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मानसी

Thursday, March 01, 2018. होली गीत. सनी हुई मैं प्रेम रंग में. गाढ़ा प्रेम गुलाल।।. रंग उँडेला तन-मन भीगा. लाज समाज भुलाया,. सुध-बुध खोयी मैं मय पी कर. पी संग प्रेम रचाया,. निठुर साजना झूठे, पर मैं. हँसती बंध के जाल ।।. सराबोर हर अंग झुलसता. मारी वो पिचकारी,. प्रीत संग में भंग मिली जो. ऐसी चढ़ी ख़ुमारी,. पूरी रतियाँ जाग बितायी. निंदिया से बेहाल।।. कल की स्मृतियाँ सपनों में अब. खेले आँख मिचौली,. सूनी गलियाँ फीका फागुन. कैसी बेरँग होली,. जैसे सुर बिन ताल। ।. मानोशी. मेरे गीत. Wednesday, November 29, 2017.

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Thursday, March 01, 2018. होली गीत. सनी हुई मैं प्रेम रंग में. गाढ़ा प्रेम गुलाल।।. रंग उँडेला तन-मन भीगा. लाज समाज भुलाया,. सुध-बुध खोयी मैं मय पी कर. पी संग प्रेम रचाया,. निठुर साजना झूठे, पर मैं. हँसती बंध के जाल ।।. सराबोर हर अंग झुलसता. मारी वो पिचकारी,. प्रीत संग में भंग मिली जो. ऐसी चढ़ी ख़ुमारी,. पूरी रतियाँ जाग बितायी. निंदिया से बेहाल।।. कल की स्मृतियाँ सपनों में अब. खेले आँख मिचौली,. सूनी गलियाँ फीका फागुन. कैसी बेरँग होली,. जैसे सुर बिन ताल। ।. मानोशी. मेरे गीत. Wednesday, November 29, 2017.

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मानसी: मोर पंख

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Sunday, June 01, 2014. मोर पंख. किताब के खोलते ही, कई पंख, नीलकंठी सरक कर गिर जाते है ज़मीन पर। उठा कर देखती हूँ। हरे, नीले, सुनहरे रंगों से जड़े मोरपंख. मां से बहस, बड़े भाई की डाँट, दोस्तों के साथ ठहाके. उस सोलह साल की उम्र का मोर पंख, ख़्यालों के जगत का मोर पंख. बिस्मिल्ला खां की गूँजती शहनाई, हज़ार सपनों के रंगीन आस्मां में उड़ते मोर पंख. एक नन्हें फ़रिश्ते के हाथ से छीना हुआ मोर पंख.ओह! Labels: मेरी रचनायें. Kahi dil ko chutilikhavt aur morpankhi bhav sundar. क्या कहें. पुनीत ओमर. उन्मेष Unmesh. My stories...

2

मानसी: मां - तुम्हारे जाने के बाद

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Sunday, May 03, 2015. मां - तुम्हारे जाने के बाद. गीत फिर मैं लिख रही हूँ. दर्द का सागर दबाये,. जो लहू बहता नसों में. आँख से अब बह न जाये ।. जो सुरों का स्रोत मेरा,. ज्योति बन कर जल रहा जो,. उंगलियो के पोर तक में. हर शिरा में पल रहा जो,. व्यर्थ क्यों आंसू बहाऊँ. जब बसा वह अंग मेरे,. गहन अंतर में छुपा है. चल रहा है संग मेरे,. जीव बन कर ना रहा पर. आत्मा मुझ में समाये ।. लग रहा है प्राण मेरे. नोक पर जैसे टिके हैं,. जगत में उसके सिवा सब. स्वार्थ के संगी रहे है,. हर इक पग पर याद तेरी. उन्मेष Unmesh. मान...

3

मानसी: जीवन बस अपना होता है

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Thursday, August 06, 2015. जीवन बस अपना होता है. जीवन बस अपना होता है,. अपने ही सँग जीना सीखो॥. जब-जब आशा के पौधोँ को. सींचा मैँने बडे जतन से. फूल खिलेँगे, मोती देँगे,. सपना बोया बहुत लगन से,. माली ने निष्ठुरता से यूँ. अधखिलती कलियों को काटा. रँगहीन था रक्त बहा जो. लेकिन क्या परवाह किसी को॥. जीवन बस अपना होता है,. अपने ही सँग जीना सीखो॥. नई-पुरानी छोटी-छोटी. बूँदों से कुछ बादल जोडे,. कहीं सितारा, कहीं चँद्रमा,. झिलमिल रातें, सपने काढे,. सोचा छू लूँ, पँख लगा कर,. सावन बरसा पर तरसा कर. सूचना द&...संज...

