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चक्रव्यूह: June 2009
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चक्रव्यूह. यही सत्य है. शुक्रवार, 12 जून 2009. केन्द्र सरकार की स्वीकरोत्ति. 160; ". आठ साल पहले संसद पर हुए आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी में. साल भी लग. सकते हैं। निकट भविष्य में उसकी फांसी तो कतई संभव नहीं है। कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने इस बात की स्वीकरोत्ति दी हैं। बताते चलें कि राष्ट्रपति के पास इस समय. दया याचिकाएं लंबित हैं।. Presented by बी. एन. शुक्ल. नई पोस्ट. 171; पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Subscribe to RSS Feed. Follow us on Twitter.
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चक्रव्यूह: चीनी मिल अधिकारियो की व्यथा
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चक्रव्यूह. यही सत्य है. शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012. चीनी मिल अधिकारियो की व्यथा. कुछ समय पूर्व की बात है एक व्यक्ति जानवरों के डाक्टर के पास गया और बोला. डाक्टर मैं एक महीने की छुट्टी पर आया हूँ अतः कृपया मुझे इस एक महीने में ही पूरी तरह ठीक कर दें।. आदमी ने उत्तर दिया – नहीं डाक्टर मैं आपके ही पास आया हूँ।. आदमी – मैं अच्छी तरह जानता हूँ इसीलिए मैं आपके पास आया हूँ।. डाक्टर – ठीक है, कहिये।. आदमी ने उत्तर दिया –. आदमी – हाँ।. Presented by बी. एन. शुक्ल. एक टिप्पणी भेजें. मुख्यपृष्ठ. Subscribe to RSS Feed.
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चक्रव्यूह: February 2011
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चक्रव्यूह. यही सत्य है. गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011. सूत्र वाक्य. अरुन्तुदं परुषं रूक्षवाचं, वाक्कण्टकैर्विदन्तं मनुष्यान्।. विद्यादलक्ष्मीकतमं जनानां, मुखे निबद्धां निर्ऋतिं वै वहन्तम्।।. इस तरह सार यही है कि अगर व्यक्ति अकाल मौत से बचना चाहे तो सबसे पहले स्वभाव और बोल के दोष से हमेशा बचे।). Presented by बी. एन. शुक्ल. नई पोस्ट. 171; पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Subscribe to RSS Feed. Follow us on Twitter. बी एन शुक्ल. इंजीनियर. मेरे बारे में. Using Surveys for Managing Online Reviews.
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कुछ कहना चाहता हूँ: ट्रेन और ज़िंदगी
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कुछ कहना चाहता हूँ. ट्रेन और ज़िंदगी. ट्रेन की खिड़की से एक-एक करके पीछे छूटते स्टेशनों को देखकर वो सोच रहा था कि ज़िंदगी और ट्रेन में कितना कुछ एक जैसा है। ज़ि. गाड़ी छूटने के वक़्त में अभी लगभग चार घण्टे का समय बाकी था।. यहां से कहां जायेंगे" - लड़की ने पूछा।. कहीं नहीं.थोड़ी देर यहीं टहलते हैं फिर स्टेशन चलेंगे" - उसने कहा।. हमें अब चलना चाहिए. उसने कहा।. प्रस्तुतकर्ता. अमृत पाल सिंह. लेबल: ज़िंदगी. July 16, 2011 at 3:15 PM. July 16, 2011 at 10:55 PM. शुभकामनाएं. July 17, 2011 at 10:03 PM. आजकल नई कह&...
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कुछ कहना चाहता हूँ: May 2010
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कुछ कहना चाहता हूँ. हमारे रिश्तो के बीच का " मैं ". रात के अंधेरे में घास के शीर्ष पर चमकती उस ओस की बूँद को समर्पित जिसने मुझे जीवन का आईना दिखाया.तुम्हारा शुक्रिया।). तेरे और मेरे बीच. इस " मैं " का आना मुझे अखरता है. बहुत अखरता है।. मैं ". ऐसा शब्द. जिसके आने से रिश्ते अपने नहीं लगते. एक अलगाव सा महसूस होता है।. इस " मैं " के दखल से. ऐसा महसूस होता है. जैसे कोई तीसरा आ जाता है हमारे दरमियाँ।. कभी तुम्हारा यह कहना कि. मैं यह नहीं चाहती हूँ ". हमारे बीच में. प्रस्तुतकर्ता. Subscribe to: Posts (Atom).
