singleherbs.blogspot.com
Single Ayurvedic Herbs : My Experience: आँवाला , आमलकी के गुण ,Amla Health Benefits
http://singleherbs.blogspot.com/2011/11/amla-health-benefits.html
Single Ayurvedic Herbs : My Experience. आस्था आयुर्वेद , असंध (हरियाणा) पुराने रोग एवं बन्ध्यत्व निवारण केन्द्र. Sunday, November 20, 2011. आँवाला , आमलकी के गुण ,Amla Health Benefits. In Sankrit, "Amalaki" means that which is full of rejuvenating properties. Amla is effective against cough, diabetes, gray hair, cough, anemia, cholesterol and high blood pressure. Amla is a key ingredient in the popular Ayurvedic preparations, Triphala and Chyavanaprash. It is used to treat the following conditions:.
singleherbs.blogspot.com
Single Ayurvedic Herbs : My Experience: October 2011
http://singleherbs.blogspot.com/2011_10_01_archive.html
Single Ayurvedic Herbs : My Experience. आस्था आयुर्वेद , असंध (हरियाणा) पुराने रोग एवं बन्ध्यत्व निवारण केन्द्र. Monday, October 10, 2011. हार्ट अटैक से बचने के दस उपाय,कार्य क्षमता बढ़ाने व कोलॅस्ट्रोल घटाने का अचूक आयुर्वेदिक नुस्खा. हार्ट अटैक से बचने के दस उपाय. दस उपायों को अपनाकर हृदय की बीमारियों को रोका जा सकता है-. गठिया वादी हमेशा के लिए समाप्त होती है।. दांत मजबूत बनते है। हडिंया मजबूत होगी।. शरीर में अनावश्यक कफ नहीं बनता है।. चर्म रोग दूर होते है, शरी...इस दवा को लेन&#...परहेज...
akbaranwal.blogspot.com
होम्योपैथी चिकित्सा: नशा से मुक्ति की दवा
http://akbaranwal.blogspot.com/2013/01/blog-post.html
होम्योपैथी चिकित्सा. नशा से मुक्ति की दवा. Tuesday, January 29, 2013. मित्रों YOUTUBE. बार बार वो कहते है हमे मालूम है ये गुटका खाना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे? बार बार लगता है ये बीड़ी सिगरेट पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे! बार बार महसूस होता है यह शाराब पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब हो जाती है तो क्या करे! तो आपको बीड़ी सिगरेट की तलब न आए गुटका खाने के तलब न लगे! शारब पीने की तलब न लगे! तो पहले मन को मजबूत बनाओ! दूसरा एक तरीका है आपक...राजीव भाई...इस अदरक के...
me-and-nothing.blogspot.com
मैं और कुछ नहीं...: जनवरी 2010
http://me-and-nothing.blogspot.com/2010_01_01_archive.html
मैं और कुछ नहीं. खुला आकाश, महकता पवन, खिलखिलाता मौसम. और अचानक कही दर्द, रूठता मौसम, सिमटता जीवन, ये सभी रूप जीवन के ही रूप है, एक दुसरे से अलग पर एक दुसरे के बिना अधूरे. गुरुवार, 7 जनवरी 2010. जानते हो? जानते हो. एक दबी हुई इच्छा है कि. मै ऑफिस से आऊँ. और तुम घर पर रहना. आकर तुम्हे कहूँ. जान, आज काम ज्यादा था. इतना थक गयी की. कि पुछो मत. तुम्हारा ही काम अच्छा है. घर मे रहते हो. सारा दिन सोये रहते हो. जानते हो. जी चाहता है कि. मै भी मचल के कहूँ. हमारा भारतीय परिधान. बन इठलाते हो. Links to this post.
