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===दिल की गहराइयों से ===

किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Friday, 23 December 2016. मूल्य - (लघुकथा). छुट्टी की बड़ी समस्या है दीदी, पापा अस्पताल में नर्सो के सहारे हैं! भाई से फोनवार्ता होते ही सुमी तुरन्त अटैची तैयार कर बनारस से दिल्ली चल दी. हाथ का स्पर्श पाकर जैसे उनके मृतप्राय शरीर में जान सी आ गयी हो. चौथा ., वह कैसे बीतेगा, कुछ सोचा? वही तो बीतना कठिन होता बिटिया ". चौथा आपकी तरह! मेरी तरह! मुस्करा कर बोले. Links to this post. मे...

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Friday, 23 December 2016. मूल्य - (लघुकथा). छुट्टी की बड़ी समस्या है दीदी, पापा अस्पताल में नर्सो के सहारे हैं! भाई से फोनवार्ता होते ही सुमी तुरन्त अटैची तैयार कर बनारस से दिल्ली चल दी. हाथ का स्पर्श पाकर जैसे उनके मृतप्राय शरीर में जान सी आ गयी हो. चौथा ., वह कैसे बीतेगा, कुछ सोचा? वही तो बीतना कठिन होता बिटिया . चौथा आपकी तरह! मेरी तरह! मुस्करा कर बोले. Links to this post. म&#2375...
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===दिल की गहराइयों से === | kavitabhawana.blogspot.com Reviews

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Friday, 23 December 2016. मूल्य - (लघुकथा). छुट्टी की बड़ी समस्या है दीदी, पापा अस्पताल में नर्सो के सहारे हैं! भाई से फोनवार्ता होते ही सुमी तुरन्त अटैची तैयार कर बनारस से दिल्ली चल दी. हाथ का स्पर्श पाकर जैसे उनके मृतप्राय शरीर में जान सी आ गयी हो. चौथा ., वह कैसे बीतेगा, कुछ सोचा? वही तो बीतना कठिन होता बिटिया ". चौथा आपकी तरह! मेरी तरह! मुस्करा कर बोले. Links to this post. म&#2375...

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===दिल की गहराइयों से === : July 2015

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Tuesday, 14 July 2015. अन्तर्मन (kahani). पेड़ के बगल ही खड़ी हो पेड़ से प्रगट हुई स्त्री ने पूछा , “अब बताओ इस रूप में ज्यादा काम की चीज और खूबसूरत हूँ या पेड़ रूप में. 8221; न ‘मैं’ हूँ ”. पेड़ ने कहा, ” न न ‘मैं’ ”. 8220;मुझे भी तो ” रहस्यमयी हंसी हंसकर बोली स्त्री. 8220;मुझ पर लगे फल लोग खा के तृप्त होते हैं ”. 8220;मैं खुद आक्सीजन हूँ! दोनों ने जाद&#2370...Links to this post. म&#2375...

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===दिल की गहराइयों से === : August 2016

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Sunday, 7 August 2016. मित्रता दिवस की बधाई . कुछ मित्र बरसाती सांप सरीखे हो सकते है, उनसे डरने की भी जरूरत न! बस थोड़ी सी सावधानी ही चाहिए होती हैं संवेदनशील व्यक्ति असावधान हो सकता है तो भी क्या! परन्तु इस साल यह दोनों दिवस एक साथ पड़ बहुत बड़े घात से आगाह भी करवा रहें हैं. कैसी लगी अवश्य बताये. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). मन का गुबार. मित्र अच्छ&...दिखत&#237...

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===दिल की गहराइयों से === : November 2016

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Friday, 18 November 2016. श्वास-लघु कथा. तू इतना काहे रो रहा रे! एक बुजुर्ग बोला. मेरी मेहनतss". ताजमहल थोड़े ही बनाया था कहकर एक मजदूर युवक ठहाका मार के हंसा. ऐसा क्या किया था रे तूने! आह के श्वास. कैसी लगी अवश्य बताये. Links to this post. Sunday, 13 November 2016. कीमत-(लघुकथा). सुनिए जी .". छोटी नोट तो घर में रहने ही न दिए म&#23...समाचार में तो स&#2369...वह इसका फायद&#2...मै&...

