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Folk Artist of Chhattisgarh: देवार गीत
http://lokkalakar.blogspot.com/2011/02/blog-post_8901.html
लोक मंच. पंडवानी. पंथी नृत्य. चंदैनी. आल्हा. देवार गीत. राउत नाच. बॉंस गीत. अखाड़ा. फाग गीत. आदिवासी नृत्य. करमा नृत्य. नृत्य गीत. लोकगीत व अन्य. मुख्य पृष्ट. देवार गीत. सुश्री रेखा देवार. देवार गीत. द्वारा श्री विजय सिंह ठाकुर 07752-252272. ग्रा. कुकुसदा. पो. पथरिया. बिलासपुर. श्री जगन्नाथ यादव. देवार गीत. सोनहा भुंइया. ग्राम रमतरा. पो. तारी. गुरूर दुर्ग. मगनलाल साहू. देवार नृत्य गीत. सोनहा भुंइया. ग्राम रमतरा. पो. तारी. गुरूर दुर्ग. श्री रूपचंद बघेल. देवारगीत. तह तिल्दा.
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Jhanpi झांपी : August 2013
http://lokbhasha.blogspot.com/2013_08_01_archive.html
मुख्य पृष्ट. सम सामयिक. छत्तीसगढ़ी संस्कृति. छत्तीसगढ़ी साहित्य. छत्तीसगढ़ी शब्द. पुस्तकें-पत्रिकायें. जीवन परिचय. भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन विधेयक 2012 एक स्वागतेय प्रयास. संजीव तिवारी. Labels: कानून. भूमि अर्जन. संजीव तिवारी की कलम घसीटी. लायब्रेरी पर कमीश्नरी हावी : दुर्ग संभायुक्त कार्यालय हिन्दी भवन में. आज के समाचार पत्रों में दो अलग अलग खबरों पर राहुल सिंह जी. संजीव तिवारी. Labels: संजीव तिवारी की कलम घसीटी. समसामयिक लेख. संजीव तिवारी. संजीव तिवारी. Subscribe to: Posts (Atom). भí...
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Folk Artist of Chhattisgarh: नृत्य-गीत
http://lokkalakar.blogspot.com/2011/02/blog-post_936.html
लोक मंच. पंडवानी. पंथी नृत्य. चंदैनी. आल्हा. देवार गीत. राउत नाच. बॉंस गीत. अखाड़ा. फाग गीत. आदिवासी नृत्य. करमा नृत्य. नृत्य गीत. लोकगीत व अन्य. मुख्य पृष्ट. नृत्य-गीत. श्री काशीदास महंत. नृत्य-गीत. ग्रा. पराडीकला. बाराद्वार. जांजगीर. श्री शिवकुमार तिवारी. नृत्य-गीत. ग्रा. देवकिरारी. बिल्हा. श्री नवलदास मानिकपुरी. नृत्य-गीत. न्यू खुर्सीपार. श्री रामायण प्रसाद वस्त्रकार. नृत्य-गीत. बिलासपुर. श्री खोरबाहरा राम यदु. डंडा नृत्य. ग्राम बरौंडा. श्री अशोक मिश्रा. अहीर नृत्य. अहीर नृत्य. 8217; बी. एट द ...
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Folk Artist of Chhattisgarh: जनवरी 2015 को छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की प्रस्तुति
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लोक मंच. पंडवानी. पंथी नृत्य. चंदैनी. आल्हा. देवार गीत. राउत नाच. बॉंस गीत. अखाड़ा. फाग गीत. आदिवासी नृत्य. करमा नृत्य. नृत्य गीत. लोकगीत व अन्य. मुख्य पृष्ट. जनवरी 2015 को छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की प्रस्तुति. फोटो http:/ dprcg.gov.in से साभार. इस ब्लॉग की सामाग्री के संकलन में. श्री राहुल सिंह जी. एट द gmail.com में संपर्क कर सकते हैं। आपके सुझावों का स्वागत है।. संजीव तिवारी. छत्तीसगढ़ के गौरव. 169;2011 sangvari36. ईथरीयल टेम्पलेट. Blogger.