4

मानसी: मां तेरी यादों के आगे

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Thursday, July 23, 2015. मां तेरी यादों के आगे. मां तेरी यादों के आगे. जग के सारे बंधन झूठे. जिस उँगली को हाथों थामे. जीवन पथ पर चलना सीखा,. प्राण ऋणी हैं, जिस अमृत के. उस अमृत बिन जीवन फीका,. याद नहीं करने को कहते. बंधु- बांधव, हित में मेरे,. किन्तु भूलकर हर्ष मनाऊँ. इस से अच्छा जीवन छूटे।. बहुत कठिन है सूखे मरुथल. में पानी बिन प्यासे चलना,. मरीचिका से आस लगाये. अपने को ही खुद से छलना,. मेरा हृदय बना है तेरी. स्मृतियों से सज्जित इक आंगन,. पूजा का यह क्रम ना टूटे. मानोशी. मेरे गीत. सूचना द&#2...चर्...

5

मानसी: कैसी होगी शाम घनेरी...

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Friday, November 07, 2014. कैसी होगी शाम घनेरी. सोचती हूँ. कैसा होगा अंत समय वह. कैसी होगी शाम घनेरी,. सोचती हूँ. होगा क्या संघर्ष मृत्यु से? पथरीली होगी पगडंडी? सूर्य डूब रहा होगा जब. बिखर रही होगी जब मंडी,. स्मृतियों को आंचल में बांधे. जाने की जब बारी मेरी,. कैसी होगी शाम घनेरी. सोचती हूँ. राह मिले हैं पथिक बहुत पर. कुछ ही दिन के,. हाथ मिलाने. सब के अपने नीड़ बने हैं. सबकी अपनी हैं. पहचानें,. कौन हुआ है कब चिर जीवन? थामा किसने कब है किसको? अपनी तो परछाईं भी ना. या अनजाना? मेरे गीत. Lekhika 'Pari M Shlok'.

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हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild: February 2013

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हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild. उड़न तश्तरी . गाने की छाप: एक विश्लेषण. Meena Chopra - Poetry and Art. ओस की एक बूँद. अमरेन्द्र कुमार. DIARY OF A BIRD. सविता अग्रवाल - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. करवा चौथ पर कुछ हाइकु. जसबीर कालरवि - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बेलाग - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. 8220;दयानंद शतक”. कृष्णा वर्मा - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बसंत सेदोका. आशा का विस्तार. अनिल पुरोहित - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बुलबुले. झांसी की रानी लक्ष्मी बाई. भांची. गर ख़ुदा. क्या कहूँ? प्रजाति. आज की सती.

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हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild: November 2012

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हिन्दी राइटर्स गिल्ड Hindi Writers Guild. उड़न तश्तरी . गाने की छाप: एक विश्लेषण. Meena Chopra - Poetry and Art. ओस की एक बूँद. अमरेन्द्र कुमार. DIARY OF A BIRD. सविता अग्रवाल - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. करवा चौथ पर कुछ हाइकु. जसबीर कालरवि - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बेलाग - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. 8220;दयानंद शतक”. कृष्णा वर्मा - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बसंत सेदोका. आशा का विस्तार. अनिल पुरोहित - हिन्दी राइटर्स गिल्ड. बुलबुले. झांसी की रानी लक्ष्मी बाई. भांची. गर ख़ुदा. क्या कहूँ? प्रजाति. आज की सती.

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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें ......: एक ख़याल

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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें . एक ख़याल. अधिक महत्वपूर्ण होने लगें. और भावनाएं गौण. तो कोलाहल में भी. बोलने लगता है मौन. ऐसे में. शब्दों के अर्थ बदल लेना ही उचित है ।. अनूप भार्गव. बढिया ‘खयाल’ है अनूपजी। चलो हम मौन हो जाते हैं:). 2:05 am, February 22, 2009. ज्ञानचक्षु खुल गये. अनूपानन्द स्वामी जी की जय! 2:52 am, February 22, 2009. समयचक्र - महेन्द्र मिश्र. कोलाहल में भी. बोलने लगता है मौन. वह बहुत बढ़िया . भीड़ में मौन? 3:08 am, February 22, 2009. परमजीत बाली. 3:43 am, February 22, 2009. Very good one, Sir.

