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हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild: February 2013
http://hindiwg.blogspot.com/2013_02_01_archive.html
हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild. उड़न तश्तरी . गाने की छाप: एक विश्लेषण. Meena Chopra - Poetry and Art. ओस की एक बूँद. अमरेन्द्र कुमार. DIARY OF A BIRD. सविता अग्रवाल - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. करवा चौथ पर कुछ हाइकु. जसबीर कालरवि - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बेलाग - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. 8220;दयानंद शतक”. कृष्णा वर्मा - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बसंत सेदोका. आशा का विस्तार. अनिल पुरोहित - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बुलबुले. झांसी की रानी लक्ष्मी बाई. भांची. गर ख़ुदा. क्या कहूँ? प्रजाति. आज की सती.
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हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild: November 2012
http://hindiwg.blogspot.com/2012_11_01_archive.html
हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild. उड़न तश्तरी . गाने की छाप: एक विश्लेषण. Meena Chopra - Poetry and Art. ओस की एक बूँद. अमरेन्द्र कुमार. DIARY OF A BIRD. सविता अग्रवाल - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. करवा चौथ पर कुछ हाइकु. जसबीर कालरवि - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बेलाग - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. 8220;दयानंद शतक”. कृष्णा वर्मा - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बसंत सेदोका. आशा का विस्तार. अनिल पुरोहित - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बुलबुले. झांसी की रानी लक्ष्मी बाई. भांची. गर ख़ुदा. क्या कहूँ? प्रजाति. आज की सती.
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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें ......: एक ख़याल
http://anoopbhargava.blogspot.com/2009/02/blog-post_22.html
आओ कि कोई ख़्वाब बुनें . एक ख़याल. अधिक महत्वपूर्ण होने लगें. और भावनाएं गौण. तो कोलाहल में भी. बोलने लगता है मौन. ऐसे में. शब्दों के अर्थ बदल लेना ही उचित है ।. अनूप भार्गव. बढिया ‘खयाल’ है अनूपजी। चलो हम मौन हो जाते हैं:). 2:05 am, February 22, 2009. ज्ञानचक्षु खुल गये. अनूपानन्द स्वामी जी की जय! 2:52 am, February 22, 2009. समयचक्र - महेन्द्र मिश्र. कोलाहल में भी. बोलने लगता है मौन. वह बहुत बढ़िया . भीड़ में मौन? 3:08 am, February 22, 2009. परमजीत बाली. 3:43 am, February 22, 2009. Very good one, Sir.
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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें ......: दो मुक्तक
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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें . दो मुक्तक. तुम को देखा तो चेहरे पे नूर आ गया. हौले हौले ज़रा सा सुरूर आ गया. तुम जो बाँहों में आईं लजाते हुए. हम को खुद पे ज़रा सा गुरूर आ गया. ज़िन्दगी गुनगुनाई , कहो क्या करें? चाँदनी मुस्कुराई, कहो क्या करें? मुद्दतों की तपस्या है पूरी हुई. आप बाँहों में आईं, कहो क्या करें? अनूप भार्गव. Labels: मुक्तक. चाँद को देखकर मौज़ें उठी. चाँदनी भी उतर लहरों पर चली. चाँद समन्दर की बाहों में. आगोश की चाह में आरज़ू जली. 1:29 am, December 24, 2006. बहुत बढिया. 3:02 am, December 24, 2006.
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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें ......: मुक्तक
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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें . गुनगुनी सी हवा है बहूँ ना बहूँ. अजनबी वेदना है सहूँ ना सहूँ. मुस्कुराते हुए गीत और छन्द में. अनमनी सी व्यथा है कहूँ ना कहूँ? अनूप भार्गव. Labels: मुक्तक. Panne kai aur the shocha likhu ya na likhu,jab aaya tumhare dar par to bandhta hi chalaa gaya. 10:38 am, January 10, 2007. राकेश खंडेलवाल. जानता था कि पल पल अकेला ही हूँ. सोचता हूँ कहानी कहूँ न कहूँ. ताजमहली मुझे कर दिया पीर ने. इश्क पाकर तुम्हारा ढहूँ न ढहूँ. 12:10 pm, January 10, 2007. 9:37 pm, January 10, 2007. दिव्...
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: February 2010
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. मंगलवार, फ़रवरी 02, 2010. गणतंत्र दिवस, 2010. Posted by संजीव गौतम. Links to this post. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). कुल घुमंतु. मेरा भारत महान, तिरंगा मेरी शान. अपने बारे में. संजीव गौतम. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. सुबीर संवाद सेवा. 4 घंटे पहले. 2 सप्ताह पहले. अंकित "सफ़र" की कलम से. ग़ज़ल - इस लम्हे का हुस्न यही है. 3 माह पहले. 4 माह पहले. 4 माह पहले. आज हम बात करत&...
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: January 2010
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. मंगलवार, जनवरी 19, 2010. वसंत पंचमी है. हम कलमकारों के लिये सबसे बडा दिन. माता सरस्वती की पूजा और साथ ही. महाप्राण निराला का जन्म दिवस. सभी मित्रों और ब्लागर्स भाइयों को. वसंत पर्व की आत्मिक शुभकामनाओं के साथ. अपनी पूजा में ऍक गीत के साथ. आप सबको साझा करना चाहता हूँ॑. गीत उस समय का है जब लय से जान पहचान में. लेकिन फिर भी. आ गया है नव वसंत. जिस तरफ उठे नजर. उसी तरफ बहार है. हर तरफ वसंत की. मेरì...
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: कश्मीर में तीन दिन भाग-3
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. मंगलवार, अक्तूबर 27, 2009. कश्मीर में तीन दिन भाग-3. गतांक से आगे- -. Posted by संजीव गौतम. 9 टिप्पणियां:. योगेन्द्र मौदगिल. ने कहा…. अच्छी प्रस्तुति. 27 अक्तूबर, 2009 09:21. ने कहा…. बहुaत अच्छे संस्मरण ःाइं शुभकामनायें. 27 अक्तूबर, 2009 10:34. नीरज गोस्वामी. ने कहा…. 27 अक्तूबर, 2009 10:38. गौतम राजरिशी. ने कहा…. 27 अक्तूबर, 2009 10:59. मुनीश ( munish ). ने कहा…. 27 अक्तूबर, 2009 11:33. पाल ल&#...
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: June 2009
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. शनिवार, जून 20, 2009. नवगीत की पाठशाला में. मेरा नवगीत पढें-. Http:/ navgeetkipathshala.blogspot.com/2009/06/blog-post 05.html. Posted by संजीव गौतम. Links to this post. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). कुल घुमंतु. मेरा भारत महान, तिरंगा मेरी शान. अपने बारे में. संजीव गौतम. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. सुबीर संवाद सेवा. 4 घंटे पहले. 2 सप्ताह पहले. 3 माह पहले. आज हम बात क...
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: April 2009
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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. सोमवार, अप्रैल 13, 2009. लकीरों को मिटाना चाहता हूँ।. हदों के पार जाना चाहता हूँ।. विरासत में मिले हैं चन्द सपने,. उन्हें सूरज दिखाना चाहता हूँ।. सुफल लगते हैं मेहनत के शजर पर,. ये बच्चों को बताना चाहता हूँ।. बहुत ख़ुश दीखती हो तुम कि जिसमें,. वही किस्सा सुनाना चाहता हूँ।. मेरी ग़ज़लो मैं अपनी मौत के दिन,. Posted by संजीव गौतम. Links to this post. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. संजीव गौतम. सच को लि...6 वरî...