
REDROSE-VANDANA.BLOGSPOT.COM
ज़ख्म…जो फूलों ने दियेज़ख्मों की इबारत
http://redrose-vandana.blogspot.com/
ज़ख्मों की इबारत
http://redrose-vandana.blogspot.com/
TODAY'S RATING
>1,000,000
Date Range
HIGHEST TRAFFIC ON
Saturday
LOAD TIME
0.4 seconds
16x16
32x32
64x64
128x128
PAGES IN
THIS WEBSITE
19
SSL
EXTERNAL LINKS
182
SITE IP
216.58.216.193
LOAD TIME
0.375 sec
SCORE
6.2
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये | redrose-vandana.blogspot.com Reviews
https://redrose-vandana.blogspot.com
ज़ख्मों की इबारत
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: 4/1/15 - 5/1/15
http://redrose-vandana.blogspot.com/2015_04_01_archive.html
मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. बुधवार, 29 अप्रैल 2015. मेरी प्यास . मेरा वजूद. रेगिस्तान. हांड़ी जिस भी चूल्हे पर चढ़ी. महिमामंडित. पैमाने. 5 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. सोमवार, 20 अप्रैल 2015. इश्क तुम्हें हो जायेगा .मेरी नज़र से. इसीलिए तो खाई जाती हैं कसमें. अपने अपने झूठ पर. सच की मोहर लगाने को. अब तक जुबान पर. कहीं और. 8216; प्र...
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: 6/1/14 - 7/1/14
http://redrose-vandana.blogspot.com/2014_06_01_archive.html
मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. शुक्रवार, 27 जून 2014. मेरा हिस्सा. क्योंकि. उम्र भर सिर्फ. बँटती ही रही. कटती ही रही. छँटती ही रही. पर कभी ना पाया पूरा हिस्सा. हर बार जरूरी नहीं होता भावनाओं में कविता का होना. क्योंकि. आखिर हूँ तो स्त्री ही ना. आखिर कब तक ना चाहूँ अपना हिस्सा. मुकम्मलता का अहसास सभी के लिए जरूरी होता है. ज़िन्दगी एक बार ही मिला करती है. इसलिए आज कहती हूँ. तो सुकूँ रहे. इसे ईमेल करें. सरहद से ' .एक...ईद क...
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: 8/1/14 - 9/1/14
http://redrose-vandana.blogspot.com/2014_08_01_archive.html
मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. रविवार, 31 अगस्त 2014. बेबसी के कांटे. बेबसी के कांटे जब आँचल से उलझते हैं. हम और उन पर पाँव रख रख के चलते हैं. जुबाँ पर रख के तल्खियों के स्वाद. अजनबियत का ओढ लिबास संग संग चलते हैं. जाने किसे दगा देते हैं जाने किससे दगा खाते हैं. हम बन के इक नकाब जब चेहरों पे पडते हैं. खानाबदोशी के इकट्ठे करके सब सामान. कैफियत दिल की न पूछ अब जालिम. 8 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. नेपाल से न...तक्षश...
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: 5/1/15 - 6/1/15
http://redrose-vandana.blogspot.com/2015_05_01_archive.html
मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. गुरुवार, 28 मई 2015. भरम टूट चुके हैं मेरे. 6 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. मंगलवार, 26 मई 2015. अच्छे दिन आयेंगे. साहेब मदारी बन डुगडुगी बजा रहे हैं. जनता जानती है नाचना बन्दर सा. देखो खेल सफल हो रहा है. बस जनता का जनता को लौटा रहा हूँ. चलिए एक साल निकल गया. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. ए री सखी. दिल ब...
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: 3/1/14 - 4/1/14
http://redrose-vandana.blogspot.com/2014_03_01_archive.html
मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. शुक्रवार, 28 मार्च 2014. इश्क कटोरा पीत्ता भर भर. इश्क कटोरा पीत्ता भर भर. फिर भी रह गयी प्यासी वे. ओ मेरे राँझेया मैं तेरी हीर वे. जिन जपया साँस विच तेरा नाम वे. फेर क्यूँ जल विच मीन प्यासी वे. इश्क कटोरा पीत्ता भर भर. फिर भी रह गयी प्यासी वे. रूहां ते मैं टुकड़े कर दित्ते. टुकड़ों विच मैं राँझा लिख दित्ता. इश्क कटोरा पीत्ता भर भर. और न द्वारे सर ये झुकता. इसे ईमेल करें. तुम्हा...तुम...
