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नारायण प्रसाद का चिट्ठा: July 2008
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नारायण प्रसाद का चिट्ठा. Monday, July 14, 2008. 2 वष्टि भागुरिरल्लोपम्. सन् 1989 में जब मैंने पहली बार यह श्लोक (सन्दर्भ 1, पृष्ठ 104). वष्टि भागुरिरल्लोपमवाप्योरुपसर्गयोः ।. आपं चैव हलन्तानां यथा वाचा निशा दिशा ॥". उपर्युक्त प्रथम श्लोकार्द्ध का अर्थ. लषते लष्यति लषत्याशास्ते माङ्क्षतीप्सति ।. आकाङ्क्षति स्पृहयति नाथते वष्टि वाञ्छति ॥५७॥. आशंसते कामयते लष्यते वाङ्क्षतीच्छति ।. अल्लोप सम्बन्धी भागुरि-मत के. २ अल्लोप सम्बन्धी भागुरि-मत का उल्ल...अवगतवान् कोटं वकोटः, ...अपिधान-तिरí...तडि त...
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मगही भाषा एवं साहित्य: July 2015
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मगही भाषा एवं साहित्य. विजेट आपके ब्लॉग पर. Saturday, July 25, 2015. अपराध आउ दंड - भाग – 5 ; अध्याय – 2. अपराध आउ दंड. भाग – 5. अध्याय – 2. अनुग्रह करके! विनयपूर्वक पुच्छऽ हियो! मेहमान सब लगी) जगह खातिर बुतरुअन. ई सब में ई कोयल के कसूर हइ । अपने समझऽ हथिन, हम केकरा बारे बात कर रहलिए ह - ओकरा बारे, ओकरा बारे! हा-हा-हा! खि-खि-खि! आउ ऊ ई अपन टोपिया से कउची देखावे लगी चाहऽ हइ! खि-खि-खि! मैला-कुचैला लोग! आऊ ई नटघूरन पोल सब . हा-हा-हा! खि-खि-खि! आउ कुछ लेथिन! कुछ बियर पीथिन, बियर! कोय बात नयँ...अचा...
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मगही भाषा एवं साहित्य: February 2015
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मगही भाषा एवं साहित्य. विजेट आपके ब्लॉग पर. Thursday, February 26, 2015. अपराध आउ दंड - भाग – 3 ; अध्याय – 1. अपराध आउ दंड. भाग – 3. अध्याय – 1. रस्कोलनिकोव उठलइ आउ सोफा पर बइठ गेलइ ।. अवदोत्या रोमानोव्ना के चेहरा पीयर पड़ गेलइ; ओकर हाथ भाय के हाथ में कँप रहले हल ।. हम एज्जे रात गुजारबउ, तोरे बगल में .". हमरा तंग मत करते जो! चिड़चिड़ाल हाथ हिलाके इशारा करते ऊ बोललइ ।. हम इनका साथ रहबो! हुआँ पर हमर चाचा अध्यक्ष तो हका ।". हम तोहर कइसे, कइसे धन्यवाद करूँ! चलल जाय, माय, कम से कम मिनट भर...ऊ फेर से ...हा&...
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मगही भाषा एवं साहित्य: June 2015
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मगही भाषा एवं साहित्य. विजेट आपके ब्लॉग पर. Saturday, June 27, 2015. अपराध आउ दंड - भाग – 4 ; अध्याय – 6. अपराध आउ दंड. भाग – 4. अध्याय – 6. बाद में, ई पल आद अइला पर, रस्कोलनिकोव के सब कुछ ई रूप में देखाय पड़लइ ।. दरवाजा के पीछू से सुनाय पड़ रहल शोरगुल अचानक तेजी से बढ़ गेलइ, आउ दरवाजा जरी सुनी खुललइ ।. ई की हइ? अरे हुआँ परी की हकइ? चिंतातुर होल पोरफ़िरी पित्रोविच दोहरइलकइ ।. ले जाव! इंतजार करे! ऊ कइसे हियाँ घुस गेलइ! ई कइसन अव्यवस्था हइ! भाग, अभियो जल्दी हकउ! तोरा की चाही? ई की हइ? तूँ हमरा...लगभग घ...
