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रोमांटिक कविताएं : March 2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Friday, March 30, 2012. बांधों डोरी मुझसे प्यार की. अधरों की लाली , अनार सी. और कमर , तेरी कचनार सी. यू ना बैठो गोरी. बांधों डोरी मुझसे प्यार की /. यू मुस्काती तुम ,जैसे गुलमोहर. देखने , नदियाँ भी जाती ठहर. चला दो मुझ पर छप्पन -छुरी. अंखियों के कजरारी धार की /. यू ना बैठो गोरी. बांधों डोरी मुझसे प्यार की /. Links to this post. Saturday, March 24, 2012. इतिहास की पुस्तकें नहीं पढता. हर सुबह / पहली किरण के साथ. अपनी जिंदगी . और मुझे. कपोल त...
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रोमांटिक कविताएं : September 2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Thursday, September 20, 2012. फूल और भंवरा. तुम मेरे पीछे क्यों पड़े हो! कितना बेतुका सवाल पूछा तुमने. सवाल पूछने से पहले. तुम भूल गई . कभी तुमने मुझसे कहा था. मैं फूल हूँ. तुम मेरे भंवरे /. Links to this post. Tuesday, September 11, 2012. मुझको अब तू माँ बना दो. अधरों का रस जी भर पी लो. उर के खिलौने से तुम खेलो. हवा बसंती , मेरी जुल्फों से लहरा दो. मक्खन सी काया को मेरी. अब जी भर कर सहला दो. ओ मेरे साजन! Links to this post. गुम-शुम क&#...नील...
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रोमांटिक कविताएं : June 2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Wednesday, June 20, 2012. यक्ष प्रश्न. बादलों के पीछे. इन्द्रधनुष का प्रतिबिम्बित होना. कमल के ऊपर. भवरे का मचलना. फूलों से लदकर. कचनार की डाली का झुक जाना. हरी दूब के उपर. ओस का टिके रहना. झरने के पानी का. पत्थरों से अठखेलियाँ करना. या फिर . इन सबको देखते. आपको मुस्कुराते /आँचल उड़ाते देखना. किसे अच्छा कहूँ. यक्ष प्रश्न है मेरे लिए /. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). यक्ष प्रश्न. आह भी तुम, वाह भी तुम. मेरी सजनी. नीलगगन सी...
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रोमांटिक कविताएं : September 2013
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Sunday, September 1, 2013. गुलाब और तुम. कई रंग देखे ,कई रूप देखे. और देखें मैंने कितने गुलाब. कई हंसी देखे,देखी कितनी मुस्कुराहटें. मगर नहीं देखा तुमसा शबाब /. अपने मित्र अजेशनी के लिए ,चित्र में फोटो उन्ही का है ). Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). यक्ष प्रश्न. आह भी तुम, वाह भी तुम. मेरी सजनी. प्यार की पिचकारी में छेद. नीलगगन सी तेरी साडी. नीलगगन सी तेरी साडी गहने चमके जैसे...मैंने ख्वाहिश&#...ग़ज़ल -2012. तुमको प&...बाद...
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रोमांटिक कविताएं : July 2014
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Friday, July 4, 2014. हम,तुम और गुलाब. तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई. और इस बार कारण बना. वह गुलाब का फूल. जिसे मैंने. किताबों के दो पन्नों के. भूल गया गया था. और उसकी हर पंखुड़ियों पर. हम-दोनों के बीच. प्यार के गुफ्तगू लिखे थे. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). यक्ष प्रश्न. आह भी तुम, वाह भी तुम. मेरी सजनी. प्यार की पिचकारी में छेद. नीलगगन सी तेरी साडी. नीलगगन सी तेरी साडी गहने चमक...मैंने ख्वा...तुमको प&#...बाद...
