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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Thursday, July 16, 2015. बेवफ़ाई. कितनी मुद्दत हुई जो तेरी याद ना आई,. वो जमाने ओर थे जब बेनतह चाहा था तुझे. वकत की रफतार नही मेरे दर्द का फलसफा है,. जिसने समय रहते बदल डाला मुझे. Labels: रिश्ते. Monday, June 15, 2015. यु .पी. कि छुटकी लड़की. बिरंगे. बिखेरते. अंग्रे़जी. ट पीट करने. उड़ानें. कब देस-विदेस घूमने लगी. पिज़्ज़ा. चुहिया. खाती थी जो प्लेट भर-भर. टून जैसी. सांवरा. सुन्हेरा. बिल्कुल. वो चंचल नैनो वाली,. हो गयी कब सयानी. Saturday, May 16, 2015.

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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Thursday, July 16, 2015. बेवफ़ाई. कितनी मुद्दत हुई जो तेरी याद ना आई,. वो जमाने ओर थे जब बेनतह चाहा था तुझे. वकत की रफतार नही मेरे दर्द का फलसफा है,. जिसने समय रहते बदल डाला मुझे. Labels: रिश्ते. Monday, June 15, 2015. यु .पी. कि छुटकी लड़की. बिरंगे. बिखेरते. अंग्रे़जी. ट पीट करने. उड़ानें. कब देस-विदेस घूमने लगी. पिज़्ज़ा. चुहिया. खाती थी जो प्लेट भर-भर. टून जैसी. सांवरा. सुन्हेरा. बिल्कुल. वो चंचल नैनो वाली,. हो गयी कब सयानी. Saturday, May 16, 2015.
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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Thursday, July 16, 2015. बेवफ़ाई. कितनी मुद्दत हुई जो तेरी याद ना आई,. वो जमाने ओर थे जब बेनतह चाहा था तुझे. वकत की रफतार नही मेरे दर्द का फलसफा है,. जिसने समय रहते बदल डाला मुझे. Labels: रिश्ते. Monday, June 15, 2015. यु .पी. कि छुटकी लड़की. बिरंगे. बिखेरते. अंग्रे़जी. ट पीट करने. उड़ानें. कब देस-विदेस घूमने लगी. पिज़्ज़ा. चुहिया. खाती थी जो प्लेट भर-भर. टून जैसी. सांवरा. सुन्हेरा. बिल्कुल. वो चंचल नैनो वाली,. हो गयी कब सयानी. Saturday, May 16, 2015.

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कविता -एं -जश्न ......................: October 2012

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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Monday, October 22, 2012. सफ़र ज़िन्दगी का है अभी बाकी . रफ़्तार. तकाज़ा. दोनों. इम्तिहान. ज़िन्दगी. तिव्रमयी. ज़िन्दगी. कठनाइयों. रास्ते. भले हो. हाथों. रास्तों. परिंदों. शुरू,. समंदरों. सफ़र ज़िन्दगी का है अभी बाकी . Labels: रास्ते सफ़र. Subscribe to: Posts (Atom). ईमेल द्वारा पालन करें . भाव मेरे, भाषा आपकी . मेरे सहपाठी .प्रशंसक. सफ़र ज़िन्दगी का है अभी बाकी . सफ़र ज़िन्दगी का है अभी बाकी . बांवरा मन . रंग बदलती दुनिया . ज़िंदग&#236...

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कविता -एं -जश्न ......................: June 2013

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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Thursday, June 20, 2013. Mujhe iss rah par uhi chalne do. Dil ki ye jo baate hai,. Inhe dil tak tehelne do,. Armaan hai jo dil ke,. Unhe dil me ubalne do,. Mil jaayega koi uhi raah me chalte chalte,. Jab tak milta nhi koi humsafar,. Mujhe iss rah par uhi chalne do. In hotho ki ye jo baatein,. Unn hotho tak aa gayi,. Fir mere alfaaz ke ye gunche,. Unn hotho pe muskaan bann ke jo chha gayi,. Ab to mujhe bass unn hotho par,. Muskaan bann ke sawarne do,.

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कविता -एं -जश्न ......................: May 2013

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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Sunday, May 12, 2013. एक छोटी सी मुलाकात. क्यूँ. तन्हाईयों. रिश्ता. जिंदगी. मुलाकात. यूँही. रास्ता. पेह्चना. Labels: मुलाकात. रास्ते. रिश्ते. Sunday, May 5, 2013. सुलझा सकता जो उन होठो की सिलवटों. और खीच देता उन दो लकीरों को,. मुस्कान कहती दुनिया उसे,. मेरे लिए तो ज़िन्दगी होती. कर देता वो ब्यान,. जो भी है इस दिलके अरमान,. दीवानापन कहती दुनिया उसे,. मेरे लिए तो बंदगी होती,. रोक देता वो लहर,. जो आती उन आँखों पर,. Labels: ज़िन्दगी. रिश्ते. वक़्त ...आंस...