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मगही भाषा एवं साहित्य: April 2014
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मगही भाषा एवं साहित्य. विजेट आपके ब्लॉग पर. Thursday, April 17, 2014. 108 "सारथी॰" (वर्ष 2012: अंक-17) में प्रयुक्त ठेठ मगही शब्द. सारथी॰. मगही पत्रिका "सारथी॰". सम्पादक - श्री मिथिलेश. मगही मंडप. वारिसलीगंज. जि॰ नवादा. मो॰ 0. मार्च 201. कुल 40 पृष्ठ ।. ठेठ मगही शब्द के उद्धरण के सन्दर्भ में पहिला संख्या प्रकाशन वर्ष संख्या. अंग्रेजी वर्ष के अन्तिम दू अंक. दोसर अंक. संख्या. तेसर पृष्ठ संख्या. कुल ठेठ मगही शब्द-संख्या. मगही पत्रिका. के अंक. बंग मागधी. झारखंड मागधी. ठेठ मगही शब्द. कहऽ हल त रोम-रí...
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मगही धातुपाठ: 6. अनुकरणवाची धातु
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मगही धातुपाठ. Monday, October 4, 2010. 6 अनुकरणवाची धातु. नारायण प्रसाद. Labels: अनुकरणवाची धातु. Subscribe to: Post Comments (Atom). नारायण प्रसाद. View my complete profile. कड़ियाँ. तकनीकी हिन्दी. प्रकाशित विशिष्ट लेख. मगही व्याकरण. मगही साहित्य. मगही-हिन्दी शब्दकोश. 15 भूमिका. 14 धात्वर्थ (मगही-हिन्दी). 12 नामधातु. 11 अनुकरणवाची धातु. 10 आ-प्रत्ययान्त धातु. 9 सामान्य धातु. 8 सबल धातु. 7 नामधातु. 6 अनुकरणवाची धातु. 5 आ-प्रत्ययान्त धातु. 4 सामान्य धातु. 3 सबल धातु. 1 भूमिका.
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नारायण प्रसाद का चिट्ठा: December 2008
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नारायण प्रसाद का चिट्ठा. Friday, December 26, 2008. 7 कातन्त्र विस्तरवृत्ति का रचयिता एवं शर्ववर्मा. कातन्त्र. विस्तरवृत्ति का रचयिता एवं शर्ववर्मा. In the course of his research work, the present author has come across not only new findings on certain controversial points but also a serious mistake committed by पं॰ यु॰मी॰ of even a quite obvious statement. In this article this mistake is pointed out and discussed. हालदार जी के उपर्युक्त वाक्य का...शालातुरीय-शकटां...मेधाविनः ...सुतरा...अर्...
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मगही भाषा एवं साहित्य: January 2015
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मगही भाषा एवं साहित्य. विजेट आपके ब्लॉग पर. Monday, January 26, 2015. अपराध आउ दंड - भाग – 2 ; अध्याय – 4. अपराध आउ दंड. भाग – 2. अध्याय – 4. हम तो, भाय, तोरा हीं दू तुरी गेलियो हल . देखऽ हो, होश में आ गेला ह! रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ ।. देखऽ हिअइ, देखऽ हिअइ; अच्छऽ, त अभी तबीयत कइसन हको, अयँ? हम ठीक हकूँ, हम बिलकुल ठीक हकूँ! अचानक सोफा पर उठके बइठके आउ आँख चमकाके रस्कोलनिकोव दृढ़ स्वर में आउ चिढ़के बो...बिहान साँझ के हम इनका टहलावे लगी ले जइबइ! बिहान तो हम इनका जरिक्को छ&...अरे, अरे! आझ तो हमरा घरह...अचा...
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नारायण प्रसाद का चिट्ठा: 8. Treatment of कित्-ङित् प्रकरण (P.1.2.1-26) in the Post-Paninian Systems of Sanskrit Grammar
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नारायण प्रसाद का चिट्ठा. Sunday, December 27, 2009. 8 Treatment of कित्-ङित् प्रकरण (P.1.2.1-26) in the Post-Paninian Systems of Sanskrit Grammar. For diacritics the font Taralabalu Roman 11 is required). 212 The parallel sítras prescribing ईत्त्व of गाङ् in the first group and मलयगिरि of the second group are as follows:. अनुवृत्ति - असार्वधातुके, अगुणे). 214 The parallel sítras to prohibit गुण of कुटादि in the first group of grammars are:. कातन्त्र – 3.5.28 “वि...चान्द्र – 6...भोज – 7&#...223 The p...