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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें ......: दो मुक्तक

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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें . दो मुक्तक. तुम को देखा तो चेहरे पे नूर आ गया. हौले हौले ज़रा सा सुरूर आ गया. तुम जो बाँहों में आईं लजाते हुए. हम को खुद पे ज़रा सा गुरूर आ गया. ज़िन्दगी गुनगुनाई , कहो क्या करें? चाँदनी मुस्कुराई, कहो क्या करें? मुद्दतों की तपस्या है पूरी हुई. आप बाँहों में आईं, कहो क्या करें? अनूप भार्गव. Labels: मुक्तक. चाँद को देखकर मौज़ें उठी. चाँदनी भी उतर लहरों पर चली. चाँद समन्दर की बाहों में. आगोश की चाह में आरज़ू जली. 1:29 am, December 24, 2006. बहुत बढिया. 3:02 am, December 24, 2006.

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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें ......: मुक्तक

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आओ कि कोई ख़्वाब बुनें . गुनगुनी सी हवा है बहूँ ना बहूँ. अजनबी वेदना है सहूँ ना सहूँ. मुस्कुराते हुए गीत और छन्द में. अनमनी सी व्यथा है कहूँ ना कहूँ? अनूप भार्गव. Labels: मुक्तक. Panne kai aur the shocha likhu ya na likhu,jab aaya tumhare dar par to bandhta hi chalaa gaya. 10:38 am, January 10, 2007. राकेश खंडेलवाल. जानता था कि पल पल अकेला ही हूँ. सोचता हूँ कहानी कहूँ न कहूँ. ताजमहली मुझे कर दिया पीर ने. इश्क पाकर तुम्हारा ढहूँ न ढहूँ. 12:10 pm, January 10, 2007. 9:37 pm, January 10, 2007. दिव&#2381...

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: February 2010

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. मंगलवार, फ़रवरी 02, 2010. गणतंत्र दिवस, 2010. Posted by संजीव गौतम. Links to this post. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). कुल घुमंतु. मेरा भारत महान, तिरंगा मेरी शान. अपने बारे में. संजीव गौतम. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. सुबीर संवाद सेवा. 4 घंटे पहले. 2 सप्ताह पहले. अंकित "सफ़र" की कलम से. ग़ज़ल - इस लम्हे का हुस्न यही है. 3 माह पहले. 4 माह पहले. 4 माह पहले. आज हम बात करत&...

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: January 2010

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. मंगलवार, जनवरी 19, 2010. वसंत पंचमी है. हम कलमकारों के लिये सबसे बडा दिन. माता सरस्वती की पूजा और साथ ही. महाप्राण निराला का जन्म दिवस. सभी मित्रों और ब्लागर्स भाइयों को. वसंत पर्व की आत्मिक शुभकामनाओं के साथ. अपनी पूजा में ऍक गीत के साथ. आप सबको साझा करना चाहता हूँ॑. गीत उस समय का है जब लय से जान पहचान में. लेकिन फिर भी. आ गया है नव वसंत. जिस तरफ उठे नजर. उसी तरफ बहार है. हर तरफ वसंत की. मेर&#236...

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰: कश्मीर में तीन दिन भाग-3

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. मंगलवार, अक्तूबर 27, 2009. कश्मीर में तीन दिन भाग-3. गतांक से आगे- -. Posted by संजीव गौतम. 9 टिप्‍पणियां:. योगेन्द्र मौदगिल. ने कहा…. अच्छी प्रस्तुति. 27 अक्तूबर, 2009 09:21. ने कहा…. बहुaत अच्छे संस्मरण ःाइं शुभकामनायें. 27 अक्तूबर, 2009 10:34. नीरज गोस्वामी. ने कहा…. 27 अक्तूबर, 2009 10:38. गौतम राजरिशी. ने कहा…. 27 अक्तूबर, 2009 10:59. मुनीश ( munish ). ने कहा…. 27 अक्तूबर, 2009 11:33. पाल ल&#...

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. शनिवार, जून 20, 2009. नवगीत की पाठशाला में. मेरा नवगीत पढें-. Http:/ navgeetkipathshala.blogspot.com/2009/06/blog-post 05.html. Posted by संजीव गौतम. Links to this post. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). कुल घुमंतु. मेरा भारत महान, तिरंगा मेरी शान. अपने बारे में. संजीव गौतम. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. सुबीर संवाद सेवा. 4 घंटे पहले. 2 सप्ताह पहले. 3 माह पहले. आज हम बात क...

