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ब्लॉग प्रसारण : June 2013
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ब्लॉग प्रसारण पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है! सभी ब्लॉग प्रसारण कर्ता मित्रों से अनुरोध है कि वे अपने पसंद के सीमित लिंक्स अर्थात अधिकतम (10-15) ही लिंक्स लगायें ताकि सभी लिंक्स पर पहुंचा जा सके. मित्र - मंडली. मुखपृष्ठ. ब्लॉग प्रसारण परिवार में आप सभी का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन. Sunday, June 30, 2013. रविवार ,30 जून 2013. ब्लॉग प्रसारण , संख्या - 42. मौन सिसकियाँ. अपर्णा बोस. लव लैटर . पंखुरी गोयल. कड़वा सच. शिखा वार्ष्णेय. तो अपनाइए यह तरीका . हितेश राठी. इमरान अंसारी. नया सवेरा. शिव स...
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KISHORE CHOUDHARY: May 2015
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Tuesday, May 26, 2015. गुलजान, देखो परिंदे! दोपहर के दो बजना चाहते थे।. नहीं खुलना, ओ मालिक नहीं खुलना। सबकी दोपहर की नींदें सलामत रखना।. उसकी निगाहें इंतज़ार में इस तरह तेज़ी से से घूम रही थीं जैसे बचपन की कोई ताज़ा और छोटी याद।. हवा ने जो दुपट्टा बनाया है, उसका रंग कैसा है? उस लड़के का नाम दिबांग था। वह ढलान का पूरा चक्कर लगाकर ऊपर की ओर आता।. दिबांग कहता- “और कोई नहीं आता। और किसी को तुम दिखती हो? साँवरे क्या मैं करूँ इनका. जो ये बाजे में तार हज़ार. नाम एक तेरा याद मुझको. रात गुज़र जात...8220;मै&#...
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KISHORE CHOUDHARY: November 2012
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No posts. Show all posts. No posts. Show all posts. Subscribe to: Posts (Atom). ज़िन्दगी छोटी सी लौ थी. इंतज़ार में देर तक नहीं बुझी. जादू भरी लड़की. धूप के आईने में. चौराहे पर सीढियाँ. कहानी संग्रह चौराहे पर सीढियाँ का तीसरा संस्करण नए कलेवर के साथ. बातें बेवजह. चौराहे पर सीढ़ियाँ. मेरी डायरी. Hathkadh । हथकढ़. तब तक के लिए. नवीनतम पोस्ट्स । Recent Posts. टिप्पणियां । Comments. पुराने पन्ने । Archive. उस मौसम के दिन. मेहरबां । Followers. मेरी पसंद के ब्लॉग. कबाड़खाना. मुक्ताकाश. मन पाखी. बावरा मन. लिख...
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KISHORE CHOUDHARY: January 2009
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Friday, January 9, 2009. तन्हा तन्हा मत सोचा कर. लालच भय दंभ और झूठ पर इतने साहसी और कर्मण्य लोग विजय श्री क्यों नहीं पा सकते? शेयर बाज़ार. Subscribe to: Posts (Atom). ज़िन्दगी छोटी सी लौ थी. इंतज़ार में देर तक नहीं बुझी. जादू भरी लड़की. धूप के आईने में. चौराहे पर सीढियाँ. कहानी संग्रह चौराहे पर सीढियाँ का तीसरा संस्करण नए कलेवर के साथ. बातें बेवजह. चौराहे पर सीढ़ियाँ. मेरी डायरी. Hathkadh । हथकढ़. तब तक के लिए. नवीनतम पोस्ट्स । Recent Posts. टिप्पणियां । Comments. मेहरबां । Followers. मन पाखी. महिष...
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KISHORE CHOUDHARY: November 2008
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Sunday, November 2, 2008. मेरे बारे में. पत्रकारिता. स्नातकोत्तर. जुगाड़. दिल्ली. दुनिया. आन्दोलनों. फुटपाथों. दोस्तों. कविताएं. अख़बारों. तिरानवे. मिडिया. परमानेंट. की खुशी. बेवजह की बातें करता हूँ और. कहानियां. भाइयों. अब तक का ज्ञात मेन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट है कि जिससे दोस्ती हुई उससे प्यार हो गया. Labels: शेयर बाज़ार. Subscribe to: Posts (Atom). ज़िन्दगी छोटी सी लौ थी. इंतज़ार में देर तक नहीं बुझी. जादू भरी लड़की. धूप के आईने में. चौराहे पर सीढियाँ. बातें बेवजह. मेरी डायरी. Hathkadh । हथकढ़. कम्बख़...
