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लोकरंजनशिक्षा ,साहित्य ,समाज और वाद - संवाद आदि का एक ब्लॉग
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लोकरंजन | lokranjan.blogspot.com Reviews
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लोकरंजन : November 2014
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अपनी जमीन. नवंबर 22, 2014. स्वाती :. बहुत अच्छा लिखा है आलोक! मैं :. और सुनाओ. क्या हाल है. स्वाती. ठीक है. तुम कहो. के बहुत अजीब स लग रहा है. मैं :. मैं भी ठीक हूँ एक और पोस्ट लिख रहा हूँ .इसलिए थोड़ा सा व्यस्त हूँ अभी . स्वाती. जन्दगी का एक रूप यह भी है न. भयावह लेकिन सच. स्वाती. हाँ हाँ लिखो लिखोआराम से. मैं :. स्वाती :. वही तो. पर. हमारे यहाँ तो उन्हें ही गलत देखा जाता है बस्स. मैं :. नहीं इसी सोच को बदलने की जरूरत है. स्वाती :. जो उनकी कीमत लगाते हैं. मैं :. स्वाती :. मैं :. स्वाती :. यही एक ब&...
लोकरंजन : April 2016
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अपनी जमीन. अप्रैल 23, 2016. विकास का बिहार मॉडल. यह तो मानी हुई बात है कि बिहार विकास के तय मानकों पर वहाँ नहीं ठहरता जहां देश के बहुत से अन्य राज्य आते हैं । शहरीकरण. शहरों के रखरखाव. अब थोड़ा विचार तटबंध के भीतर के जीवन पर । सहरसा. सुपौल आदि जिले जहां कोसी का कहर बना रहता है वहाँ. बांध के भित्तर. पब्लिक स्कूल सह कोचिंग सेंटर. सड़क के दोनों ओर मक्के की फसल और कहीं कहीं गरमा धान की खेती. आलोक रंजन. 7 टिप्पणियां:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! अप्रैल 18, 2016. आलोक रंजन. घर के प&...
लोकरंजन : February 2016
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अपनी जमीन. फ़रवरी 23, 2016. कवि की पहुँच. पढ़ते फिरेंगे गलियों में इन रेख्तों को लोग ।. मुद्दत रहेंगी याद ये बातें हमारियाँ ।।. हाँ चेतन भगत के बारे में हल्की से हल्की बात जरूर साझा हो जाती है लेकिन हिन्दी के रचनाकार के बारे में नहीं होती ।. मैं हिन्दी साहित्य का छात्र हूँ और हिन्दी के रचनाकारों को मजबूरी. 8216; गोदम्ब मनिगल. 8217; अर्थात. 8216; गेहूं के बीज. 8217; । कवि कहता है कि. जो धरती मैं देख रहा हूँ. वह उस धरती से बिलकुल अलग है जहाँ मेरा नि...आलोक रंजन. 1 टिप्पणी:. Links to this post. दो...
लोकरंजन : February 2015
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अपनी जमीन. फ़रवरी 03, 2015. बीइंग जजमेंटल. मज़ाक के नाम पर अश्लीलता है और वह भी अभव्यक्ति की आजादी है! माना कला के नाम पर जरूरी है पर यह कौन सी कला है और इसकी किसे जरूरत है यह जानना है मुझे ।. यूट्यूब पर उनका अश्लील कार्यक्रम तीन भागों में लगा हुआ है वह भी देखें . तब शायद हम उस बौद्धिक जकड़न से बाहर निकल पाएँ जो ह...आलोक रंजन. कोई टिप्पणी नहीं:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. नया कमरा. किस&#...
लोकरंजन : September 2014
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अपनी जमीन. सितंबर 19, 2014. न बॉबी. न जासूस! वह अमीर आदमी बन गया पर बच्चों को नहीं भुला । जासूसी फिल्में इस तरह के घुमावों के लिए जानी जाती है लेकिन वे घुमाव. होना और. फिल्म की स्त्रियाँ उतनी ही सशक्त हैं जितनी की साधारण भारतीय स्त्रियाँ । एक दायरे के भीतर वे खुशमिजाज़. ज़िंदादिल और खुश रहने की खुशफ़हमी पाली. वे स्त्रियाँ खाना पकाती हैं. खाने पर इंतजार करती हैं. लोग कथानक और फिल्म का समाजशास्त्र उसी पुरुष वर्चस्व वाल&#...समाजस्वीकृत. उसकी इच्छा का समर्पण. लीक से हटकर. आलोक रंजन. Links to this post. एक नय...