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कभी तो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰. कभी तो नाप लेंगे दूरियां ये आसमानों की, परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उडानों में. सोमवार, अप्रैल 13, 2009. लकीरों को मिटाना चाहता हूँ।. हदों के पार जाना चाहता हूँ।. विरासत में मिले हैं चन्द सपने,. उन्हें सूरज दिखाना चाहता हूँ।. सुफल लगते हैं मेहनत के शजर पर,. ये बच्चों को बताना चाहता हूँ।. बहुत ख़ुश दीखती हो तुम कि जिसमें,. वही किस्सा सुनाना चाहता हूँ।. मेरी ग़ज़लो मैं अपनी मौत के दिन,. Posted by संजीव गौतम. Links to this post. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. संजीव गौतम. सच को लि...6 वर&#238...

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Esta Fundación cuenta tambien con el apoyo de La Iglesia la Supremacia de Cristo. Una Iglesia en la capital de Colombia, Bogotá, en donde las mujeres y niños son apoyados a travez de la palabra de Dios. Ustedes están invitado a. You are invited to attend the services of La Iglesia la Supremacia de Cristo, which occur every Sunday. Carreira 21 Norte #144 -15. Bogotá, Cundinamarca, Colombia. Quienes somos y que hacemos? Who we are and what we do. Con el fin de proporcionar a nuestros clientes las herramien...

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من و عشقم...!!!

سلام عزیزم. این پستم مثل بقیه پستا فقط واسه خودته. واسه تو که با بودن کنارت انگار کل دنیا رو دارم. خوشحالم. خیلی خوشحالم که دوباره دارمت. خوشحالم که با من هستی. بابت دیشب ممنون. دیشب خیلی خوب بود. می دونم که خیلی وقته نیومدی وبمون. ولی الان دوباره ازت میخام که بیای. بیا عزیزم اینجا بدون تو تنهام. تو که نبودی من هم نبودم و نمیومدم. بیا دوباره اینجارو بسازیم. بیا تا با هم دوباره شروع کنیم. بوس بوس بوس بوس. نوشته شده در 91/06/29. ساعت 13:28 توسط ღهادی-شیطونکღ. بس که روزهای نبودنت رو. روی دیوار خط کشیدم.

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Monday, August 4, 2008. Write some crap here. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile.

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まの指圧治療院 - 新丸子・武蔵小杉の指圧マッサージ治療院

指圧 マッサージ 東急東横 目黒線 新丸子駅 徒歩4分 東急東横 目黒線 JR南武線 武蔵小杉駅 徒歩10分. しかし、今後も不規則な営業が予想されますので、ご来院の際は ​​​​​​​​​​​​​​​​​​. マッサージ あん摩 マッサージ(狭義) 指圧 とは術者の手指を以て、生体に力学的刺激(押す、揉む、さする、たたく、振るわせる、引っ張る)を与え、身体の変調を整え、健康を増進させる刺激療法です。 当院では、指圧の考え方( 垂直圧の原則 持続の原則 集中の原則 )をもとに、他の要素(運動等)を取り入れながら、基本的なあん摩 指圧スタイルの施術を追及していきます。

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まの歯科

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شیمی

دنیای شیمی و زیبایی هاش. بچه ها.اول از همه میخوام یه چیزی رو بگم.اینکه اگه بتونیم به درسامون نگاه. قشنگ تری داشته باشیم چقد. خوندنشون واسمون راحت تر میشه! بچه ها شیمی درس شگفتی هاست! مثلا واسه نمونه یه دونه بهتون میگم.بقیه رو ایشالا در پست های بعدی.سعی. میکنم مطالبی بذارم ک در عین. جذابیت مفید واقع بشه. بچه ها.چقد خوبه که مثل سدیم باشیم! همیشه نباید برای رسیدن به کمال، چیزی رو به دست آورد. گاهی وقتا. گذشتن از چیزهایی که داریم، راه. ظرفیتش نگذره به آرایش. آنچه از شیمی آموختم(پست آخر). تحول و تکامل هستیم.

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Segunda-feira, abril 13, 2009. TOUR DBS E AQUADRILHA O CLÃ PROSSEGUE DE VOLTA ESTRADA PROXIMA PARADA CURITIBA PR 24/04. SALVE TOUR O CLÃ PROSSEGUE VOLTA A CURITIBA , COM CERTEZA UMA DAS FESTA MAIS ESPERADA A VOLTA DO GORDÃO A CURITIBA ACOTENCE AGORA DIA 24 DE ABRIL É DATA NEGOOOOO. RAPPER DBS RECEBE HOMENAGEM DE FÃ DO JAPÃO. MANICOMIO NEW: VOCE TINHA SUA TOUR AGENDADA PARA JAPÃO QUE DEVIDO A A NÃO ACEITAÇÃO DE PEDIDO DE VISTO ARTITICO ACABOU NAROLANDO EM SETEMBRO DE 2008 E AGORA TEMOS DATAS PARA ESSE IND...