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रोमांटिक कविताएं : ग़ज़ल -2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Tuesday, April 10, 2012. ग़ज़ल -2012. तुमको पाकर , मैं चांदनी में नहा गया. मगर कमबख्त सूरज खफा क्यों हो गया /. आप आये थे ,रुमाल से मेरे अश्कों को पोछने. मगर आप खुद ही अश्क बहा कर चल दिए /. दूसरों को पढने में , भूल गया था मैं अपना चेहरा. आज आईने में,अपना चेहरा ही बदरंग नज़र आया /. आपको देखकर , रूमानी होना कोई गुस्ताखी तो नहीं. उपासना सियाग. April 10, 2012 at 5:13 AM. नरेश चन्द्र बोहरा. April 10, 2012 at 5:20 AM. April 10, 2012 at 5:24 AM. दूसर...
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रोमांटिक कविताएं : April 2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Tuesday, April 24, 2012. तेरा आँचल आवारा बादल. तेरा आँचल आवारा बादल ,पता नहीं कहाँ बरसेगा. यौवन के इस रसबेरी को पाने, कौन नहीं तरसेगा /. बूंद -बूंद मुस्कान होठों का, पता नहीं कब बन जाए ओला. वह होगा शूरवीर ही ,जो झेले तेरी आँखों का गोला. देख लाल -लाल होठों के फूल, तबियत मेरी बिगड़ रही. उर के इस मक्खन चखने, मन भवरा कब-तक तडपेगा /. सुरमई पवन हुई सुगन्धित ,और हुई सुवासित बगिया. Links to this post. Saturday, April 14, 2012. Links to this post. दूस...
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रोमांटिक कविताएं : August 2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Wednesday, August 22, 2012. ये हुस्न नहीं शराब है. तुम्हारी हंसी . गुलाब है. सब कहते है . लाजबाब. खिल जाती तबियत आपको देखकर. इंसाल्लाह,ये हुस्न नहीं शराब है/. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). यक्ष प्रश्न. आह भी तुम, वाह भी तुम. मेरी सजनी. प्यार की पिचकारी में छेद. नीलगगन सी तेरी साडी. नीलगगन सी तेरी साडी गहने चमके जैसे मोती आओ प्रिय ,अब साथ चल&#...ख्वाहिशों के आसमान में. मैंने ख्वाहिशों...ग़ज़ल -2012. तुमको पाकर , म...बादल बरस&...
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रोमांटिक कविताएं : July 2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Tuesday, July 24, 2012. अब बहारों की हो चली हूँ /. कभी धूल हूँ , कभी कली हूँ. बहुत देर हो चुकी तुम्हारे. इंतज़ार में , अब बहारों की हो चली हूँ /. पहले तो तुम. लफ़्ज़ों के धागे और लवों की सुई से. हर जगह मेरा नाम टांक दिया करते थे. मेरी अदाओं को छोडो. मेरी मुस्कान पर तुम रोज सौ बार मरा करते थे /. कभी कड़ी धुप हूँ ,तो कभी गुनगुनी. मुझसे क्या खता हो गई. क्यों कर देते हो ,अब हर बात अनसुनी /. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). गुम-श...
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रोमांटिक कविताएं : October 2012
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रोमांटिक कविताएं. खट्टे -मीठे अनुभव/रंग-बिरंगी कवितायें. Wednesday, October 31, 2012. अब तुम जवाँ हो. जब तुम्हें देख . हवा सीटी बजाने लगे. पहाड़ों पर. जमी बर्फ पिघलने लगे. प्रणय -लीला में लीन. मोर-मोरनी का जोड़ा ठीठक जाय. यकीन मानों. आपके आँचल उड़ाने का नहीं रहा /. Links to this post. Saturday, October 27, 2012. स्त्री. खिलते गुलाब सी. चेहरे वाली. चाँद सी दिखने वाली. हरश्रृंगार के फूलों सी. मुस्कुराने वाली. कमल के पत्तों सी. चिकनी त्वचा वाली. मोरनी सी चलने वाली. नवयौवना . क्योकि . Links to this post.