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Sahitya: Ankita Panwar
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Saturday, 5 May 2012. आज का सच. किसी भी शब्द के. सबके लिये भिन्न-भिन्न अर्थ होते हैं. मैं तुमसे पूछना चाहती हूँ- प्रेम क्या है? शब्दों को दो-तीन बार दोहरा देना ही. यही सोचते हो तुम. सुनने व समझने का. वक्त ही कहां है तुम्हारे पास. तुम हो चुके हो शामिल उन लोगों में. जिन्हें सिर्फ भौतिकता ने जकड़ रखा है. जीवन का एक संवेदनात्मक पक्ष भी है. जो कि मेरे भीतर अब भी जिन्दा है. प्रसन्न वदन चतुर्वेदी. 17 May 2012 at 18:33. शब्दो&#...अंक...
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Sahitya: Ankita Panwar
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Wednesday, 4 April 2012. आज प्रस्तुत हे उत्तराखंड की कवियत्री अंकिता पंवार की भाव पूर्ण रचना. गरीबी दुष्चक्र. प्रति छन प्रत्यक जगह एक से हालात नहीं होते. जब कुछ लोग चैन से होते हे. तो कहीं होती हे. दिल दहला देने वाली चीत्कारें. कहीं उम्मीद दूर रही होती हे. और कहीं भ्रस्टाचार की साड़ी सीमाए. चमचमाती भारतीय अर्थव्यवस्था को जब. ओबामा भी सलाम कर रहा हे,तब. जेसे प्राकृतिक आपदाव. के कारन व परिणाम. पिसता रहा हे. शब्दों क...अंकि...
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Sahitya: Ankita Panwar
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Thursday, 29 March 2012. ऊँचे पहाड़ की चोटी से निकलते सूरज की. खुबसूरत हलकी गुनगुनी धूप. पहाड़ के उस हिस्से की हरियाली. कुछ ही दूर बिछी हुई कोहरे की चादर. कही भीतर फूटता हुआ झरना. और निरंतर बढता हुआ आगे की और. में मानती हूँ की यूं प्रक्रति प्रेमी हो. चाहते हो ताउम्र निहारना. पर उससे पहले मेरी भी कुछ सुन लो. पहाड़ सिर्फ स्वम ही पहाड़ नहीं होते. हर उस शख्स को जो उनसे जुड़ जाय. BHARATVIHAR NEAR RISHI GAS GODAM. शब्दों...अंक...
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Sahitya: साँझ, मई २०१२
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Thursday, 3 May 2012. साँझ, मई २०१२. साँझ के मई २०१२ के अंक में,. अतीत से, में शहरयार की ग़ज़ल और परवीन शाकिर की नज़्म. कव्यधरा में, अंकिता पंवार, विनीता जोशी,सुधीर मौर्या 'सुधीर' की कवियाये और बरकतुल्ला अंसारी की ग़ज़ल. कथासागर में, सुधीर मौर्या 'सुधीर' की लघुकथा. Http:/ emagzinsanjh.blogsot.com. Subscribe to: Post Comments (Atom). साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. स्वर अंकिता. अंकिता पंवार पहाडí...साँझ, मई २०१२. साँझ क...प्र...
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Sahitya: April 2012
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Wednesday, 4 April 2012. आज प्रस्तुत हे उत्तराखंड की कवियत्री अंकिता पंवार की भाव पूर्ण रचना. गरीबी दुष्चक्र. प्रति छन प्रत्यक जगह एक से हालात नहीं होते. जब कुछ लोग चैन से होते हे. तो कहीं होती हे. दिल दहला देने वाली चीत्कारें. कहीं उम्मीद दूर रही होती हे. और कहीं भ्रस्टाचार की साड़ी सीमाए. चमचमाती भारतीय अर्थव्यवस्था को जब. ओबामा भी सलाम कर रहा हे,तब. जेसे प्राकृतिक आपदाव. के कारन व परिणाम. पिसता रहा हे. Monday, 2 April 2012.
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Sahitya: साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Friday, 1 June 2012. साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. Subscribe to: Post Comments (Atom). साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. स्वर अंकिता. अंकिता पंवार पहाडो के प्रदेश देवभूमि उत्तराखंड की उभरती हुई कवियत्री हे अंकिता पंवार. आपका जन्...आज का सच किसी भी शब्द के सबके लिये भिन्न-भिन्न अर्थ होते हैं मí...शब्दों को दो-तीन बार दोहरा देन. साँझ, मई २०१२. साँझ के मई २०१२ के अंक मे&#...प्रस्तुत हí...उजाडì...
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Sahitya: स्वर अंकिता
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Friday, 16 March 2012. स्वर अंकिता. अंकिता पंवार. यहाँ पर आपकी कुछ कवियायं प्रस्तुत हे. 1) एक दुनिया प्रेम की. हे प्रिये. महसूस करो. तुम्हे बुलाती हे. मेरी कोहरे में लिपटी हुई. वो शामे. जब भी होती हु में. गंगा तट पर निहारते हुए. खुद से ही बेखबर. प्रेमियों को. और उसी वक़्त. रच रहा होता हे कोई चित्रकार. छितिज के केनवास पर. एक दुनिया प्रेम की. उस पर विस्वास की. यही तो सबसे सुन्दर रूप हे. जीवन का. आंकंछाव को. Haridwar Road, Rishikhsh.
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Sahitya: Ankita Panwar
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Monday, 2 April 2012. उजाड़ कुछ भी नहीं होता. मेरी बंद पड़ी कलम आज कुछ लिखना चाहती. और वो स्याही मिल गई हे तेरे एहसासों में. जो कुछ अरसे से सूख गई थी. अब ये शब्द एक लंबा सफ़र तय करना चाहते हे. वहां तक जहाँ तुम हो. मेरी आत्मा में जो कम्पन हो रहा हे. उसमे से कुछ ध्वनियाँ निकलना चाह रही हे. छितिज से दूर फेलकर. समस्त कायनात में ये सन्देश देने. उजाड़ कुछ भी नहीं होता. कभी भी कही भी अनायास ही. Subscribe to: Post Comments (Atom). अं...
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Sahitya: परिचय
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. अंकिता पंवार. इसके अतिरिक्त आप ई-पत्रिका 'साँझ' की संपादिका है. Bharatvihar, near Rishi gas godam. Haridwar Road, Rishikhsh. Subscribe to: Posts (Atom). साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. स्वर अंकिता. अंकिता पंवार पहाडो के प्रदेश देवभूमि उत्तराखंड की उभरती हुई कवियत्री हे अंकिता प...शब्दों को दो-तीन बार दोहरा देन. साँझ, मई २०१२. साँझ के मई २०१२ के अंक में, अतीत से, में...प्रस्तुत हे अंकिता प&...उजाड़ कुछ भी नह...आप की कवि...
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Sahitya: Swar Ankita
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Sunday, 18 March 2012. प्रस्तुत हे अंकिता पंवार. की एक भावपूर्ण कविता. अधूरी ख्वाहिश. एक तमन्ना हे जो बढाती हे कदम. ख्वाहिश हे ये इसी जो अधूरी हे हरदम. पल दिन क्या कहें कहीं गुज़रे तो नहीं. होश आया जब तो वो थे या नहीं. एक कशिश थी पल की उसमे जिन्दगी तो नहीं. अक्स के ख्वाब साहिल हे या नहीं. एक तमन्ना हे जिन्दगी जो हकीक़त हे या नहीं. NEAR - RISHI GAS GODAM. Subscribe to: Post Comments (Atom). स्वर अंकिता. अंकिता प...आज का सच ...
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