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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): May 2012
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). पॉलिटिक्स की डर्टी पिक्चर. अमर उजाला कॉम्पैक्ट के संपादकीय में प्रकाशित आलेख।. आखिर सिलसिला शुरू कैसे होगाः. Subscribe to: Posts (Atom). पुराना स्टॉक. पॉलिटिक्स की डर्टी पिक्चर. कहाँ क्या. लिंक रोड. Me and my strength. कुछ चुनिन्दा रचनाएँ. गृहमंत्री को जूता. फादर्स डे. फिलिम चर्चा. भूली बिसरी याद. मेरा अख़बार. मेरी रचना. मेरे विचार. राजनीति. राजू रतनानी. रोमांस. व्यंग्य. शुभकामनाएं. हसरतों की जहर बुझी लौ में,. नकाब की दुनिया. हमारी आस्था. गंदी कविता. मेरा एक फ...ये ...
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): October 2011
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). गंदी कविता. सरकार गंदी हो गई, अखबार गंदे हो गए।. इस शहर में बंदे के, क्या-क्या धंधे हो गए।. बनियान गंदी हो गई, जुराब गंदे हो गए।. छुप-छुप के आ रहे जनाब, ख्वाब गंदे हो गए।. जुबान गंदी हो गई है, हाथ गंदे हो गए।. चल रहे जो साथ में, वो नाथ गंदे हो गए।. शाम गंदी हो गई, सवेर गंदे हो गए।. थे बड़े दिलेर जो, कुबेर गंदे हो गए।. यमुना गंदी हो गई है, संत गंदे हो गए,. अंट-शंट बोलते, महंत गंदे हो गए।. Subscribe to: Posts (Atom). पुराना स्टॉक. गंदी कविता. कहाँ क्या. Me and my strength.
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): बाबा नंबर-2
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). बाबा नंबर-2. एक ने कहा- बाबा नंबर-2 तो हो गए हैं। अब जल्दी उनकी गोद कुर्सी से भर जाए।. लगे हाथ दूसरे बाराती ने हाथ उठाकर ‘आमीन’ शब्द का उच्चारण किया।. मैंने सोचा- बारात तो कब की सज गई। ब्याह डेढ़ साल बाद क्यों होगा।. 8216;तो ये भी दो नंबरी हो गए।’ मैंने आश्चर्य जताया।. 8216;कैसे? 8216;पच्चीस साल बाद मतलब.’. इस पर एक बाराती इधर से चिल्लाया- सरासर झूठ है। बाबा अभी ही ऑथोरì...दोनों आपस में गुत्थम-गुत्थì...और यदि नहीं थे और अब ऑथोराई...बाबा नंबर-2. Me and my strength.
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): August 2010
http://www.sandeepsharma.net/2010_08_01_archive.html
SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). पंडों की मां-बहन. ठाकुर साहब, तुम यहां अपना काम करवाने नहीं हमें लड़वाने आए हो' एक पंडा चिल्ला-चिल्लाकर आगे बढ़ रहा था। दूसरा उसे रोक रहा था।. हम बात नहीं करते इस तरह। आप करवा रहे हैं.' पंडा तैश में ही था।. हमें नहीं करवा कुछ भी। हम किसी दूसरे से अपना काम करवाएंगे।' कहकर पैंट-सूट बाबू पलट गए।. पैंट-सूट बाबू इनसे बचकर भागने लगे। तो तीसरे पंडे ने पकड़ लिया।. बाबू हाथ छुड़ाकर भागने लगा।. बताय रहे हैं, उनका नाम भी सम्मान स...आप जिससे कहेंगे, उसस&...मुझसे आपको...काह...