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===दिल की गहराइयों से === : February 2015

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Saturday, 28 February 2015. खिलाफत की सजा. जैसे ही अन्दर केबिन में जज के सामने आई हाथ. यहाँ कहाँ है? कौन है तेरा पति? यहाँ क्यों आई? साहब आपके निर्णय के खिलाफ दो दिन पहले बोला था उन्होंने और आज . ". कैसी लगी अवश्य बताये. Links to this post. गुलाब की कली ". बेटे की बात सुन पिता को झटका सा लगा धीरे-धीर&...देवता' को प्रणाम कर रही हूँ ". अरे मैं .". मेरे लिए तो द&...Links to this post.

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===दिल की गहराइयों से === : December 2016

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Friday, 23 December 2016. मूल्य - (लघुकथा). छुट्टी की बड़ी समस्या है दीदी, पापा अस्पताल में नर्सो के सहारे हैं! भाई से फोनवार्ता होते ही सुमी तुरन्त अटैची तैयार कर बनारस से दिल्ली चल दी. हाथ का स्पर्श पाकर जैसे उनके मृतप्राय शरीर में जान सी आ गयी हो. चौथा ., वह कैसे बीतेगा, कुछ सोचा? वही तो बीतना कठिन होता बिटिया ". चौथा आपकी तरह! मेरी तरह! मुस्करा कर बोले. Links to this post. म&#2366...

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मन का गुबार : July 2016

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जुलाई 20, 2016. जाने दे. रुक थोड़ा सा मुझको संभल जाने दे. मुझमें भी जरा सी तो समझ आने दे. मैं भी कलम पकड़ कुछ लिख सकूँ. मुझे इतनी कलमकारी तो सीख जाने दे. हुनर सिखने में लगेगी तनिक देर. गजल के कुछ नियम सीख जाने दे. प्रयास हैं बहुत पर थोड़ा वक्त हैं. बुद्धि में हमारी भी पैठ बनाने दे. कलम अपनी जब चल ही पड़ी. तो उसे भी कुछ गजल कह जाने दे. कैसी लगी अवश्य बताये. कोई टिप्पणी नहीं:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. जुलाई 16, 2016. विदा कर द&#...दुआ...

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मन का गुबार : October 2016

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अक्तूबर 31, 2016. धनतेरस की हार्दिक बधाई. पर हाय रे इंसान तू कभी ना सुधरा . अब क्या सुधरेगा . धन की बर्बादी और व्यापारियों की आबादी पर दुखी आत्मा . सविता. आप सभी को धनतेरस की हार्दिक बधाई कल किसी पर तो धन वर्षा होगी ही .:). कलयुगी भगवान् भी ना जाने कैसे कैसो पर मेहरबान हैं आजकल :) :). कैसी लगी अवश्य बताये. कोई टिप्पणी नहीं:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. अक्तूबर 21, 2016. राम जाने! वह जिन्दा रहत&#2...हर धर्म क...

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मन का गुबार : August 2016

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अगस्त 15, 2016. कैसी आजादी. लगभग चौदह साल की बाली उम्र पार हो चुके आजकल के बच्चों को अपने माँ -बाप से आजादी चाहिए! माँ-बाप्प को अपने माँ-बाप से आजादी चाहिए! और उनके माँ-बाप को इस जिन्दगी के बंधन से आजादी चाहिए! पत्रकारों को खुरपैची करने की आजादी चाहिए तो सम्पादक को उसकी पूंछ पकड़ मुरेड़े रहने की आजादी चाहिए. वकीलों को झूठ-सांच को अपने हिसाब से परोसने की आजादी चाहिए तो जजों क&#...शिक्षको को छुट्टियों पर कुंडली मारने की...लड़कियों को भय मुक्त माहौल मे&#230...सत्ताच्युत पार्...संस्कारो ...सभी देशव&...3 ट&#2367...

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मन का गुबार : September 2016

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सितंबर 30, 2016. तकनीकि के जाल में फँसता साहित्य. साहित्य तकनीकि के जाल में फंस रहा है, इससे हम बिलकुल भी सहमत नहीं है बल्कि तकनिकी माध्यम से तरह तरह के फूलों वाले बगीचें में गुंथा हुआ है साहित्य. जिस तरह का साहित्य आपको चाहिए , एक क्लिक करते ही उपलब्ध हो जाता है. तो हमें पूरी उम्मीद है दस में से शायद ही एक बता पायेगा. कैसी लगी अवश्य बताये. 3 टिप्‍पणियां:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. सितंबर 29, 2016. दिल स&#...