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दख़लअंदाज़ी : November 2016
http://sandeepvihan.blogspot.com/2016_11_01_archive.html
दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Saturday, November 12, 2016. जुगनुओं के सवाल. पोस्ट अधूरी है। सवाल की तरह ही कभी इसके और हिस्से किश्तों में आते रहेंगे।). Labels: बदलती दुनिया. मन:स्थिति. मिरांडा हॉउस. शिक्षक होना. सवालों का होना. Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. जुगनुओं के सवाल. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? जानकीपुल.
दख़लअंदाज़ी : December 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Friday, December 9, 2016. ये वक्त. किस तरफ जाने दिमाग सोचता है आजकल. चुपचाप मेरे बिस्तर पर पड़े -पड़े ऊँघना चाहता हूँ,. वो जो सामने लगी चे ग्वेरा की तस्वीर है न कमरे की. सोचता हूँ उसको उतारकर रख दूँ कही न दिखने वाली जगह पर,. कमरे के पंखे की धूल गर्मी आने पर हटा ही दूंगा गर्मी आने पर,. ये जो मोर्डन आर्ट सरीखी कविता बन रही है,. Labels: अकेलापन. चुप्पी. मन:स्थिति. मेरा कमरा. मेरा मन. Subscribe to: Posts (Atom).
दख़लअंदाज़ी : March 2016
http://sandeepvihan.blogspot.com/2016_03_01_archive.html
दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Tuesday, March 22, 2016. ट्रैन की सीढ़ियों पर बैठकर सफर करना,. चाँद से आगे ट्रैन निकल जाएगी ये सोचना ,. सिर्फ मैं इस तरह का स्वर हूँ ये सोचना ,. किसी शहर में ट्रैन का रुकना और धम्म से उतर जाना,. पटरियों पर भागने की कोशिश करना ,. किसी जगह सिगनल पास की उम्मीद और. वो गाँव निहारना जहाँ ट्रैन रुकी है ,. उस ओझा की आँखों का कोई जादू मंत्र ,. सब सुहावना था. संदीप विहान. Tuesday, March 1, 2016. Subscribe to: Posts (Atom).
दख़लअंदाज़ी : October 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Sunday, October 16, 2016. शहर का दिया. हमनें शहरों को ट्यूबलाइट से भर लिया. वक़्त ने शहर से धीरे धीरेआसमां के तारे खोये,. शहरों ने हमारे दिन रात हम लोगों से छीने. तब से नींद में मिलते है एक-दूसरे से लोग,. शहर ने बिना धूल वाले कंक्रीट के रास्तें दिए. शायद ही हमें कोई पगडण्डी मिली हो शहर में,. शहरों ने जगह दी रहने को, हमें लोग दिए. फिर हम भूलने लग गए एक दूसरे को,. Subscribe to: Posts (Atom). ख़त मेरे. उसने द&...
दख़लअंदाज़ी : June 2015
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Tuesday, June 30, 2015. कुछ न होने सा होना. अथाह होना ,. या सिमट जाना ,. चिल्लाना ,. या चुप हो जाना ,. बेबाक होना ,. या बरबाद होना ,. मीठे होना ,. या हो जाना बेस्वाद ,. हँसना देखकर ,. या रोना एकेले ,. हरित सा,. या बंजर होना ,. मानव बनना,. और मृत्यु को प्राप्त कर लेना ………. Monday, June 22, 2015. उसका ख्याल. रोने से उसका अक्स अक्सर उभर आता है ,. लोग कहते है तुम कमजोर हो ,. Subscribe to: Posts (Atom). मन:स्थ...
दख़लअंदाज़ी : October 2015
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Sunday, October 25, 2015. तस्वीर पुरानी. ज़िंदा तस्वीरों सा हो गया हूँ मैं ,. विरले ही ढूंढ पाता हूँ मैं. लेकिन ये अनमनी सी अकुलाहट लिए कब तक फिरूंगा. याद रखना तस्वीर पुरानी हो जाती हैं ,बदलती नही. Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. तस्वीर पुरानी. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? जानकीपुल. मेरा मन.