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Folk Artist of Chhattisgarh: भजन
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लोक मंच. पंडवानी. पंथी नृत्य. चंदैनी. आल्हा. देवार गीत. राउत नाच. बॉंस गीत. अखाड़ा. फाग गीत. आदिवासी नृत्य. करमा नृत्य. नृत्य गीत. लोकगीत व अन्य. मुख्य पृष्ट. श्री भारती बंधु. कबीर गायन. वीरभद्र नगर. बुढ़ा तालाब. Http:/ bhartibandhu.blogspot.com. श्री रामशरण वैष्णव. कायाखण्डी भजन. भरकापारा. राजनांदगांव मो.-. श्री खुशीदास मानिकपुरी. चौका गीत. बेमेतरा चौक. जिला रायपुर. श्री तेजराम नगपुरे. न्यू चंगोराभाठा. श्री जवाहर सिंह सेंगर. भजन मंडली. मुंगेली. श्री जवाहर बघेल. बिलासपुर. भजन कीर्तन.
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Jhanpi झांपी : June 2013
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मुख्य पृष्ट. सम सामयिक. छत्तीसगढ़ी संस्कृति. छत्तीसगढ़ी साहित्य. छत्तीसगढ़ी शब्द. पुस्तकें-पत्रिकायें. जीवन परिचय. मन पखेरू उड़ चला फिर : सफर का आगाज़. इन्हीं कविताओं की सुगंधित माला है जिसमें सुनीता शानू की अविरल भावनायें कविता के रूप में व्यक्त हुई है. इस कविता संग्रह के संबंध में आलोचक व कवि आनंद कृष्ण. नें अपनी भूमिका. संजीव तिवारी. कृति का नाम : मन पखेरू उड़ चला फिर. विधा : कविता. रचनाकार : सुनीता शानू. प्रकाशक : हिन्द युग्म, नई दिल्ली. पृष्ठ : 127;. मूल्य : 195 रु. वैभव प्रकाशन. छत्‍...
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Jhanpi झांपी : July 2014
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मुख्य पृष्ट. सम सामयिक. छत्तीसगढ़ी संस्कृति. छत्तीसगढ़ी साहित्य. छत्तीसगढ़ी शब्द. पुस्तकें-पत्रिकायें. जीवन परिचय. 1800 से पहले भारत में दलित नहीं थे : डॉ.बिजय सोनकर शास्त्री. Labels: संजीव तिवारी की कलम घसीटी. कविता में शब्दों का निहितार्थ. कविता में शब्दों का निहितार्थ क्या है, कैसा है? अटल बिहारी हमर कका ये. फेर कोनों नइ ये काकी।. कतको झन जय ललिता, ममता बेनर्जी. आवत हें जावत हें. कका सबला निपटावत हे।।. पद्म श्री डॉ.सुरेन्द्र दुबे). Labels: गीत-गजल-कविता. बस्तर : घोटुल. थम से गए है. अत: आपसे अन&#...
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Jhanpi झांपी : December 2012
http://lokbhasha.blogspot.com/2012_12_01_archive.html
मुख्य पृष्ट. सम सामयिक. छत्तीसगढ़ी संस्कृति. छत्तीसगढ़ी साहित्य. छत्तीसगढ़ी शब्द. पुस्तकें-पत्रिकायें. जीवन परिचय. खाय बर खरी बताए बर बरी. विरोध ना कर पाना', ' खर नइ खाना. सह नहीं सकना', ' खर होना. तेज तर्रार होना', ' खरी चबाना. कसम देना'. संस्कृत शब्द 'वटी' व हिन्दी 'बड़ी' से बने ' बरी. छत्तीसगढ़ी शब्द. संजीव तिवारी की कलम घसीटी. एती के बात ला ओती करना. बताते हैं कि यह बिहारी में.एन्ने ओन्ने काशिका ...छत्तीसगढ़ी शब्द. संजीव तिवारी की कलम घसीटी. अड़हा बईद परान घाती. इसमें दो छत्त&...छत्त...तरी...