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संदेशा: February 2009
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संदेशा. संजय के संदेश. Monday, February 23, 2009. बम बम भोले. शंकर भोले. शिव प्रतिमा, कचनार सिटी, जबलपुर. महा शिवरात्रि की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं. संजय तिवारी. Tuesday, February 17, 2009. जबलपुर: हाईटेक होते साहित्यकार: एक रिपोर्ट, कुछ तस्वीरें. विगत दिवस ’हिन्दी साहित्य संगम’. के तत्वाधान में श्री विजय तिवारी ’किसलय’ जी. इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ट चिट्ठाकार समीर लाल, उड़न तश्तरी जी. प्रेम फरुख्खाबादी. शैली खत्री. गिरिश बिल्लोरे. इसी अवसर की कुछ तस्वीरें:. संजय तिवारी. Monday, February 16, 2009. नो...
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: November 2009
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! गुरुवार, 19 नवंबर 2009. मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे .(बवाल). आलाप:- जो अल्लाह से आग़ाज़ करे, और गणपति से भी शुरू करे! उसका हर काम सफल साईं, प्रभु यीशू वाहे गुरू करे! नफ़रत की रातों को बना दे, मुहब्बत की सुबे (सुबह). ऐसा एक इंसान है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे. कोरस :- हर हर महादेव, अल्लाहो-अकबर, जो बोले सो निहाल,. Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल. १) आपस मे लड़वाने को, हर कोई है तैयार. प्रस्तुतकर्ता बवाल. 24 टिप्पणियाँ. लेबल: गीत. नई पोस्ट. बवाल एज़ वक़ील. समी...
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: January 2010
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! सोमवार, 18 जनवरी 2010. मैं जनाज़ा हो चला.(बवाल). दोस्त तेरी महफ़िलों से, जी मेरा, ले भर गया. मैं जनाज़ा हो चला, ऐलान कर दे, मर गया. काश, दिल का दर्द तू, पहले बता देता कभी! क्या मैं तेरे सामने, ज़िंदा नहीं होता अभी. प्रस्तुतकर्ता बवाल. 26 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: शेर. गुरुवार, 14 जनवरी 2010. चचा लुक़्मान ज़िंदाबाद : बवाल का सलाम. कुछ ऐसी तसव्वुर की, महफ़िल सजाएँ. क़व्वाले-आज़म तहज़ीबिस्तान. चचा लुक़्मान. हमारे उस्ताद की जयंती. 20 टिप्पणियाँ. इन्होंने ...बवाल जी,. पहला ...
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: September 2009
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! मंगलवार, 29 सितंबर 2009. मेरे सपनों का एग्रिगेटर (बवाल). वो कहाँ? चाहे उस पर कोई पसंद, कोई टीप, कोई पठन ना हो। इस चक्कर में कुछ स्तरीय बातें नज़र से छूट जाती थीं। खै़र अब तो मट्की फूट गई। मगर ये मट्की क्यूँ फूटी? काश के कोई ऐसा एग्रीगेटर होता के-. १) जो अल्फ़ाबेटिकली अरेंज्ड होता।. २) दिन भर में २४० पोस्टों से ऊपर प्रदर्शित ही ना करता।. ३) एक ब्लॉगर को हफ़्ते में एक ही दिन पोस्ट करने देता।. काश के ऐसा होता ।. काश के ऐसा के ही हो।. 20 टिप्पणियाँ. लेबल: शेर. नई पोस्ट. समीर ल&#...
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: July 2011
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! सोमवार, 18 जुलाई 2011. हुस्ने-क़ुद्रत. मैं हुस्ने-क़ुद्रत बयाँ करूँ क्या? असर में होशो-हवास खोया! नज़ारे जन्नत के इस ज़मीं पर,. सभी हैं मेरे ही पास गोया! प्रस्तुतकर्ता बवाल. 24 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: क़सीदा. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारे संकलक. हमारे संकलक. साहित्य गौरव. शिवना सम्मान. ऊला-ओ-सानी. लाल और बवाल (जुगलबन्दी). बवाल एज़ वक़ील. बवाल एज़ क़व्वाल. समीर लाल. उड़न तश्तरी. बवाल गाते हुए ठाठ. लाल एण्ड बवाल. 2 माह पहले.