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): July 2013
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). तेरी छम-छम पायल छनकी थी. ऑफिस में चुपचाप बैठे इक लाइन लिखी. तो यह बन गया. Photo courtsey : www.payal-aditi.deviantart.com. दिल में स्फूर्ति कम सी थी. गालों की परत भी नम सी थी. मैंने सोचा आंख बुझा लूं. पर दिल बोला बात दबा लूं. याद में तेरी बोझिल मन था. एक अकेला क्यंू जीवन था. चिडिय़ा की सरगम भी गूंगी. दूर से कुछ आहट सुनती थी. फिर एक भंवर उड़ा. एक कली खिली. एक फूल बना. चूड़ी खनकी. दूर कहीं इक कोने में. तेरी छम-छम पायल छनकी थी. Subscribe to: Posts (Atom). Me and my strength.
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): April 2010
http://www.sandeepsharma.net/2010_04_01_archive.html
SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). क्या यही काम रह गया है मीडिया का? पीळियो और लिछमी. 8216;ओए के करण लागर्यो हो? 8217; शायद बाऊजी ने उसकी हरकत देख ली थी।. 8216;इतनी तावड़ी मां छात पर के करण आई ही तू। जा नीचे तेरी मां उड़ीकै है’ बाऊजी के कहने पर लिछमी नीचे चली गई।. 8216;हां बाऊजी’ आवाज लडख़ड़ा रही थी।. 8216;के बात है, तबीयत तो ठीक है तेरी’. 8216;हां ठीक है बाऊजी.’. 8216;फेर क्यूं मात्थे पर पसीना आर्या है? 8216;भाईजी, इन्नै माफ करद्यो. मन्नै सजा द&#...8216;मन्नै माफ कर दे लिछमी...Subscribe to: Posts (Atom).
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): bestseller-birju-sandeepsharma (बिरजू उपन्यास)
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). Bestseller-birju-sandeepsharma (बिरजू उपन्यास). पुराना स्टॉक. Bestseller-birju-sandeepsharma (बिरजू उपन्यास). कहाँ क्या. लिंक रोड. Me and my strength. कुछ चुनिन्दा रचनाएँ. गृहमंत्री को जूता. फादर्स डे. फिलिम चर्चा. भूली बिसरी याद. मेरा अख़बार. मेरी रचना. मेरे विचार. राजनीति. राजू रतनानी. रोमांस. व्यंग्य. शुभकामनाएं. हसरतों की जहर बुझी लौ में,. मोम सा दिल गला दिया मैंने।. कौन आंधियों की धमकियां सहता,. जिस पर लैला हुई सौ बार सवार,. नकाब की दुनिया. मेरा एक फ्र...ये वí...
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): May 2013
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). तुम आखिर हो कौन. तुम आखिर हो कौन. बार-बार ख्वाबों में आकर. नींद उड़ाती हो, फिर. फिर आंख खुलते ही चली जाती हो. क्यों खुली आंखों के सामने. आने से डरती हो,. लेकिन जैसा कि मुझे लगता है. मेरे जेहन में ही कहीं रहती हो. फिर भी तुम आखिर हो कौन. यह प्रश्न आज भी अनसुलझा रह गया. तुम मेरी चाहतों के माफिक दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हो. लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है तुम्हें. और पड़े भी क्यों. तुम आखिर हो कौन. Subscribe to: Posts (Atom). पुराना स्टॉक. तुम आखिर हो कौन. Me and my strength.
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा): January 2013
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SANDEEP SHARMA (संदीप शर्मा). बाबा नंबर-2. एक ने कहा- बाबा नंबर-2 तो हो गए हैं। अब जल्दी उनकी गोद कुर्सी से भर जाए।. लगे हाथ दूसरे बाराती ने हाथ उठाकर ‘आमीन’ शब्द का उच्चारण किया।. मैंने सोचा- बारात तो कब की सज गई। ब्याह डेढ़ साल बाद क्यों होगा।. 8216;तो ये भी दो नंबरी हो गए।’ मैंने आश्चर्य जताया।. 8216;कैसे? 8216;पच्चीस साल बाद मतलब.’. इस पर एक बाराती इधर से चिल्लाया- सरासर झूठ है। बाबा अभी ही ऑथोरì...दोनों आपस में गुत्थम-गुत्थì...और यदि नहीं थे और अब ऑथोराई...Subscribe to: Posts (Atom). हसरत&...