likhoyahanvahan.blogspot.com
लिखो यहां वहां: February 2014
http://likhoyahanvahan.blogspot.com/2014_02_01_archive.html
लिखो यहां वहां. सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक हलचलों के साथ. Friday, February 28, 2014. मध दा ने कर दी है दिन की शुरूआत. विजय गौड़. भूल जाता हूं मैं/ यह सारी बातें. अवतरित हो जाता है दुखहरन मास्टर भीतर तक. खड़ा होता हूं जब/ पांच अलग-अलग कक्षाओं के. सत्तर-अस्सी बच्चों के सामने।. हो गई है दिन की शुरूआत/बाजार सजने लगी है. सामने मध दा ने भी खड़ा कर दिया है. अपना साग-पात का ठेला. तरतीब से सजाए/ताजी-ताजी सब्जियां. 2404;।।।।।।।. 2404;।।।।।।।।. ब्ास के चलने से पहले तक. मूल्य : 125/-. विजय गौड़. नीलकण...
likhoyahanvahan.blogspot.com
लिखो यहां वहां: April 2014
http://likhoyahanvahan.blogspot.com/2014_04_01_archive.html
लिखो यहां वहां. सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक हलचलों के साथ. Friday, April 18, 2014. सो गया दास्ताँ कहते-कहते. लोगों. थे. पीढियाँ. थीं ,खासतौर. कवियों. अपरधियों. दिखाये. देता . जिन्दगी. गैब्रीयल. गार्सिया. मार्खेज़. पर्याप्त. हिन्दी. दुनिया. साहित्य. दुनिया. मार्खेज़. अमेरिका. साहित्य. दुनिया. हालाँकि. दुनिया. बोर्खेज़. विद्वान. पत्रकारिता. मार्खेज़. किस्सागोई. हालाँकि. साक्षात्कार. दुनिया. अमेरिकी. दुनिया. पौराणिक. पात्रों. सन्दर्भों. संवेदित. टेलीविजन. सिक्कों. कामनायें. हिन्दी. मार्खेज़. फटी ड...
likhoyahanvahan.blogspot.com
लिखो यहां वहां: June 2013
http://likhoyahanvahan.blogspot.com/2013_06_01_archive.html
लिखो यहां वहां. सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक हलचलों के साथ. Wednesday, June 19, 2013. ताइवान : प्रतिरोध की कविता. प्रस्तुति. यादवेन्द्र. रेल की पटरी पर सोना. यह एक द्वीप है जिसपर लोगबाग़. लगातार ट्रेन में चढ़े रहते हैं. जब से उन्होंने कदम रखा धरती पर।. उनके जीवन का इकलौता ध्येय है. कि आगे बढ़ते रहें रेलवे के साथ साथ. उनकी जेबों में रेल का टिकट भी पड़ा रहता है. पर अफ़सोस,रेल से बाहर की दुनिया. उन्होंने देखी नहीं कभी . ट्रेन से नीचे कदम बिलकुल मत रखना. प्रस्तुतकर्ता. विजय गौड़. प्रतिरोध. पहाडì...
likhoyahanvahan.blogspot.com
लिखो यहां वहां: August 2014
http://likhoyahanvahan.blogspot.com/2014_08_01_archive.html
लिखो यहां वहां. सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक हलचलों के साथ. Sunday, August 24, 2014. उन्होंने साहित्य में आधुनिक भारतीय चेतना को स्थापित किया. साहित्य अकादमी और नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्य-काल को बहुत सम्मान के साथ याद किया जाता है. प्रस्तुतकर्ता. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: अनंतमूर्ति. Friday, August 22, 2014. प्रेमचंद स्मृति कथा सम्मान २०१४. प्रस्तुतकर्ता. विजय गौड़. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: अल्पना मिश्र. Monday, August 18, 2014. वि. गौ. वह हैरान था।. जी कहिए? सुनì...