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कविता -एं -जश्न ......................: November 2012

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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Sunday, November 4, 2012. कल मैं अपने कल से मिला।. कल मैं अपने कल से मिला ,. आते गुजरते हर एक पल से मिला ,. मिला उस बालक की उम्मीद भरी आखों से ,. उस बूढ़े शरीर जर्जर से मिला,. कल मैं अपने कल से मिला।. मिला उन् पैदा होती उमीदो से,. जो पाली थी मैंने अपने बच्चपन में,. कभी सैर करना बादलो पे,. कभी जाना उस पार गगन में,. उन सारे जीवन से भरे पालो से,. उन सारे सुन्हेरे पालो से दलदलो से,. कल मैं अपने कल से मिला।. ठहरी हुई सी उस हलचल से,. Subscribe to: Posts (Atom).

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कविता -एं -जश्न ......................: August 2012

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कविता -एं -जश्न . मेरी कविताएँ,मेरी अभिव्यक्तियाँ. Monday, August 13, 2012. ढूँढता हूँ. अभी भी ढूँढता. हु उस रात को ,. जो कभी सुबह होने नहीं देगी ,. अब भी ढूँढता. हूँ उस तन्हाई को ,. जो शोर के आगोश में खुद को खोने न देगी ,. हँसा तो मैं भी बहुत था अपने ही गमो पर ,. पर ढूँढता. हु अभी भी वो ज़िन्दगी ,. जो आंसुओ से खुद को भिगोने न देगी . मिलेगी कहाँ वो ख़ुशी ,. जो गम को खुद का गला घोटने न देगी ,. और मिलेगी कहाँ वो सुबह जो ,. पर अब ढूँढता. हु वो राह ,. पर अब ढूँढता. अभी भी ढूँढता. Subscribe to: Posts (Atom).

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होना ही चाहिए आंगन

Sunday, March 26, 2006. 01 भ म क आद म ल कर ग तल शत कव त ए - श र रम श दत त द ब. 02 भ म क अपन धरत क तल श- श र न दक श र त व र. 01 जब कभ ह ज क र म र. 02 सबस अच छ परज. 04 अनन त ब ज व ल प ड. 05 ल ग म लत गय क फ ल बढ त गय. 07 आय ग क ई भग रथ. 08 प र यश च त. 09 खतर म ह बचपन. 11 अक ल म ग व त न च त र. 12 म लन प ठ. 13 अभ स र. 14 कह क छ ह गय ह. 16 उह प ह. 17 ख शगव र म सम. 19 अब ज द न आय ग. 20 न कल आ. 22 क छ बच य न बच. 23 ल ख द श मन ब ल द न य क ब वज द. 25 बह त क छ ह अपन जगह. 28 वनद वत स प छ ल. 29 स घड त. 31 ज न स पहल.

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कविता-यात्रा

शव्द-यात्रा. मातृका पोखरेल. जन-साहित्य. नेपाल साहित्यिक पत्रकार सङ्घ. मातृका पोखरेल. पारिजात स्मृति केन्द्र. मातृका पोखरेल. समकालीन साहित्य. मातृका पोखरेल. प्रगतिशील लेखक सङ्घ, नेपाल. मातृका पोखरेल. ए अने. जनसांस्कृतिक महासङ्घ. कथा-चौतारी. Thursday, December 29, 2016. युद्धको नाट्यशाला - मातृका पोखरेल. तिमीलेझैं युद्धको बिरोध गर्दै. कुनै ईश्वरलाई पूजा गर्न. अबदेखि हामी. कुनै मन्दिर जानेछैनौं ।. पराधिनताको महाभारत चढेर. धेरै ग¥यौं हामीले. भविष्य बनाउने कुरा,. हामी तिमीसँग. परिवारहरु,. अब हामी ...आफै...

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Ghanshyam's Hindi Poetry

Ghanshyam’s Hindi Poetry. द प क त य (A couplet). मई 7, 2014 at 11:08 अपर ह न ( Uncategorized. 8212;– Ghanshyam. अपन शख़ स यत क उन ह ह श नह. ग़ र क व ह-व ह क य ज त ह. ट प पण कर. क षम -य चन. जनवर 28, 2012 at 11:37 अपर ह न ( Poetry. Written for his year old daughter in 1981). अल पक ल न प रव स म भ. म झ क तर करत रह ,. और ल टत ब र लम ब सफ र म. न द क जगह. त म ह झ लत रह. अभ जब म अहल स बह. और अह त क फ टक ख ल. दरव ज़ पर पह च. क ठ क प रव शद व र पर ह. अह त क भ तर खड़. अरहर क प ध क ड ल य. एक ब र हव म लहर. म ड ल य क गल लग.

