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bhavnayen: November 2013
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Wednesday, November 27, 2013. १मैं मानती हूँ कि तुमसे नहीं मिलती पहले सी. मगर कोई भी सांस नहीं लेती हूँ मैं तेरे बिना. २ज़माना गुरेज करे तो करे तुम खफा मत होना. बहुत मुश्किल से मिलता है दिल मुझसे जुदा मत होना. ३तुम्हें दूँ भी तो क्या सब फानी है "ज्योति". ये मुहब्बत की दुआ देती हूँ तू शाद रहे. ४ये ताना न दो हमें हम की याद नहीं करते हैं "ज्योति". कौनसी रात गुजरी है जब अश्कों की बरसात नहीं करते हैं. ६तुम मेरे दिल हो मगर पेशानी पर तिल की तरह. Sunday, November 10, 2013. Subscribe to: Posts (Atom). कवित&#...
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काश मैं भी बाबा होता | Khyalat
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16 ट प पण य. जब बनन क ल य बह त क छ ह त ब ब क य? चल य आप क बत द त ह क म ब ब ह क य बनन च हत ह? आप क पत भ नह चल ग क कब आपक प स बड़ -बड़ आश रम आ ज य ग , आपक आव गमन क ल य नय -नय व हन उपलब ध ह ज य ग , अथ ह प स आपक न म स ब क म जम ह ज य ग यह तक क आपक कह आन -ज न क ल य भ ढ र स र प स म ल ग. त आप ह बत ईय क अगर म ब ब बनन च हत ह त इसम गलत क य ह? भ ई म झ त इतन फ यद और क स व यवस य य न कर म नज़र नह आत अगर आपक आत ह त म झ जर र बत न तब तक म भगव न क मन त ह क व म झ ब ब बन द और क स अच छ स ब ब क ख जकर उनस क छ ग र स ख ल त ह. प रय स...
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भड़ास: भूकंप नहीं, हमारा घर मारता है हमको
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सर्वकालीन संस्थापक, संचालक, भड़ास पिता. डॉ. रुपेश श्रीवास्तव. अपनी भड़ास को सीधे ही अपने ई-मेल द्वारा इस पते पर भेजिये. भड़ासी अपने चिट्ठों को यहां भड़ास के अपने एग्रीगेटर पर सूचीबद्ध करें. अपने चिट्ठे का URL सीधे ही हरे रंग के प्लस के चिन्ह पर क्लिक करके जोड़िये. कस कर निकली भड़ास. यहां लिख कर पोस्ट copy-paste करें. आओ महारथी. भड़ासियों का अपना एग्रीगेटर. भड़ासियों का अपना एग्रीगेटर. सदस्यता लें. टिप्पणियाँ. टिप्पणियाँ. भड़ासियों के भी दोस्त हैं. लो क सं घ र्ष! कफस नहीं है कश्मीर. 10 घंटे पहले. परमप्र...
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भड़ास: भड़ासियों का अपना एग्रीगेटर
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सर्वकालीन संस्थापक, संचालक, भड़ास पिता. डॉ. रुपेश श्रीवास्तव. अपनी भड़ास को सीधे ही अपने ई-मेल द्वारा इस पते पर भेजिये. भड़ासी अपने चिट्ठों को यहां भड़ास के अपने एग्रीगेटर पर सूचीबद्ध करें. अपने चिट्ठे का URL सीधे ही हरे रंग के प्लस के चिन्ह पर क्लिक करके जोड़िये. कस कर निकली भड़ास. यहां लिख कर पोस्ट copy-paste करें. आओ महारथी. भड़ासियों का अपना एग्रीगेटर. भड़ासियों का अपना एग्रीगेटर. सदस्यता लें. सभी टिप्पणियां. सभी टिप्पणियां. लो क सं घ र्ष! कफस नहीं है कश्मीर. 10 घंटे पहले. गुनाह ।. 4 दिन पहले. परमप्र...
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bhavnayen: May 2013
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Thursday, May 23, 2013. 1अय गम मुझे तेरी आदत सी हो गयी अब. ज्योति" जब भी जी आये चले आओ तुम. 2अब हंसी को दुश्मनी है या दुश्मन हूँ हंसी की. हर राह गम से "ज्योति" पूछती फिरती हूँ मैं. jyoti dang. Monday, May 20, 2013. हिंदी अपनी है राष्ट्रभाषा. हिंदी ही अपनी जान है. यह प्रेममई रहिंदी भाषा. मेरे देश की शान है. अपने एकता की पहचान है. हिंदी है प्राण देश का. यह अपना अभिमान है. सीख रहा है विश्व इसी को. यह एक वैज्ञानिक ज्ञान है. संवाहक है संस्कृति की. यह नव देवों का गान है. Friday, May 17, 2013. मेरा ...सत गì...