likhoyahanvahan.blogspot.com
लिखो यहां वहां: July 2014
http://likhoyahanvahan.blogspot.com/2014_07_01_archive.html
लिखो यहां वहां. सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक हलचलों के साथ. Monday, July 28, 2014. ऑल द बेस्ट मॉ. वि.गौ. ताना-बाना. किसी जुलाहे के ताने-बाने से कम नहीं. उसके तानों का जाल. जिसमें न जाने कैसी-कैसी. मासूम चाहतें. पाली हैं उसने. कभी एक फूल के लिए महकती. तो कभी. धुर घुमक्कड बनने को मचलती. रोकना-टोकना सब बेकार. ऐसा नहीं कि. मेरा मन नहीं पढ़ पाती. बनती जान बूझकर अनजान. कभी नींद में भी सुलझाना चाहूॅं. उसके तानो का जाल तो. खींचते ही एक धागा. बाकि सब बजने लगते सितार से. हो जाती सुबह. जानकर भी. मानो...जित...
likhoyahanvahan.blogspot.com
लिखो यहां वहां: May 2014
http://likhoyahanvahan.blogspot.com/2014_05_01_archive.html
लिखो यहां वहां. सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक हलचलों के साथ. Friday, May 9, 2014. बारिश मेरा घर है. धार्मिकता का. सुपीरियारिटी का सत्यापन. फासिस्ट गर्व और भय. की हीनता का उन्मांद. जाति धारकों. के निठल्लेपन का पश्चाताप. यह तत्काल टिप्पणी है. विस्तार से लिखने का मन है. प्रस्तुतकर्ता. विजय गौड़. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: कविता. टिप्पणी. पुस्तक समीक्षा. Thursday, May 8, 2014. चाय की प्याली में तूफान उठा देने वालों. यादवेन्द्र. प्रस्तुतकर्ता. विजय गौड़. लेबल: टिप्पणी. यादवेन्द्र. Subscribe to: Posts (Atom).
likhoyahanvahan.blogspot.com
लिखो यहां वहां: August 2013
http://likhoyahanvahan.blogspot.com/2013_08_01_archive.html
लिखो यहां वहां. सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक हलचलों के साथ. Wednesday, August 21, 2013. फाउंडर्स ऑप मॉडर्न एडमिनिस्ट्रेशन इन उत्तराखंड: 1815—1884. उत्तराखंड के शोधार्थियों के लिए जरूरी किताब. डॉ. शोभा राम शर्मा. फाउंडर्स ऑप मॉडर्न एडमिनिस्ट्रेशन इन उत्तराखंड:1815—1884. लेखक: आरएस टोलिया. प्रकाशक : बिशन सिंह महेंद्रपाल सिंह,देहरादून. मूल्य: 1250 रुपये, पृष्ठ : 408. प्रस्तुतकर्ता. विजय गौड़. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: डॉ. शोभा राम शर्मा. पुस्तक समीक्षा. Friday, August 9, 2013. Subscribe to: Posts (Atom).
partapsehgal.blogspot.com
प्रताप सहगल का ब्लॉग: May 24, 2011
http://partapsehgal.blogspot.com/2011_05_24_archive.html
प्रताप सहगल का ब्लॉग. प्रताप सहगल की साहित्य यात्रा की कुछ झलकियाँ. मंगलवार, 24 मई 2011. Priykaant: parjeevi darshan ka bi-product. प्रियकांत: परजीवी दर्शन का बाई-प्रोडक्ट. रामजी यादव. यह दर असल इतिहास के दो पड़ावों पर सृजित कृतियों के समयांतराल और यथार्थांतराल की रचनात्मक उपलब्धियाँ हैं. प्रताप सहगल. 4 टिप्पणियां:. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मुखपृष्ठ. ब्लॉग आर्काइव. Priykaant: parjeevi darshan ka bi-product. मेरी ब्लॉग सूची. 5 वर्ष पहले. 1 वर्ष पहले. जानलेव...बचे...