me-and-nothing.blogspot.com
मैं और कुछ नहीं...: मई 2009
http://me-and-nothing.blogspot.com/2009_05_01_archive.html
मैं और कुछ नहीं. खुला आकाश, महकता पवन, खिलखिलाता मौसम. और अचानक कही दर्द, रूठता मौसम, सिमटता जीवन, ये सभी रूप जीवन के ही रूप है, एक दुसरे से अलग पर एक दुसरे के बिना अधूरे. सोमवार, 25 मई 2009. पत्रो वाली दास्तां. मम्मी यह पुराने लिफाफो का पुलिंदा कैसा है? किसके पत्र हैं यह सब? यह तुम्हारे पापाजी और मेरे लिखे पत्र हैं।" मम्मी ने प्यार से बताया।. ओ, वाह! हमारा क्या बेटा? प्रिये,. कहो समझ जाओगी ना? तुम्हारा. ओ ओ फिर मम्मा आपने क्या जवाब दिया? प्राणनाथ,. सिर्फ आपकी. ठीक है पापा जी...Links to this post.
me-and-nothing.blogspot.com
मैं और कुछ नहीं...: अक्तूबर 2008
http://me-and-nothing.blogspot.com/2008_10_01_archive.html
मैं और कुछ नहीं. खुला आकाश, महकता पवन, खिलखिलाता मौसम. और अचानक कही दर्द, रूठता मौसम, सिमटता जीवन, ये सभी रूप जीवन के ही रूप है, एक दुसरे से अलग पर एक दुसरे के बिना अधूरे. शनिवार, 18 अक्तूबर 2008. करवा चौथ पर मेरे विचार. कल रात करवाचौथ पर बहुतों ने अपने विचार दिये, मेरे विचार जानने हेतु क्लिक कीजिए।. शुक्रिया :). सत्यवती जी. मेरे विचार को पसन्द करने के लिये शुक्रिया :). 2 टिप्पणियां:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. नई पोस्ट. Moltol.in ...
me-and-nothing.blogspot.com
मैं और कुछ नहीं...: अक्तूबर 2007
http://me-and-nothing.blogspot.com/2007_10_01_archive.html
मैं और कुछ नहीं. खुला आकाश, महकता पवन, खिलखिलाता मौसम. और अचानक कही दर्द, रूठता मौसम, सिमटता जीवन, ये सभी रूप जीवन के ही रूप है, एक दुसरे से अलग पर एक दुसरे के बिना अधूरे. गुरुवार, 25 अक्तूबर 2007. गाव के कुछ मजेदार किसे. हाँ कुछु कहे के पहिले ईहो बता देत बानी की, ई किसा हम कबो अपना आँखिन नईखी देखले, बस सुनल सुनावल बतिया हटे-. चु चु. आ जा. अर्रे आ जा ना. अभी ई किसा निमन लागि तो फेरू ऐसन एगो किसा ले के आईबी.:). 9 टिप्पणियां:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! नई पोस्ट. मेरा प...आगे...
me-and-nothing.blogspot.com
मैं और कुछ नहीं...: सितंबर 2008
http://me-and-nothing.blogspot.com/2008_09_01_archive.html
मैं और कुछ नहीं. खुला आकाश, महकता पवन, खिलखिलाता मौसम. और अचानक कही दर्द, रूठता मौसम, सिमटता जीवन, ये सभी रूप जीवन के ही रूप है, एक दुसरे से अलग पर एक दुसरे के बिना अधूरे. बुधवार, 10 सितंबर 2008. लौट आओ कि अंधरी ये रात हुई. अब तक खफ़ा हो, ये क्या बात हुई. चुपके से किसी तन्हा सी घड़ी में. याद आती है, थी जो मुलाकात हुई. सालती है दर्द-ए-दिल को ये खा़मोशी. आवाज दो कि अब ये ज़र्द रात हुई. कहो कैसे जिये" गरिमा" तुम्हारे बिना. तुम बिन अन्धेरी ये कायनात हुई. नहीं लौट सकते तो मत आओ. Links to this post. Moltol.in...