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Saturday, September 29, 2012. आगे बढ़ो …. आगे बढ़ो …. जीवन का पथ. नहीं सरल. पर इतना भी. नहीं गरल. जो सोच. बस ठान लो. अंजाम दो ॰॰॰. आगे बढ़ो. बाधा से. 2416;॰॰. निश्चित. 2416;॰॰॰. नव प्रभात. होगा सुनिश्चित. राजेश बिस्सा. Subscribe to: Posts (Atom). राजेश बिस्सा का साहित्य सृजन. आगे बढ़ो …. आगे बढ़ो …. SPOKESPERSON - CHHATTISGARH PRADESH CONGRESS COMMITTEE, EDITOR - Chhattisgarh congress sandesh (magjin publised by c.g. congress committee) WRITER, DIRECTOR and PRODUCER - KHATARE MAI WATAN.

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कलम कवि की

कलम कवि की. कलम कवि की. आज हम लिखते हैं तुम पढ़ना और सुनना नहीं चाहते कल चाहोगे तब लिखने वाला नही होगा. बुधवार, 19 नवंबर 2014. खेल खेलें. आओ बच्चो खेलें खेल. एक बनायें ऐसी रेल. जिसका ईंजन अपना भारत. बाकी देश डब्बों का मेल. ऐसी पटरी सरपट दोड़े. नदी खेत गाँव पीछे छोड़े. निकली पाने मंजिल को वो. छुक छुक धड-धड का ये मेल. आओ बच्चो खेलें खेल. दुनिया वालों जानलो अब. हिन्द को पहचान लो अब. एक नंबर पर अपना भारत. बाकि देश करें रेलम पेल. आओ बच्चो खेलें खेल. एक जुटता का ये समागम. इसे ईमेल करें. विडंबना. ये ईद ह&#23...

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Financial Broker Dealer Technology. Network Security (Cyber Security). Kav IT has been servicing enterprise’s technology services for over 20 years. We offer quality consulting services for mid to large sized IT departments. Working closely with the CIO, CTO, or related managers, we can assist in the continuous development of an effective IT operation, and better the technology management. Our range of expertise covers most aspects of technology services:. IT Department Structuring and Auditing. Security...

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ನನ್ನದಲ್ಲದ ಕವಿತೆ

ನನ್ನದಲ್ಲದ ಕವಿತೆ. Tuesday, August 19, 2014. ಮೀನಿನ ಆಸೆಗಳು. ಟಾಕಿಕುಚಿ ಶುಷೋ. ಕನ್ಯೆಯ ಅಲಂಕಾರ. ಕವಚಿಟ್ಟ ಅಸಂಖ್ಯ ಮೇಣದ ಬತ್ತಿಗಳ ಬೂದಿ. ಪಾರದರ್ಶಕ ಮರದ ಹೂಕೊಂಬೆಗಳು. ಅನಂತ ಕನ್ನಡಿಗಳ ಘರ್ಜನೆ ಮತ್ತು. ಮನೆ ಕಿಟಕಿಗಳ ಭಾವಾತಿರೇಕದ ನಡುಕ. ನನ್ನಿಡೀ ದೇಹ. ತನ್ನ ಪ್ರಾಜ್ವಲ್ಯವನ್ನು ದಿನದಿಂದ ದಿನಕ್ಕೆ ವೃದ್ಧಿಸಿ. ನೀರಿನ ಪಳೆಯುಳಿಕೆಯಲ್ಲಿ. ಆಸೆ ಸುಖವಾಗಿ ಈಜಾಡಿ. ಶುಭ್ರ ಆಕಾಶದಲಿ ದೀಪದ. ಘನ ಸೂಳೆಮಗ ನಾನು. ಯಾರೂ ನನ್ನನ್ನು ಪ್ರೀತಿಯ ನೀಗೂಢ ಮನುಷ್ಯ ಎನ್ನುವುದಿಲ್ಲ. ನೀಲಿ. ಇನ್ನೂ ಹೊಳೆಯುತ್ತಿದೆ. 169; ಎಂ.ಎಸ್.ಶ್ರೀರಾಮ್. ಎಂ.ಎಸ್.ಶ್ರೀರಾಮ್. Links to this post. Thursday, January 28, 2010. ಆ ಕ&#3...