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मन का गुबार : December 2016

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दिसंबर 14, 2016. औरतें मेकअप क्यों करतीं (मन का गुबार ). सीधा सा सवाल फेसबुक पर पूछा था हमने! औरतें मेकअप क्यों करतीं हैं? कइयों ने बड़े रोचक जबाब दिए कईयों की कुंठा दिखी जबाब में. जैसे हमने देखा इसी सवाल के साथ किसी दुसरे की पोस्ट को वहां अलग तरह के आंसर थे. फ़िलहाल हम सोचे थे अपनी फेसबुक फ्रेंड लिस्ट वालो का मंतव्य जाने इस सवाल से।. लापरवाही अक्सर घातक होती है! यही हुआ यहाँ भी. क्या उन्हें आपकी तरह स्वछन्द न सही पर स्वतन्त्र रहन&#237...कैसी लगी अवश्य बताये. Links to this post. नई पोस्ट. मेरी ...दिल...

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मन का गुबार : April 2015

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अप्रैल 02, 2015. हमारा उत्तर प्रदेश `. बदनाम भले है. उत्तर प्रदेश. माटी को छूते ही. हर कोई खरा. हाँ खरा सोना हो जाता है. कितने महात्मन. साधू-सन्यासी. वेद पुराण ज्ञाता. कद्दावर नेता. और कई बुद्धिजीवी. इसी धरती की देन हैं. जो नहीं भी हैं. इस धरती पर. कदम रखते ही. कनक से हो जाते हैं. हाँ पारस! कह सकते हैं आप. इस धरती को . मेरी,तुम्हारी. और सभी की भी. एक बार ही सही. यहाँ की हवा में. लीं हैं साँसे. सांसो के जरिये उनके. शरीर में घुल गया हैं. Up की माटी की तासीर. बढ़ गया वह आगे. परजीवी भी. Links to this post.

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मन का गुबार : March 2015

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मार्च 19, 2015. कृपया कोई जुगत बताओ. मन में रोज सवाल उठता था. हिम्मत ना हुई पूछने की. पर आज अपनी. पूरी हिम्मत को जुटा कर. पूछ रहे हैं. अपने ही आस्तीन में. पलते हुए सांप से-. क्यों सांप नाथ. आप बताएगें,. आप में और जंगल के. बिलों में रहने वाले. सांपो में फर्क क्या हैं? सांप ने सवाल सुन. पहले आँखे तरेरी. फिर की लाल-पीली. गुस्से से फुंफकार कर बोला-. क्या तुझे. यह भी नहीं पता? जंगल में रहने वाला सांप. थोड़ा शरीफ होता है. बिना छेड़खानी किये. पर मैं थोड़ा हट के हूँ. मौका मिलते ही. Links to this post. उसे य&#...

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मन का गुबार : February 2015

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फ़रवरी 22, 2015. नाच-नाच के. थक गयी जब मैं. बैठ़ गई सुस्ताने. पेड़ की छाँव में. पेड़ ही न रहा. कंक्रीट के जंगल में. छाया की तलाश में. भटक रही हूँ. समय पंख लगा. उड़ गया पल भर में. हताश मैं. अंधी गली के. कोने में पड़ी. जीवन का. चिन्तन कर रही हूँ. एक एक कर के. यादो की परत. हटाते हुए देखो तो. अपने आप से ही. बात कर-करके. कभी आँखों में नमी. और चेहरे पर हंसी. बिखरा रही हूँ मैं. हठ़ात् सडाँध का. एक झोंका मुझे. हकीक़त के दायरे में. खींच लाता है. मैं सोच रही हूँ. आयेगा एक दिन ऐसा ही. फिर भी. Links to this post. उस अहस...

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मन का गुबार : January 2017

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जनवरी 13, 2017. पुस्तक मेला जनवरी २०१७ - एक रिपोर्ट. यकीं मानिये मेले के नाम से ही हम दस कदम दूर ही रहते थे जहाँ तक हमें याद कोई भी मेला घूमने की चाहत हमने कभी न की लेकिन पुस्तक मेला सुनकर इस बार कुछ कुछ हुआ. अभी कोहरा फिर धूप फिर वही घना कोहरा छाया. सूरज की किरणों को घमंडी बादल रोकता ही आया sm. खिल उठे पलाश' तथा अंत में झांनवाद्दन का विमोचन हुआ जिसमें हम उपस्थित रहे प्य&#23...वैसे जहाँ लोग इस 'नया नियम' को मुफ्त लेने से भ&#236...आश्चर्य की बात लगी उनसे भी ब&#236...मृदुभाषी मध&#23...जिनसे पहल...कुछ...

