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सृजन-यात्रा: July 2013
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सृजन-यात्रा. सुभाष नीरव का रचना-सफ़र. सोमवार, 15 जुलाई 2013. 8216;एक और कस्बा’ आपसे साझा कर रहा हूँ।. सुभाष नीरव. एक और कस्बा. सुभाष नीरव. देहतोड़ मेहनत के बाद. रात की नींद से सुबह जब रहमत मियां की. ख खुली तो उनका मन पूरे मूड में था। छुट्टी का दिन था और कल ही उन्हें पगार मिली थी। सो. सुक्खन थैला और पैसे लेकर जब बाजार पहुँचा. उसकी नज़र ऊपर आकाश में तैरती एक कटी पतंग पर पड़ी। पीछे-पीछे. पर नाकामयाब रहा। देखते ही देखते. चेहरे पर विजय-भाव लिये! काफी देर बाद. प्रस्तुतकर्ता. सुभाष नीरव. नई पोस्ट. मैं औ...यात...
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सृजन-यात्रा: August 2013
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सृजन-यात्रा. सुभाष नीरव का रचना-सफ़र. शुक्रवार, 9 अगस्त 2013. सुभाष नीरव. सुभाष नीरव. साहित्य. समीक्षा की जानी-मानी पत्रिका. 8217; के लिए लिखते रहे हैं।. एक सप्ताह में उन्होंने दोनों पुस्तकें पढ़ डाली थीं। आज सुबह वह लिखने बैठ गए थे।. अभी भी उनके भीतर बहुत कुछ उमड़-घुमड़ रहा था जिसे वे रोक नहीं पाए -. 8216; कल की लेखिका. अपने आप को जाने समझती क्या है. केवल दो किताबें आई थीं. 8212; एक कहानी संग्रह और एक उपन्यास. दूसरे को कुछ समझती ही नहीं।. तीसरे दिन ही लौट आई। चलो. जी हाँ।. अखिल जी. केन्द्र...8217; के ...
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सृजन-यात्रा: December 2012
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सृजन-यात्रा. सुभाष नीरव का रचना-सफ़र. शनिवार, 1 दिसंबर 2012. मित्रो, कभी-कभी सृजन में भी सूखा आ जाता है। कई-कई महीने कुछ भी सृजनात्मक नहीं लिखा जाता. में भेजते ही स्वीकृत हो गई और जल्द ही प्रकाशित भी हो गई। इसे आप. के दिसम्बर 12 अंक में देख-पढ़ सकते हैं।. अपने ब्लॉग. सृजन-यात्रा. सृजन-यात्रा. में पाठकों के सम्मुख रखता रहूँ। अत: इस बार. आपके समक्ष है।. आपकी राय की प्रतीक्षा रहेगी।. सुभाष नीरव. सुभाष नीरव. आकाश पर पहले एकाएक काले बादल छाये. पता नहीं अन्दर कौन हो. एकाएक बारिश तेज़ ह...गरमी कई दि...
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सृजन-यात्रा: March 2013
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सृजन-यात्रा. सुभाष नीरव का रचना-सफ़र. शुक्रवार, 8 मार्च 2013. मित्रो, इधर नई लिखी लघुकथाओं में से एक लघुकथा. लाजवंती. शीर्षक की लघुकथा हरियाणा साहित्य अकादमी की मासिक पत्रिका. हरिगंधा. के जनवरी 13 अंक में. समकालीन कहानी. के अंतर्गत प्रकाशित हुई है। इसे भी मैं. सृजन-यात्रा. ब्लॉग के माध्यम से आप सबसे साझा कर रहा हूँ।. सुभाष नीरव. लाजवंती. सुभाष नीरव. रसोई साफ की. क्यों. कोई खास बात है. कोई ख़ास बात तो नहीं। बस. एक-एक करके इस्तेमाल करती रहूँ. घर पर ही।. बीबी जी. कहीं जाना है. दोपहर के भोजन ...शाम क...
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सृजन-यात्रा: May 2014
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सृजन-यात्रा. सुभाष नीरव का रचना-सफ़र. शनिवार, 24 मई 2014. डॉ माधव सक्सेना 'अरविंद' मुंबई से 'कथाबिंब' नाम की एक हिंदी पत्रिका वर्षों से निकालते आ रहे हैं। यह. त्रैमासिक पत्रिका है और अब तक इसके 124 अंक छप चुके है और हाल ही इस. आपकी राय मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण रहेगी।. सुभाष नीरव. चिट्ठियाँ. हैं।. उन्हें. चिट्ठियाँ. पाठकों. निःसंदेह. पत्रिका. होंगी।. अधिकांश. सहानुभूति. दिखाने. चिट्ठी. क्यों. पाठकों. बेसब्री. बेसब्री. चिट्ठियों. परिन्दे. खींचते. हैं।. शब्दों. परिन्दे. ज़िन्दगी. हिंदी. हों।. प्रा...साह...