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KISHORE CHOUDHARY: May 2011
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Wednesday, May 4, 2011. प्रेम से बढ़ कर. उस रात लड़की ने शिकायत की "कई बार तुम मेरे पास नहीं होते हो ना तब मेरी सांसें उखड़ने लगती है. मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूं? Painting Image Credit :Joe Cartwright]. Subscribe to: Posts (Atom). ज़िन्दगी छोटी सी लौ थी. इंतज़ार में देर तक नहीं बुझी. जादू भरी लड़की. धूप के आईने में. चौराहे पर सीढियाँ. बातें बेवजह. चौराहे पर सीढ़ियाँ. मेरी डायरी. Hathkadh । हथकढ़. तब तक के लिए. नवीनतम पोस्ट्स । Recent Posts. टिप्पणियां । Comments. प्रेम से बढ़ कर. मन पाखी. कवितì...
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KISHORE CHOUDHARY: September 2010
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Sunday, September 12, 2010. इक फासले के दरम्यान खिले हुए चमेली के फूल. नैना घर के बरामदे में खड़ी थी। सरदार जी ने कबूतरों की तरफ से ध्यान हटते ही उसकी तरफ देखा। उन्होंने सर उठाया और पूछा "कहिये.". तुम्हारा नाम क्या है? क्या हज़ार सहमतियों को भुला कर एक असहमति को याद रखा जाना अच्छा है? वे खूबसूरत दिन थे। उनका अनावृत होते जाना और भी सुंदर हुआ करता था। ऐसे असंख्य दि...आखिर एक दिन नैना अनकही बातों को सुनते सुनते थक गयी।. मैं बिना घर के नहीं रह सकती". एक चुप्पी के बाद वह बो...ये पूछने कì...मेरा...
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KISHORE CHOUDHARY: December 2009
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Friday, December 11, 2009. दोस्तों ब्लॉग छोड़ कर मत जाओ, कौन लिखेगा वक्त ऐसा क्यों है? और कुछ सापेक्ष प्रश्नों के उत्तर में अपना लेखन स्थगित कर देंगे. मैं आपको मेरे ब्लॉग रोल में देखना चाहता हूँ . मुझे भय नहीं है सृष्टि की अनंतता. या प्रलय से. यह तन्हाई है जो क्षत विक्षित करती है. और रात को बल्ब की रोशनी. जो दिखाती है मेरी बाँह पर राख. Photo Courtesy : http:/ www.unisa.ac.za/]. Labels: बीते दिनों. Subscribe to: Posts (Atom). जादू भरी लड़की. धूप के आईने में. बातें बेवजह. मेरी डायरी. तब तक के लिए. पति...
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KISHORE CHOUDHARY: September 2014
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Tuesday, September 23, 2014. परदे के पार चिड़िया. उसने आखिरी बार सुख भरी नींद कब ली थी ये याद करते ही उसे अतीत में कई साल की छलांग लगाकर बहुत पीछे जाना पड़ता था. एक असल गहरी नींद एक गहरे अटल विश्वास में छुपी होती है. उसकी नींद को क्या हुआ? उन चिड़ियों के जाने ने उसे डरा दिया था. देबा ने दौड़ लगाई और घर में भाग गयी. एलची फिर कहती है- देबा बेटू. चार साल पहले की एक शाम थी. 8220;एलू हमें कुछ डिसाइड करना चाहिए.”. 8220;क्या? 8220;ऐसे कब तक”. 8220;कैसे”. 8220;मगर क्या? सरको तो. मुश्किलेæ...उस एक साल क...
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KISHORE CHOUDHARY: June 2015
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Thursday, June 4, 2015. एक घटिया सोच वाले आदमी की सलाह. लड़की ने अपने पिता के बारे में सोचा और इस सोचने को तुरंत ख़ारिज किया कि देखेंगे. जब वो जामुनी घेरे वाला दिन आता उस दिन वह लड़की को फोन करता था. सुबह तीन बजे लड़के का फोन आया. कविता सुनकर लड़के ने उसे एक लतीफा सुनाया जो किसी कविता के बारे में था. सुनो, मैं बेहद घबरा रही हूँ. तभी उधर से लड़के की आवाज़ आई- हेलो, कहाँ हो? क्या मेरी आवाज़ सुन पा रही हो? ढें टेन तें. आई एम कमिंग. लड़की ख़ुशी से भर कर बिस्तर पर गिर गयी. इसी बीच फोन पर तीसर...तुम ऐसा क...सहे...