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امروز دوشنبه , ۱۹ مرداد , ۱۳۹۴. موبایل تبلت لپ تاپ. موبایل,لپ تاپ,تبلت,کالای دیجیتال,فبلت,محصولات دیجیتال. بهترین موبایل های مجهز به سنسور تشخیص اثر انگشت. مخفیسازی عکس و ویدئو در ویندوزفون. اولین ساعت هوشمند جهان. عرضه گوشی هواوی P8 LITE در آمریکا. معرفي اولین گوشی مجهز به ویندوز ۱۰. مشخصات محصول جدید ال جی لو رفت؟ داغترین و مهیج ترین نرمافزارهای موبایل ۲۰۱۵. سه فایروال قدرتمند رایگان برای گوشیهای اندروید. جدیدترین ویژگی گوشی گالکسی نوت ۵. تلفن همراه فایرفاکس هم تولید شد؟ عرضه گوشی هواوی P8 LITE. همانطو...

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कविता, मला भावलेल्या. कविता शोध. मीऽच तो. Http:/ meechto.blogspot.com/. Saturday, November 12, 2011. विझता विझता स्वत:ला. झूठ बोलून आयुष्य कुणालाही सजवता येते. अशी आमंत्रणे आम्हालाही आली नाहीच असेही नाही. असे किती हंगाम शीळ घालीत गेले घरावरून. शब्दांनी डोळे उचलून पाहिलेच नाही, असेही नाही. शास्त्र्याने दडवावा अर्थ आम्ही फक्त टाळच कुटावे. आयुष्याचा अनुवाद करा सांगणारे खूप; नाहीत असेही नाही. अशा बेइमान उजेडात एक वात जपून नेताना. कवी - नारायण सुर्वे. संग्राहक -. हृदय अर्पण करतात. संग्राहक -. कधी म&#236...

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किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत .कोई कवियत्री नहीं हैं अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:). Friday, 23 December 2016. मूल्य - (लघुकथा). छुट्टी की बड़ी समस्या है दीदी, पापा अस्पताल में नर्सो के सहारे हैं! भाई से फोनवार्ता होते ही सुमी तुरन्त अटैची तैयार कर बनारस से दिल्ली चल दी. हाथ का स्पर्श पाकर जैसे उनके मृतप्राय शरीर में जान सी आ गयी हो. चौथा ., वह कैसे बीतेगा, कुछ सोचा? वही तो बीतना कठिन होता बिटिया ". चौथा आपकी तरह! मेरी तरह! मुस्करा कर बोले. Links to this post. म&#2375...

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जनवरी 13, 2017. पुस्तक मेला जनवरी २०१७ - एक रिपोर्ट. यकीं मानिये मेले के नाम से ही हम दस कदम दूर ही रहते थे जहाँ तक हमें याद कोई भी मेला घूमने की चाहत हमने कभी न की लेकिन पुस्तक मेला सुनकर इस बार कुछ कुछ हुआ. अभी कोहरा फिर धूप फिर वही घना कोहरा छाया. सूरज की किरणों को घमंडी बादल रोकता ही आया sm. खिल उठे पलाश' तथा अंत में झांनवाद्दन का विमोचन हुआ जिसमें हम उपस्थित रहे प्य&#23...वैसे जहाँ लोग इस 'नया नियम' को मुफ्त लेने से भ&#236...आश्चर्य की बात लगी उनसे भी ब&#236...मृदुभाषी मध&#23...जिनसे पहल...कुछ...

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Poems Straight from My Heart

Poems Straight from My Heart. वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान, निकल कर नैनो से चुपचाप, बही होगी कविता अनजान -सुमित्रा नंदन पन्त. Thursday, October 22, 2009. सपनो का घर बनाये. This poem is dedicated to my one and only sweetheart and would be wife Mrinalini :). आ सपनो का घर बनाये,. अपनी हँसी से इसे सजाये,. विश्वास की नीव पे,. प्यार की ईंट लगाये. रिश्तों की दीवार पे,. खुशियों की छत लगाये,. समझदारी की खिड़की हो,. शरारत के किवाड़ लगाये. जुल्फों. आ सपनों का घर बनाये. Friday, April 17, 2009. दिल...

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