TOTAL PAGES IN THIS WEBSITE
19
अपनी अपनी बातें..........: March 2013
http://apniapnibaatein.blogspot.com/2013_03_01_archive.html
अपनी अपनी बातें. जीवन संस्कार,प्रेरणास्पद लेख,संस्मरण, सूक्तियों,कहावतों, का सांझा मंच द्वार सब के लिए खुले हैं,आएँ उध्रत करें या लिख कर योगदान दें . Sunday, March 24, 2013. निरंतर" की कलम से.: अब मैंने डायरी लिखना बंद कर दिया है. निरंतर" की कलम से.: अब मैंने डायरी लिखना बंद कर दिया है. Tuesday, March 19, 2013. निरंतर" की कलम से.: हार कर भी जीत जाऊंगा. निरंतर" की कलम से.: हार कर भी जीत जाऊंगा. Monday, March 18, 2013. हाथों की लकीरों को देखता ह&#...Subscribe to: Posts (Atom). Nirantar's Poems In English.
अपनी अपनी बातें..........: September 2011
http://apniapnibaatein.blogspot.com/2011_09_01_archive.html
अपनी अपनी बातें. जीवन संस्कार,प्रेरणास्पद लेख,संस्मरण, सूक्तियों,कहावतों, का सांझा मंच द्वार सब के लिए खुले हैं,आएँ उध्रत करें या लिख कर योगदान दें . Thursday, September 15, 2011. व्यक्तित्व के सृजन में जीवन लग जाता. व्यक्तित्व के. सृजन में. जीवन लग जाता. क्रोध का. ग्रहण लगते ही. पल में नाश होता. दंभ विचारों को. भयावह बनाता. अहम् मनुष्य को. रसातल पहुंचाता. निरंतर हँसते को. रुलाता. जीवन नारकीय. हो जाता. चैन भाग्य से. रूठ जाता. व्यक्तित्व. Wednesday, September 14, 2011. मूल मन्त्र. नाश करता. जिस पर वश.
अपनी अपनी बातें..........: August 2012
http://apniapnibaatein.blogspot.com/2012_08_01_archive.html
अपनी अपनी बातें. जीवन संस्कार,प्रेरणास्पद लेख,संस्मरण, सूक्तियों,कहावतों, का सांझा मंच द्वार सब के लिए खुले हैं,आएँ उध्रत करें या लिख कर योगदान दें . Wednesday, August 22, 2012. चिंतन.निरंतर का.: ना तुम्हारी जीत ज़रूरी ,ना मेरी हार ज़रूरी. चिंतन.निरंतर का.: ना तुम्हारी जीत ज़रूरी ,ना मेरी हार ज़रूरी. चिंतन.निरंतर का.: पवित्र रिश्ते को केवल धागे से मत जोड़ो. चिंतन.निरंतर का.: चिंतन ,मनन के बाद! चिंतन.निरंतर का.: चिंतन ,मनन के बाद! ज़िन्दगी को समझने के लिए ख&...जीवन की भट्टी मे...जीवन का. Labels: अहम&...
गुलमोहर: October 2012
http://gullakapni.blogspot.com/2012_10_01_archive.html
राजेश उत्साही. गुल्लक. यायावरी. सोमवार, 1 अक्तूबर 2012. गांधी का रास्ता. राजेश उत्साही. पहले हमने गांधी को पढ़ा. फिर हमने गांधी को गढ़ा. पहले हमने गांधी को मार दिया. फिर हमने गांधी को याद किया. गांधी जी कहते थे. तुम दुनिया में जैसा बदलाव देखना चाहते हो,. पहले वैसा बदलाव स्वयं में लाओ।. हम सब वही कर रहे हैं,जैसी दुनिया बनाना चाहते हैं. वैसे ही अपने को बदल रहे हैं।. हम गांधी के बताए रास्ते पर ही तो चल रहे हैं।. 0राजेश उत्साही. प्रस्तुतकर्ता. राजेश उत्साही. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. मन , एक बदमा...