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कुछ कहना चाहता हूँ: November 2009
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कुछ कहना चाहता हूँ. एक सवाल. सिर्फ तुम्हारे लिए. ये तेरे शब्द ही हैं. जो मुझे तेरे पास खींच लाते हैं. तेरे ख़्याल मुझे. अपने से लगते हैं. महसूस करता हूँ कि. कोई मुझसा भी सोचता है. कोई है जो. मुझको भी समझता है. बावजूद इसके. मैं चाहता हूँ तुझसे. सुनना कुछ ख़ास. कुछ बातें. जो हो सिर्फ मेरे लिए. जानता हूँ कि तेरे लिए. मेरे वक़्त में. शब्दों के मायने बदल जाते हैं. जानता हूँ कि. मेरे सामने होने पर. शब्दों की जगह. भावनायें ले लेती हैं. और रह जाती है. सिर्फ ख़ामोशी. प्रस्तुतकर्ता. समझते हैं. दरअसल आज जब कु...
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चक्रव्यूह: April 2009
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चक्रव्यूह. यही सत्य है. रविवार, 19 अप्रैल 2009. दोहरी मानसिकता वाला चुनाव आयोग. उपकृत चुनाव आयोग से और अपेक्षा ही क्या हो सकती है? Presented by बी. एन. शुक्ल. Labels: हाय वोट-हाय वोट. रविवार, 12 अप्रैल 2009. चुनाव मे बावले होते नेता. Presented by बी. एन. शुक्ल. Labels: हाय वोट-हाय वोट. नई पोस्ट. 171; पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Subscribe to RSS Feed. Follow us on Twitter. बी एन शुक्ल. इंजीनियर. मेरे बारे में. मेरी सक्रियता. मेरे हवाले से. Using Surveys for Managing Online Reviews.
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चक्रव्यूह: September 2011
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चक्रव्यूह. यही सत्य है. रविवार, 25 सितंबर 2011. कथित ईमानदार पुतला. प्रधानमंत्री जी. आप इतने भोले-मासूम और ईमानदार नहीं हैं. जितना प्रचारित करते हैं. सन्दर्भ :- मारन और राजा की पत्रावलियाँ)(भाग -. प्रिय पाठकों :- सावधानीपूर्वक ध्यान लगाकर पढ़िये कि किस तरह मारन और राजा ने. जी का घोटाला किया. जिसकी पूर्ण जानकारी प्रधानमंत्री. वाणिज्य मंत्री और वित्तमंत्री को थी. जानकारी और मदद शामिल है. कथा भाग-. प्रारम्भ. उन्हें "ईमानदार" होने का तमगा तड़ा...ऐसे में "सीजर की पत्नी...परन्तु ऐसा नह&#...उससे स...
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चक्रव्यूह: November 2008
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चक्रव्यूह. यही सत्य है. बुधवार, 19 नवंबर 2008. मोटेराम जी शास्त्री. 160; पण्डित मोटेराम जी शास्त्री को कौन नही जानता! आप अधिकारियों का रूख देखकर काम. करते है। स्वदेशी आन्दोलन के दिनों मे अपने उस आन्दोलन का खूब विरोध किया था।. स्वराज्य आन्दोलन के दिनों मे भी अपने अधिकारियों से राजभक्ति की सनद हासिल की थी।. मगर जब इतनी उछल-कूद पर उनकी तकदीर की मीठी नींद न टूटी. और अध्यापन कार्य से पिण्ड. न छूटा. इन बूढ़े. धर्मपत्न ने चिन्तित होकर. मोटेराम. तुम्हें जब देखो. पेट ही की फ्रिक. और चाहे. किसी क...रूप...