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: May 2011
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! मंगलवार, 10 मई 2011. मातृ दिवस पर भी देर से. ढूँढता रब को फिरा हूँ, इस जहाँ से उस जहाँ. भूल बैठा था कि रब का, रुप ही होती है माँ! आदतन इस बात को भी, देर से जाना है मैने! समीर लाल ’समीर’. प्रस्तुतकर्ता Udan Tashtari. 19 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: उड़न तश्तरी. गुरुवार, 5 मई 2011. मुझसे मूँह मोड़ा नहीं होता. बाबू जी ने गर इतनी जायदाद को छोड़ा नहीं होता. समीर लाल ’समीर’. प्रस्तुतकर्ता Udan Tashtari. 27 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. बवाल एज़ वक़ील. जला...
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: February 2012
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! रविवार, 12 फ़रवरी 2012. काव्य रसज्ञ पं. भवानी प्रसाद तिवारी चचा लुक़्मान की दृष्टि में. पद्दमश्री स्व. पं भवानी प्रसाद तिवारी. के सौवें जन्म दिवस पर विशेष). दर्द उनका, अश्क बनकर, वाँ गिरा वो काँ मिला? ढूंढते तो सब रहे पर, आख़िर हमको याँ मिला! 8216;उस्ताद के उस्ताद पर उस्ताद का नज़रिया’! क्या कहना! नाना प्रकार और नाना. और नहीं तो क्या? भाई लुकमान. वाह वाह! बिटिया ने मिलाया चचा लुक़्मान से. क्या महफ़िल हुई फिर! औ’ जब मिलोगे तो देख लेन...8216;बवाल’. पंडित भवा...चचा न...
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: January 2011
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! गुरुवार, 6 जनवरी 2011. मौत का टुम्मा (रसीद). मौत ने तारीख़ तय कर, उसपे टुम्मा कर दिया. हमने भी इसकर के फ़ौरन, मय पे चुम्मा कर दिया. टुम्मा = रसीद. मय = शराब या भक्तिरस, आप जो भी मान लें. प्रस्तुतकर्ता बवाल. 21 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: टुम्मा. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारे संकलक. हमारे संकलक. साहित्य गौरव. शिवना सम्मान. ऊला-ओ-सानी. लाल और बवाल (जुगलबन्दी). बवाल एज़ वक़ील. बवाल एज़ क़व्वाल. समीर लाल. उड़न तश्तरी. महफ़िले-ब...कित...
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!! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!: May 2010
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लाल और बवाल - - जुगलबन्दी! रविवार, 16 मई 2010. जाने क्या वो लिख चले.(बवाल). जाने क्या वो लिख चले और, जाने क्या ये पढ़ चले ? हम-क़लम के हर्फ़े-आख़िर, दिल में पुरदम गड़ चले. हम-क़लम = एक जैसा और एक साथ लिखने वाले, मित्र (., ., .). हर्फ़े-आख़िर = अटल और अंतिम निर्णय, शब्द या बात व्यक्त करते हुए वर्णाक्षर. पुरदम = भर-ताक़त. प्रस्तुतकर्ता बवाल. 46 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: बवाल. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारे संकलक. हमारे संकलक. साहित्य गौरव. बवाल एज़ वक़ील. महफ़िल...
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स्वप्न(dream): 2009-01-18
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उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ). शुक्रवार, 23 जनवरी 2009. प्यार -व्यार में क्या रखा है. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. सुलाती. बाँसुरिया. बुलाती. प्रेमी. प्रस्तुतकर्ता. 6 टिप्पणियां:. गुरुवार, 22 जनवरी 2009. बादल उवाच. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. मेरा सनम. चाहí...