहमे-सहमे तोता मैना. कुछ भी बोल न पाये. बूढ़ा बरगद. खड़ा अकेला. अवसादों ने घेरा. जंगल में मंगल होगा. ये सपने गए दिखाये. सिंहासन मिल गया. भला फिर. वादे कौन निभाये. डा० जगदीश व्योम. 08 February, 2015. सब ज्...
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व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 29 June, 2015. हिरना क्यों उदास मन तेरा. क्यों उदास मन तेरा. अभी बची वाकी हरियाली. उजड़ा नहीं वसेरा. कुछ नन्हें विरबे मुरझाये. कुछ वनचर घबराये. सहमे-सहमे तोता मैना. कुछ भी बोल न पाये. बूढ़ा बरगद. खड़ा अकेला. अवसादों ने घेरा. जंगल में मंगल होगा. ये सपने गए दिखाये. सिंहासन मिल गया. भला फिर. वादे कौन निभाये. डा० जगदीश व्योम. 08 February, 2015. सब ज्...

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व्योम के पार -कविता: हिरना क्यों उदास मन तेरा

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व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 29 June, 2015. हिरना क्यों उदास मन तेरा. क्यों उदास मन तेरा. अभी बची वाकी हरियाली. उजड़ा नहीं वसेरा. कुछ नन्हें विरबे मुरझाये. कुछ वनचर घबराये. सहमे-सहमे तोता मैना. कुछ भी बोल न पाये. बूढ़ा बरगद. खड़ा अकेला. अवसादों ने घेरा. जंगल में मंगल होगा. ये सपने गए दिखाये. सिंहासन मिल गया. भला फिर. वादे कौन निभाये. डा० जगदीश व्योम. कविताएँ.

2

व्योम के पार -कविता: गीत की गति

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व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 11 January, 2015. गीत की गति. डा॰ जगदीश व्योम. कितना करो विरोध. गीत की गति को. कौन रोक पायेगा. गीत मेड़ पर. उगी दूब है. जो अकाल में भी. जी लेती. गीत खेजड़ी की. खोखर है. संचित कर लेती. जब तक हवा. रहेगी ज़िन्दा. हर पत्ता-पत्ता. गायेगा. गीतों में है. गंध हवा की. श्रम की. रसभीनी सरगम है. गौ की आँख. हिरन की चितवन. गंगा का. पावन उद्गम है. गीत को.

3

व्योम के पार -कविता: झूठों की दुनिया में

http://www.jagdishvyomkavita.blogspot.com/2014/01/blog-post_22.html

व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 22 January, 2014. झूठों की दुनिया में. डा॰ जगदीश व्योम. हम झूठ बोलने के. इतने अभ्यस्त हुए. कहते कुछ और. बखान और कुछ करते हैं. चेहरों पर चिपके हुए. मुखौटों के युग में. हम बिना मुखौटे के. रहने में डरते हैं. जो सुबह सभा में. जोश भरे नारे देते. संध्या होते-होते. सस्ते बिक जाते हैं. आईना वक्त का. जैसी जिसकी छवि है. अवसर बेईमानी का. पर, रौब जमाकर. इनकी...

4

व्योम के पार -कविता: गिलहरी

http://www.jagdishvyomkavita.blogspot.com/2013/10/blog-post_8.html

व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 08 October, 2013. गिलहरी दिन भर आती-जाती. फटे-पुराने कपड़े लत्ते. धागे और ताश के पत्ते. सुतली, कागज, रुई, मोंमियाँ. अगड़म-बगड़म लाती. गिलहरी दिनभर आती-जाती. ठीक रसोईघर के पीछे. शीशे की खिड़की के नीचे. एस्किमो'-सा गोल-गोल घर. चुन-चुन खूब बनाती. गिलहरी दिनभर आती-जाती. दो बच्चे हैं छोटे-छोटे. अपना दूध पिलाती. करके उसे डराती. कविताएँ. अब तक का ल&#237...