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bhavnayen: June 2013
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Monday, June 24, 2013. कैसे हुआ खंड खंड अपना सारा उत्तराखंड. कैसी गजब कुदरत ने विपदा ये बरसाई है. कहीं खोई माता किसी का खो गया भ्राता. कहीं पत्नी की पति से हुई असमय जुदाई है. वहां देखो रोते हैं लोग बड़ा ही दुःख रहे भोग. उत्तराखंड पर बहुत यह कठिन घडी आई है. त्राहि त्राहि करते जन सबका भारी हुआ मन. भारी वर्षा ने भगतों पर भारी विपदा ढाई है. सभी इकट्ठे होकर जन करे पक्का ये मन. बांटे मिलकर के दुःख हम सभी भाई भाई हैं. मानव ने ममता मदद से ही विजय पाई है. Friday, June 21, 2013. ऐसा कर पायें...1अजब इंस&...
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चर्चामंच: बावरे लिखने से पहले कलम पत्थर पर घिसने चले जाते हैं; चर्चा मंच 1967
http://charchamanch.blogspot.com/2015/05/1967.html
Wednesday, May 06, 2015. बावरे लिखने से पहले कलम पत्थर पर घिसने चले जाते हैं चर्चा मंच 1967. बावरे लिखने से पहले. कलम पत्थर पर. घिसने चले जाते हैं. सुशील कुमार जोशी. उलूक टाइम्स. राजपथ तक पहुंचाते हाथ. KAVYASUDHA ( काव्य सुधा ). वही होता है जो निर्णायक चाहता है! कालीपद "प्रसाद". मेरे विचार मेरी अनुभूति. मील का पत्थर. अरुण चन्द्र रॉय. भोर का सपना". मेरा मन". यूं राजनीति में सभी भिखारी तो होते हैं. पर ४२ साल का बच्चा होने का अपना ही सुख है. ताक-झांक :. लो क सं घ र्ष! आवारा बादल. येल्लो! ओ बी ओ. तुम&#...
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उड़ान मन की : November 2011
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रविवार, 20 नवंबर 2011. माँ कुछ दिन तू और न जाती,. कुछ दिन. कुछ दिन तू और न जाती,. मैं ही नहीं बहू भी कहती,. कहते सारे पोते नाती,. कुछ दिन तू और न जाती।. रोज़ सबेरे मुझे जगाना,. बैठ पलंग पर भजन सुनाना,. राम कृष्ण के अनुपम किस्से,. तेरी दिनचर्या के हिस्से,. पूजा के तू कमल बनाती।. कुछ दिन तू और न जाती।. हरिद्वार तुझको ले जाता,. गंगा जी में स्नान कराता,. माँ केला की जोत कराता,. धीरे-धीरे पाँव दबाता,. तू जब भी थक कर सो जाती।. कुछ दिन तू और न जाती।. कुछ दिन तू और न जाती।. इसे ईमेल करें. हैं।. जायेग...माय...
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सुदूर पूर्व यात्रा संस्मरण-११६ | प्रातःकाल के प्रधान संपादक श्री सुरेश गोयल का ब्लॉग
https://sureshgoyal.wordpress.com/2009/08/21/सुदूर-पूर्व-यात्रा-संस्म-116
प र त क ल क प रध न स प दक श र स र श ग यल क ब ल ग. 124; Comments RSS. दक ष ण अफ र क य त र स स मरण. न ईज र य य त र क स स मरण. स द र प र व य त र स स मरण. स द र प र व य त र स स मरण-११६. Posted on अगस त 21, 2009. स ग प र म ट क स ल ट न क अन ठ प रण ल. Filed under: स द र प र व य त र स स मरण. Laquo; स द र प र व य त र स स मरण-११५. स द र प र व य त र स स मरण-११७. On अगस त 22, 2009 at 7:04 अपर ह न. ज र रह .बढ़ य ज नक र म ल रह ह . एक उत तर द जव ब रद द कर. Enter your comment here. ईम ल (आवश यक). न म (आवश यक). स द र प र ...
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सुदूर पूर्व यात्रा संस्मरण-१२१ | प्रातःकाल के प्रधान संपादक श्री सुरेश गोयल का ब्लॉग
https://sureshgoyal.wordpress.com/2009/08/30/सुदूर-पूर्व-यात्रा-संस्म-120
प र त क ल क प रध न स प दक श र स र श ग यल क ब ल ग. 124; Comments RSS. दक ष ण अफ र क य त र स स मरण. न ईज र य य त र क स स मरण. स द र प र व य त र स स मरण. स द र प र व य त र स स मरण-१२१. Posted on अगस त 30, 2009. घन ट प रत क ष क ब द न र श जनक श. Filed under: स द र प र व य त र स स मरण. Laquo; स द र प र व य त र स स मरण-११९. स द र प र व य त र स स मरण-१२३. एक उत तर द जव ब रद द कर. Enter your comment here. Fill in your details below or click an icon to log in:. ईम ल (आवश यक). Address never made public). स द र प र ...
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