दख़लअंदाज़ी : June 2016
http://sandeepvihan.blogspot.com/2016_06_01_archive.html
दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Sunday, June 26, 2016. माफीनामा बायीं तरफ दर्ज है. शायद जो भी लिखा है उसमे अपने में लौटने की तयारी है।डर दर्ज करना स्वयं के लिए एक डर है या साहस। पता नही ). Labels: अकेलापन. खालीस्थान. चुप इश्क़. मन:स्थिति. Wednesday, June 1, 2016. शहर में क्या होंगे हम तुम. चलों न साथ साथ चलते है इन सड़कों पर. इस शहर में एक दूसरे को ढूंढेगे. देखो शहर रोज बदल रहा है. संदीप 'विहान'. चुप इश्क़. मेरा मन. Subscribe to: Posts (Atom).
दख़लअंदाज़ी : February 2016
http://sandeepvihan.blogspot.com/2016_02_01_archive.html
दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Friday, February 5, 2016. लिख रहा हूँ. सीधा कहो! एक दोस्त को भी कहता हूँ एक ज़िंदगी मिली है उसमे कितने स्यापे है। और मैं और वो बस अपना ब्रह्म वाक्य कहते है :. देखते है क्या होता है।. Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. लिख रहा हूँ. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? बुखार के दिन. जानकीपुल. मेरा मन.
दख़लअंदाज़ी : January 2016
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दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Sunday, January 10, 2016. एक और पुरानी तरह का नया साल. Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. एक और पुरानी तरह का नया साल. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? बुखार के दिन. सपने में पिया पानी: कुछ कविताएं. जानकीपुल. संजय व्यास. भग्न स्तूप. लपूझन्ना. पंचायत चुनाव के रंग. करनी चापरकरन. चुप इश्क़. मेरा मन.
दख़लअंदाज़ी : September 2016
http://sandeepvihan.blogspot.com/2016_09_01_archive.html
दख़लअंदाज़ी. अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ. Monday, September 26, 2016. सवाल पूछना है. कई दिनों से एक सवाल सामने रहता है। लेकिन इसको पूछा क्यों जाए? Subscribe to: Posts (Atom). जब मैं तुम हुआ करता था.…… अब भी मै तुम में ही हूँ।. View my complete profile. सवाल पूछना है. चिट्ठियों के पते. ख़त मेरे. Hathkadh । हथकढ़. के तब तक हम न मिले तो? बुखार के दिन. सपने में पिया पानी: कुछ कविताएं. जानकीपुल. संजय व्यास. भग्न स्तूप. लपूझन्ना. करनी चापरकरन.
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LokRalf - Fotos von Lokomotiven der ehemaligen Deutschen Reichsbahn und mehr *** Altenburg
Triebfahrzeuge der ehemaligen Deutschen Reichsbahn. Lokfotos Triebwagenfotos Fotos von Bahnanlagen.
countrymusic round-up
Vrijdag 2 augustus 2013. Het is nog steeds vakantietijd ook bij uw lokale omroep “Vrolek” in het Groene Hart van de Krimpenerwaard en dat betekent deze keer vanuit “Bakersfield CA” het programma “Countrymusic Round-Up” met: “Veel plaatjes en weinig praatjes”. Speellijst " Country Music Round-up ". Datum: Juli 30 ‘13 19.00 - 20.00 uur heruitzending op Aug. 3 ‘13 12.00 - 13.00 (CET). Samenstelling, techniek en presentatie : Jan N. Evenhuis. Nr* Artist/group * * Title music * * Album * * Label. 4 The Kentuc...
LOKRANG
Saturday, August 23, 2014. Experiment with Manjusha painting. (रग मंजूषा कला के). First ,second and third paintings are traditional manjusha painting. In tradional Manjusha paintings only three colours-pink,green& yellow used. All paintings are in water colour. Art by- Pritima Vats. Labels: Experiment with Manjusha painting. (रग मंजूषा कला के). Location: Ghaziabad, Uttar Pradesh, India. Friday, August 22, 2014. कागज पर बना सोने. ही ज्योति गर्व से. भर उठती है. लेकिन बिहार के. गए पुआल के. काटकर क...