5

व्योम के पार -कविता: सिसक रही हिरनी

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व्योम का सृजन संसार. साहित्यिक गतिविधियाँ. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 15 November, 2013. सिसक रही हिरनी. डा0 जगदीश व्योम. राजा मूँछ मरोड़ रहा है. सिसक रही हिरनी. बड़े-बड़े सींगों वाला मृग. राजा ने मारा. किसकी यहाँ मजाल. राजा को हत्यारा. मुर्दानी छायी जंगल में. सब चुपचाप खड़े. सोच रहे सब यही कि. आखिर आगे कौन बड़े. घूम रहा आक्रोश वृत्त में. ज्यों घूमे घिरनी. एक कहीं से. स्वर उभरा. सबने उचकाये. पंख उभर आये. मन ही मन.

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व्योम के पार-लघुकथा: रसीद

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व्योम का सृजन संसार. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. Saturday, June 25, 2011. डा० जगदीश व्योम. लघुकथा ). एक छात्र चार सौ रुपये आज लाया है, लेकिन चेक तो संस्था को भेज दिया गया है. अब क्या किया जाय? 8221;विद्यालय के शिक्षक राम गोपाल ने प्राचार्य से पूछा।. 8220; रामगोपाल जी! Posted by Dr.jagdish vyom. Subscribe to: Post Comments (Atom). लघुकथाएँ. दो बूँदें. लावारिश बैग. साहसी निर्णय. View my complete profile.

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व्योम के पार-हाइकु: हाइकु हंस

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व्योम का सृजन संसार. व्योम का सृजन संसार. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. 07 अक्तूबर 2013. हाइकु हंस. हाइकु हंस. हौले से हवा हुआ. काँपा शैवाल. डा० जगदीश व्योम. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: हाइकु हंस. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. डा० व्योम के हाइकु -. अनाम गंध. इर्द-गिर्द हैं. उगने लगे. ओस की बूँद. कुछ कम हो.

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व्योम के पार

बाल उपन्यास. व्योम का सृजन संसार. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. Sunday, April 24, 2011. डब्बू की डिबिया (बाल उपन्यास). डब्बू की डिबिया. बाल उपन्यास). डॉ॰ जगदीश व्योम. कुछ दिन पहले एक पत्रिका में छपा लेख डब्बू ने पढ़ा था, जिसमें बताया गया था-. और कहाँ चली जाती हैं? मैं तो यूँ ही डर गया था।". उसे यहाँ नहीं आना चाहिये था।". बटन दबाने वाला व्यक्ति जब सूक्ष्म तरंग...डिबिया का यह संकेत पढ&#2364...इस विषय पर हाथी...रुपय&#236...

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व्योम के पार -कविता

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व्योम के पार-लघुकथा

व्योम का सृजन संसार. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. Saturday, June 25, 2011. लावारिश बैग. डा० जगदीश व्योम. लघुकथा ). 8221; ये बैग किसका है? 8220;- पुलिस इंस्पेक्टर ने बैग को थोड़ा सा खोलकर देखने के बाद लगभग चौंकते हुए पूछा।. वह चुप बना रहा और जान-बूझ कर आँखें बंद करने का नाटक किया।. 8221;मेरा.मेरा बैग है साहब! 8220;-वह यात्री थोड़ा घबराता हुआ सा बोला।. 8221;क्या बात करते हैं साहब! थाने पहुँच कर पु...लघुकथा ). 8220;मै&#23...

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व्योम के पार-लेख

व्योम का सृजन संसार. व्योम का सृजन संसार. छाया चित्र. पुस्तक समीक्षा. बाल उपन्यास. बाल कहानी. रचनाओं के विविध सन्दर्भ. व्योम के पार. Tuesday, May 15, 2012. मुक्तछन्द या छन्दमुक्त. डा० जगदीश व्योम - -. दो टूक कलेजे कस करता. पछताता पथ पर आता. पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक. चल रहा लकुटिया टेक. मुट्ठी भर दाने को. भूख मिटाने को. मुँह, फटी पुरानी झोली का फैलाता. दो टूक कलेजे के करता. पछताता पथ पर आता. सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला). शशिकान्त गीते -. अमिताभ त्रिपाठी- -. Posted by Dr.jagdish vyom. मैंन&#23...सूख...