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शब्द रचना: एफ.एम. पर भूमंडलीकरण का भक्तिगीत
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 23 फ़रवरी 2011. एफएम पर भूमंडलीकरण का भक्तिगीत. इनके लिए स्थानीय संस्कृति और संस्कार से दूरी पैदा करना इनका नया ‘मूल्य’। इनका वर्गीय समझ क्या है? इन्हें कैसी और कौनसी पीढ़ी गढ़ना है? इनकी ‘प्रसारण-संस्कृति‘ क्या है? इनकी ‘वैचारिकी‘ क्या है? ये किसके प्रति ‘जवाबदेह‘ हैं? यू आर सो शाय? आई थिंक यू आर अ विक्टिम आफ एन ओल्ड कल्चरल फोबिया! दोनों से नहीं डरती? किया जाता है। बाहर की लम...प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. नई पोस्ट. हमार...
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शब्द रचना: समलैंगिकता की सनसनी और सच
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 6 अप्रैल 2011. समलैंगिकता की सनसनी और सच. क्या हम इसको लेकर को विवेक सम्मत विरोध नहीं कर सकते? प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. लेबल: संस्कृति. 1 टिप्पणी:. जयकृष्ण राय तुषार. 12 अप्रैल 2011 को 2:39 am. बहुत ही सूक्ष्म विश्लेष्णात्मक आलेख बहुत ही बधाई आदरणीय प्रभु जोशी जी. उत्तर दें. टिप्पणी जोड़ें. अधिक लोड करें. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. मेरे अन्य चिट्ठे. रंग रचना. 7 वर्ष पहले. लोकप्रिय लेख. पिछले कुछेक व...ये आठवे&#...दुन...
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शब्द रचना: February 2011
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 23 फ़रवरी 2011. एफएम पर भूमंडलीकरण का भक्तिगीत. इनके लिए स्थानीय संस्कृति और संस्कार से दूरी पैदा करना इनका नया ‘मूल्य’। इनका वर्गीय समझ क्या है? इन्हें कैसी और कौनसी पीढ़ी गढ़ना है? इनकी ‘प्रसारण-संस्कृति‘ क्या है? इनकी ‘वैचारिकी‘ क्या है? ये किसके प्रति ‘जवाबदेह‘ हैं? यू आर सो शाय? आई थिंक यू आर अ विक्टिम आफ एन ओल्ड कल्चरल फोबिया! दोनों से नहीं डरती? किया जाता है। बाहर की लम...प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. नेहरू क&...अभी...
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शब्द रचना: April 2011
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 6 अप्रैल 2011. समलैंगिकता की सनसनी और सच. क्या हम इसको लेकर को विवेक सम्मत विरोध नहीं कर सकते? प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. 1 टिप्पणी:. लेबल: संस्कृति. खबरों के आगे खिंचता नेपथ्य. जबकि, वह इस महाकाय जनतंत्र की रक्षा का एक सर्वाधिक शक्तिशाली कवच है? फिर चाहे वे 'सहमति' के रूप में हों, या 'असहमति' के रूप में।. प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. कोई टिप्पणी नहीं:. लेबल: भाषा. संस्कृति. हिंदी. प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. बहरहाल, इतन...
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शब्द रचना: हमारे समय में भ्रष्टाचार का भाष्य
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 6 अप्रैल 2011. हमारे समय में भ्रष्टाचार का भाष्य. प्रस्तुत है भ्रष्टाचार के चरित्र और उसकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि पर एक विवेचनात्मक टिप्पणी।. क्या दोनों के बीच एक गहरी अन्तर निर्भरता नहीं है? भ्रष्टाचार का तुम कौन-सा भाष्य करने जा रहे हो? प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. लेबल: राजनीति. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. मेरे अन्य चिट्ठे. रंग रचना. 7 वर्ष पहले. भारतीय व्यवस...दुनि...
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शब्द रचना: इसलिए बिदा करना चाहते हैं, हिन्दी को हिन्दी के कुछ अख़बार
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 23 फ़रवरी 2011. इसलिए बिदा करना चाहते हैं, हिन्दी को हिन्दी के कुछ अख़बार. बहरहाल- 'अगर मगर मत कर । इधर उधर मत तक । बस सरपट चल।' भविष्यवाद का यह नया सार्थक और अग्रगामी पाठ है।. पूछा जा सकता है कि इतने निर्मम और निष्करूण साहस की वजह क्या थी? और देते भी क्यों? के लिए आरक्षित होते जा रहे हैं । वे राजनीतिक जनसंपर्क हेत&#...हम तो आपस में कमर्शियल कजिन्स हैं । आओ हम सब ...उनके तो तीखे दांत और ...रंग रचना. हिंदी. टिप्...मुख...
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शब्द रचना: खबरों के आगे खिंचता नेपथ्य
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 6 अप्रैल 2011. खबरों के आगे खिंचता नेपथ्य. जबकि, वह इस महाकाय जनतंत्र की रक्षा का एक सर्वाधिक शक्तिशाली कवच है? क्या समूचा समाचार-जगत `विचार` के स्तर पर, व्यक्ति की सी स्वभावगत `एकरूपता` रखता है? फिर चाहे वे 'सहमति' के रूप में हों, या 'असहमति' के रूप में।. प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. लेबल: भाषा. संस्कृति. हिंदी. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. रंग रचना. 7 वर्ष पहले. पिछले ...ये ...
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शब्द रचना: हिंदी के ‘हिंग्लिशीकरण’ बनाम ‘क्रिओलीकरण’ की होली
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 23 फ़रवरी 2011. हिंदी के ‘हिंग्लिशीकरण’ बनाम ‘क्रिओलीकरण’ की होली. नेहरू के विषय में कहा जाता रहा है कि उनका अहम् काफी अदम्य था और वे अमूमन अपनी असहमति या अवमानना पर तिक्त हो जाते थे।. फिर चाहे वे सहमति के रूप में हों, या असहमति के रूप में।. प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. लेबल: भाषा. हिंदी. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. मेरे अन्य चिट्ठे. रंग रचना. 7 वर्ष पहले. पिछले कु...ये ...
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शब्द रचना: चिकनी सतहें, फिसलते बयान
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शब्द रचना. लेखक और चित्रकार प्रभु जोशी का ब्लॉग-. राजनीति. संस्कृति. हिंदी. बुधवार, 6 अप्रैल 2011. चिकनी सतहें, फिसलते बयान. मगर अब आतंकवादियों में हिन्दुओं के नाम आने लगे हैं तो अब इनका क्या कहना है? और अब वह बहुसंख्यकों को भुला चुका है? प्रस्तुतकर्ता. रंग रचना. लेबल: राजनीति. संस्कृति. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). मेरे अन्य चिट्ठे. रंग रचना. 7 वर्ष पहले. लोकप्रिय लेख. पिछले कुछेक वर्षो&#...ये आठवें दशक क&...दुनि...