गुलमोहर: December 2013
http://gullakapni.blogspot.com/2013_12_01_archive.html
राजेश उत्साही. गुल्लक. यायावरी. गुरुवार, 12 दिसंबर 2013. परिचित-अपरिचित. जगहों में. लोग अपरिचितों की तरह बरतते हैं. टकराते हैं. जगहों पर. तो परिचितों की तरह मिलते हैं।. 0 राजेश उत्साही. प्रस्तुतकर्ता. राजेश उत्साही. 3 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: परिचित-अपरिचित. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). गुलमोहर के बहाने. मेरा पहला कविता संग्रह. थोड़ा-बहुत. यायावरी'. गुल्लक'. डॉ उर...
dayinsiliconvalley.blogspot.com
अनजाना शहर...अजनबी लोग...: अब !!
http://dayinsiliconvalley.blogspot.com/2011/11/blog-post_07.html
अनजाना शहर.अजनबी लोग. Friday, November 18, 2011. अब खुद से बात कर के घबरा जाते है हम! दिल की बात दिल से न कह पाते है हम! तन्हाईयों के जंगल में खो कर अक्सर,. अपनी ही परछाई से डर जाते है हम! तेरे जैसा कोई नहीं हैं साथी या संगी मेरा,. जिंदगी की राहों में बस कसमसाते है हम! या खुदा यह इश्क का कैसा है इम्तिहा,. अकेले में जुदाई की ठोकरें खाते है हम! ऐ काश हमें पुकार लो इक बार तुम,. तेरी कसम सब छोड़ के चले आते है हम! तेरी याद में इस दिल को तडपाते है हम! यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur). March 2, 2012 at 3:49 AM.
akshaya-mann-vijay.blogspot.com
!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: May 2009
http://akshaya-mann-vijay.blogspot.com/2009_05_01_archive.html
9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! शुक्रवार, 29 मई 2009. कुछ त्रिवेणियाँ. हर रात वो मोती जैसा चमकता है. जब-जब चांदनी उसके चहरे पर पड़ती है. बस अमावस की रात ही पता नही चलता की वो आज रोया है या नही ।. इन हवाओं के साथ तेरी खुशबू अब क्यूँ आती है. तेरा जिस्म मुझको अब क्यूँ महसूस होता है. शायद शमशान में तेरी राख अब भी बाकी है,हवाओं का रुख बदलना पड़ेगा ।. हमें आसमां में बादलों के घर दिखाई देते हैं. मैं हर दिन घर के नक्शे बदलते हुए देखता हूं. शुक्रवार, मई 29, 2009. आपका क्या कहना है? मंगलवार, 26 मई 2009. आज फिर करत&#...
akshaya-mann-vijay.blogspot.com
!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: August 2008
http://akshaya-mann-vijay.blogspot.com/2008_08_01_archive.html
9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! बुधवार, 13 अगस्त 2008. आत्मा को त्याग शरीर किस तृष्णा मे लीन है. मोक्ष ना मिल पाया इसको ये कितना मलिन है! रोम-रोम जब रम जाता. रूपान्तर हो दूसरा रंग जब चढ़ जाता. एक जन्म मे दो बार तू जन्मा है. पहले नाम था तेरा काल्पनिक जीवन. अब परिमार्जित आत्मा है! लौकिक द्रष्टि से देखूं तो. पता चले कितने पाप किए. हर सवाल का उत्तर आता मौन. अन्तिम पल पश्चाताप की आग मे जले! हरण किया उस आबरू का तुने. जो तुझमे मे ही बसती थी. हुआ ना जाने तुझको किया. बुधवार, अगस्त 13, 2008. ना बना हित...संगतì...
akshaya-mann-vijay.blogspot.com
!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: July 2009
http://akshaya-mann-vijay.blogspot.com/2009_07_01_archive.html
9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! बुधवार, 1 जुलाई 2009. ये वक़्त. कितने लोगों में अकेला नज़र आता है ये वक़्त. तनहा कितनी. जिंदगियाँ जी जाता है ये वक़्त. जब हों पैरों में पत्थर,तो हाथ नही बढते. ठोकर लगे तो उठना सिखाता है ये वक़्त. प्यार-मोहब्बत में मजहब,उम्र और जात की बातें. दुआ मिलकर करोगे तुम,तो हाथ उठाता है ये वक़्त. किसी ने मेरा बचपन तो किसी ने जवानी न सुनी. सुन सको तो सुनलों हर लम्हा सुनाता है ये वक्त. अक्षय" तेरे होंसलों को देख छुप-छुपकर. बुधवार, जुलाई 01, 2009. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कविताएं. मैं...मै&...