लोकरंग - लोक संस्कृतियों के निरूपण का विनम्र प्रयास
आग म क र यक रम. ल कर ग (2008). प रस त त य (2008). तस व र (2008). व ड य (2008). ल कर ग (2009). प रस त त य (2009). तस व र (2009). व ड य (2009). ल कर ग (2010). प रस त त य (2010). तस व र (2010). व ड य (2010). ल कर ग (2011). प रस त त य (2011). तस व र (2011). व ड य (2011). ल कर ग (2012). प रस त त य (2012). तस व र (2012). व ड य (2012). ल कर ग ( 2013). प रस त त य (2013). तस व र (2013). ल कर ग (2014). प रस त त य (2014). तस व र (2014). व ड य (2014). ल कर ग (2015). प रस त त य (2015 ). तस व र (2015). व ड य (2015 ).
लोकरंग की आंच : सुभाष चन्द्र कुशवाहा
लोकरंग की आंच : सुभाष चन्द्र कुशवाहा. Subhash Chandra Kushwaha's literary works including stories and articles in Hindi which is focussed around social awareness and other issues regarding India. रविवार, 1 अप्रैल 2012. सर्वशिक्षा अभियान एक छलावा है. सुभाष चन्द्र कुशवाहा. क्या इन संस्थानों में चयनित गरीबों को निशुल्क पढ़ाने की व्यवस्था है? सुभाष चन्द्र कुशवाहा. बी 4/140 विशालखंड. सुभाष चन्द्र कुशवाहा. 1 टिप्पणी:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! वह क्यों कंपनì...Links to this post.
लोकरंजन
अपनी जमीन. मई 07, 2016. पंचायत चुनाव के रंग. चुनाव दर चुनाव लोग सफर करते जा रहे हैं । कुछ लोकसभा चुनाव में 5 साल के लिए अपना वारा. 8211; न्यारा करवा चुके. इसने स्थानीय पकड़ ही बनाने दी ।. मैंने अब तक केवल सुना था कि चुनावों में पैसे बाँटे जाते हैं. रात का खाना खाने का वक्त आया तो मेरी थाली में मांस परोसा गया और कहा गया कि यह. से आया है । अब मैं इस. आलोक रंजन. कोई टिप्पणी नहीं:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. अप्रैल 23, 2016. परीक्...
Azote.se
Det här domännamnet är registrerat och upplagt hos Binero AB. Inom kort kommer ägaren till domännamnet att lägga upp en webbsida här, vi hälsar dig välkommen åter. Om du är ägaren till detta domännamn, vänligen ladda upp din hemsida till mappen. Med namnet på ditt domänamn) för att komma igång. Hur mycket betalade du för ditt senaste domännamn? Com net .org .biz .info 89kr. Varför välja oss? Välj oss som din webbhotells- och domännamnsleverantör om du vill ha:. Stora webbpaket och billiga domännamn.
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Lokrantz förlag arbetar främst med utgivning av böcker och annat tryckt material. Utgivningen omfattar facklitteratur inom ämnesområdena kulturhistoria, lokalhistoria, arkitektur, trädgård och konst. Lokrantz förlag är medlem i Biosfärområdet Vänerskärgården med Kinnekulle och vill verka för varsamhet med vår omgivning och dess historia. Böckerna trycks lokalt på miljömärkt papper. Böckerna går att köpa direkt från oss, genom beställning per brev, telefon, e-post eller via facebook.
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Lokrantz Special Education Center: Home Page
Deaf and Hard of Hearnig. Lokrantz Special Education Center. A Non-Traditional School Where. Read Across America Week. Setting Up for Valentine's Dance. Welcome to our Lokrantz web site. It is a lovely small school located in the heart of Reseda in the San Fernando Valley. Students attending our school range from kindergarten through 5th grade. It takes a collaborative effort of students, teachers and parents to make our Lokrantz community successful and we are glad to have YOU aboard! Reseda, CA 91335.
Lokraritätenstübchen Berlin, Modellbahn Ankauf und Verkauf
Einige von Ihnen kennen mich bereits seit vielen Jahren als fairen und kompetenten Modellbahn Gebraucht- und Neuwaren Händler „Lokraritätenstübchen“ aus Berlin. Sie finden mich auf einigen ausgesuchten Börsen, Veranstaltungen und Events vorrangig innerhalb Ost-Deutschlands welche sich mit dem Thema Eisenbahn-/Modelleisenbahn beschäftigen. Das „Lokraritätenstübchen“ Hier z. B. in Meiningen bei den Dampfloktagen 2011. Somit sind wir oft innerhalb Ost-Deutschlands unterwegs um Ihnen unsere Artikel anzubieten.
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