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सृजन-यात्रा
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सृजन-यात्रा. सुभाष नीरव का रचना-सफ़र. गुरुवार, 2 जनवरी 2014. सुभाष नीरव. चाँदनी. पाया।. स्त्री. झांका. घुसा।. मैंने. पहुँचने. पहुँची।. हूँ।. बढ़ाया।. मैंने. लौटेंगे।. होगी।. हूँ।. मुस्करा. दिया।. करेंगे. आँखों. बेचैनी. चाँदनी. पुराने. दिनों. यादें. थीं।. दीवाना. बातें. निहारता. मैंने. विस्फारित. कुछ ‘ठक’ से. मैंने. मैंने. झुकाये. प्रस्तुतकर्ता. सुभाष नीरव. लेबल: लघुकथाएं. 1 टिप्पणी:. दीपक 'मशाल'. ने कहा…. 3 जनवरी 2014 को 1:34 am. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. Read in your own script.
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वाटिका: January 2011
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वाटिका. समकालीन कविता के उपवन का मासिक भ्रमण. रविवार, 2 जनवरी 2011. वाटिका - जनवरी 2011. आप सभी को नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं! सुभाष नीरव. जेन्नी शबनम की सात कविताएँ. दंभ हर बार टूटा. रिश्ते बँध नहीं सकते. जैसे वक़्त नहीं बंधता,. पर रिश्ते रुक सकते हैं. वक़्त नहीं रुकता! फिर भी कुछ तो. है समानता,. न दिखे पर दोनों. साथ है चलता! नहीं मालूम. दूरी बढ़ी. या कि. फासला न मिटा,. पर कुछ तो है कि. साथ होने का दंभ. हर बार टूटा! भी झुलस जाता है. मेरे इंतज़ार की. पर कुछ तो हुआ है,. थम कैसे गए? लिखना,. एक इम्...
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वाटिका: January 2013
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वाटिका. समकालीन कविता के उपवन का मासिक भ्रमण. रविवार, 13 जनवरी 2013. वाटिका – जनवरी 2013. 8220; वाटिका. 8221; – समकालीन कविता के इस उपवन में. भ्रमण करते हुए अभी तक आप अनामिका. अलका सिन्हा. श्रीवास्तव. 8216; हीर. 8217;, सुरेश यादव. कात्यायनी. रामेश्वर काम्बोज. 8216; हिमांशु. 8217;, डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव. रेड्डी. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी. रामकुमार कृषक. आलोक श्रीवास्तव. सुरेन्द्र. अनिल मीत. शेरजंग गर्ग. लता हया. ओमप्रकाश यती. 8216; वाटिका. 8220; शैल प्रतिमाओं से. 8216; वाटिका. सुभाष नीरव. के लिए. मै...
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रचना यात्रा: May 2015
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रचना यात्रा. गुरुवार, 7 मई 2015. यात्रा संस्मरण. जैसलमेर - समसैंड ड्यून का एक चित्र - २९ .११.२०१४). अतीत में जीते हुए कुछ दिन. रूपसिंह चन्देल. वीर प्रसूता राजस्थान मुझे सदा आकर्षित करता रहा. चित्तौड़ और उदयपुर (जनवरी,१९९१) की यात्रा के पश्चात ही तय किया था कि. मूमल से सम सैंड ड्यून की दूरी ४२ कि.मी. है. लागभग आधी. कुलधरा गांव का एक दृश्य). कुलधरा का एक ध्वस्त मकान). 8217;भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग’, न. राजस्थान सरकार ध्यान. कुलधरा का मंदिर). विषय में प्रकाश ने बत&#...इंदिरा कै...१ दिसम्बर...8221; प&#...
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रचना यात्रा: June 2014
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रचना यात्रा. मंगलवार, 17 जून 2014. इतना असीम स्नेह. रूपसिंह चन्देल. यह १९९२ के उत्तरार्ध की बात थी. मुझे लगातार संदेश मिल रहे थे कि वह मुझसे मिलना चाहते थे. प्रकाशक और शक्तिनगर के मोहल्लावासी जवाहरलाल गुप्त ने कुछ अधिक ही उनसे मेरी. प्रशंसा की हुई थी और वही आकर उनके विषय में मुझे सूचित किया करते थे. जवाहरलाल. स्व.वीरेन्द्र कुमार गुप्त). उनके साथ जो आत्मीयता स्थापित हुई वह उनके जीवन पर्यंत कायम रही. प्रकाशित किया था. 8220;क्यों? वीरेन्द्र जी ने मेरे अं...२६ जनवरी,२०१४ को उन्होæ...8221; मैं...8220;त...