TOTAL LINKS TO THIS WEBSITE
182
Coming Soon
Future home of something quite cool. If you're the site owner. To launch this site. If you are a visitor.
redrose-tomotomowriting2.blogspot.com
Green Tomato
夏休みに入ります。休み中、パソコンを開いた時には、また訪問させて頂くのを楽しみにしています。 The humid weather has returned to Japan and into our garden a. Has a sweet smile on his face. I took a photo of this poor raccoon after the typhoon went away. 12288; 長い間好きになれない狸君ですが、笑っている顔は少し可愛いかな。台風のが去った後一枚とりました。 12288; . The oldest Zen temple in Japan " Kenninji". The sand garden of the temple taken in June 2015. A visitor doing Zen (meditation). Inner garden of Kenninji Temple. Thank you for your visit. Have a happy summer. See you in September, Tomoko.
Home
Welcome to the Digital Treasures Web site. The website for and about digital flipalbums. We specialize in creating custom flipalbums for you from your photographs (from standard prints or digital images). Although our site is closed while under construction,. We are open for business, and we welcome any and all inquiries about flipalbums. Please contact us at. Button on this page to send us a message. Thanks for visiting and please check back soon for our site opening.
RedRose-Treasures Network
Web Hosting designed for Small Businesses. Providing quality, affordable web hosting services designed for small businesses and web developers requires more than simply offering the standard hosting packages at a low price. We are dedicated to keeping our customers happy, and to do this we are focused on catering to the special needs of small businesses and developers. Reliable, Uncrowded Servers. Attentive, Friendly Support. A Safe, Secure Environment. Complete Control Of Your Account.
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये
मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. गुरुवार, 13 अगस्त 2015. मुझे एक बात समझ नहीं आती. अक्सर फिल्म हो ,कविता या कहानी. सबमें दी जाती है एक चीज कॉमन. जो संवेदनहीनता और मार्मिकता का बनती है बायस. और हिट हो जाती है कृति. माँ हो या बाबूजी. जरूरत उन्हें होती है. सिर्फ एक अदद चश्मे की. जो पैसे वाला हो या निकम्मा. मगर कभी बनवा नहीं पाता बेटा. और यही से आरम्भ होता है मेरा प्रश्न. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. और मैं. और फिर आपक...
redrose-vine (Angie) - DeviantArt
Window.devicePixelRatio*screen.width 'x' window.devicePixelRatio*screen.height) :(screen.width 'x' screen.height) ; this.removeAttribute('onclick')" class="mi". Window.devicePixelRatio*screen.width 'x' window.devicePixelRatio*screen.height) :(screen.width 'x' screen.height) ; this.removeAttribute('onclick')". Join DeviantArt for FREE. Forgot Password or Username? I'm your nightmare <3. Deviant for 7 Years. This deviant's full pageview. March 22, 1994. Last Visit: 191 weeks ago. Why," you ask? The wind se...
Redrose Woodworking & Design Ltd. |
Entertainment Area, Bar & Office. Providing quality, custom designs and woodworking for over 20 years.
Akai Bara - find your destiny...
Akai Bara - find your destiny. Ночь Редкие голоса птиц, светает, но повисшие в небе свинцовые тучи, хранят все вокут во тьме. Порывистый ветер доносит шум моря и плеск волн, разбивающихся о скалы. Форум находится на стадии реконструкции, начало игры не определенно. Для не Зарегистрированных пользователей, форум и подфорумы скрыты. Полный доступ к игре, только после принятия анкеты. . Механизм запущен, и та сказка, свидетелями которой вы стали, лишь начало. 160; Akai Bara - find your destiny.
紅玫瑰飾品有限公司
SOCIAL ENGAGEMENT