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स्वार्थी जी की कलम सेस्वार्थी जी की कलम से. Tuesday, May 11, 2010. ज्ञानदत्त पांडे की साजिश -आग लगा कर छिपने की तैयारी. क्या आपने लोगों को मूर्ख समझ रखा है. प्रश्न उठाया था तो निष्कर्ष आने तक रुकना था, क्यूँ प्रवीण पाण्डे. की अतिथि पोस्ट की आड़ में दुम दबा कर छिप गये? क्या हुआ आपकी इस पोस्ट का निष्कर्ष? कौन बेहतर ब्लॉगर है शुक्ल या लाल? स रकारी अधिकारी की ठसक से बाज आओ. जरुरी नहीं कि हर जगह लोग तुम्हारी जी हजुरी करें. तुम्हारा मकसद सब समझ रहे हैं कि दो. लोगों. राजेश स्वार्थी. Labels: ज्ञानदत्त. Friday, April 9, 2010. मु...
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